मत्ती 26:31-75

मत्ती 26:31-75 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब यीशु ने उनसे कहा, “तुम सब आज ही रात को मेरे विषय में ठोकर खाओगे, क्योंकि लिखा है : ‘मैं चरवाहे को मारूँगा, और झुण्ड की भेड़ें तितर–बितर हो जाएँगी।’ परन्तु मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊँगा।” इस पर पतरस ने उससे कहा, “यदि सब तेरे विषय में ठोकर खाएँ तो खाएँ, परन्तु मैं कभी भी ठोकर न खाऊँगा।” यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही रात को मुर्ग़ के बाँग देने से पहले, तू तीन बार मुझ से मुकर जाएगा।” पतरस ने उससे कहा, “यदि मुझे तेरे साथ मरना भी पड़े, तौभी मैं तुझसे कभी न मुकरूँगा।” और ऐसा ही सब चेलों ने भी कहा। तब यीशु अपने चेलों के साथ गतसमनी नामक एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा, “यहीं बैठे रहना, जब तक मैं वहाँ जाकर प्रार्थना करूँ।” वह पतरस और जब्दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। तब उसने उनसे कहा, “मेरा जी बहुत उदास है, यहाँ तक कि मेरा प्राण निकला जा रहा है। तुम यहीं ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।” फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुँह के बल गिरा, और यह प्रार्थना की, “हे मेरे पिता, यदि हो सके तो यह कटोरा मुझ से टल जाए, तौभी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।” फिर उसने चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया और पतरस से कहा, “क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके? जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो : आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है।” फिर उसने दूसरी बार जाकर यह प्रार्थना की, “हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो।” तब उसने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उनकी आँखें नींद से भरी थीं। उन्हें छोड़कर वह फिर चला गया, और उन्हीं शब्दों में फिर तीसरी बार प्रार्थना की। तब उसने चेलों के पास आकर उनसे कहा, “अब सोते रहो, और विश्राम करो : देखो, घड़ी आ पहुँची है, और मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वानेवाला निकट आ पहुँचा है।” वह यह कह ही रहा था कि यहूदा जो बारहों में से एक था आया, और उसके साथ प्रधान याजकों और लोगों के पुरनियों की ओर से बड़ी भीड़, तलवारें और लाठियाँ लिये हुए आई। उसके पकड़वानेवाले ने उन्हें यह संकेत दिया था : “जिसको मैं चूम लूँ वही है; उसे पकड़ लेना।” और तुरन्त यीशु के पास आकर कहा, “हे रब्बी, नमस्कार!” और उसको बहुत चूमा। यीशु ने उससे कहा, “हे मित्र, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले।” तब उन्होंने पास आकर यीशु पर हाथ डाले और उसे पकड़ लिया। यीशु के साथियों में से एक ने हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के दास पर चलाकर उस का कान उड़ा दिया। तब यीशु ने उससे कहा, “अपनी तलवार म्यान में रख ले क्योंकि जो तलवार चलाते हैं वे सब तलवार से नष्‍ट किए जाएँगे। क्या तू नहीं जानता कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूँ, और वह स्वर्गदूतों की बारह पलटन से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा? परन्तु पवित्रशास्त्र की वे बातें कि ऐसा ही होना अवश्य है, कैसे पूरी होंगी?” उस समय यीशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ लेकर मुझे डाकू के समान पकड़ने के लिये निकले हो? मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा। परन्तु यह सब इसलिये हुआ है कि भविष्यद्वक्‍ताओं के वचन पूरे हों।” तब सब चेले उसे छोड़कर भाग गए। तब यीशु के पकड़नेवाले उसको काइफा नामक महायाजक के पास ले गए, जहाँ शास्त्री और पुरनिए इकट्ठा हुए थे। पतरस दूर ही दूर उसके पीछे–पीछे महायाजक के आँगन तक गया, और भीतर जाकर अन्त देखने को प्यादों के साथ बैठ गया। प्रधान याजक और सारी महासभा यीशु को मार डालने के लिये उसके विरोध में झूठी गवाही की खोज में थे, परन्तु बहुत से झूठे गवाहों के आने पर भी न पाई। अन्त में दो जन आए, और कहा, “इसने कहा है कि मैं परमेश्‍वर के मन्दिर को ढा सकता हूँ और उसे तीन दिन में बना सकता हूँ।” तब महायाजक ने खड़े होकर यीशु से कहा, “क्या तू कोई उत्तर नहीं देता? ये लोग तेरे विरोध में क्या गवाही देते हैं?” परन्तु यीशु चुप रहा। तब महायाजक ने उससे कहा, “मैं तुझे जीवते परमेश्‍वर की शपथ देता हूँ कि यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र मसीह है, तो हम से कह दे।” यीशु ने उससे कहा, “तू ने आप ही कह दिया; वरन् मैं तुम से यह भी कहता हूँ कि अब से तुम मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्‍तिमान के दाहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों