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Kisary fikarohana

उत्‍पत्ति 8:21-22

उत्‍पत्ति 8:21-22 HINCLBSI

जब प्रभु को अग्‍निबलि की सुखद सुगन्‍ध मिली तब उसने अपने हृदय में कहा, ‘अब मैं मनुष्‍य के कारण भूमि को कभी शाप न दूंगा। बचपन से ही मनुष्‍य के मन के विचार बुराई के लिए होते हैं। जैसा मैंने अभी किया है वैसा जीवित प्राणियों का पुन: विनाश न करूंगा। अब से जब तक पृथ्‍वी स्‍थिर रहेगी तब तक बोआई और कटाई का समय, ठण्‍ड और गर्मी, ग्रीष्‍म तथा शीत, दिन और रात का होना समाप्‍त न होगा।’