भजन संहिता 96:11-12
भजन संहिता 96:11-12 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो; समुद्र और उसमें की सब वस्तुएँ गरज उठें; मैदान और जो कुछ उस में है, वह प्रफुल्लित हो; उसी समय वन के सारे वृक्ष जयजयकार करेंगे।
भजन संहिता 96:11-12 पवित्र बाइबल (HERV)
अरे आकाश, प्रसन्न हो! हे धरती, आनन्द मना! हे सागर, और उसमें कि सब वस्तुओं आनन्द से ललकारो। अरे ओ खेतों और उसमें उगने वाली हर वस्तु आनन्दित हो जाओ! हे वन के वृक्षो गाओ और आनन्द मनाओ!
भजन संहिता 96:11-13 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
स्वर्ग आनन्दित और पृथ्वी हर्षित हो! सागर और उसकी परिपूर्णता उल्लास से गर्जन करे। धरती और जो कुछ उसमें है, वह प्रफुल्लित हो। जब प्रभु आएगा, तब वन के समस्त वृक्ष प्रभु के सम्मुख जयजयकार करेंगे। वह पृथ्वी का न्याय करने को आएगा। वह धार्मिकता से संसार का, और सच्चाई से सभी जातियों का न्याय करेगा
भजन संहिता 96:11-12 Hindi Holy Bible (HHBD)
आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो; समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें; मैदान और जो कुछ उस में है, वह प्रफुल्लित हो; उसी समय वन के सारे वृक्ष जयजयकार करेंगे।