परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )नमूना
पुराना नियम सारांश
पुराना नियम हमारे लिये क्यों महत्वपूर्ण है? तीमुथियुस इस बात पर ज़ोर देता है कि ‘‘सम्पूर्ण पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है।’’ मत्ती 28:19,20 में भी मसीह की अंतिम आज्ञा इस पर ज़ोरदेती है ‘‘उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ’’। इसके अतिरिक्त यह असामयिक, जीवंत और नाटकीय कहानियों से भरा है।
35 अध्यायों में, हम बाइबल के प्रमुख महिलाओं और पुरूषों के साथ परमेश्वर के सीधे संपर्क पर और उनकी बातचीत से प्राप्त शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
आज, अधिकांश लोग बाइबिल में दर्शाए गए उन दूध पीते बच्चों के समान हैं जो ठोस आहार और सच्ची शिक्षाओं पर मन नहीं लगाते और मसीह की आज्ञा का पालन करने में विफल रहते हैं जिसका उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है ।
विभिन्न व्यवसायों वाले 40 विविध पृष्ठभूमि से आये लेखकों ने बाइबल को दो मुख्य (इब्रानी और यूनानी) और एक अल्प (अरामी) भाषा में लिखा। जो 66 पुस्तकों में (पुराना नियम-39, नया नियम 27) लगभग 1600 वर्षोंके इतिहास को समावेशित करती है।
इसके बावजूद, इसकी अद्भुत एकता, निम्न तथ्यों में प्रगट होती है:
- एक विषयवस्तु - एक सच्चा परमेश्वर
- एक उद्देश्य - मानवजाति का छुटकारा
- एक उद्धारकर्ता - यीशु मसीह,
वास्तविक लेखक की ओर संकेत करती है – जो स्वयं परमेश्वर हैं।
पुराने नियम को निम्नलिखित तरीके से सुव्यवस्थित किया गया हैः
- व्यवस्था (उत्पत्ति से व्यवस्थाविवरण तक)
- इतिहास (यहोशू से एस्तेर तक)
- कविता (अय्यूब से श्रेष्ठगीत तक)
- बड़े भविष्यद्वक्ता (यशायाह से दानिय्येल तक)
- छोटे भविष्यद्वक्ता (होशे से मलाकी तक)
बाइबल को विभिन्न स्रोतों से संकलितकिया गया। इसमें निम्नलिखित चीजें थीं:
1.मासोरेटिक लेख जिस पर अधिकांश बाइबल आधारित है।
2.यरूशलेम से 20 किलोमीटर पूर्व में गुफाओं में खोजी गई मृत सागर की हस्तलिपियाँ
3.“सेप्टुआजेंट" - पुराने नियम का यूनानी अनुवाद
4.“नैश पेपिरस" (पुराने समय का पेपर) जिसमें 10 आज्ञाओं का लेख है।
5.‘‘जेनिजा’’ या भण्डार घर से प्राप्त काहिरा जिनीजा के टुकड़े
6.“सिरिएक पेशिटा" का इब्रानी से सीरियन में अनुवाद जो आराम की एक बोली है
7.“लैटिन वल्गेट", जेरोम द्वारा बाइबल का लैटिन अनुवाद
अधिनियम (बाइबल) का संकलन भी विभिन्न भक्तों और परिषदों द्वारा किया गया था, जिसमें 325 ईसवी में सम्राट कॉन्सटेंटाइन के नेतृत्व में निकिया की परिषद भी शामिल थी। 367 ईस्वी में अथानासियस ने 66 पुस्तकों की सूची प्रदान की।
पुराना नियम, सृष्टि से शुरू होकर, मनुष्य की असफलता और परमेश्वर की विश्वासयोग्यता की हिचकोले मारती सवारी को प्रदर्शित करता है। यह इस्राएल के विभाजन और पतन के माध्यम से विद्रोह के दर्दनाक परिणामों की चेतावनी देता है और एक अलौकिक उद्धारकर्ता की आवश्यकता को उजागर करता है। यह कलीसिया की वर्तमान स्थिति को उजागर करता है - इस्राएल राष्ट्र के समान। यह अंधकार के बीच आशा को दर्शाता है - अर्थात कुछ ‘‘संपर्क’’ जो आज परमेश्वर अपने अलौकिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिये उपयोग कर रहे हैं।
क्या हम मसीह की आज्ञा के अनुसार बाइबल के ज्ञान का अध्ययन करने और इसे साझा करने के लिये तैयार हैं ?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए बेला पिल्लई को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.bibletransforms.com/