ऍह बरे दुइनउँ लूत अउ ओकरे परिवार क सहर क बाहेर पहोंचाएइ दिहन। जब उ पचे बाहेर होइ गएन तउ ओनमाँ स एक कहेस, “आपन जिन्नगी बचावइ बरे पराइ जा। सहर कइँती घूमिके जिन लखा। इ घाटी मँ कउनो जगह जिन रूका। तब तलक परात रहा जब तलक पहाड़े मँ न जाइके पहोंचा। अगर तू अइसा नाही करत्या, तउ तू सहर क संग नस्ट होइ जाब्या।”