मत्ती 9:27-38

मत्ती 9:27-38 पवित्र बाइबल (HERV)

यीशु जब वहाँ से जाने लगा तो दो अन्धे व्यक्ति उसके पीछे हो लिये। वे पुकार रहे थे, “हे दाऊद के पुत्र, हम पर दया कर।” यीशु जब घर के भीतर पहुँचा तो वे अन्धे उसके पास आये। तब यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं, तुम्हें फिर से आँखें दे सकता हूँ?” उन्होंने उत्तर दिया, “हाँ प्रभु!” इस पर यीशु ने उन की आँखों को छूते हुए कहा, “तुम्हारे लिए वैसा ही हो जैसा तुम्हारा विश्वास है।” और अंधों को दृष्टि मिल गयी। फिर यीशु ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा, “इसके विषय में किसी को पता नहीं चलना चाहिये।” किन्तु उन्होंने वहाँ से जाकर इस समाचार को उस क्षेत्र में चारों ओर फैला दिया। जब वे दोनों वहाँ से जा रहे थे तो कुछ लोग यीशु के पास एक गूँगे को लेकर आये। गूँगे में दुष्ट आत्मा समाई हुई थी और इसीलिए वह कुछ बोल नहीं पाता था। जब दुष्ट आत्मा को निकाल दिया गया तो वह गूँगा, जो पहले कुछ भी नहीं बोल सकता था, बोलने लगा। तब भीड़ के लोगों ने अचरज से भर कर कहा, “इस्राएल में ऐसी बात पहले कभी नहीं देखी गयी।” किन्तु फ़रीसी कह रहे थे, “वह दुष्टात्माओं को शैतान की सहायता से बाहर निकालता है।” यीशु यहूदी आराधनालयों में उपदेश देता, परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार का प्रचार करता, लोगों के रोगों और हर प्रकार के संतापों को दूर करता उस सारे क्षेत्र में गाँव-गाँव और नगर-नगर घूमता रहा था। यीशु जब किसी भीड़ को देखता तो उसके प्रति करुणा से भर जाता था क्योंकि वे लोग वैसे ही सताये हुए और असहाय थे, जैसे वे भेड़ें होती हैं जिनका कोई चरवाहा नहीं होता। तब यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा, “तैयार खेत तो बहुत हैं किन्तु मज़दूर कम हैं। इसलिए फसल के प्रभु से प्रार्थना करो कि, वह अपनी फसल को काटने के लिये मज़दूर भेजे।”

मत्ती 9:27-38 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

येशु वहाँ से आगे बढ़े तो दो अन्‍धे यह पुकारते हुए उनके पीछे हो लिये, “दाऊद के वंशज! हम पर दया कीजिए।” जब येशु घर पहुँचे, तो ये अन्‍धे उनके पास आए। येशु ने उन से पूछा, “क्‍या तुम्‍हें विश्‍वास है कि मैं यह कर सकता हूँ?” उन्‍होंने कहा, “जी हाँ, प्रभु!” तब येशु ने यह कहते हुए उनकी आँखों का स्‍पर्श किया, “जैसा तुमने विश्‍वास किया, वैसा ही तुम्‍हारे लिए हो जाए।” और उनकी आँखें खुल गयीं। येशु ने यह कहते हुए उन्‍हें कड़ी चेतावनी दी, “सावधान! यह बात कोई न जानने पाए।” परन्‍तु उन्‍होंने जाकर उस पूरे इलाके में येशु का नाम फैला दिया। दोनों बाहर निकल ही रहे थे कि कुछ लोग भूत से जकड़े हुए एक गूँगे मनुष्‍य को येशु के पास लाए। येशु ने भूत को निकाल दिया और वह गूँगा बोलने लगा। लोग अचम्‍भे में पड़ कर बोल उठे, “इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया है।” परन्‍तु फरीसियों ने कहा, “यह भूतों के नायक की सहायता से भूतों को निकालता है।” येशु सब नगरों और गाँवों में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्‍य के शुभसमाचार का प्रचार करते, और हर तरह की बीमारी और दुर्बलता दूर करते रहे। जनसमूह को देख कर येशु को उन पर तरस आया, क्‍योंकि वे उत्‍पीड़ित और निस्‍सहाय थे। वे उन भेड़ों के समान थे जिनका कोई चरवाहा न हो। येशु ने अपने शिष्‍यों से कहा, “फसल तो बहुत है, परन्‍तु मजदूर थोड़े हैं। इसलिए फसल के स्‍वामी से विनती करो कि वह अपनी फसल काटने के लिए मजदूरों को भेजे।”

मत्ती 9:27-38 Hindi Holy Bible (HHBD)

जब यीशु वहां से आगे बढ़ा, तो दो अन्धे उसके पीछे यह पुकारते हुए चले, कि हे दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर। जब वह घर में पहुंचा, तो वे अन्धे उस के पास आए; और यीशु ने उन से कहा; क्या तुम्हें विश्वास है, कि मैं यह कर सकता हूं उन्होंने उस से कहा; हां प्रभु। तब उस ने उन की आंखे छूकर कहा, तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हारे लिये हो। और उन की आंखे खुल गई और यीशु ने उन्हें चिताकर कहा; सावधान, कोई इस बात को न जाने। पर उन्होंने निकलकर सारे देश में उसका यश फैला दिया॥ जब वे बाहर जा रहे थे, तो देखो, लोग एक गूंगे को जिस में दुष्टात्मा थी उस के पास लाए। और जब दुष्टात्मा निकाल दी गई, तो गूंगा बोलने लगा; और भीड़ ने अचम्भा करके कहा कि इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया। परन्तु फरीसियों ने कहा, यह तो दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है॥ और यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। जब उस ने भीड़ को देखा तो उस को लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। तब उस ने अपने चेलों से कहा, पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं। इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे॥

