भजन संहिता 95:1-7

भजन संहिता 95:1-7 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

आओ, हम प्रभु का जय-जयकार करें; अपने उद्धार की चट्टान का जयघोष करें। गुणगान करते हुए हम उसके सम्‍मुख आएं; स्‍तुतिगान गाते हुए उसका जयघोष करें। प्रभु महान परमेश्‍वर है; वह समस्‍त देवताओं के ऊपर महान राजा है; उसके अधिकार में पृथ्‍वी के गहरे स्‍थान हैं; पर्वतों के शिखर भी उसी के हैं। जल भी उसी का है, क्‍योंकि उसने उसको बनाया है; थल की रचना उसी के हाथों ने की है। आओ, हम उसके चरणों पर झुकें और उसकी आराधना करें; अपने निर्माता प्रभु के सम्‍मुख घुटने टेकें। वह हमारा परमेश्‍वर है, और हम उसके चरागाह की रेवड़ हैं, उसके अधिकार की भेड़ें हैं। भला होता कि आज तुम उसकी वाणी सुनते!

भजन संहिता 95:1-7 Hindi Holy Bible (HHBD)

आओ हम यहोवा के लिये ऊंचे स्वर से गाएं, अपने उद्धार की चट्टान का जयजयकार करें! हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएं, और भजन गाते हुए उसका जयजयकार करें! क्योंकि यहोवा महान ईश्वर है, और सब देवताओं के ऊपर महान राजा है। पृथ्वी के गहिरे स्थान उसी के हाथ में हैं; और पहाड़ों की चोटियां भी उसी की हैं। समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और स्थल भी उसी के हाथ का रचा है॥ आओ हम झुक कर दण्डवत करें, और अपने कर्ता यहोवा के साम्हने घुटने टेकें! क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है, और हम उसकी चराई की प्रजा, और उसके हाथ की भेड़ें हैं॥ भला होता, कि आज तुम उसकी बात सुनते!

भजन संहिता 95:1-7 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

आओ हम यहोवा के लिये ऊँचे स्वर से गाएँ, अपने उद्धार की चट्टान का जयजयकार करें! हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएँ, और भजन गाते हुए उसका जयजयकार करें। क्योंकि यहोवा महान परमेश्वर है, और सब देवताओं के ऊपर महान राजा है। पृथ्वी के गहरे स्थान उसी के हाथ में हैं; और पहाड़ों की चोटियाँ भी उसी की हैं। समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और स्थल भी उसी के हाथ का रचा है। आओ हम झुककर दण्डवत् करें, और अपने कर्ता यहोवा के सामने घुटने टेकें! क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है, और हम उसकी चराई की प्रजा, और उसके हाथ की भेड़ें हैं। भला होता, कि आज तुम उसकी बात सुनते! (निर्ग. 17:7)

भजन संहिता 95:1-7 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

चलो, हम याहवेह के स्तवन में आनंदपूर्वक गाएं; अपने उद्धार की चट्टान के लिए उच्च स्वर में मनोहारी संगीत प्रस्तुत करें. हम धन्यवाद के भाव में उनकी उपस्थिति में आएं स्तवन गीतों में हम मनोहारी संगीत प्रस्तुत करें. इसलिये कि याहवेह महान परमेश्वर हैं, समस्त देवताओं के ऊपर सर्वोच्च राजा हैं. पृथ्वी की गहराइयों पर उनका नियंत्रण है, पर्वत शिखर भी उनके अधिकार में हैं. समुद्र उन्हीं का है, क्योंकि यह उन्हीं की रचना है, सूखी भूमि भी उन्हीं की हस्तकृति है. आओ, हम नतमस्तक होकर आराधना करें, हम याहवेह, हमारे सृजनहार के सामने घुटने टेकें! क्योंकि वह हमारे परमेश्वर हैं और हम उनके चराई की प्रजा हैं, उनकी अपनी संरक्षित भेड़ें.