लूकस 23:44-49
लूकस 23:44-49 पवित्र बाइबल (HERV)
उस समय दिन के बारह बजे होंगे तभी तीन बजे तक समूची धरती पर गहरा अंधकार छा गया। सूरज भी नहीं चमक रहा था। उधर मन्दिर में परदा फट कर दो टुकड़े हो गया। यीशु ने ऊँचे स्वर में पुकारा, “हे परम पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों सौंपता हूँ।” यह कहकर उसने प्राण छोड़ दिये। जब रोमी सेनानायक ने, जो कुछ घटा था, उसे देखा तो परमेश्वर की प्रशंसा करते हुए उसने कहा, “यह निश्चय ही एक अच्छा मनुष्य था!” जब वहाँ देखने आये एकत्र लोगों ने, जो कुछ हुआ था, उसे देखा तो वे अपनी छाती पीटते लौट गये। किन्तु वे सभी जो उसे जानते थे, उन स्त्रियों समेत, जो गलील से उसके पीछे पीछे आ रहीं थीं, इन बातों को देखने कुछ दूरी पर खड़े थे।
लूकस 23:44-49 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
लगभग दोपहर का समय था। उस समय से तीसरे पहर तक सारे देश में अंधेरा छाया रहा। सूर्य का प्रकाश जाता रहा और मन्दिर का परदा बीच से फट कर दो टुकड़े हो गया। येशु ने ऊंचे स्वर से पुकार कर कहा, “पिता! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपता हूँ”, और यह कह कर उन्होंने प्राण त्याग दिये। शतपति ने यह घटना देख कर परमेश्वर की स्तुति की और यह कहा, “निश्चय ही, यह मनुष्य धर्मात्मा था।” बहुत-से लोग यह दृश्य देखने के लिए इकट्ठे हो गये थे। वे सब इन घटनाओं को देख कर अपनी छाती पीटते हुए लौट गये। येशु के सब परिचित व्यक्ति कुछ दूर खड़े थे। उनमें स्त्रियाँ भी थीं, जो गलील प्रदेश से येशु के पीछे-पीछे आयी थीं और यह सब देख रही थीं।
लूकस 23:44-49 Hindi Holy Bible (HHBD)
और लगभग दो पहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अन्धियारा छाया रहा। और सूर्य का उजियाला जाता रहा, और मन्दिर का परदा बीच में फट गया। और यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा; हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं: और यह कहकर प्राण छोड़ दिए। सूबेदार ने, जो कुछ हुआ था देखकर, परमेश्वर की बड़ाई की, और कहा; निश्चय यह मनुष्य धर्मी था। और भीड़ जो यह देखने को इकट्ठी हुई भी, इस घटना को, देखकर छाती- पीटती हुई लौट गई। और उसके सब जान पहचान, और जो स्त्रियां गलील से उसके साथ आई थीं, दूर खड़ी हुई यह सब देख रही थीं॥
लूकस 23:44-49 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
लगभग दो पहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अन्धियारा छाया रहा, और सूर्य का उजियाला जाता रहा, और मन्दिर का परदा बीच से फट गया, और यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, “हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” और यह कहकर प्राण छोड़ दिए। सूबेदार ने, जो कुछ हुआ था देखकर परमेश्वर की बड़ाई की, और कहा, “निश्चय यह मनुष्य धर्मी था।” और भीड़ जो यह देखने को इकट्ठी हुई थी, इस घटना को देखकर छाती पीटती हुई लौट गई। पर उसके सब जान पहचान, और जो स्त्रियाँ गलील से उसके साथ आई थीं, दूर खड़ी हुई यह सब देख रहीं थीं।
लूकस 23:44-49 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
और लगभग दोपहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अंधियारा छाया रहा, और सूर्य का उजियाला जाता रहा, और मन्दिर का परदा बीच से फट गया, (आमो. 8:9; इब्रा. 10:19) और यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” और यह कहकर प्राण छोड़ दिए। सूबेदार ने, जो कुछ हुआ था देखकर परमेश्वर की बड़ाई की, और कहा, “निश्चय यह मनुष्य धर्मी था।” और भीड़ जो यह देखने को इकट्ठी हुई थी, इस घटना को देखकर छाती पीटती हुई लौट गई। और उसके सब जान-पहचान, और जो स्त्रियाँ गलील से उसके साथ आई थीं, दूर खड़ी हुई यह सब देख रही थीं। (भज. 38:11, भज. 88:8)
लूकस 23:44-49 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
यह दिन का मध्याह्न था. सारे क्षेत्र पर अंधकार छा गया और यह तीन बजे तक छाया रहा. सूर्य अंधियारा हो गया, मंदिर का पर्दा फटकर दो भागों में बांट दिया गया. प्रभु येशु ने ऊंचे शब्द में पुकारते हुए कहा, “पिता! मैं अपनी आत्मा आपके हाथों में सौंपता हूं.” यह कहते हुए उन्होंने प्राण त्याग दिए. वह शताधिपति, जो यह सब देख रहा था, यह कहते हुए परमेश्वर की वंदना करने लगा, “सचमुच यह व्यक्ति निर्दोष था.” इस घटना को देखने के लिए इकट्ठा भीड़ यह सब देख छाती पीटकर विलाप करती हुई घर लौट गयी. प्रभु येशु के परिचित और गलील प्रदेश से प्रभु येशु के साथ आई स्त्रियां कुछ दूर खड़ी हुई ये सब देख रही थी.