मत्ती 9:27-38 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

जब यीशु वहाँ से आगे बढ़ा, तो दो अंधे उसके पीछे यह पुकारते हुए चले, “हे दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर!” जब वह घर में पहुँचा, तो वे अंधे उसके पास आए, और यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम्हें विश्‍वास है कि मैं यह कर सकता हूँ?” उन्होंने उससे कहा, “हाँ, प्रभु!” तब उसने उनकी आँखें छूकर कहा, “तुम्हारे विश्‍वास के अनुसार तुम्हारे लिये हो।” और उनकी आँखें खुल गईं। यीशु ने उन्हें चिताकर कहा, “सावधान, कोई इस बात को न जाने।” पर उन्होंने निकलकर सारे देश में उसका यश फैला दिया। जब वे बाहर जा रहे थे, तो देखो, लोग एक गूँगे को जिसमें दुष्‍टात्मा थी, उसके पास लाए; और जब दुष्‍टात्मा निकाल दी गई, तो गूँगा बोलने लगा। इस पर भीड़ ने अचम्भा करके कहा, “इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया।” परन्तु फरीसियों ने कहा, “यह तो दुष्‍टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्‍टात्माओं को निकालता है।” यीशु सब नगरों और गाँवों में फिरता रहा और उनके आराधनालयों में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। तब उसने अपने चेलों से कहा, “पके खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं। इसलिये खेत के स्वामी से विनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिए मजदूर भेज दे।”

मत्ती 9:27-38 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

जब यीशु वहाँ से आगे बढ़ा, तो दो अंधे उसके पीछे यह पुकारते हुए चले, “हे दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर।” जब वह घर में पहुँचा, तो वे अंधे उसके पास आए, और यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम्हें विश्वास है, कि मैं यह कर सकता हूँ?” उन्होंने उससे कहा, “हाँ प्रभु।” तब उसने उनकी आँखें छूकर कहा, “तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हारे लिये हो।” और उनकी आँखें खुल गई और यीशु ने उन्हें सख्‍ती के साथ सचेत किया और कहा, “सावधान, कोई इस बात को न जाने।” पर उन्होंने निकलकर सारे क्षेत्र में उसका यश फैला दिया। जब वे बाहर जा रहे थे, तब, लोग एक गूँगे को जिसमें दुष्टात्मा थी उसके पास लाए। और जब दुष्टात्मा निकाल दी गई, तो गूँगा बोलने लगा। और भीड़ ने अचम्भा करके कहा, “इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया।” परन्तु फरीसियों ने कहा, “यह तो दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।” और यीशु सब नगरों और गाँवों में फिरता रहा और उनके आराधनालयों में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई चरवाहा न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। (1 राजा. 22:17) तब उसने अपने चेलों से कहा, “फसल तो बहुत है पर मजदूर थोड़े हैं। इसलिए फसल के स्वामी से विनती करो कि वह अपने खेत में काम करने के लिये मजदूर भेज दे।”

मत्ती 9:27-38 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब येशु वहां से विदा हुए, दो अंधे व्यक्ति यह पुकारते हुए उनके पीछे चलने लगे, “दावीद-पुत्र, हम पर कृपा कीजिए!” जब येशु ने घर में प्रवेश किया वे अंधे भी उनके पास पहुंच गए. येशु ने उनसे प्रश्न किया, “क्या तुम्हें विश्वास है कि मुझमें यह करने का सामर्थ्य है?” उन्होंने उत्तर दिया, “जी हां, प्रभु.” तब येशु ने यह कहते हुए उनके नेत्रों का स्पर्श किया, “तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हारी इच्छा पूरी हो,” और उन्हें दृष्टि प्राप्‍त हो गई. येशु ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी, “यह ध्यान रखना कि इसके विषय में किसी को मालूम न होने पाए!” किंतु उन्होंने जाकर सभी क्षेत्र में येशु के विषय में यह समाचार प्रसारित कर दिया. जब वे सब वहां से बाहर निकल रहे थे, उनके सामने एक गूंगा व्यक्ति, जो दुष्टात्मा से पीड़ित था, लाया गया. दुष्टात्मा के निकल जाने के बाद वह बातें करने लगा. यह देख भीड़ चकित रह गई और कहने लगी, “इससे पहले इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया.” जबकि फ़रीसी कह रहे थे, “यह दुष्टात्मा का निकालना दुष्टात्मा के प्रधान की सहायता से करता है.” येशु नगर-नगर और गांव-गांव की यात्रा कर रहे थे. वह उनके यहूदी सभागृहों में शिक्षा देते, स्वर्ग-राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते तथा हर एक प्रकार के रोग और दुर्बलताओं को स्वस्थ करते जा रहे थे. भीड़ को देख येशु का हृदय करुणा से दुःखित हो उठा क्योंकि वे बिन चरवाहे की भेड़ों के समान व्याकुल और निराश थे. इस पर येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “उपज तो बहुत है किंतु मज़दूर कम, इसलिये उपज के स्वामी से विनती करो कि इस उपज के लिए मज़दूर भेज दें.”