BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन नमूना

BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन

दिन 18 का 28

इस्राएल ने परमेश्वर से अलग होकर अपना मार्ग चुन लिया| जिसके फलस्वरूप उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ा और उन पर विदेशी राज्यों ने प्रभुता की| पर यशायाह भविष्यद्वक्ता जानता था की दुःख और शोक अंतिम निर्णय नहीं लेंगे| वह उस दिन की प्रतीक्षा कर रहा था जब इस्राएल का अनुग्रहकारी परमेश्वर एक छुड़ानेवाले को खड़ा करेगा जो उन्हें अत्याचार से छुड़ाकर अनंतकाल के आनंद तक पहुंचाएगा| 


पढ़ें: यशायाह ५१:११, यशायाह ४९:१३  


चिंतन करें: अपने जीवन के उन क्षेत्रों की पहचान कीजिए जो इस समय आपको बोझ लग रहे हैं|  


अपनी हानि और दुःख के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, आज के अंशों का धीरे-धीरे पुनरावलोकन कीजिए| जब आप फिर से इन्हें पढ़ते हैं तो कौन से विचार और भावनाएं सामने आती हैं?  


प्रार्थना कीजिए की परमेश्वर आपको अपने सनातन आनंद का एक नया दृष्टिकोण देकर शान्ति दे| 

पवित्र शास्त्र

दिन 17दिन 19

इस योजना के बारें में

BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन

बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए BibleProject को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://bibleproject.com