अउर मनई आपन प्रान बचामँइ के बदले माहीं का दइ सकत हय? जे कोऊ इआ ब्यभिचारी अउर पापी पीढ़ी के मनइन के आँगे, हमसे अउर हमरे बातन काहीं मानँइ से लजई, त मनई के लड़िका घलाय, जब उआ पबित्र दूतन के साथ अपने पिता परमातिमा के महिमा सहित अई, तब उहव ओही आपन मानँय से लजई।”