मारकुस 3:20-35
मारकुस 3:20-35 पवित्र बाइबल (HERV)
तब वे सब घर चले गये। जहाँ एक बार फिर इतनी बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गयी कि यीशु और उसके शिष्य खाना तक नहीं खा सके। जब उसके परिवार के लोगों ने यह सुना तो वे उसे लेने चल दिये क्योंकि लोग कह रहे थे कि उसका चित्त ठिकाने नहीं है। यरूशलेम से आये धर्मशास्त्री कहते थे, “उसमें बालजेबुल यानी शैतान समाया है। वह दुष्टात्माओं के सरदार की शक्ति के कारण ही दुष्टात्माओं को बाहर निकालता है।” यीशु ने उन्हें अपने पास बुलाया और दृष्टान्तों का प्रयोग करते हुए उनसे कहने लगा, “शैतान, शैतान को कैसे निकाल सकता है? यदि किसी राज्य में अपने ही विरुद्ध फूट पड़ जाये तो वह राज्य स्थिर नहीं रह सकेगा। और यदि किसी घर में अपने ही भीतर फूट पड़ जाये तो वह घर बच नहीं पायेगा। इसलिए यदि शैतान स्वयं अपना विरोध करता है और फूट डालता है तो वह बना नहीं रह सकेगा और उसका अंत हो जायेगा। “किसी शक्तिशाली के मकान में घुसकर उसके माल-असवाब को लूट कर निश्चय ही कोई तब तक नहीं ले जा सकता जब तक सबसे पहले वह उस शक्तिशाली व्यक्ति को बाँध न दे। ऐसा करके ही वह उसके घर को लूट सकता है। “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ, लोगों को हर बात की क्षमा मिल सकती है, उनके पाप और जो निन्दा बुरा भला कहना उन्होंने किये हैं, वे भी क्षमा किये जा सकते हैं। किन्तु पवित्र आत्मा को जो कोई भी अपमानित करेगा, उसे क्षमा कभी नहीं मिलेगी। वह अनन्त पाप का भागी है।” यीशु ने यह इसलिये कहा था कि कुछ लोग कह रहे थे इसमें कोई दुष्ट आत्मा समाई है। तभी उसकी माँ और भाई वहाँ आये और बाहर खड़े हो कर उसे भीतर से बुलवाया। यीशु के चारों ओर भीड़ बैठी थी। उन्होंने उससे कहा, “देख तेरी माता, तेरे भाई और तेरी बहनें तुझे बाहर बुला रहे हैं।” यीशु नें उन्हें उत्तर दिया, “मेरी माँ और मेरे भाई कौन हैं?” उसे घेर कर चारों ओर बैठे लोगों पर उसने दृष्टि डाली और कहा, “ये है मेरी माँ और मेरे भाई! जो कोई परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वही मेरा भाई, बहन और माँ है।”
मारकुस 3:20-35 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
येशु घर आए और फिर इतनी भीड़ एकत्र हो गयी कि उन लोगों को भोजन करने की भी फुरसत नहीं रही। जब येशु के सम्बन्धियों ने यह सुना, तो वे उन को बलपूर्वक ले जाने के लिए निकले; क्योंकि वे कहते थे कि उन्हें अपनी सुध-बुध नहीं रह गयी है। यरूशलेम से आये हुए शास्त्रियों ने भी यह कहा, “उसे बअलजबूल सिद्ध है” और “वह भूतों के नायक की सहायता से भूतों को निकालता है।” येशु ने उन्हें अपने पास बुला कर दृष्टान्तों में उनसे कहा, “शैतान, शैतान को कैसे निकाल सकता है? यदि किसी राज्य में फूट पड़ जाए तो वह राज्य टिक नहीं सकता। यदि किसी घर में फूट पड़ जाए तो वह घर टिक नहीं सकता। यदि शैतान अपने ही विरुद्ध विद्रोह करे तो उसके यहाँ फूट पड़ गयी और वह टिक नहीं सकता, बल्कि उसका अंत हो जाता है। “कोई किसी बलवान् के घर में घुस कर उसकी सम्पत्ति तब तक नहीं लूट सकता, जब तक कि वह उस बलवान् को न बाँध ले। इसके बाद ही वह उसका घर लूट सकता है। “मैं तुम से सच कहता हूँ, मनुष्य चाहे जो भी पाप या ईश-निन्दा करें, उन्हें सब की क्षमा मिल जाएगी; परन्तु पवित्र आत्मा की निन्दा करने वाले को कभी भी क्षमा नहीं मिलेगी। वह अनन्त पाप का अपराधी है।” येशु ने यह इसीलिए कहा कि शास्त्रियों ने उनके बारे में यह कहा था, “उसमें अशुद्ध आत्मा है।” उस समय येशु की माता और भाई-बहिन आए। उन्होंने घर के बाहर से उन्हें बुला भेजा। लोग येशु के चारों ओर बैठे हुए थे। उन्होंने येशु से कहा, “देखिए, आपकी माता, आपके भाई और आपकी बहिनें बाहर हैं। वे आप को पूछ रहे हैं।” येशु ने उत्तर दिया, “कौन है मेरी माता, कौन हैं मेरे भाई-बहिन?” फिर उन्होंने अपने चारों ओर बैठे हुए लोगों पर दृष्टि दौड़ायी और कहा, “ये हैं मेरी माता और मेरे भाई-बहिन। जो व्यक्ति परमेश्वर की इच्छा पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहिन और मेरी माता।”
मारकुस 3:20-35 Hindi Holy Bible (HHBD)
और वह घर में आया: और ऐसी भीड़ इकट्ठी हो गई, कि वे रोटी भी न खा सके। जब उसके कुटुम्बियों ने यह सुना, तो उसे पकड़ने के लिये निकले; क्योंकि कहते थे, कि उसका चित्त ठिकाने नहीं है। और शास्त्री जो यरूशलेम से आए थे, यह कहते थे, कि उस में शैतान है, और यह भी, कि वह दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है। और वह उन्हें पास बुलाकर, उन से दृष्टान्तों में कहने लगा; शैतान क्योंकर शैतान को निकाल सकता है? और यदि किसी राज्य में फूट पड़े, तो वह राज्य क्योंकर स्थिर रह सकता है? और यदि किसी घर में फूट पड़े, तो वह घर क्योंकर स्थिर रह सकेगा? और यदि शैतान अपना ही विरोधी होकर अपने में फूट डाले, तो वह क्योंकर बना रह सकता है? उसका तो अन्त ही हो जाता है। किन्तु कोई मनुष्य किसी बलवन्त के घर में घुसकर उसका माल लूट नहीं सकता, जब तक कि वह पहिले उस बलवन्त को न बान्ध ले; और तब उसके घर को लूट लेगा। मैं तुम से सच कहता हूं, कि मनुष्यों की सन्तान के सब पाप और निन्दा जो वे करते हैं, क्षमा की जाएगी। परन्तु जो कोई पवित्रात्मा के विरूद्ध निन्दा करे, वह कभी भी क्षमा न किया जाएगा: वरन वह अनन्त पाप का अपराधी ठहरता है। क्योंकि वे यह कहते थे, कि उस में अशुद्ध आत्मा है॥ और उस की माता और उसके भाई आए, और बाहर खड़े होकर उसे बुलवा भेजा। और भीड़ उसके आसपास बैठी थी, और उन्होंने उस से कहा; देख, तेरी माता और तेरे भाई बाहर तुझे ढूंढते हैं। उस ने उन्हें उत्तर दिया, कि मेरी माता और मेरे भाई कौन हैं? और उन पर जो उसके आस पास बैठे थे, दृष्टि करके कहा, देखो, मेरी माता और मेरे भाई यह हैं। क्योंकि जो कोई परमेश्वर की इच्छा पर चले, वही मेरा भाई, और बहिन और माता है॥
मारकुस 3:20-35 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
