मारकुस 5:1-20

मारकुस 5:1-20 पवित्र बाइबल (HERV)

फिर वे झील के उस पार गिरासेनियों के देश पहुँचे। यीशु जब नाव से बाहर आया तो कब्रों में से निकल कर तत्काल एक ऐसा व्यक्ति जिस में दुष्टात्मा का प्रवेश था, उससे मिलने आया। वह कब्रों के बीच रहा करता था। उसे कोई नहीं बाँध सकता था, यहाँ तक कि जंजीरों से भी नहीं। क्योंकि उसे जब जब हथकड़ी और बेड़ियाँ डाली जातीं, वह उन्हें तोड़ देता। ज़ंजीरों के टुकड़े-टुकड़े कर देता और बेड़ियों को चकनाचूर। कोई भी उसे काबू नहीं कर पाता था। कब्रों और पहाड़ियों में रात-दिन लगातार, वह चीखता-पुकारता अपने को पत्थरों से घायल करता रहता था। उसने जब दूर से यीशु को देखा, वह उसके पास दौड़ा आया और उसके सामने प्रणाम करता हुआ गिर पड़ा। और ऊँचे स्वर में पुकारते हुए बोला, “सबसे महान परमेश्वर के पुत्र, हे यीशु! तू मुझसे क्या चाहता है? तुझे परमेश्वर की शपथ, मेरी विनती है तू मुझे यातना मत दे।” क्योंकि यीशु उससे कह रहा था, “ओ दुष्टात्मा, इस मनुष्य में से निकल आ।” तब यीशु ने उससे पूछा, “तेरा नाम क्या है?” और उसने उसे बताया, “मेरा नाम लीजन अर्थात् सेना है क्योंकि हम बहुत से हैं।” उसने यीशु से बार बार विनती की कि वह उन्हें उस क्षेत्र से न निकाले। वहीं पहाड़ी पर उस समय सुअरों का एक बड़ा सा रेवड़ चर रहा था। दुष्टात्माओं ने उससे विनती की, “हमें उन सुअरों में भेज दो ताकि हम उन में समा जायें।” और उसने उन्हें अनुमति दे दी। फिर दुष्टात्माएँ उस व्यक्ति में से निकल कर सुअरों में समा गयीं, और वह रेवड़, जिसमें कोई दो हजार सुअर थे, ढलवाँ किनारे से नीचे की तरफ लुढ़कते-पुढ़कते दौड़ता हुआ झील में जा गिरा। और फिर वहीं डूब मरा। फिर रेवड़ के रखवालों ने जो भाग खड़े हुए थे, शहर और गाँव में जा कर यह समाचार सुनाया। तब जो कुछ हुआ था, उसे देखने लोग वहाँ आये। वे यीशु के पास पहुँचे और देखा कि वह व्यक्ति जिस पर दुष्टात्माएँ सवार थीं, कपड़े पहने पूरी तरह सचेत वहाँ बैठा है, और यह वही था जिस में दुष्टात्माओं की पूरी सेना समाई थी, वे डर गये। जिन्होंने वह घटना देखी थी, लोगों को उसका ब्योरा देते हुए बताया कि जिसमें दुष्टात्माएँ समाई थीं, उसके साथ और सुअरों के साथ क्या बीती। तब लोग उससे विनती करने लगे कि वह उनके यहाँ से चला जाये। और फिर जब यीशु नाव पर चढ़ रहा था तभी जिस व्यक्ति में दुष्टात्माएँ थीं, यीशु से विनती करने लगा कि वह उसे भी अपने साथ ले ले। किन्तु यीशु ने उसे अपने साथ चलने की अनुमति नहीं दी। और उससे कहा, “अपने ही लोगों के बीच घर चला जा और उन्हें वह सब बता जो प्रभु ने तेरे लिये किया है। और उन्हें यह भी बता कि प्रभु ने दया कैसे की।” फिर वह चला गया और दिकपुलिस के लोगों को बताने लगा कि यीशु ने उसके लिये कितना बड़ा काम किया है। इससे सभी लोग चकित हुए।

