परमेश्वर हमारा उद्धारकर्ता (छुडानेवाला)नमूना
दिन 7 — आगे बढ़ने के लिए मुक्ति
जब इस्राएली लाल सागर को पार कर रहे थे, तो बाइबल का एक वचन जिसे अक्सर उद्धृत (quote) किया जाता है, वह है निर्गमन 14:13-14, “मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत। दृढ़ रहो और तुम देखोगे कि प्रभु आज तुम्हें मुक्ति (छुटकारा) प्रदान करेगा। जिन मिस्रियों को तुम आज देखते हो, उनको फिर कभी नहीं देखोगे। प्रभु तुम्हारे लिए लड़ेगा; तुम्हें बस चुप रहना है।”
बाइबल और भजन संहिता में ऐसे कई पल हैं जहाँ उद्धार का वादा किया गया है। प्रभु हमारे लिए लड़ता है, वह हमें बचाना चाहता है और हमें हर उस चीज़ से मुक्त करना चाहता है जो हमें गुलाम बनाती है। मिस्र छोड़ने से लेकर जंगल के अनुभव तक पूरी प्रक्रिया में इस्राएली मूसा और परमेश्वर के खिलाफ़ शिकायत कर रहे थे। क्यों? क्योंकि ज़्यादातर लोग उसी चीज़ से सहज होते हैं जिसके वे आदी हैं। हम इस्राएलियों पर इतना कठोर नहीं हो सकते क्योंकि हम अक्सर उसी तरह होते हैं। हम कहते हैं कि हम अपना जीवन समर्पित करते हैं और हम तैयार हैं जहाँ परमेश्वर हमें ले जा रहा है, लेकिन जब हम जंगल में होते हैं, तो हम कम पड़ जाते हैं।
अगली पंक्ति यह है कि परमेश्वर ने मूसा की पुकार का जवाब कैसे दिया और यह वही है जिसे लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं। निर्गमन 14:14-17 में लिखा है, "यहोवा ने मूसा से कहा, तू क्यों मेरी दोहाई दे रहा है? इस्राएलियों से कह कि वे आगे बढ़ें। अपनी लाठी उठा और अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ा कि पानी दो भागों में बँट जाए, और इस्राएली सूखी ज़मीन पर चलकर समुद्र पार कर सकें। मैं मिस्रियों के दिलों को कठोर कर दूँगा ताकि वे उनका पीछा करके समुद्र में चले जाएँ।"
आज अधिकांश ईसाई एक आरामदायक स्थिति में हैं और उत्पीड़न (सताव) और कारावास के खतरे के बिना अपने विश्वास को पूरी तरह से जी सकते हैं। हमारी प्रवृत्ति होती है कि हम जहाँ हैं, वहीं रहें और प्रतीक्षा करें कि परमेश्वर हमें आगे बढ़ाए, भले ही उसने हमें आगे बढ़ने के निर्देश दिए हों। यह इस्राएलियों के साथ हुआ, यह एलिय्याह के साथ हुआ जब वह उदास था (1 राजा 19) और यह शमूएल के साथ भी हुआ जब परमेश्वर ने शाऊल को राजा के रूप में अस्वीकार कर दिया।(1 शमूएल 16)
चाहे आप परमेश्वर में कितना भी भरोसा क्यों न करें, शिकायत करना या जहाँ आप हैं, वहीं रहना यह विश्वास नहीं है। हमारे जीवन में किसी न किसी मोड़ पर, चाहे हमारी परिस्थिति कुछ भी हो, परमेश्वर हमें आगे बढ़ने के लिए कह रहा है। एक तो विश्वास है जो हमें प्राप्त करने में और दूसरा विश्वास है जो हमें आगे बढ़ने में मदद करता है - परमेश्वर हमें उच्चतर विश्वास के लिए बुलाते हैं। आगे बढ़ने के लिए विश्वास। हाँ, वह हमारा उद्धारकर्ता है। क्योंकि उसने पहले ही हमें मुक्त कर दिया है।
चार्ल्स स्पर्जन, जिन्हें उपदेशकों के राजकुमार के रूप में जाना जाता है, ने कहा कि जब एलिय्याह ईज़ेबेल से भाग गया, "एलिय्याह एक पराजित शत्रु के सामने पीछे हट रहा है।" दुनिया में अब जो कुछ भी है - अपनी कृत्रिम बुद्धिमत्ता और लगातार बदलती तकनीकी उन्नति से भरा हुआ है, वह उन लोगों की वजह से है जो दृढ़ हैं और असफल होने या आगे बढ़ने से डरते नहीं हैं। आज आपके पास किस बात के लिए विश्वास है? क्या परमेश्वर आपको बता रहे हैं कि उनका उद्धार आपके विश्वास में आगे बढ़ने में है? आप जिस भी चीज़ से पीड़ित हैं- चाहे वह दुःख, अवसाद (निराशा), चिंता या भय हो, परमेश्वर वादा करता है कि वह आपसे प्यार करता है और आपको कभी नहीं छोड़ेगा क्योंकि आप पहले से ही एक पराजित शत्रु से लड़ रहे हैं।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यीशु मसीह में, हमें सच्ची आज़ादी मिलती है। उनका बलिदान हमें पाप और अपराध से मुक्त करता है, हमें अनुग्रह, शांति और उद्देश्य से भरा एक नया जीवन प्रदान करता है। इस आज़ादी को अपनाएं, उसके प्यार में जिएं और उस रास्ते पर आत्मविश्वास से चलें जो उसने आपके लिए तय किया है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Nayi Manzil को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.facebook.com/nayi.manzil/