तब वह घर में आया : और ऐसी भीड़ इकट्ठी हो गई कि वे रोटी भी न खा सके। जब उसके कुटुम्बियों ने यह सुना, तो वे उसे पकड़ने के लिए निकले; क्योंकि वे कहते थे कि उसका चित ठिकाने नहीं है। शास्त्री भी जो यरूशलेम से आए थे, यह कहते थे, “उसमें शैतान है,” और “वह दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।” इसलिये वह उन्हें पास बुलाकर उनसे दृष्टान्तों में कहने लगा, “शैतान कैसे शैतान को निकाल सकता है? यदि किसी राज्य में फूट पड़े, तो वह राज्य कैसे स्थिर रह सकता है? और यदि किसी घर में फूट पड़े, तो वह घर कैसे स्थिर रह सकेगा? इसलिये यदि शैतान अपना ही विरोधी होकर अपने में फूट डाले, तो वह कैसे बना रह सकता है? उसका तो अन्त ही हो जाता। “परन्तु कोई मनुष्य किसी बलवन्त के घर में घुसकर उसका माल नहीं लूट सकता, जब तक कि वह पहले उस बलवन्त को बाँध न ले; और तब उसके घर को लूट लेगा। “मैं तुम से सच कहता हूँ कि मनुष्यों की सन्तान के सब पाप और निन्दा जो वे करते हैं, क्षमा की जाएगी, परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरुद्ध निन्दा करे, वह कभी भी क्षमा न किया जाएगा : वरन् वह अनन्त पाप का अपराधी ठहरता है।” क्योंकि वे यह कहते थे कि उस में अशुद्ध आत्मा है। तब उसकी माता और उसके भाई आए, और बाहर खड़े होकर उसे बुलवा भेजा। भीड़ उसके आसपास बैठी थी, और उन्होंने उससे कहा, “देख, तेरी माता और तेरे भाई बाहर तुझे ढूँढ़ते हैं।” उसने उन्हें उत्तर दिया, “मेरी माता और मेरे भाई कौन हैं?” और उन पर जो उसके आसपास बैठे थे, दृष्टि करके कहा, “देखो, मेरी माता और मेरे भाई ये हैं। क्योंकि जो कोई परमेश्वर की इच्छा पर चले, वही मेरा भाई, और बहिन, और माता है।”
मारकुस 3:20-35 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
और वह घर में आया और ऐसी भीड़ इकट्ठी हो गई, कि वे रोटी भी न खा सके। जब उसके कुटुम्बियों ने यह सुना, तो उसे पकड़ने के लिये निकले; क्योंकि कहते थे, कि उसकी सुध-बुध ठिकाने पर नहीं है। और शास्त्री जो यरूशलेम से आए थे, यह कहते थे, “उसमें शैतान है,” और यह भी, “वह दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।” और वह उन्हें पास बुलाकर, उनसे दृष्टान्तों में कहने लगा, “शैतान कैसे शैतान को निकाल सकता है? और यदि किसी राज्य में फूट पड़े, तो वह राज्य कैसे स्थिर रह सकता है? और यदि किसी घर में फूट पड़े, तो वह घर क्या स्थिर रह सकेगा? और यदि शैतान अपना ही विरोधी होकर अपने में फूट डाले, तो वह क्या बना रह सकता है? उसका तो अन्त ही हो जाता है। “किन्तु कोई मनुष्य किसी बलवन्त के घर में घुसकर उसका माल लूट नहीं सकता, जब तक कि वह पहले उस बलवन्त को न बाँध ले; और तब उसके घर को लूट लेगा। “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि मनुष्यों के सब पाप और निन्दा जो वे करते हैं, क्षमा की जाएगी। परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरुद्ध