भजन संहिता 96

96
प्रभु के परमाधिकार के लिए स्‍तुतिगान
1प्रभु के लिए नया गीत गाओ,
हे पृथ्‍वी के लोगो, प्रभु के निमित्त
गाओ!#1 इत 16:23-33
2प्रभु के लिए गाओ, उसके नाम को धन्‍य
कहो;
दिन-प्रतिदिन उसके उद्धार का सन्‍देश
सुनाओ।
3राष्‍ट्रों में उसकी महिमा का,
समस्‍त जातियों में उसके अद्भुत कार्यों का
वर्णन करो।
4प्रभु महान है, वह स्‍तुति के अत्‍यन्‍त योग्‍य है;
वह समस्‍त देवताओं से अधिक
भक्‍ति-योग्‍य है।
5अन्‍य जातियों के देवतागण मात्र मूर्तियां हैं;
पर प्रभु ने स्‍वर्ग को निर्मित किया है।#1 कुर 8:4-5
6उसके सम्‍मुख यश और प्रताप हैं;
उसके पवित्र स्‍थान में शक्‍ति और सौन्‍दर्य हैं।
7हे अन्‍य जातियों के कुलो, प्रभु की स्‍तुति
करो!
प्रभु की महिमा और शक्‍ति स्‍वीकार करो।#भज 29:1-2
8प्रभु के नाम की महिमा को स्‍वीकार करो!
भेंट लेकर उसके आंगनों में प्रवेश करो।
9पवित्रता से सज कर#96:9 अथवा ‘पवित्र परमेश्‍वर के दर्शन के लिए’। उसकी आराधना करो;
हे पृथ्‍वी के लोगो, उसके सम्‍मुख कांपते
रहो।
10राष्‍ट्रों में यह कहो, ‘प्रभु राज्‍य करता है।
निश्‍चय ही पृथ्‍वी की नींव दृढ़ है,
वह विचलित न होगी।
प्रभु लोगों का न्‍याय निष्‍पक्षता से करेगा,
11स्‍वर्ग आनन्‍दित और पृथ्‍वी हर्षित हो!
सागर और उसकी परिपूर्णता
उल्‍लास से गर्जन करे।
12-13धरती और जो कुछ उसमें है,
वह प्रफुल्‍लित हो।
जब प्रभु आएगा, तब वन के समस्‍त वृक्ष
प्रभु के सम्‍मुख जयजयकार करेंगे।
वह पृथ्‍वी का न्‍याय करने को आएगा।
वह धार्मिकता से संसार का,
और सच्‍चाई से सभी जातियों का न्‍याय करेगा#यश 55:12

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