पर आते देखोगे।” इस पर महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़े और कहा, “इसने परमेश्‍वर की निन्दा की है, अब हमें गवाहों का क्या प्रयोजन? देखो, तुम ने अभी यह निन्दा सुनी है! तुम क्या सोचते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “यह वध होने के योग्य है।” तब उन्होंने उसके मुँह पर थूका और उसे घूँसे मारे, दूसरों ने थप्पड़ मार के कहा, “हे मसीह, हम से भविष्यद्वाणी करके कह कि किसने तुझे मारा?” पतरस बाहर आँगन में बैठा हुआ था कि एक दासी उसके पास आई और कहा, “तू भी यीशु गलीली के साथ था।” उसने सब के सामने यह कहते हुए इन्कार किया, “मैं नहीं जानता तू क्या कह रही है।” जब वह बाहर डेवढ़ी में गया, तो दूसरी दासी ने उसे देखकर उनसे जो वहाँ थे कहा, “यह भी तो यीशु नासरी के साथ था।” उसने शपथ खाकर फिर इन्कार किया : “मैं उस मनुष्य को नहीं जानता।” थोड़ी देर बाद लोगों ने जो वहाँ खड़े थे, पतरस के पास आकर उससे कहा, “सचमुच तू भी उनमें से एक है, क्योंकि तेरी बोली तेरा भेद खोल देती है।” तब वह धिक्‍कारने और शपथ खाने लगा : “मैं उस मनुष्य को नहीं जानता।” और तुरन्त मुर्ग़ ने बाँग दी। तब पतरस को यीशु की कही हुई बात स्मरण हो आई : “मुर्ग़ के बाँग देने से पहले तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा।” और वह बाहर जाकर फूट फूट कर रोया।

मत्ती 26:31-75 पवित्र बाइबल (HERV)

फिर यीशु ने उनसे कहा, “आज रात तुम सब का मुझमें से विश्वास डिग जायेगा। क्योंकि शास्त्र में लिखा है: ‘मैं गडेरिये को मारूँगा और रेवड़ की भेड़ें तितर बितर हो जायेंगी।’ पर फिर से जी उठने के बाद मैं तुमसे पहले ही गलील चला जाऊँगा।” पतरस ने उत्तर दिया, “चाहे सब तुझ में से विश्वास खो दें किन्तु मैं कभी नहीं खोऊँगा।” यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ से सत्य कहता हूँ आज इसी रात मुर्गे के बाँग देने से पहले तू तीन बार मुझे नकार चुकेगा।” तब पतरस ने उससे कहा, “यदि मुझे तेरे साथ मरना भी पड़े तो भी तुझे मैं कभी नहीं नकारूँगा।” बाकी सब शिष्यों ने भी वही कहा। फिर यीशु उनके साथ उस स्थान पर आया जो गतसमने कहलाता था। और उसने अपने शिष्यों से कहा, “जब तक मैं वहाँ जाऊँ और प्रार्थना करूँ, तुम यहीं बैठो।” फिर यीशु पतरस और जब्दी के दो बेटों को अपने साथ ले गया और दुःख तथा व्याकुलता अनुभव करने लगा। फिर उसने उनसे कहा, “मेरा मन बहुत दुःखी है, जैसे मेरे प्राण निकल जायेंगे। तुम मेरे साथ यहीं ठहरो और सावधान रहो।” फिर थोड़ा आगे बढ़ने के बाद वह धरती पर झुक कर प्रार्थना करने लगा। उसने कहा, “हे मेरे परम पिता यदि हो सके तो यातना का यह प्याला मुझसे टल जाये। फिर भी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं बल्कि जैसा तू चाहता है वैसा ही कर।” फिर वह अपने शिष्यों के पास गया और उन्हें सोता पाया। वह पतरस से बोला, “सो तुम लोग मेरे साथ एक घड़ी भी नहीं जाग सके? जागते रहो और प्रार्थना करो ताकि तुम परीक्षा में न पड़ो। तुम्हारा मन तो वही करना चाहता है जो उचित है किन्तु, तुम्हारा शरीर दुर्बल है।” एक बार फिर उसने जाकर प्रार्थना की और कहा, “हे मेरे परम पिता, यदि यातना का यह प्याला मेरे पिये बिना टल नहीं सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो।” तब वह आया और उन्हें फिर सोते पाया। वे अपनी आँखें खोले नहीं रख सके। सो वह उन्हें छोड़कर फिर गया और तीसरी बार भी पहले की तरह उन ही शब्दों में प्रार्थना की। फिर यीशु अपने शिष्यों के पास गया और उनसे पूछा, “क्या तुम अब भी आराम से सो रहे हो? सुनो, समय आ चुका है, जब मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथों सौंपा जाने वाला है। उठो, आओ चलें। देखो, मुझे पकड़वाने वाला यह रहा।” यीशु जब बोल ही रहा था, यहूदा जो बारह शिष्यों में से एक था, आया। उसके साथ तलवारों और लाठियों से लैस प्रमुख याजकों और यहूदी नेताओं की भेजी एक बड़ी भीड़ भी थी। यहूदा ने जो उसे पकड़वाने वाला था, उन्हें एक संकेत देते हुए कहा कि जिस किसी को मैं चूमूँ वही यीशु है, उसे पकड़ लो, फिर वह यीशु के पास गया और बोला, “हे गुरु!” और बस उसने यीशु को चूम लिया। यीशु ने उससे कहा, “मित्र जिस काम के लिए तू आया है, उसे कर।” फिर भीड़ के लोगों ने पास जा कर यीशु को दबोच कर बंदी बना लिया। फिर जो लोग यीशु के साथ थे, उनमें से एक ने तलवार खींच ली और वार करके महायाजक के दास का कान उड़ा दिया। तब यीशु ने उससे कहा, “अपनी तलवार को म्यान में रखो। जो तलवार चलाते हैं वे तलवार से ही मारे जायेंगे। क्या तुम नहीं सोचते कि मैं अपने परम पिता को बुला सकता हूँ और वह तुरंत स्वर्गदूतों की बारह सेनाओं से भी अधिक मेरे पास भेज देगा? किन्तु यदि मैं ऐसा करूँ तो शास्त्रों की लिखी यह कैसे पूरी होगी कि सब कुछ ऐसे ही