दर्द क्यों?नमूना

दर्द क्यों?

दिन 3 का 3

दर्द के पीछे छिपी योजनाएं

इस उपदेश में, मैं कुछ प्रकाश डालना चाहता हूं कि हमारे जीवन में प्रवेश करने वाले दर्द के पीछे छिपी क्या योजना है।

कई बार, जब हम दर्द और पीड़ा से गुजरते हैं, तो हम सोचते हैं कि इससे कोई उद्देश्य नहीं है। हम बड़बड़ाते हैं और परमेश्वर से सवाल करते हैं, लेकिन परमेश्वर इसे उच्च उद्देश्य के लिए होने देते हैं। वह हमें कई चीजें सिखाने की इच्छा रखते है जिससे बहुत से लोगों को मदद होगा जो एक ही स्थिति से गुजर रहे हैं। आज आप जिस क्षेत्र में जूझ रहे हैं, वही क्षेत्र में परमेश्वर आपको कल उपयोग करेंगे।

हाल ही में, मैं एक माँ से मिला, जिसने अपनी नवजात बेटी को खो दिया था। मैं देख सकता था कि वह किस दर्द से होकर गुजर रही थी, लेकिन उन्होंने फिर भी मुझे बताया कि वह उन माताओं की मदद करना चाहती है जिनकी नवजात शिशुओं की उचित देखभाल के बिना मृत्यु होने का खतरा है । दर्द और पीड़ा हमें दूसरों को दिलासा देने में मदद करता है जो इसी तरह के दर्द से गुजर रहे हैं।

मुझे यकीन है कि अय्यूब की पुस्तक एक प्राथमिक उद्देश्य के लिए लिखी गई थी: यह स्पष्ट करने के लिए कि जब हम दर्द, पीड़ा और परीक्षाओं से गुजरते हैं तो क्या होता है। अय्यूब एक धर्मी, परमेश्वर का भय मानने वाला व्यक्ति था। हालाँकि, शैतान चाहता था की परमेश्वर से महिमा ले और ये दिखा सके की अयूब एक धर्मी व्यक्ति इसिलए था क्युकी परमेश्वर ने उससे सारी आशीषों और बड़े परिवार से और ढरे साडी आशीषों से भरा है। वह दिखाना चाहता था कि अय्यूब का विश्वास तब तक है जब तक परमेश्वर उससे आशीष देता है। अपनी बात को साबित करने के लिए, शैतान परमेश्वर के सिंहासन के पास पहुंचा और उसने परमेश्वर से अयूब के जीवन में कठिनाई लाने की अनुमति मांगी ताकि शैतान ये दिखा सके की अय्यूब परमेश्वर को श्राप देगा । परमेश्वर ने इसकी अनुमति दी, इसलिए अय्यूब से उसके बेटे, बेटियां और संपत्ति छीन ली गई। तमाम पीड़ाओं के बावजूद, अय्यूब ने फिर भी परमेश्वर की आराधना की।

अय्यूब की पुस्तक के बिना बाइबल की कल्पना कीजिए। मान लीजिए कि अय्यूब दर्द और पीड़ा से नहीं गुजरा था। उनका उदाहरण समान पीड़ा में कई लोगों को आशा देने के लिए नहीं होगा। हमेशा याद रखें कि हमारा भगवान हर समय नियंत्रण में है। अक्सर दर्द और पीड़ा हमारे व्यक्तित्व को आकार देने में मदद कर सकते हैं।

कई बार, परमेश्वर दर्द को हमें आत्म-धार्मिक बनने से रोकता है। परमेश्वर घमंडी और अति-आध्यात्मिक से घृणा करता है। पौलुस ने कहा कि उसके “शरीर का कांटा” उसे घमण्डी और अभिमानी होने से बचाने के लिए था।

हमेशा याद रखना, प्रिय, आप जिन चीज़ों से होकर गुज़र रहे है, परमेश्वर से कुछ भी छिपा नहीं है। हमारे जीवन में जो भी होता है परमेश्वर के जाने बगैर नहीं होता है।अपनी आँखें यहोवा पर रखें, क्योंकि वह कभी भी अपनी आँखें आप से नहीं हटाता है। दर्द की गंभीरता या गहराई से कोई फर्क नहीं पड़ता, परमेश्वर आपके लिए पर्याप्त है आपको जीत और जयवंत बनाने में ताकि आप उसके नाम की महिमा कर सके।

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दिन 2

इस योजना के बारें में

दर्द क्यों?

आज आप जिस क्षेत्र से जूझ रहे हैं, वही क्षेत्र में कल परमेश्वर आपको उपयोग करेगा। केवल तीन दिनों में, प्रत्येक दिन अकेले 10 मिनट के लिए परमेश्वर और उसके वचन के साथ, आप सीखेंगे कि परमेश्वर हमारे जीवन में दर्द और पीड़ा क्यों देता है। इस योजना में शामिल हों और दर्द के पीछे छिपी योजनाओं की खोज करें।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Evans Francis को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.evansfrancis.org