नीतिवचन 16:1-4
नीतिवचन 16:1-4 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुँह से कहना यहोवा की ओर से होता है। मनुष्य का सारा चालचलन अपनी दृष्टि में पवित्र ठहरता है, परन्तु यहोवा मन को तौलता है। अपने कामों को यहोवा पर डाल दे, इस से तेरी कल्पनाएँ सिद्ध होंगी। यहोवा ने सब वस्तुएँ विशेष उद्देश्य के लिये बनाई हैं, वरन् दुष्ट को भी विपत्ति भोगने के लिये बनाया है।
नीतिवचन 16:1-4 पवित्र बाइबल (HERV)
मनुष्य तो निज योजना को रचता है, किन्तु उन्हें यहोवा ही कार्य रूप देता है। मनुष्य को अपनी राहें पाप रहित लगती है किन्तु यहोवा उसकी नियत को परखता है। जो कुछ तू यहोवा को समर्पित करता है तेरी सारी योजनाएँ सफल होंगी। यहोवा ने अपने उद्देश्य से हर किसी वस्तु को रचा है यहाँ तक कि दुष्ट को भी नाश के दिन के लिये।
नीतिवचन 16:1-4 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
मनुष्य मन में योजनाएं बनाता है, परन्तु उनको सफल करना− यह प्रभु की इच्छा पर निर्भर है। मनुष्य अपनी दृष्टि में अपने प्रत्येक आचरण को शुद्ध मानता है; किन्तु प्रभु उसकी आत्मा को तौलता है। अपना कार्य प्रभु को सौंप दो, तो तुम्हारी योजनाएं अवश्य सफल होंगी। प्रभु ने हर एक वस्तु को विशेष उद्देश्य के लिए रचा है; अत: दुर्जन निस्सन्देह दु:ख भोगेगा!
नीतिवचन 16:1-4 Hindi Holy Bible (HHBD)
मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुंह से कहना यहोवा की ओर से होता है। मनुष्य का सारा चाल चलन अपनी दृष्टि में पवित्र ठहरता है, परन्तु यहोवा मन को तौलता है। अपने कामों को यहोवा पर डाल दे, इस से तेरी कल्पनाएं सिद्ध होंगी। यहोवा ने सब वस्तुएं विशेष उद्देश्य के लिये बनाईं हैं, वरन दुष्ट को भी विपत्ति भोगने के लिये बनाया है।
नीतिवचन 16:1-4 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुँह से कहना यहोवा की ओर से होता है। मनुष्य का सारा चाल चलन अपनी दृष्टि में पवित्र ठहरता है, परन्तु यहोवा मन को तौलता है। अपने कामों को यहोवा पर डाल दे, इससे तेरी कल्पनाएँ सिद्ध होंगी। यहोवा ने सब वस्तुएँ विशेष उद्देश्य के लिये बनाई हैं, वरन् दुष्ट को भी विपत्ति भोगने के लिये बनाया है। (कुलु. 1:16)
नीतिवचन 16:1-4 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
मनुष्य के मन में योजना अवश्य होती हैं, किंतु कार्य का आदेश याहवेह के द्वारा ही किया जाता है. मनुष्य की दृष्टि में उसका अपना समस्त चालचलन शुद्ध ही होता है, किंतु याहवेह ही उसकी अंतरात्मा को परखते हैं. अपना समस्त उपक्रम याहवेह पर डाल दो, कि वह तुम्हारी योजनाओं को सफल कर सकें. याहवेह ने हर एक वस्तु को एक विशेष उद्देश्य से सृजा— यहां तक कि दुष्ट को घोर विपत्ति के दिन के लिए.