होना है?” उसी समय यीशु ने भीड़ से कहा, “तुम तलवारों, लाठियों समेत मुझे पकड़ने ऐसे क्यों आये हो जैसे किसी चोर को पकड़ने आते हैं? मैं हर दिन मन्दिर में बैठा उपदेश दिया करता था और तुमने मुझे नहीं पकड़ा। किन्तु यह सब कुछ घटा ताकि भविष्यवक्ताओं की लिखी पूरी हो।” फिर उसके सभी शिष्य उसे छोड़कर भाग खड़े हुए। जिन्होंने यीशु को पकड़ा था, वे उसे कैफ़ा नामक महायाजक के सामने ले गये। वहाँ यहूदी धर्मशास्त्री और बुजुर्ग यहूदी नेता भी इकट्ठे हुए। पतरस उससे दूर-दूर रहते उसके पीछे-पीछे महायाजक के आँगन के भीतर तक चला गया। और फिर नतीजा देखने वहाँ पहरेदारों के साथ बैठ गया। महायाजक समूची यहूदी महासभा समेत यीशु को मृत्यु दण्ड देने के लिए उसके विरोध में कोई अभियोग ढूँढने का यत्न कर रहे थे। पर ढूँढ नहीं पाये। यद्यपि बहुत से झूठे गवाहों ने आगे बढ़ कर झूठ बोला। अंत में दो व्यक्ति आगे आये और बोले, “इसने कहा था कि मैं परमेश्वर के मन्दिर को नष्ट कर सकता हूँ और तीन दिन में उसे फिर बना सकता हूँ।” फिर महायाजक ने खड़े होकर यीशु से पूछा, “क्या उत्तर में तुझे कुछ नहीं कहना कि वे लोग तेरे विरोध में यह क्या गवाही दे रहे हैं?” किन्तु यीशु चुप रहा। फिर महायाजक ने उससे पूछा, “मैं तुझे साक्षात परमेश्वर की शपथ देता हूँ, हमें बता क्या तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है?” यीशु ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं हूँ। किन्तु मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम मनुष्य के पुत्र को उस परम शक्तिशाली की दाहिनी ओर बैठे और स्वर्ग के बादलों पर आते शीघ्र ही देखोगे।” महायाजक यह सुनकर इतना क्रोधित हुआ कि वह अपने कपड़े फाड़ते हुए बोला, “इसने जो बातें कही हैं वे परमेश्वर की निन्दा में जाती हैं। अब हमें और गवाह नहीं चाहिये। तुम सब ने परमेश्वर के विरोध में कहते, इसे सुना है। तुम लोग क्या सोचते हो?” उत्तर में वे बोले, “यह अपराधी है। इसे मर जाना चाहिये।” फिर उन्होंने उसके मुँह पर थूका और उसे घूँसे मारे। कुछ ने थप्पड़ मारे और कहा, “हे मसीह! भविष्यवाणी कर कि वह कौन है जिसने तुझे मारा?” पतरस अभी नीचे आँगन में ही बाहर बैठा था कि एक दासी उसके पास आयी और बोली, “तू भी तो उसी गलीली यीशु के साथ था।” किन्तु सब के सामने पतरस मुकर गया। उसने कहा, “मुझे पता नहीं तू क्या कह रही है।” फिर वह डयोढ़ी तक गया ही था कि एक दूसरी स्त्री ने उसे देखा और जो लोग वहाँ थे, उनसे बोली, “यह व्यक्ति यीशु नासरी के साथ था।” एक बार फिर पतरस ने इन्कार किया और कसम खाते हुए कहा, “मैं उस व्यक्ति को नहीं जानता।” थोड़ी देर बाद वहाँ खड़े लोग पतरस के पास गये और उससे बोले, “तेरी बोली साफ बता रही है कि तू असल में उन्हीं में से एक है।” तब पतरस अपने को धिक्कारने और कसमें खाने लगा, “मैं उस व्यक्ति को नहीं जानता।” तभी मुर्गे ने बाँग दी। तभी पतरस को वह याद हो आया जो यीशु ने उससे कहा था, “मुर्गे के बाँग देने से पहले तू तीन बार मुझे नकारेगा।” तब पतरस बाहर चला गया और फूट फूट कर रो पड़ा।

मत्ती 26:31-75 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

उस समय येशु ने शिष्‍यों से कहा, “आज रात को मेरे विषय में तुम सब के विश्‍वास का पतन होगा; क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ में यह लिखा है : ‘मैं चरवाहे को मारूँगा और झुण्‍ड की भेड़ें तितर-बितर हो जाएँगी’, किन्‍तु अपने पुनरुत्‍थान के पश्‍चात् मैं तुम लोगों से पहले गलील प्रदेश को जाऊंगा।” इस पर पतरस ने येशु से कहा, “चाहे आपके विषय में सब के विश्‍वास का पतन हो जाए; किन्‍तु मेरे विश्‍वास का पतन कभी नहीं होगा।” येशु ने उसे उत्तर दिया, “मैं तुम से सच कहता हूँ : आज रात को, मुर्गे के बाँग देने से पहले ही, तुम मुझे तीन बार अस्‍वीकार करोगे।” पतरस ने उन से कहा, “मुझे आपके साथ चाहे मरना ही क्‍यों न पड़े, मैं आप को कभी अस्‍वीकार नहीं करूँगा।” इसी प्रकार अन्‍य सब शिष्‍यों ने भी कहा। तब येशु अपने शिष्‍यों के साथ गतसमनी नामक स्‍थान पर आए। वह उन से बोले, “तुम लोग यहाँ बैठो। मैं तब तक वहाँ प्रार्थना करने जाता हूँ।” वह पतरस और जबदी के दोनों पुत्रों को अपने साथ ले गये। येशु उदास तथा व्‍याकुल होने लगे और उन से बोले, “मैं अत्‍यन्‍त व्‍याकुल हूँ मानो मेरे प्राण निकल रहे हों! तुम यहाँ ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।” येशु कुछ आगे बढ़े और उन्‍होंने भूमि पर मुँह के बल गिर कर यह प्रार्थना की, “मेरे पिता! यदि हो सके, तो यह प्‍याला मुझ से टल जाए। फिर भी मेरी नहीं, बल्‍कि तेरी इच्‍छा पूरी हो।” तब वह अपने शिष्‍यों के पास गये और उन्‍हें सोया हुआ देख कर पतरस से बोले, “क्‍या तुम लोग घण्‍टे भर भी मेरे साथ नहीं जाग सके? जागते रहो और