अर ये मनखि न पौलुस का उपदेस की बातों तैं सुणी। अर पौलुस न वे मनखि जनै टक लगै के देखि, अर वेतैं पता चलि गै, कि ये मनखि तैं बिस्वास च, कि मि ठिक ह्वे सकदु छौं। तब वेन वेकू ऊँची आवाज मा बोलि, “अपणा खुटों पर सीदु खड़ु ह्वे जा।” तब उ चड़म खड़ु ह्वे अर चलण-फिरण लगि गै।