नीतिवचन 6:1-8
नीतिवचन 6:1-8 पवित्र बाइबल (HERV)
हे मेरे पुत्र, बिना समझे बूझे यदि किसी की जमानत दी है अथवा किसी के लिये वचनबद्ध हुआ है, यदि तू अपने ही कथन के जाल में फँस गया है, तू अपने मुख के ही शब्दों के पिंजरे में बन्द हो गया है तो मेरे पुत्र, क्योंकि तू औरों के हाथों में पड़ गया है, तू स्वंय को बचाने को ऐसा कर: तू उसके निकट जा और विनम्रता से अपने पड़ोसो से अनुनय विनम्र कर। निरन्तर जागता रह, आँखों में नींद न हो और तेरी पलकों में झपकी तक न आये। स्वंय को चंचल हिरण शिकारी के हाथ से और किसी पक्षा सा उसके जाल से छुड़ा ले। अरे ओ आलसी, चींटी के पास जा। उसकी कार्य विधि देख और उससे सीख ले। उसका न तो काई नायक है, न ही कोई निरीक्षक न ही कोई शासक है। फिर भी वह ग्रीष्म में भोजन बटोरती है और कटनी के समय खाना जुटाती है।
नीतिवचन 6:1-8 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
मेरे पुत्र, यदि तूने बिना सोचे-समझे अपने पड़ोसी के लिए जमानत दी है; अथवा किसी अपरिचित के लिए उत्तरदायित्व लिया है; यदि तू वचन देकर फंस गया है, यदि तू अपने मुंह के शब्दों के कारण पकड़ा गया है, तो तू यह काम करना और बच जाना; तू पड़ोसी के हाथ में पड़ गया है; अत: तू अविलम्ब जाना और उसको साष्टांग प्रणाम कर मना लेना। तू अपनी आंखों में नींद न आने देना, और न पलकों में झपकी आने देना। जैसे हरिणी शिकारी के हाथ से और चिड़िया चिड़ीमार के जाल से स्वयं को बचा लेती है वैसे ही तू अपने पड़ोसी से स्वयं को बचा लेना। ओ आलसी, चींटी के पास जा; और उसके कार्यों पर विचार कर; तब तू बुद्धिमान बनेगा। वह बिना मेट, निरीक्षक और शासक के आदेश से ग्रीष्म ऋतु में अपने आहार की व्यवस्था कर लेती है; वह फसल की कटनी के समय अपना भोजन एकत्र करती है।
नीतिवचन 6:1-8 Hindi Holy Bible (HHBD)
हे मेरे पुत्र, यदि तू अपने पड़ोसी का उत्तरदायी हुआ हो, अथवा परदेशी के लिये हाथ पर हाथ मार कर उत्तरदायी हुआ हो, तो तू अपने ही मूंह के वचनों से फंसा, और अपने ही मुंह की बातों से पकड़ा गया। इसलिये हे मेरे पुत्र, एक काम कर, अर्थात तू जो अपने पड़ोसी के हाथ में पड़ चुका है, तो जा, उस को साष्टांग प्रणाम कर के मना ले। तू न तो अपनी आखों में नींद, और न अपनी पलकों में झपकी आने दे; और अपने आप को हरिणी के समान शिकारी के हाथ से, और चिडिय़ा के समान चिडिमार के हाथ से छुड़ा॥ हे आलसी, च्यूंटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो। उन के न तो कोई न्यायी होता है, न प्रधान, और न प्रभुता करने वाला, तौभी वे अपना आहार धूपकाल में संचय करती हैं, और कटनी के समय अपनी भोजन वस्तु बटोरती हैं।
नीतिवचन 6:1-8 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
हे मेरे पुत्र, यदि तू अपने पड़ोसी का उत्तरदायी हुआ हो, अथवा परदेशी के लिये हाथ पर हाथ मार कर उत्तरदायी हुआ हो, तो तू अपने ही मुँह के वचनों से फँसा, और अपने ही मुँह की बातों से पकड़ा गया। इसलिये हे मेरे पुत्र, एक काम कर अर्थात् तू जो अपने पड़ोसी के हाथ में पड़ चुका है, तो जा, उसको साष्टांग प्रणाम करके मना ले। तू न तो अपनी आँखों में नींद, और न अपनी पलकों में झपकी आने दे; और अपने आप को हरिणी के समान शिकारी के हाथ से, और चिड़िया के समान चिड़ीमार के हाथ से छुड़ा। हे आलसी, चींटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो। उनके न तो कोई न्यायी होता है, न प्रधान, और न प्रभुता करनेवाला, तौभी वे अपना आहार धूपकाल में संचय करती हैं, और कटनी के समय अपनी भोजनवस्तु बटोरती हैं।
नीतिवचन 6:1-8 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
हे मेरे पुत्र, यदि तू अपने पड़ोसी के जमानत का उत्तरदायी हुआ हो, अथवा परदेशी के लिये शपथ खाकर उत्तरदायी हुआ हो, तो तू अपने ही शपथ के वचनों में फँस जाएगा, और अपने ही मुँह के वचनों से पकड़ा जाएगा। इस स्थिति में, हे मेरे पुत्र एक काम कर और अपने आपको बचा ले, क्योंकि तू अपने पड़ोसी के हाथ में पड़ चुका है तो जा, और अपनी रिहाई के लिए उसको साष्टांग प्रणाम करके उससे विनती कर। तू न तो अपनी आँखों में नींद, और न अपनी पलकों में झपकी आने दे; और अपने आपको हिरनी के समान शिकारी के हाथ से, और चिड़िया के समान चिड़ीमार के हाथ से छुड़ा। हे आलसी, चींटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो जा। उनके न तो कोई न्यायी होता है, न प्रधान, और न प्रभुता करनेवाला, फिर भी वे अपना आहार धूपकाल में संचय करती हैं, और कटनी के समय अपनी भोजनवस्तु बटोरती हैं।
नीतिवचन 6:1-8 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
मेरे पुत्र, यदि तुम अपने पड़ोसी के लिए ज़मानत दे बैठे हो, किसी अपरिचित के लिए वचनबद्ध हुए हो, यदि तुम वचन देकर फंस गए हो, तुम्हारे ही शब्दों ने तुम्हें विकट परिस्थिति में ला रखा है, तब मेरे पुत्र, ऐसा करना कि तुम स्वयं को बचा सको, क्योंकि इस समय तो तुम अपने पड़ोसी के हाथ में आ चुके हो: तब अब अपने पड़ोसी के पास चले जाओ, और उसको नम्रता से मना लो! यह समय निश्चिंत बैठने का नहीं है, नींद में समय नष्ट न करना. इस समय तुम्हें अपनी रक्षा उसी हिरणी के समान करना है, जो शिकारी से बचने के लिए अपने प्राण लेकर भाग रही है, जैसे पक्षी जाल डालनेवाले से बचकर उड़ जाता है. ओ आलसी, जाकर चींटी का ध्यान कर; उनके कार्य पर विचार कर और ज्ञानी बन जा! बिना किसी प्रमुख, अधिकारी अथवा प्रशासक के, वह ग्रीष्मकाल में ही अपना आहार जमा कर लेती है क्योंकि वह कटनी के अवसर पर अपना भोजन एकत्र करती रहती है.