प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम परीक्षा में न पड़ो। आत्‍मा तो तत्‍पर है, परन्‍तु शरीर दुर्बल।” वह फिर दूसरी बार गये और उन्‍होंने यह प्रार्थना की, “मेरे पिता! यदि यह प्‍याला मेरे पिये बिना नहीं टल सकता, तो तेरी ही इच्‍छा पूरी हो।” लौटने पर उन्‍होंने अपने शिष्‍यों को फिर सोया हुआ पाया, क्‍योंकि उनकी आँखें नींद से भारी हो रही थीं। येशु उन्‍हें छोड़ कर फिर गये और उन्‍हीं शब्‍दों को दोहराते हुए उन्‍होंने तीसरी बार प्रार्थना की। इसके पश्‍चात् वह अपने शिष्‍यों के पास आए और उनसे कहा, “अब तक सो रहे हो? आराम कर रहे हो? देखो! वह घड़ी निकट आ गयी है। मानव-पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जा रहा है। उठो! हम चलें! देखो, मुझे पकड़वाने वाला निकट आ गया है।” येशु यह कह ही रहे थे कि बारहों में से एक, अर्थात् यूदस आ गया। उसके साथ तलवारें और लाठियाँ लिये एक बड़ी भीड़ थी, जिसे महापुरोहितों और समाज के धर्मवृद्धों ने भेजा था। पकड़वाने वाले ने उन्‍हें यह कहते हुए संकेत दिया था, “मैं जिसका चुम्‍बन करूँगा, वही है। उसे पकड़ लेना।” उसने तुरन्‍त येशु के पास आ कर कहा, “गुरुवर! प्रणाम!” और उनका चुम्‍बन किया। येशु ने उससे कहा, “मित्र! जो करने आए हो, उसे कर लो।” तब लोग आगे बढ़ आए और उन्‍होंने येशु पर हाथ डाले और उन्‍हें गिरफ्‍तार कर लिया। इस पर येशु के एक साथी ने अपनी तलवार खींच ली और प्रधान महापुरोहित के सेवक पर चला कर उसका कान उड़ा दिया। येशु ने उससे कहा, “तलवार म्‍यान में कर लो, क्‍योंकि जो तलवार उठाते हैं, वे तलवार से ही मारे जाते हैं। क्‍या तुम यह समझते हो कि मैं अपने पिता से सहायता नहीं माँग सकता? क्‍या वह इसी क्षण मेरे लिए स्‍वर्गदूतों की बारह से भी अधिक सेनाएँ नहीं भेज देगा? लेकिन तब धर्मग्रन्‍थ का लेख कैसे पूरा होगा, जिसके अनुसार ऐसा होना अनिवार्य है?” उस समय येशु ने भीड़ से कहा, “क्‍या तुम लोग मुझे डाकू समझते हो, जो तलवारें और लाठियाँ ले कर मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मन्‍दिर में बैठ कर शिक्षा दिया करता था, फिर भी तुम ने मुझे गिरफ्‍तार नहीं किया। यह सब इसलिए हुआ कि नबियों के ग्रन्‍थों में जो लिखा है, वह पूरा हो जाए।” तब सब शिष्‍य येशु को छोड़कर भाग गये। जिन्‍होंने येशु को गिरफ्‍तार किया था, वे उन्‍हें प्रधान महापुरोहित काइफा के यहाँ ले गये, जहाँ शास्‍त्री और धर्मवृद्ध इकट्ठे हो गये थे। पतरस कुछ दूरी पर येशु के पीछे-पीछे गया। वह प्रधान महापुरोहित के भवन के आंगन तक गया और परिणाम जानने के लिए भीतर जाकर सेवकों के साथ बैठ गया। महापुरोहित और सारी धर्म-महासभा येशु को मार डालने के उद्देश्‍य से उनके विरुद्ध झूठी गवाही खोज रही थी, परन्‍तु वह मिली नहीं, यद्यपि बहुत-से झूठे गवाह सामने आए। अन्‍त में दो गवाह आकर बोले, “इस व्यक्‍ति ने कहा था, ‘मैं परमेश्‍वर का मन्‍दिर ढा सकता हूँ और तीन दिनों में उसे फिर बना सकता हूँ।” इस पर प्रधान महापुरोहित ने खड़ा हो कर येशु से कहा, “ये लोग तुम्‍हारे विरुद्ध जो गवाही दे रहे हैं, क्‍या इसका उत्तर तुम्‍हारे पास नहीं है?” परन्‍तु येशु चुप रहे। तब प्रधान महापुरोहित ने येशु से कहा, “तुम्‍हें जीवन्‍त परमेश्‍वर की शपथ! यदि तुम मसीह हो, परमेश्‍वर के पुत्र हो, तो हमें बता दो।” येशु ने उत्तर दिया, “आपने कह दिया। मैं आप लोगों से यह भी कहता हूँ, अब से आप मानव-पुत्र को सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की दाहिनी ओर विराजमान और आकाश के बादलों पर आता हुआ देखेंगे।” इस पर प्रधान महापुरोहित ने अपने वस्‍त्र फाड़े और कहा, “इसने ईश-निन्‍दा की है। तो अब हमें गवाहों की जरूरत ही क्‍या है? अभी-अभी आप लोगों ने ईश-निन्‍दा सुनी है। आप लोगों का क्‍या विचार है?” उन्‍होंने उत्तर दिया, “यह प्राणदण्‍ड के योग्‍य है।” तब उन्‍होंने येशु के मुँह पर थूका और उन्‍हें घूँसे मारे। कुछ लोगों ने उन्‍हें थप्‍पड़ मारते हुए यह कहा, “मसीह! यदि तू नबी है, तो हमें बता कि तुझे किसने मारा?” पतरस उस समय बाहर आंगन में बैठा हुआ था। एक सेविका ने पास आ कर उस से कहा, “तुम भी गलील-निवासी येशु के साथ थे।” किन्‍तु उसने सब के सामने अस्‍वीकार करते हुए कहा, “मैं नहीं जानता कि तुम क्‍या कह रही हो।” इसके बाद पतरस बाहर प्रवेश-द्वार पर चला गया। किन्‍तु एक दूसरी सेविका ने उसे देख लिया और वहाँ खड़े हुए लोगों से कहा, “यह व्यक्‍ति येशु नासरी के साथ था।” पतरस ने शपथ खा कर फिर अस्‍वीकार किया और कहा, “मैं उस मनुष्‍य को नहीं जानता।” इसके थोड़ी देर बाद आसपास खड़े लोग पतरस के पास आए और बोले, “निश्‍चय ही तुम भी उन्‍हीं लोगों में से एक हो। यह तो तुम्‍हारी बोली से ही स्‍पष्‍ट है।” तब पतरस अपने आप को कोसने और शपथ खा कर कहने लगा, “मैं उस मनुष्‍य को जानता तक नहीं।” ठीक उसी समय मुर्गे ने बाँग दी। अब पतरस को येशु के वे शब्‍द स्‍मरण हुए जो उन्‍होंने उससे कहे थे : “मुर्गे के बाँग देने से पहले ही तुम मुझे तीन बार अस्‍वीकार करोगे,” और वह बाहर निकल कर फूट-फूट कर रोने लगा।

