जकर्याह 4:1-7

जकर्याह 4:1-7 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

फिर जो दूत मुझ से बातें करता था, उस ने आकर मुझे ऐसा जगाया जैसा कोई नींद से जगाया जाए। उसने मुझ से पूछा, “तुझे क्या दिखाई पड़ता है?” मैं ने कहा, “एक दीवट है, जो सम्पूर्ण सोने की है, और उसका कटोरा उसकी चोटी पर है, और उस पर उसके सात दीपक हैं; जिन के ऊपर बत्ती के लिये सात सात नालियाँ हैं। दीवट के पास जैतून के दो वृक्ष हैं, एक उस कटोरे की दाहिनी ओर, और दूसरा उसकी बाईं ओर।” तब मैं ने उस दूत से जो मुझ से बातें करता था पूछा, “हे मेरे प्रभु, ये क्या हैं?” जो दूत मुझ से बातें करता था, उस ने मुझ को उत्तर दिया, “क्या तू नहीं जानता कि ये क्या हैं?” मैं ने कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं नहीं जानता।” तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, “जरुब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्‍ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। हे बड़े पहाड़, तू क्या है? जरुब्बाबेल के सामने तू मैदान हो जाएगा; और वह चोटी का पत्थर यह पुकारते हुए आएगा, उस पर अनुग्रह हो, अनुग्रह!”

जकर्याह 4:1-7 पवित्र बाइबल (HERV)

तब जो दूत मझसे बातें कर रहा था, मेरे पास आया और उसने मुझे जगाया। मैं नींद से जागे व्यक्ति की तरह लग रहा था। तब दूत ने पूछा, “तुम क्या देखते हो?” मैंने कहा, “मैं एक ठोस सोने का दीवाधार देखता हूँ। उस दीपाधार पर सात दीप हैं और दीपाधार के ऊपरी सिरे पर एक प्याला है। प्याले में से सात नल निकल रहे हैं। हर एक नल हर एक दीप तक जा रहा है। वे नल तेल को हर एक दीप के प्याले तक लाते हैं। और दो जैथ्द्यन के पेड़, एक दायी और दूसरा बायीं ओर प्याले के सहारे हैं।” और तब मैंने, उस दूत से जो मुझसे बातें कर रहा था, पूछा, “महोदय, इन सब का अर्थ क्या है?” मुझसे बातें करने वाले दूत ने कहा, “क्या तुम नहीं जानते कि ये सब चीज़ें क्या हैं” मैंने कहा, “नहीं महोदय।” तब उसने मुझसे कहा, “यह सन्देश यहोवा की ओर से जरुब्बाबेल को है: ‘तुम्हारी शक्ति और प्रभुत्ता से सहायता नहीं मिलेगी। वरन, तुम्हें सहायता मेरी आत्मा से मिलेगी।’ सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा! वह ऊँचा पर्वत जरूब्बाबेल के लिये समतल भूमि—सा होगा। वह मंदिर को बनायेगा और जब अन्तिम पत्थर उस स्थान पर रखा जाएगा तब लोग चिल्ला उठेंगे— ‘सुन्दर! अति सुन्दर।’”

जकर्याह 4:1-7 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

जो दूत मुझसे बात कर रहा था, वह फिर आया। उसने मुझे जगाया, जैसा नींद में सोया हुआ व्यक्‍ति नींद से जगाया जाता है। उसने मुझसे पूछा, ‘तुम्‍हें क्‍या दिखाई दे रहा है?’ मैंने बताया, ‘एक दीवट है। वह पूर्णत: सोने का है। उसके शिखर पर एक कटोरा है। कटोरे पर सात दीपक हैं। प्रत्‍येक दीपक में बत्ती के लिए सात नालियाँ हैं। दीवट के पास जैतून के दो वृक्ष हैं: एक वृक्ष कटोरे की दाहिनी ओर है, और दूसरा वृक्ष उसकी बाईं ओर।’ मैंने दूत से, जो मुझसे बात कर रहा था, पूछा: ‘स्‍वामी, इनका क्‍या अर्थ है?’ दूत ने मुझसे कहा, ‘क्‍या तुम नहीं जानते?’ मैंने कहा, ‘नहीं, मेरे स्‍वामी।’ तब दूत ने मुझे बताया, ‘जरूब्‍बाबेल के लिए प्रभु का यह सन्‍देश है: स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: बल से नहीं, शक्‍ति से नहीं, वरन् मेरे आत्‍मा के द्वारा। ओ महापर्वत, जरूब्‍बाबेल के सामने तू क्‍या है? तू सपाट मैदान हो जाएगा। जरूब्‍बाबेल शिखर का पत्‍थर लाएगा, और लोग यह जय-जयकार करेंगे: “प्रभु की कृपा...... प्रभु की कृपा इस पत्‍थर पर हो।” ’