मारकुस 5:1-20 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

वे झील के उस पार गेरासेनियों के प्रदेश में आए। येशु ज्‍यों ही नाव से उतरे, एक अशुद्धात्‍मा-ग्रस्‍त मनुष्‍य मकबरों से निकल कर उनके पास आया। वह मकबरों में रहा करता था। अब कोई उसे जंजीर से भी नहीं बाँध पाता था; क्‍योंकि वह बारम्‍बार बेड़ियों और जंजीरों से बाँधा गया था, किन्‍तु उसने जंजीरों को तोड़ डाला और बेड़ियों को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था। उसे कोई भी वश में नहीं रख पाता था। वह दिन-रात निरन्‍तर मकबरों में और पहाड़ों पर चिल्‍लाता और पत्‍थरों से अपने को घायल करता था। वह येशु को दूर से देख कर दौड़ता हुआ आया और उन्‍हें दण्‍डवत् कर ऊंचे स्‍वर से चिल्‍लाया, “हे येशु! सर्वोच्‍च परमेश्‍वर के पुत्र! मुझ से आप को क्‍या काम? आप को परमेश्‍वर की शपथ, मुझे न सताइए।” क्‍योंकि येशु उससे कह रहे थे, “अशुद्ध आत्‍मा! इस मनुष्‍य से निकल जा।” येशु ने उससे पूछा, “तेरा नाम क्‍या है?” उसने उत्तर दिया, “मेरा नाम ‘सेना’ है, क्‍योंकि हम बहुत हैं।” और वह येशु से बहुत अनुनय-विनय करता रहा कि हमें इस प्रदेश से नहीं निकालिए। वहाँ पहाड़ी पर सूअरों का एक बड़ा झुण्‍ड चर रहा था। अशुद्ध आत्‍माओं ने यह कहते हुए येशु से प्रार्थना की, “हमें सूअरों में भेज दीजिए। हमें उनमें प्रवेश करने दीजिए।” येशु ने अनुमति दे दी। तब अशुद्ध आत्‍माएँ उस मनुष्‍य से निकल कर सूअरों में प्रविष्‍ट हो गईं, और लगभग दो हजार का वह झुण्‍ड ढाल पर से झील की ओर झपटा और उस में डूब कर मर गया। सूअर चराने वाले भाग गये। उन्‍होंने नगर और बस्‍तियों में जाकर इसकी खबर फैला दी। लोग यह सब देखने आए कि क्‍या बात है। वे येशु के पास आए और यह देख कर भयभीत हो गये कि वह भूतग्रस्‍त, जिस में पहले अशुद्ध आत्‍माओं की सेना थी, बैठा हुआ है। वह कपड़े पहिने हुए है, और स्‍वस्‍थमन है। जिन्‍होंने यह सब अपनी आँखों से देखा था, उन्‍होंने लोगों को बताया कि भूतग्रस्‍त मनुष्‍य के साथ क्‍या हुआ और सूअरों पर क्‍या बीती। तब गेरासेनी येशु से निवेदन करने लगे कि वह उनके प्रदेश से चले जाएँ। येशु नाव पर चढ़ ही रहे थे कि उस मनुष्‍य ने, जो पहले भूतग्रस्‍त था, उनसे अनुरोध किया, “मुझे अपने साथ रहने दीजिए।” उसका अनुरोध अस्‍वीकार करते हुए येशु ने उससे कहा, “अपने लोगों के पास अपने घर जाओ और उन्‍हें बताओ कि प्रभु ने तुम्‍हारे लिए कितना अधिक किया है और तुम पर किस तरह कृपा की है।” वह चला गया और सारे दिकापुलिस क्षेत्र में यह सुनाने लगा कि येशु ने उसके लिए कितना अधिक किया है। और सब लोग चकित रह गए।

मारकुस 5:1-20 Hindi Holy Bible (HHBD)

