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दिन 1 का 14

इच्छा शक्तिः हर मौसम का मित्र

पर मैं कहता हूँ, (पवित्र) आत्मा (आत्मा के प्रति उत्तरदायी और नियंत्रित और निर्देशित) के अनुसार (आदतपूर्वक) चलो तो तुम शरीर की लालसा (परमेश्वर के बिना मानव प्रकृति) किसी रीति से पूरी न करोगे। -गलतियों 5:16

इच्छा शक्ति निश्चय ही एक बड़ी बात दिखती है। हम इस विश्वास की ओर ले जाए जाते हैं कि हमारे रास्ते में आनेवाली प्रत्येक परीक्षा से लड़ने के लिए हमारे पास काफ़ी कुछ है। और कभी कभी ये कार्य करता है, परन्तु मुझे आपको इच्छा शक्ति के बारे में एक छोटा सा भेद बताने दीजिए। जब चीज़ें सही रीति से जाती हैं तो इच्छा शक्ति आपकी उत्तम मित्र है। परन्तु जब आप चिन्तित हो जाते हैं तो ये पहला मित्र है जिसकी परीक्षा होती है। मैंने पाया है कि यदि मैं वास्तव में कोई चीज़ नहीं करना चाहती हूँ तो मेरा मन उसे न करने के बहुत सारे कारण बताता है। मेरी भावना भी उसमें जुड़ जाती हैं और कहती है, “मैं सहमत हूँ, क्योंकि मैं इसे करना नहीं चाहती हूँ।”

हमारी आत्माएँ (मन, इच्छा शक्ति, और भावनाएँ) हमारे जीवनों को चलाना पसंद करती है, परन्तु बाइबल कहती है कि हमें पवित्र आत्मा परमेश्वर की आत्मा के द्वारा चलाए चलना है। हमें कभी भी निर्देश नहीं दिया गया है कि हम इच्छा शक्ति के द्वारा चलाए चलें, हमें आत्मा के अनुसार चलने के लिए कहा गया है। इच्छा शक्ति और अनुशासन उच्चतम रूप से सफ़ल जीवन जीने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है परन्तु इच्छा शक्ति अकेले में काफ़ी नहीं है। दृढ़ निर्णय आपको प्रारंभ कराता है और अपको आगे बढ़ाता रहता है, परन्तु अन्तिम मंजिल तक पहुँचाने के लिए यह कभी भी काफी़ नहीं है। जकर्याह 4:6 कहता है, “न बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरी आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।”

क्या होता यदि आपकी ज़रूरत के समय आप सबसे पहले इच्छा शक्ति की ओर मुड़ने की बजाए परमेश्वर की तरफ़ मुड़ते? परमेश्वर अपने सामथ्र्य को आपकी इच्छा शक्ति के साथ जोड़ता है और आपको ऊर्जावान करता कि आप मंजिल तक पहुँचे। इच्छा शक्ति हमारी सफलता का श्रेय नहीं ले सकता है, परमेश्वर लेता है। यीशु ने यूहन्ना 15:5 में कहा, “मुझ से अलग तुम कुछ भी नहीं कर सकते।” यह सबसे महत्वपूर्ण और सबसे कठिन सबक में से एक है जो हमें अवश्य सीखना चाहिए यदि हम उस जीवन का आनंद उठाना चाहते हैं जिसे हमें देने के लिए यीशु मरा।

दिन 2

इस योजना के बारें में

नया दिन नए आऩ डिवोशनऱ

नया दिन, नए आऩ में आऩ वषष के प्रत्येक दिन के लऱए ऩरमेश्वर से एक नए वचन का अनुभव करेंगे। इससे ऩहऱे कक आऩ जीवन में आने वाऱी चुनौतियों का सामना करें, प्रोत्साहन और सामर्थयष के साथ प्रत्येक दिन की शुरुआि करें, उससे जो ऩरमेश्वर की िया और ऩरमेश्वर के दृष्टिकोण के अनुस्मारक हैं। प्रत्येक नया दिन जो कु छ ऱािा है वैसे ही नए आऩ बनें!

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए जॉयस मेयर मंत्रालयों को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://tv.joycemeyer.org/hindi/