टेस्टिंग टेस्टिंग, टेस्टिंगः एक पहचान की जांच। नमूना

टेस्टिंग टेस्टिंग, टेस्टिंगः एक पहचान की जांच।

दिन 2 का 5

जीवन की दुर्घटनाएं हमारे आत्म पहिचान की गुणवत्ता को परखती हैं।

विडम्बना यह है कि जब हम अपने जीवन से भीतरी मुखौटे को हटा रहे हैं इस महामारी ने हमारे ऊपर बाहरी मुखौटे अर्थात मास्क लगा दिया है। हालांकि अब तालाबन्दी हट चुकी है,लेकिन फिर हम में से हर एक जन किसी न किसी प्रकार की पाबन्दी का सामना कर रहा है। इस प्रकार की परिस्थिती में,आत्म पहचान की तीन विशेषताएं-हमारे सामान, हमारा रूप और हमारे काम- बुरी तरह लताड़ खा रहे हैं।

हमारी सामाजिक भूमिकाएँ, आधार पर बनी हमारी अनेक प्रकार की पहचानें,पूरी तरह से धराशाई हो सकती हैं जब हम उन लोगों के आमने सामने नहीं मिल पाते हैं जिन्हें हम वास्तव में प्रभावित करना चाहते हैं।

लेकिन रूकिये! किसी भी परिस्थिति में, एक मसीही का आत्म-दृश्य संसार की मूल्य प्रणाली पर आधारित नहीं होना चाहिए। यह भी सत्य है कि हमारी अहमियत हमारे भीतर से नहीं आती है। हमारे पास पहचान के बेहतर श्रोत हैं-वरन एक निर्णायक स्रोत। एक मसीही जन भीतरी तौर पर अपने व्यक्तिगत मूल्य की खोज करता है। परमेश्वर मूल्य और पहचान दोनों प्रदान करते हैं।

कल हम पढ़ेगें कि कैसे हमारा आत्मिक छुटाकरा उन बातों को स्वीकार करना सम्भव बनाता है जो परमेश्वर उसमें हमारी नई पहचान को लेकर कहते हैं।

दिन 1दिन 3

इस योजना के बारें में

टेस्टिंग टेस्टिंग, टेस्टिंगः एक पहचान की जांच।

पांच दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, जो एक पासबान के दृष्टिकोण को रखते हुए बताएंगे कि किस प्रकार से परेशानियां और दुर्घटनाएं विश्वासियों की "पहचान की जांच" करती हैं। अन्ततः, त्रीएक मसीही विश्वास की छाया और सशक्तीकरण में जीवन व्यतीत करने की हमें आज़ादी है। यह 3 भागों में से पहला 1भाग है।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए रमेश रिचर्ड इवेंजेलिज़्म और चर्च हेल्थ को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://rreach.org/