और वे झील के पार गिरासेनियों के देश में पहुंचे। और जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्त एक मनुष्य जिस में अशुद्ध आत्मा थी कब्रों से निकल कर उसे मिला। वह कब्रों में रहा करता था। और कोई उसे सांकलों से भी न बान्ध सकता था। क्योंकि वह बार बार बेडिय़ों और सांकलों से बान्धा गया था, पर उस ने सांकलों को तोड़ दिया, और बेडिय़ों के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे, और कोई उसे वश में नहीं कर सकता था। वह लगातार रात-दिन कब्रों और पहाड़ो में चिल्लाता, और अपने को पत्थरों से घायल करता था। वह यीशु को दूर ही से देखकर दौड़ा, और उसे प्रणाम किया। और ऊंचे शब्द से चिल्लाकर कहा; हे यीशु, पर मप्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम? मैं तुझे परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि मुझे पीड़ा न दे। क्योंकि उस ने उस से कहा था, हे अशुद्ध आत्मा, इस मनुष्य में से निकल आ। उस ने उस से पूछा; तेरा क्या नाम है? उस ने उस से कहा; मेरा नाम सेना है; क्योंकि हम बहुत हैं। और उस ने उस से बहुत बिनती की, हमें इस देश से बाहर न भेज। वहां पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था। और उन्होंने उस से बिनती करके कहा, कि हमें उन सूअरों में भेज दे, कि हम उन के भीतर जाएं। सो उस ने उन्हें आज्ञा दी और अशुद्ध आत्मा निकलकर सूअरों के भीतर पैठ गई और झुण्ड, जो कोई दो हजार का था, कड़ाडे पर से झपटकर झील में जा पड़ा, और डूब मरा। और उन के चरवाहों ने भागकर नगर और गांवों में समाचार सुनाया। और जो हुआ था, लोग उसे देखने आए। और यीशु के पास आकर, वे उस को जिस में दुष्टात्माएं थीं, अर्थात जिस में सेना समाई थी, कपड़े पहिने और सचेत बैठे देखकर, डर गए। और देखने वालों ने उसका जिस में दुष्टात्माएं थीं, और सूअरों का पूरा हाल, उन को कह सुनाया। और वे उस से बिनती कर के कहने लगे, कि हमारे सिवानों से चला जा। और जब वह नाव पर चढ़ने लगा, तो वह जिस में पहिले दुष्टात्माएं थीं, उस से बिनती करने लगा, कि मुझे अपने साथ रहने दे। परन्तु उस ने उसे आज्ञा न दी, और उस से कहा, अपने घर जाकर अपने लोगों को बता, कि तुझ पर दया करके प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं। वह जाकर दिकपुलिस में इस बात का प्रचार करने लगा, कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े काम किए; और सब अचम्भा करते थे॥

मारकुस 5:1-20 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

वे झील के पार गिरासेनियों के देश में पहुँचे, जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्त एक मनुष्य जिसमें अशुद्ध आत्मा थी, कब्रों से निकलकर उसे मिला। वह कब्रों में रहा करता था और कोई उसे साँकलों से भी न बाँध सकता था, क्योंकि वह बार बार बेड़ियों और साँकलों से बाँधा गया था, पर उसने साँकलों को तोड़ दिया और बेड़ियों के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे, और कोई उसे वश में नहीं कर सकता था। वह लगातार रात–दिन कब्रों और पहाड़ों में चिल्‍लाता, और अपने को पत्थरों से घायल करता था। वह यीशु को दूर ही से देखकर दौड़ा, उसे प्रणाम किया, और ऊँचे शब्द से चिल्‍लाकर कहा, “हे यीशु, परमप्रधान परमेश्‍वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम ? मैं तुझे परमेश्‍वर की शपथ देता हूँ कि मुझे पीड़ा न दे।” क्योंकि उसने उससे कहा था, “हे अशुद्ध आत्मा, इस मनुष्य में से निकल आ!” उसने उससे पूछा, “तेरा क्या नाम है?” उसने उससे कहा, “मेरा नाम सेना है; क्योंकि हम बहुत हैं।” और उसने उससे बहुत विनती की, “हमें इस देश से बाहर न भेज।” वहाँ पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था। उन्होंने उससे विनती करके कहा, “हमें उन सूअरों में भेज दे कि हम उनके भीतर जाएँ।” अत: उसने उन्हें आज्ञा दी और अशुद्ध आत्मा निकलकर सूअरों के भीतर पैठ गईं और झुण्ड, जो कोई दो हज़ार का था, कड़ाड़े पर से झपटकर झील में जा पड़ा और डूब मरा। उनके चरवाहों ने भागकर नगर और गाँवों में समाचार सुनाया, और जो हुआ था, लोग उसे देखने आए। यीशु के पास आकर वे उसको जिसमें दुष्‍टात्माएँ थीं, अर्थात् जिसमें सेना समाई थी, कपड़े पहिने और सचेत बैठे देखकर डर गए। देखनेवालों ने उसका, जिसमें दुष्‍टात्माएँ थीं, और सूअरों का पूरा हाल उनको कह सुनाया। तब वे उससे विनती कर के कहने लगे कि हमारी सीमा से चला जा। जब वह नाव पर चढ़ने लगा तो वह जिसमें पहले दुष्‍टात्माएँ थीं, उससे विनती करने लगा, “मुझे अपने साथ रहने दे।” परन्तु उसने उसे आज्ञा न दी, और उससे कहा, “अपने घर जाकर अपने लोगों को बता कि तुझ पर दया करके प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं।” वह जाकर दिकापुलिस में इस बात का प्रचार करने लगा कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े काम किए; और सब लोग अचम्भा करते थे।