मत्ती 26:31-75 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब यीशु ने उन से कहा; तुम सब आज ही रात को मेरे विषय में ठोकर खाओगे; क्योंकि लिखा है, कि मैं चरवाहे को मारूंगा; और झुण्ड की भेड़ें तित्तर बित्तर हो जाएंगी। परन्तु मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊंगा। इस पर पतरस ने उस से कहा, यदि सब तेरे विषय में ठोकर खाएं तो खाएं, परन्तु मैं कभी भी ठोकर न खाऊंगा। यीशु ने उस से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि आज ही रात को मुर्गे के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मुझ से मुकर जाएगा। पतरस ने उस से कहा, यदि मुझे तेरे साथ मरना भी हो, तौभी, मैं तुझ से कभी न मुकरूंगा: और ऐसा ही सब चेलों ने भी कहा॥ तब यीशु ने अपने चेलों के साथ गतसमनी नाम एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा कि यहीं बैठे रहना, जब तक कि मैं वहां जाकर प्रार्थना करूं। और वह पतरस और जब्दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। तब उस ने उन से कहा; मेरा जी बहुत उदास है, यहां तक कि मेरे प्राण निकला चाहते: तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो। फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो। फिर चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया, और पतरस से कहा; क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके? जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है। फिर उस ने दूसरी बार जाकर यह प्रार्थना की; कि हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो। तब उस ने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उन की आंखें नींद से भरी थीं। और उन्हें छोड़कर फिर चला गया, और वही बात फिर कहकर, तीसरी बार प्रार्थना की। तब उस ने चेलों के पास आकर उन से कहा; अब सोते रहो, और विश्राम करो: देखो, घड़ी आ पहुंची है, और मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वाने वाला निकट आ पहुंचा है॥ वह यह कह ही रहा था, कि देखो यहूदा जो बारहों में से एक था, आया, और उसके साथ महायाजकों और लोगों के पुरनियों की ओर से बड़ी भीड़, तलवारें और लाठियां लिए हुए आई। उसके पकड़वाने वाले ने उन्हें यह पता दिया था कि जिस को मैं चूम लूं वही है; उसे पकड़ लेना। और तुरन्त यीशु के पास आकर कहा; हे रब्बी नमस्कार; और उस को बहुत चूमा। यीशु ने उस से कहा; हे मित्र, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले। तब उन्होंने पास आकर यीशु पर हाथ डाले, और उसे पकड़ लिया। और देखो, यीशु के साथियों में से एक ने हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के दास पर चलाकर उस का कान उड़ा दिया। तब यीशु ने उस से कहा; अपनी तलवार काठी में रख ले क्योंकि जो तलवार चलाते हैं, वे सब तलवार से नाश किए जाएंगे। क्या तू नहीं समझता, कि मैं अपने पिता से बिनती कर सकता हूं, और वह स्वर्गदूतों की बारह पलटन से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा? परन्तु पवित्र शास्त्र की वे बातें कि ऐसा ही होना अवश्य है, क्योंकर पूरी होंगी? उसी घड़ी यीशु ने भीड़ से कहा; क्या तुम तलवारें और लाठियां लेकर मुझे डाकू के समान पकड़ने के लिये निकले हो? मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा। परन्तु यह सब इसलिये हुआ है, कि भविष्यद्वक्ताओं के वचन के पूरे हों: तब सब चेले उसे छोड़कर भाग गए॥ और यीशु के पकड़ने वाले उस को काइफा नाम महायाजक के पास ले गए, जहां शास्त्री और पुरिनए इकट्ठे हुए थे। और पतरस दूर से उसके पीछे पीछे महायाजक के आंगन तक गया, और भीतर जाकर अन्त देखने को प्यादों के साथ बैठ गया। महायाजक और सारी महासभा यीशु को मार डालने के लिये उसके विरोध में झूठी गवाही की खोज में थे। परन्तु बहुत से झूठे गवाहों के आने पर भी न पाई। अन्त में दो जनों ने आकर कहा, कि उस ने कहा है; कि मैं परमेश्वर के मन्दिर को ढा सकता हूं और उसे तीन दिन में बना सकता हूं। तब महायाजक ने खड़े होकर उस से कहा, क्या तू कोई उत्तर नहीं देता? ये लोग तेरे विरोध में क्या गवाही देते हैं? परन्तु यीशु चुप रहा: महायाजक ने उस से कहा। मैं तुझे जीवते परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि यदि तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है, तो हम से कह दे। यीशु ने उस से कहा; तू ने आप ही कह दिया: वरन मैं तुम से यह भी कहता हूं, कि अब से तुम मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों पर आते देखोगे। तब महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़कर कहा, इस ने परमेश्वर की निन्दा की है, अब हमें गवाहों का क्या प्रयोजन? देखो, तुम ने अभी यह निन्दा सुनी है! तुम क्या समझते हो? उन्होंने उत्तर दिया, यह वध होने के योग्य है। तब उन्होंने उस के मुंह पर थूका, और उसे घूंसे मारे, औरों ने थप्पड़ मार के कहा। हे मसीह, हम से भविष्यद्ववाणी करके कह: कि किस ने तुझे मारा? और पतरस बाहर आंगन में बैठा हुआ था: कि एक लौंड़ी ने उसके पास आकर कहा; तू भी यीशु गलीली के साथ था। उस ने सब के साम्हने यह कह कर इन्कार किया और कहा, मैं नहीं जानता तू क्या कह रही है। जब वह बाहर डेवढ़ी में चला गया, तो दूसरी ने उसे देखकर उन से जो वहां थे कहा; यह भी तो यीशु नासरी के साथ था। उस ने शपथ खाकर फिर इन्कार किया कि मैं उस मनुष्य को नहीं जानता। थोड़ी देर के बाद, जो वहां खड़े थे, उन्होंने पतरस के पास आकर उस से कहा, सचमुच तू भी उन में से एक है; क्योंकि तेरी बोली तेरा भेद खोल देती है। तब वह धिक्कार देने और शपथ खाने लगा, कि मैं उस मनुष्य को नहीं जानता; और तुरन्त मुर्ग ने बांग दी। तब पतरस को यीशु की कही हुई बात स्मरण आई की मुर्ग के बांग देने से पहिले तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा और वह बाहर जाकर फूट फूट कर रोने लगा॥

मत्ती 26:31-75 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब यीशु ने उनसे कहा, “तुम सब आज ही रात को मेरे विषय में ठोकर खाओगे; क्योंकि लिखा है, ‘मैं चरवाहे को मारूँगा; और झुण्ड की भेड़ें तितर-बितर हो जाएँगी।’ “परन्तु मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊँगा।” इस पर पतरस ने उससे कहा, “यदि सब तेरे विषय में ठोकर खाएँ तो खाएँ, परन्तु मैं कभी भी ठोकर न खाऊँगा।” यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ से सच कहता हूँ, कि आज ही रात को मुर्गे के बाँग देने से पहले, तू तीन बार मुझसे मुकर जाएगा।” पतरस ने उससे कहा, “यदि मुझे तेरे साथ मरना भी हो, तो भी, मैं तुझ से कभी न मुकरूँगा।” और ऐसा ही सब चेलों ने भी कहा। तब यीशु ने अपने चेलों के साथ गतसमनी नामक एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा “यहीं बैठे रहना, जब तक कि मैं वहाँ जाकर प्रार्थना करूँ।” और वह पतरस और जब्दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। तब उसने उनसे कहा, “मेरा मन बहुत उदास है, यहाँ तक कि मेरा प्राण निकला जा रहा है। तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो।” फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुँह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, “हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझसे टल जाए, फिर भी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।” फिर चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया, और पतरस से कहा, “क्या तुम मेरे साथ एक घण्टे भर न जाग सके? जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो! आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है।” फिर उसने दूसरी बार जाकर यह प्रार्थना की, “हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो।” तब उसने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उनकी आँखें नींद से भरी थीं। और उन्हें छोड़कर फिर चला गया, और वही बात फिर कहकर, तीसरी बार प्रार्थना की। तब उसने चेलों के पास आकर उनसे कहा, “अब सोते रहो, और विश्राम करो: देखो, समय आ पहुँचा है, और मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वानेवाला निकट आ पहुँचा है।” वह यह कह ही रहा था, कि यहूदा जो बारहों में से एक था, आया, और उसके साथ प्रधान याजकों और लोगों के प्राचीनों की ओर से बड़ी भीड़, तलवारें और लाठियाँ लिए हुए आई। उसके पकड़वानेवाले ने उन्हें यह पता दिया था: “जिसको मैं चूम लूँ वही है; उसे पकड़ लेना।” और तुरन्त यीशु के पास आकर कहा, “हे रब्बी, नमस्कार!” और उसको बहुत चूमा। यीशु ने उससे कहा, “हे मित्र, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले।” तब उन्होंने पास आकर यीशु पर हाथ डाले और उसे पकड़ लिया। तब यीशु के साथियों में से एक ने हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के दास पर चलाकर उसका कान काट दिया। तब यीशु ने उससे कहा, “अपनी तलवार म्यान में रख ले क्योंकि जो तलवार चलाते हैं, वे सब तलवार से नाश किए जाएँगे। क्या तू नहीं समझता, कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूँ, और वह स्वर्गदूतों की बारह सैन्य-दल से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा? परन्तु पवित्रशास्त्र की वे बातें कि ऐसा ही होना अवश्य है, कैसे पूरी होंगी?” उसी समय यीशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ लेकर मुझे डाकू के समान