मरक़ुस 37:8-38
मरक़ुस 37:8-38 URDGVH
इनसान अपनी जान के बदले क्या दे सकता है? जो भी इस ज़िनाकार और गुनाहआलूदा नसल के सामने मेरे और मेरी बातों के सबब से शरमाए उससे इब्ने-आदम भी उस वक़्त शरमाएगा जब वह अपने बाप के जलाल में मुक़द्दस फ़रिश्तों के साथ आएगा।”