मारकुस 5:1-20 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

वे झील के पार गिरासेनियों के देश में पहुँचे, और जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्त एक मनुष्य जिसमें अशुद्ध आत्मा थी, कब्रों से निकलकर उसे मिला। वह कब्रों में रहा करता था और कोई उसे जंजीरों से भी न बाँध सकता था, क्योंकि वह बार बार बेड़ियों और जंजीरों से बाँधा गया था, पर उसने जंजीरों को तोड़ दिया, और बेड़ियों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे, और कोई उसे वश में नहीं कर सकता था। वह लगातार रात-दिन कब्रों और पहाड़ों में चिल्लाता, और अपने को पत्थरों से घायल करता था। वह यीशु को दूर ही से देखकर दौड़ा, और उसे प्रणाम किया। और ऊँचे शब्द से चिल्लाकर कहा, “हे यीशु, परमप्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम? मैं तुझे परमेश्वर की शपथ देता हूँ, कि मुझे पीड़ा न दे।” (मत्ती 8:29, 1 राजा. 17:18) क्योंकि उसने उससे कहा था, “हे अशुद्ध आत्मा, इस मनुष्य में से निकल आ।” यीशु ने उससे पूछा, “तेरा क्या नाम है?” उसने उससे कहा, “मेरा नाम सेना है; क्योंकि हम बहुत हैं।” और उसने उससे बहुत विनती की, “हमें इस देश से बाहर न भेज।” वहाँ पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था। और उन्होंने उससे विनती करके कहा, “हमें उन सूअरों में भेज दे, कि हम उनके भीतर जाएँ।” अतः उसने उन्हें आज्ञा दी और अशुद्ध आत्मा निकलकर सूअरों के भीतर घुस गई और झुण्ड, जो कोई दो हजार का था, कड़ाड़े पर से झपटकर झील में जा पड़ा, और डूब मरा। और उनके चरवाहों ने भागकर नगर और गाँवों में समाचार सुनाया, और जो हुआ था, लोग उसे देखने आए। यीशु के पास आकर, वे उसको जिसमें दुष्टात्माएँ समाई थीं, कपड़े पहने और सचेत बैठे देखकर, डर गए। और देखनेवालों ने उसका जिसमें दुष्टात्माएँ थीं, और सूअरों का पूरा हाल, उनको कह सुनाया। और वे उससे विनती करके कहने लगे, कि हमारी सीमा से चला जा। और जब वह नाव पर चढ़ने लगा, तो वह जिसमें पहले दुष्टात्माएँ थीं, उससे विनती करने लगा, “मुझे अपने साथ रहने दे।” परन्तु उसने उसे आज्ञा न दी, और उससे कहा, “अपने घर जाकर अपने लोगों को बता, कि तुझ पर दया करके प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं।” वह जाकर दिकापुलिस में इस बात का प्रचार करने लगा, कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े काम किए; और सब अचम्भा करते थे।