पकड़ने के लिये निकले हो? मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा। परन्तु यह सब इसलिए हुआ है, कि भविष्यद्वक्ताओं के वचन पूरे हों।” तब सब चेले उसे छोड़कर भाग गए। और यीशु के पकड़नेवाले उसको कैफा नामक महायाजक के पास ले गए, जहाँ शास्त्री और पुरनिए इकट्ठे हुए थे। और पतरस दूर से उसके पीछे-पीछे महायाजक के आँगन तक गया, और भीतर जाकर अन्त देखने को सेवकों के साथ बैठ गया। प्रधान याजक और सारी महासभा यीशु को मार डालने के लिये उसके विरोध में झूठी गवाही की खोज में थे। परन्तु बहुत से झूठे गवाहों के आने पर भी न पाई। अन्त में दो जन आए, और कहा, “इसने कहा कि मैं परमेश्वर के मन्दिर को ढा सकता हूँ और उसे तीन दिन में बना सकता हूँ।” तब महायाजक ने खड़े होकर उससे कहा, “क्या तू कोई उत्तर नहीं देता? ये लोग तेरे विरोध में क्या गवाही देते हैं?” परन्तु यीशु चुप रहा। तब महायाजक ने उससे कहा “मैं तुझे जीविते परमेश्वर की शपथ देता हूँ, कि यदि तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है, तो हम से कह दे।” यीशु ने उससे कहा, “तूने आप ही कह दिया; वरन् मैं तुम से यह भी कहता हूँ, कि अब से तुम मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों पर आते देखोगे।” तब महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़कर कहा, “इसने परमेश्वर की निन्दा की है, अब हमें गवाहों का क्या प्रयोजन? देखो, तुम ने अभी यह निन्दा सुनी है! तुम क्या समझते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “यह मृत्युदण्ड के योग्य है।” तब उन्होंने उसके मुँह पर थूका और उसे घूँसे मारे, दूसरों ने थप्पड़ मार के कहा, “हे मसीह, हम से भविष्यद्वाणी करके कह कि किसने तुझे मारा?” पतरस बाहर आँगन में बैठा हुआ था कि एक दासी ने उसके पास आकर कहा, “तू भी यीशु गलीली के साथ था।” उसने सब के सामने यह कहकर इन्कार किया और कहा, “मैं नहीं जानता तू क्या कह रही है।” जब वह बाहर द्वार में चला गया, तो दूसरी दासी ने उसे देखकर उनसे जो वहाँ थे कहा, “यह भी तो यीशु नासरी के साथ था।” उसने शपथ खाकर फिर इन्कार किया, “मैं उस मनुष्य को नहीं जानता।” थोड़ी देर के बाद, जो वहाँ खड़े थे, उन्होंने पतरस के पास आकर उससे कहा, “सचमुच तू भी उनमें से एक है; क्योंकि तेरी बोली तेरा भेद खोल देती है।” तब वह कोसने और शपथ खाने लगा, “मैं उस मनुष्य को नहीं जानता।” और तुरन्त मुर्गे ने बाँग दी। तब पतरस को यीशु की कही हुई बात स्मरण आई, “मुर्गे के बाँग देने से पहले तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा।” और वह बाहर जाकर फूट फूटकर रोने लगा।

मत्ती 26:31-75 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

येशु ने शिष्यों से कहा, “आज रात तुम सभी मेरा साथ छोड़कर चले जाओगे, जैसा कि इस संबंध में पवित्र शास्त्र का लेख है: “ ‘मैं चरवाहे का संहार करूंगा और, झुंड की सभी भेड़ें तितर-बितर हो जाएंगी.’ हां, पुनर्जीवित किए जाने के बाद मैं तुमसे पहले गलील प्रदेश पहुंच जाऊंगा.” किंतु पेतरॉस ने येशु से कहा, “सभी शिष्य आपका साथ छोड़कर जाएं तो जाएं किंतु मैं आपका साथ कभी न छोड़ूंगा.” येशु ने उनसे कहा, “सच्चाई तो यह है कि आज ही रात में, इसके पहले कि मुर्ग बांग दे, तुम मुझे तीन बार नकार चुके होंगे.” पेतरॉस ने दोबारा उनसे कहा, “मुझे आपके साथ यदि मृत्यु को भी गले लगाना पड़े तो भी मैं आपको नहीं नकारूंगा.” अन्य सभी शिष्यों ने यही दोहराया. तब येशु उनके साथ गेतसेमनी नामक स्थान पर पहुंचे. उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, “तुम यहीं बैठो जब तक मैं वहां जाकर प्रार्थना करता हूं.” फिर वह पेतरॉस और ज़ेबेदियॉस के दोनों पुत्रों को अपने साथ ले आगे चले गए. वहां येशु अत्यंत उदास और व्याकुल होने लगे. उन्होंने शिष्यों से कहा, “मेरे प्राण इतने अधिक उदास हैं, मानो मेरी मृत्यु हो रही हो. मेरे साथ तुम भी जागते रहो.” तब येशु उनसे थोड़ी ही दूर जा मुख के बल गिरकर प्रार्थना करने लगे. उन्होंने परमेश्वर से निवेदन किया, “मेरे पिता, यदि संभव हो तो यह प्याला मुझसे टल जाए; फिर भी मेरी नहीं परंतु आपकी इच्छा के अनुरूप हो.” जब वह अपने शिष्यों के पास लौटे तो उन्हें सोया हुआ देख उन्होंने पेतरॉस से कहा, “अच्छा, तुम मेरे साथ एक घंटा भी सजग न रह सके! सजग रहो, प्रार्थना करते रहो, ऐसा न हो कि तुम परीक्षा में पड़ जाओ. हां, निःसंदेह आत्मा तो तैयार है किंतु शरीर दुर्बल.” तब येशु ने दूसरी बार जाकर प्रार्थना की, “मेरे पिता, यदि यह प्याला मेरे पिए बिना मुझसे टल नहीं सकता तो आप ही की इच्छा पूरी हो.” वह दोबारा लौटकर आए तो देखा कि शिष्य सोए हुए हैं—क्योंकि उनकी पलकें बोझिल थी. एक बार फिर वह उन्हें छोड़ आगे चले गए और तीसरी बार प्रार्थना की और उन्होंने प्रार्थना में वही सब