तुम होनमूना

तुम हो

दिन 3 का 5

तुम स्वीकार किये गए हो

महात्मा गाँधी, जो दुनिया के महान अगुओं में से एक थे, उन्हें उनके रंग के कारण ट्रेन से नीचे उतार दिया गया| आज संसार में, कई लोगों को उनके रंग-रूप, जात, वर्ग और धर्म के कारण तिरस्कार किया जाता है| लेकिन बाइबिल का परमेश्वर, हम जैसे भी हैं हमें स्वीकार करते हैं| यूसुफ का यातना सहना पड़ा, दाउद एक हत्यारा और व्यभिचारी था, राहाब एक वेश्या थी, पतरस मसीह का इंकार करता है लेकिन बाइबिल उन सब को नायक कहती है|

सच्चाई का सामना! चाहे कोई भी फर्क हो, कभी अपने अंदर के व्यक्तित्व बदलने न दें! तुम परमेश्वर की संतान हो! चाहे मोटे हो या पतले, लम्बे हो या नाटे, पीले हो या गोरे, आज तुम्हे पता चल गया है कि तुम्हे स्वीकार किया गया है! रोमियों 4:7 कहती है, ‘सो अब तुम दास नहीं परन्तु पुत्र हो; और यदि पुत्र हो, तो परमेश्वर के उत्तराधिकारी भी|’

स्वीकार केवल परमेश्वर के परिवार में निमंत्रण मात्र नहीं है| यह तो पूरे ह्रदय से स्वागत करना है, जो किसी समय या स्थान से बंधा नहीं है| यह उत्तराधिकारी बनने का निमंत्रण है!

अब, तथ्य यही है, आप में से कई के ऐसे रिश्ते रहे होंगे जहाँ आपका कुछ भी कार्य स्वीकार्य या मनभावना नहीं था| चाहें कुछ भी अपने किया हो, वो काफी नहीं था| और, आप परमेश्वर के बारे में सोचते होंगे: क्या वो भी मेरा इंकार कर देगा? सो, यह एक कटु सत्य है: आपको मोल देकर ख़रीदा गया है और आप परमेश्वर के हो! (1 कुरिन्थियों 6:19)| परमेश्वर, यीशु मसीह के द्वारा, आपको पहले ही स्वीकार कर चुके हैं| वो सुसमाचार है!

अपना सारा बोझ उस पर डाल दो, वो तुम्हारी चिंता करता है!

आज, यदि आपके जीवन का कोई पहलु हैं जिन्हें स्वीकार करने में आप संघर्ष कर रहें हैं, तो आप परमेश्वर पिता से उस तिरिस्कार को चंगा करने को कहें| और उन्हें धन्यवाद करें कि वे आपको जैसे भी हैं स्वीकार करते हैं|

दिन 2दिन 4

इस योजना के बारें में

तुम हो

हर दिन एक नया तुम इस संसार में जाने को तैयार है| वो कैसा दिखता है? आपके आसपास के शोर को कम कर, यह योजना आपको उस ओर ले जायेगा जहाँ आप जान सकेंगे कि मसीह में नये जीवन को खुल कर जीना क्या है|

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए बनी एंड्रयूज को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.bonnyandrews.com