जकर्याह 4:1-7 Hindi Holy Bible (HHBD)

फिर जो दूत मुझ से बातें करता था, उसने आकर मुझे ऐसा जगाया जैसा कोई नींद से जगाया जाए। और उसने मुझ से पूछा, तुझे क्या देख पड़ता है? मैं ने कहा, एक दीवट है, जो सम्पूर्ण सोने की है, और उसका कटोरा उसकी चोटी पर है, और उस पर उसके सात दीपक है; जिन के ऊपर बत्ती के लिये सात सात नालियां हैं। और दीवट के पास जलपाई के दो वृक्ष हैं, एक उस कटोरे की दाहिनी ओर, और दूसरा उसकी बाईं ओर। तब मैं ने उस दूत से जो मुझ से बातें करता था, पूछा, हे मेरे प्रभु, ये क्या हैं? जो दूत मुझ से बातें करता था, उसने मुझ को उत्तर दिया, क्या तू नहीं जानता कि ये क्या हैं? मैं ने कहा, हे मेरे प्रभु मैं नहीं जानता। तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, जरूब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। हे बड़े पहाड़, तू क्या है? जरूब्बाबेल के साम्हने तू मैदान हो जाएगा; और वह चोटी का पत्थर यह पुकारते हुए आएगा, उस पर अनुग्रह हो, अनुग्रह!

जकर्याह 4:1-7 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

फिर जो दूत मुझसे बातें करता था, उसने आकर मुझे ऐसा जगाया जैसा कोई नींद से जगाया जाए। और उसने मुझसे पूछा, “तुझे क्या दिखाई पड़ता है?” मैंने कहा, “एक दीवट है, जो सम्पूर्ण सोने की है, और उसका कटोरा उसकी चोटी पर है, और उस पर उसके सात दीपक हैं; जिनके ऊपर बत्ती के लिये सात-सात नालियाँ हैं। (प्रका. 1:12, 4:5) दीवट के पास जैतून के दो वृक्ष हैं, एक उस कटोरे की दाहिनी ओर, और दूसरा उसकी बाईं ओर।” तब मैंने उस दूत से जो मुझसे बातें करता था, पूछा, “हे मेरे प्रभु, ये क्या हैं?” जो दूत मुझसे बातें करता था, उसने मुझ को उत्तर दिया, “क्या तू नहीं जानता कि ये क्या हैं?” मैंने कहा, “हे मेरे प्रभु मैं नहीं जानता।” तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, “जरुब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है: न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। हे बड़े पहाड़, तू क्या है? जरुब्बाबेल के सामने तू मैदान हो जाएगा; और वह चोटी का पत्थर यह पुकारते हुए आएगा, उस पर अनुग्रह हो, अनुग्रह!”

जकर्याह 4:1-7 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

फिर वह स्वर्गदूत जिसने मुझसे बातें की थी, लौट आया और मुझे ऐसा जगाया, जैसे किसी को नींद से जगाया जाता है. उसने मुझसे प्रश्न किया, “तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?” मैंने उत्तर दिया, “मुझे एक ठोस सोने का दीवट दिखाई दे रहा है जिसके चोटी पर एक कटोरा है जिसमें सात दीये हैं, और दीयों पर बाती के लिए सात-सात नालियां हैं. दीवट के पास दो जैतून के पेड़ भी हैं, एक कटोरे के दायीं ओर तथा दूसरा उसके बायीं ओर.” जो स्वर्गदूत मुझसे बातें कर रहा था, मैंने उससे पूछा, “हे मेरे प्रभु, ये सब क्या हैं?” उसने उत्तर दिया, “क्या तुम नहीं जानते कि ये क्या हैं?” मैंने उत्तर दिया, “हे मेरे प्रभु, नहीं.” अतः स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, “यह ज़ेरुब्बाबेल के लिये याहवेह का वचन है: ‘न तो बल से और न ही शक्ति से, पर मेरे आत्मा के द्वारा,’ सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है. “हे विशाल पहाड़, क्या हो तुम? ज़ेरुब्बाबेल के सामने तुम समतल मैदान बन जाओगे. तब वह चोटी के पत्थर को यह चिल्लाते हुए ले आएगा, ‘परमेश्वर इसे आशीष दे! परमेश्वर इसे आशीष दे!’ ”