दोहराया. तब वह शिष्यों के पास लौटे और उनसे कहा, “क्या तुम अभी भी सो रहे और आराम कर रहे हो? बहुत हो गया! देखो! आ गया है वह क्षण! मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथों पकड़वाया जा रहा है. उठो! यहां से चलें. देखो, जो मुझे पकड़वाने पर है, वह आ गया!” येशु अपना कथन समाप्‍त भी न कर पाए थे कि यहूदाह, जो बारह शिष्यों में से एक था, वहां आ पहुंचा. उसके साथ एक बड़ी भीड़ थी, जो तलवारें और लाठियां लिए हुए थी. ये सब प्रधान पुरोहितों और पुरनियों की ओर से भेजे गए थे. येशु के विश्वासघाती ने उन्हें यह संकेत दिया था: “मैं जिसे चूमूं, वही होगा वह. उसे ही पकड़ लेना.” वहां पहुंचते ही यहूदाह सीधे मसीह येशु के पास गया और उनसे कहा, “प्रणाम, रब्बी!” और उन्हें चूम लिया. येशु ने यहूदाह से कहा, “मेरे मित्र, जिस काम के लिए आए हो, उसे पूरा कर लो.” उन्होंने आकर येशु को पकड़ लिया. येशु के शिष्यों में से एक ने तलवार खींची और महापुरोहित के दास पर चला दी जिससे उसका कान कट गया. येशु ने उस शिष्य से कहा, “अपनी तलवार को म्यान में रखो! जो तलवार उठाते हैं, वे तलवार से ही नाश किए जाएंगे. क्या तुम यह तो सोच रहे कि मैं अपने पिता से विनती नहीं कर सकता और वह मेरे लिए स्वर्गदूतों के बारह या उससे अधिक लेगिओन (बड़ी सेना) नहीं भेज सकते? फिर भला पवित्र शास्त्र के लेख कैसे पूरे होंगे, जिनमें लिखा है कि यह सब इसी प्रकार होना अवश्य है?” तब येशु ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “क्या तुम्हें मुझे पकड़ने के लिए तलवारें और लाठियां लेकर आने की ज़रूरत थी, जैसे किसी डाकू को पकड़ने के लिए होती है? मैं तो प्रतिदिन मंदिर में बैठकर शिक्षा दिया करता था! तब तुमने मुझे नहीं पकड़ा! यह सब इसलिये हुआ है कि भविष्यद्वक्ताओं के लेख पूरे हों.” इस समय सभी शिष्य उन्हें छोड़कर भाग चुके थे. जिन्होंने येशु को पकड़ा था वे उन्हें महापुरोहित कायाफ़स के यहां ले गए, जहां शास्त्री तथा पुरनिये इकट्ठा थे. पेतरॉस कुछ दूरी पर येशु के पीछे-पीछे चलते हुए महापुरोहित के आंगन में आ पहुंचे और वहां वह प्रहरियों के साथ बैठ गए कि देखें आगे क्या-क्या होता है. मसीह येशु को मृत्यु दंड देने की इच्छा लिए हुए प्रधान पुरोहित तथा पूरी महासभा मसीह येशु के विरुद्ध झूठे गवाह खोजने का यत्न कर रही थी, किंतु इसमें वे विफल ही रहे. यद्यपि अनेक झूठे गवाह सामने आए, किंतु मृत्यु दंड के लिए आवश्यक दो सहमत गवाह उन्हें फिर भी न मिले. आखिर दो गवाह सामने आए जिन्होंने कहा, “यह व्यक्ति कहता था, ‘मैं परमेश्वर के मंदिर को नाश करके उसे तीन दिन में दोबारा खड़ा करने में समर्थ हूं.’ ” तब महापुरोहित खड़े हुए तथा मसीह येशु से पूछा, “क्या तुम्हें अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है? ये सब तुम्हारे विरुद्ध क्या-क्या गवाही दे रहे हैं!” येशु मौन ही रहे. तब महापुरोहित ने येशु से कहा, “मैं तुम्हें जीवित परमेश्वर की शपथ देता हूं कि तुम हमें बताओ, क्या तुम ही मसीह, परमेश्वर के पुत्र हो?” येशु ने उसे उत्तर दिया, “आपने यह स्वयं कह दिया है, फिर भी, मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि इसके बाद आप मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान की दायीं ओर बैठे तथा आकाश के बादलों पर आता हुआ देखेंगे.” यह सुनना था कि महापुरोहित ने अपने वस्त्र फाड़ डाले और कहा, “परमेश्वर-निंदा की है इसने! क्या अब भी गवाहों की ज़रूरत है? आप सभी ने स्वयं यह परमेश्वर-निंदा सुनी है. अब क्या विचार है आपका?” सभी परिषद ने उत्तर दिया, “यह मृत्यु दंड के योग्य है.” तब उन्होंने येशु के मुख पर थूका, उन पर घूंसों से प्रहार किया, कुछ ने उन्हें थप्पड़ भी मारे और फिर उनसे प्रश्न किया, “मसीह! भविष्यवाणी कीजिए, कि आपको किसने मारा है?” पेतरॉस आंगन में बैठे हुए थे. एक दासी वहां से निकली और पेतरॉस से पूछने लगी, “तुम भी तो उस गलीलवासी येशु के साथ थे न?” किंतु पेतरॉस ने सबके सामने यह कहते हुए इस सच को नकार दिया: “क्या कह रही हो? मैं समझा नहीं!” जब पेतरॉस द्वार से बाहर निकले, एक दूसरी दासी ने पेतरॉस को देख वहां उपस्थित लोगों से कहा, “यह व्यक्ति नाज़रेथ के येशु के साथ था.” एक बार फिर पेतरॉस ने शपथ खाकर नकारते हुए कहा, “मैं उस व्यक्ति को नहीं जानता.” कुछ समय बाद एक व्यक्ति ने पेतरॉस के पास आकर कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं कि तुम भी उनमें से एक हो. तुम्हारी भाषा-शैली से यह स्पष्ट हो रहा है.” पेतरॉस अपशब्द कहते हुए शपथ खाकर कहने लगे, “मैं उस व्यक्ति को नहीं जानता!” उनका यह कहना था कि मुर्ग ने बांग दी. पेतरॉस को येशु की वह कही हुई बात याद आई, “इसके पूर्व कि मुर्ग बांग दे तुम मुझे तीन बार नकार चुके होगे.” पेतरॉस बाहर गए और फूट-फूटकर रोने लगे.