नीतिवचन 5:15-20

नीतिवचन 5:15-20 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मेरे पुत्र, अपने निजी जल-कुण्‍ड से, अपने कुएं के झरने से पानी पीना! क्‍या तू यह चाहता है कि तेरे झरने की जलधाराएं इधर-उधर फैल जाएं; तेरे जल-स्रोत सड़क पर बहने लगें? नहीं, उन पर केवल तेरा ही अधिकार हो, वे तेरे ही हों, किसी अजनबी के न हों। तेरा झरना सदा हरा-भरा रहे; तु अपनी युवावस्‍था की पत्‍नी से ही सदा सुखी रहना; वह तेरी दृष्‍टि में हमेशा सुन्‍दर हरिणी, आकर्षक सांभरनी बनी रहे। उसका प्रेम सदा तुझे रसमय बनाए रखे, तू उसके प्रेम में सदा डूबे रहना। मेरे पुत्र, तू परायी स्‍त्री पर क्‍यों मोहित हो? तू किसी व्‍यभिचारिणी को क्‍यों सीने से लगाए?

नीतिवचन 5:15-20 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तुम अपने ही जलाशय से जल का पान करना, तुम्हारा अपना कुंआ तुम्हारा सोता हो. क्या तुम्हारे सोते की जलधाराएं इधर-उधर बह जाएं, क्या ये जलधाराएं सार्वजनिक गलियों के लिए हैं? इन्हें मात्र अपने लिए ही आरक्षित रखना, न कि तुम्हारे निकट आए अजनबी के लिए. आशीषित बने रहें तुम्हारे सोते, युवावस्था से जो तुम्हारी पत्नी है, वही तुम्हारे आनंद का सोता हो. वह हिरणी सी कमनीय और मृग सी आकर्षक है. उसी के स्तन सदैव ही तुम्हें उल्लास से परिपूर्ण करते रहें, उसका प्रेम ही तुम्हारा आकर्षण बन जाए. मेरे पुत्र, वह व्यभिचारिणी भली क्यों तुम्हारे आकर्षण का विषय बने? वह व्यभिचारिणी क्यों तुम्हारे सीने से लगे?

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