मारकुस 5:1-20 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तब वे झील के दूसरे तट पर गिरासेन क्षेत्र में आए. मसीह येशु के नाव से नीचे उतरते ही एक मनुष्य जिसमें अशुद्ध आत्मा थी कब्र से निकलकर उनके पास आया. वह कब्रों के मध्य ही रहा करता था. अब कोई भी उसे सांकलों तथा बेड़ियों से भी बांध पाने में समर्थ न था. बहुधा उसे बेड़ियों तथा सांकलों में बांधे जाने के प्रयास किए गए किंतु वह सांकलों को तोड़ देता तथा बेड़ियों के टुकड़े-टुकड़े कर डालता था. अब किसी में इतनी क्षमता न थी कि उसे वश में कर सके. रात-दिन कब्रों के मध्य तथा पहाड़ियों में वह चिल्लाता रहता था तथा स्वयं को पत्थर मार-मार कर घायल कर लेता था. दूर से ही जब उसने मसीह येशु को देखा, वह दौड़कर उनके पास आया, अपना सिर झुकाया और उसमें से ऊंची आवाज में ये शब्द सुनाई दिए, “परम प्रधान परमेश्वर के पुत्र येशु! मेरा आपका कोई लेनदेन नहीं. आपको परमेश्वर की शपथ, मुझे कोई कष्ट न दें,” क्योंकि मसीह येशु उसे आज्ञा दे चुके थे, “ओ दुष्टात्मा, इस मनुष्य में से निकल आ!” तब मसीह येशु ने उससे प्रश्न किया, “क्या नाम है तेरा?” दुष्टात्मा ने उत्तर दिया, “सेना—क्योंकि हम बहुत हैं.” दुष्टात्मा मसीह येशु से विनती करने लगा कि वह उसे उस प्रदेश से बाहर न भेजें. वहीं पहाड़ी पर सूअरों का एक विशाल झुंड चर रहा था. दुष्टात्मा-समूह ने मसीह येशु से विनती की, “हमें इन सूअरों में भेज दीजिए कि हम उनमें जा बसें.” मसीह येशु ने उन्हें यह आज्ञा दे दी. वे दुष्टात्मा बाहर निकलकर उन सूअरों में प्रवेश कर गए. लगभग दो हज़ार सूअरों का वह झुंड पहाड़ की तीव्र ढलान पर तेज गति से दौड़ता हुआ झील में जा डूबा. भयभीत रखवाले भाग गए तथा नगर और पास के क्षेत्रों में जाकर इस घटना के विषय में बताने लगे. नगरवासी, जो कुछ हुआ था, उसे देखने वहां आने लगे. जब वे मसीह येशु के पास पहुंचे, उन्होंने देखा कि वह दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्ति वस्त्र धारण किए हुए सचेत स्थिति में वहां बैठा था. यह वही व्यक्ति था जिसमें दुष्टात्माओं की सेना पैठी थी. यह देख वे डर गए. सारे घटनाक्रम को देखनेवाले लोगों ने उनके सामने इसका बयान किया कि दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्ति तथा सूअरों के साथ क्या-क्या हुआ है. इस पर वे मसीह येशु से विनती करने लगे कि वह उनके क्षेत्र से बाहर चले जाएं. जब मसीह येशु नाव पर सवार हो रहे थे, दुष्टात्माओं से विमुक्त हुआ व्यक्ति मसीह येशु से विनती करने लगा कि उसे उनके साथ ले लिया जाए. मसीह येशु ने उसे इसकी अनुमति नहीं दी परंतु उसे आदेश दिया, “अपने परिजनों के पास लौट जाओ और उन्हें बताओ कि तुम्हारे लिए प्रभु ने कैसे-कैसे आश्चर्यकर्म किए हैं तथा तुम पर उनकी कैसी कृपादृष्टि हुई है.” वह देकापोलिस नगर में गया और उन कामों का वर्णन करने लगा, जो मसीह येशु ने उसके लिए किए थे. यह सुन सभी चकित रह गए.