इसलिये अगर तुम्हारी दायीं आंख तुम्हारे लिये ठोकर का बाइस बनती है तो उसे निकाल कर फेंक दो। क्यूंके तुम्हारे लिये यही मुफ़ीद है के तुम्हारे आज़ा में से एक उज़ू जाता रहे और तुम्हारा सारा बदन जहन्नुम की आग में न डाला जाये। और अगर तुम्हारा दायां हाथ तुम्हारे लिये ठोकर का बाइस हो तो, उसे काट कर फेंक दो। तुम्हारे लिये यही बेहतर है के तुम्हारे आज़ा में से एक उज़ू जाता रहे और तुम्हारा सारा बदन जहन्नुम में न डाला जाये।