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Mucherechedzo Wekutsvaka

योहन 15

15
‘मैं सच्‍ची दाखलता हूँ’
1“मैं सच्‍ची दाखलता हूँ और मेरा पिता किसान#15:1 अथवा, ‘बागवान’ है।#यिर 2:21; भज 80:8; प्रव 24:17 2वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को, जो फलती है, छाँटता है, जिससे वह और भी अधिक फल उत्‍पन्न करे।#मत 15:13 3उस वचन के कारण, जो मैंने तुम से कहा है, तुम शुद्ध हो चुके हो। 4तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जिस तरह डाली यदि दाखलता में न रहे स्‍वयं नहीं फल सकती, उसी तरह यदि तुम मुझ में न रहो तो तुम भी नहीं फल सकते।
5“मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं उस में, वह बहुत फलता है; क्‍योंकि मुझ से अलग रह कर तुम कुछ भी नहीं रह सकते।#1 कुर 12:7,12; 2 कुर 3:5 6यदि कोई मुझ में नहीं रहता, तो वह डाली की तरह फेंक दिया जाता है और सूख जाता है। लोग ऐसी सूखी डालियाँ बटोर लेते हैं और आग में झोंककर जला देते हैं।#मत 3:10; 13:40 7यदि तुम मुझ में रहो और मेरी शिक्षा तुम में बनी रहती है, तो चाहे जो माँगो, वह तुम्‍हारे लिए हो जाएगा।#मक 11:24 8मेरे पिता की महिमा इसी में है कि तुम बहुत फल उत्‍पन्न करो। तभी तुम मेरे शिष्‍य होगे।#मत 5:16
भ्रातृ-प्रेम की आज्ञा
9“जिस प्रकार पिता ने मुझ से प्रेम किया है, उसी प्रकार मैंने भी तुम से प्रेम किया है। तुम मेरे प्रेम में बने रहो। 10यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे; जैसे मैंने भी अपने पिता की आज्ञाओं का पालन किया है और उसके प्रेम में बना रहता हूँ।#यो 8:29; 14:15; 1 यो 2:4,8
11“मैंने तुम से यह इसलिए कहा है कि मेरा आनन्‍द तुम में हो और तुम्‍हारा आनन्‍द परिपूर्ण हो जाए।#यो 17:13 12मेरी आज्ञा यह है : जिस प्रकार मैंने तुम से प्रेम किया है, उसी प्रकार तुम भी एक-दूसरे से प्रेम करो।#यो 13:34; 1 यो 3:11; मक 12:30 13इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण अर्पित कर दे।#यो 10:12; यो 3:16 14यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करते हो, तो तुम मेरे मित्र हो।#यो 8:31; मत 12:50; 28:20 15अब से मैं तुम्‍हें सेवक नहीं कहूँगा। सेवक नहीं जानता कि उसका स्‍वामी क्‍या करने वाला है। मैंने तुम्‍हें मित्र कहा है, क्‍योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना, वह सब तुम्‍हें बता दिया है। 16तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्‍कि मैंने तुम्‍हें इसलिए चुना और नियुक्‍त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्‍हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्‍हें प्रदान करे।#यो 6:70; 13:18 17मैं तुम को ये आज्ञाएँ इस लिए दे रहा हूँ कि तुम एक-दूसरे से प्रेम करो।
संसार का बैर
18“यदि संसार तुम से बैर करे, तो ध्‍यान रखो कि तुम से पहले उसने मुझ से बैर किया।#यो 7:7; 1 यो 3:13 19यदि तुम संसार के होते, तो संसार तुम्‍हें अपना समझ कर प्‍यार करता। परन्‍तु तुम संसार के नहीं हो, क्‍योंकि मैंने तुम्‍हें संसार में से चुन लिया है। इसीलिए संसार तुम से बैर करता है।#यो 17:14; 1 यो 4:4,5; लू 6:22 20मैंने तुम से जो बात कही, उसे स्‍मरण रखो : सेवक अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं होता। यदि उन्‍होंने मुझे सताया, तो वे तुम्‍हें भी सताएँगे। यदि उन्‍होंने मेरे वचन का पालन किया, तो वे तुम्‍हारे वचन का भी पालन करेंगे।#यो 13:16; मत 10:24 21वे यह सब मेरे नाम के कारण तुम लोगों के साथ करेंगे, क्‍योंकि जिसने मुझे भेजा है, उसे वे नहीं जानते।#यो 10:22; 16:3; मत 5:11; मक 13:13
22“यदि मैं नहीं आता और उन्‍हें शिक्षा नहीं देता, तो उन्‍हें पाप नहीं लगाता, परन्‍तु अब तो उनके पास अपने पाप का कोई बहाना नहीं। 23जो मुझ से बैर करता है, वह मेरे पिता से भी बैर करता है।#यो 5:23; 1 यो 2:23; लू 10:16 24यदि मैंने उनके सामने वे महान् कार्य नहीं किये होते, जिन्‍हें किसी और ने कभी नहीं किया, तो उन्‍हें पाप नहीं लगता। परन्‍तु अब तो उन्‍होंने देख कर भी मुझ से और मेरे पिता से बैर किया है।#यो 14:11 25यह इसलिए हुआ कि उनकी व्‍यवस्‍था का यह कथन पूरा हो जाए; ‘उन्‍होंने अकारण ही मुझ से बैर किया।’#भज 35:19; 69:4
26“परन्‍तु जब सहायक आएगा, जिसे मैं पिता के यहाँ से तुम्‍हारे पास भेजूँगा, अर्थात् सत्‍य का आत्‍मा, जो पिता से निकलता है, तब वह मेरे विषय में साक्षी देगा।#यो 14:26; लू 24:49 27और तुम भी साक्षी दोगे, क्‍योंकि तुम आरम्‍भ से मेरे साथ रहे हो।#लू 1:2; प्रे 1:8; 5:32

Zvasarudzwa nguva ino

योहन 15: HINCLBSI

Sarudza vhesi

Pakurirana nevamwe

Sarudza zvinyorwa izvi

None

Unoda kuti zviratidziro zvako zvichengetedzwe pamidziyo yako yose? Nyoresa kana kuti pinda