निन्दा करे, वह कभी भी क्षमा न किया जाएगा: वरन् वह अनन्त पाप का अपराधी ठहरता है।” क्योंकि वे यह कहते थे, कि उसमें अशुद्ध आत्मा है। और उसकी माता और उसके भाई आए, और बाहर खड़े होकर उसे बुलवा भेजा। और भीड़ उसके आस-पास बैठी थी, और उन्होंने उससे कहा, “देख, तेरी माता और तेरे भाई बाहर तुझे ढूँढ़ते हैं।” यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरी माता और मेरे भाई कौन हैं?” और उन पर जो उसके आस-पास बैठे थे, दृष्टि करके कहा, “देखो, मेरी माता और मेरे भाई यह हैं। क्योंकि जो कोई परमेश्वर की इच्छा पर चले, वही मेरा भाई, और बहन और माता है।”
मारकुस 3:20-35 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
जब मसीह येशु किसी के घर में थे तो दोबारा एक बड़ी भीड़ वहां इकट्ठी हो गयी—यहां तक कि उनके लिए भोजन करना भी असंभव हो गया. जब मसीह येशु के परिवार जनों को इसका समाचार मिला तो वे मसीह येशु को अपने संरक्षण में अपने साथ ले जाने के लिए वहां आ गए—उनका विचार था कि मसीह येशु अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. येरूशलेम नगर से वहां आए हुए शास्त्रियों का मत था कि मसीह येशु में बेलज़बूल समाया हुआ है तथा वह दुष्टात्माओं के नायक की सहायता से दुष्टात्मा निकाला करते हैं. इस पर मसीह येशु ने उन्हें अपने पास बुलाकर उनसे दृष्टान्तों में कहना प्रारंभ किया, “भला शैतान ही शैतान को कैसे निकाल सकता है? यदि किसी राज्य में फूट पड़ चुकी है तो उसका अस्तित्व बना नहीं रह सकता. वैसे ही यदि किसी परिवार में फूट पड़ जाए तो वह स्थायी नहीं रह सकता. यदि शैतान अपने ही विरुद्ध उठ खड़ा हुआ है और वह बंट चुका है तो उसका अस्तित्व बना रहना असंभव है—वह तो नाश हो चुका है! कोई भी किसी बलवान व्यक्ति के यहां ज़बरदस्ती प्रवेश कर उसकी संपत्ति उस समय तक लूट नहीं सकता जब तक वह उस बलवान व्यक्ति को बांध न ले. तभी उसके लिए उस बलवान व्यक्ति की संपत्ति लूटना संभव होगा. मैं तुम पर एक अटूट सच प्रकट कर रहा हूं: मनुष्य द्वारा किए गए सभी पाप और निंदा क्षमा योग्य हैं. किंतु पवित्र आत्मा के विरुद्ध की गई निंदा किसी भी प्रकार क्षमा योग्य नहीं है. वह व्यक्ति अनंत पाप का दोषी है.” मसीह येशु ने यह सब इसलिये कहा था कि शास्त्रियों ने उन पर दोष लगाया था कि मसीह येशु में दुष्टात्मा समाया हुआ है. तभी मसीह येशु की माता और उनके भाई वहां आ गए. वे बाहर ही खड़े रहे. उन्होंने संदेश भेजकर उन्हें बाहर बुलवाया. भीड़ उन्हें घेरे हुए बैठी थी. उन्होंने मसीह येशु को बताया, “वह देखिए! आपकी माता तथा आपके भाई और बहिन बाहर आपकी तलाश कर खड़े हैं.” “कौन हैं मेरी माता और कौन हैं मेरे भाई?” मसीह येशु ने पूछा. तब अपनी दृष्टि अपने आस-पास बैठे भीड़ पर डालते हुए उन्होंने कहा, “ये हैं मेरी माता तथा मेरे भाई! जो कोई परमेश्वर की इच्छा को पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन तथा मेरी माता.”