लेवीय व्यवस्था 25:35-37
लेवीय व्यवस्था 25:35-37 पवित्र बाइबल (HERV)
“सम्भवत: तुम्हारे देश का कोई व्यक्ति इतना अधिक गरीब हो जाए कि अपना भरण पोषण न कर सके। तुम उसे एक अतिथि की तरह जीवित रखोगे। उसे दिए गए अपने कर्ज पर कोई सूद मत लो। अपने परमेश्वर का सम्मान करो और अपने भाई को अपने साथ रहने दो। उसे सूद पर पैसा उधार मत दो। जो भोजन वह करे, उस पर कोई लाभ लेने का प्रयत्न मत करो।
लेवीय व्यवस्था 25:35-37 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
‘यदि तुम्हारा जाति-भाई अथवा बहिन दरिद्र हो जाए, और वह अपना हाथ तुम्हारे सम्मुख फैलाए तो तुम उसको संभालना। वह प्रवासी अथवा अस्थायी प्रवासी के समान तुम्हारे साथ निवास करेगा। उससे ब्याज अथवा अधिक धन मत लेना, वरन् अपने परमेश्वर से डरना, जिससे तुम्हारा जाति-भाई अथवा बहिन भी तुम्हारे साथ जीवित रहे। तुम उसको ब्याज पर रुपया नहीं देना, और न लाभ कमाने के उद्देश्य से भोजन-वस्तु।
लेवीय व्यवस्था 25:35-37 Hindi Holy Bible (HHBD)
फिर यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे साम्हने तरस योग्य हो जाए, तो तू उसको संभालना; वह परदेशी वा यात्री की नाईं तेरे संग रहे। उससे ब्याज वा बढ़ती न लेना; अपने परमेश्वर का भय मानना; जिस से तेरा भाईबन्धु तेरे संग जीवन निर्वाह कर सके। उसको ब्याज पर रूपया न देना, और न उसको भोजनवस्तु लाभ के लालच से देना।
लेवीय व्यवस्था 25:35-37 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
“फिर यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे सामने तरस योग्य हो जाए, तो तू उसको सम्भालना; वह परदेशी या यात्री के समान तेरे संग रहे। उससे ब्याज या बढ़ती न लेना; परमेश्वर का भय मानना; जिससे तेरा भाईबन्धु तेरे संग जीवन निर्वाह कर सके। उसको ब्याज पर रुपया न देना, और न उसको भोजनवस्तु लाभ के लालच से देना।
लेवीय व्यवस्था 25:35-37 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
“फिर यदि तेरा कोई भाई-बन्धु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे सामने तरस योग्य हो जाए, तो तू उसको सम्भालना; वह परदेशी या यात्री के समान तेरे संग रहे। उससे ब्याज या बढ़ती न लेना; अपने परमेश्वर का भय मानना; जिससे तेरा भाई-बन्धु तेरे संग जीवन निर्वाह कर सके। (लूका 6:35) उसको ब्याज पर रुपया न देना, और न उसको भोजनवस्तु लाभ के लालच से देना।
लेवीय व्यवस्था 25:35-37 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
“ ‘यदि तुम्हारा कोई भाई-बन्धु कंगाल हो जाए, और यदि वह अपना हाथ तुम्हारे सामने फैलाए, तो तुम उसकी ठीक उसी प्रकार सहायता करना, मानो वह कोई विदेशी अथवा यात्री हो ताकि वह तुम्हारे साथ रह सके. उससे ब्याज अथवा लाभ न लिया जाए, बल्कि तुम अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा रखना कि तुम्हारा भाई-बन्धु तुम्हारे साथ रह सके. तुम उसे न तो अपना धन ब्याज पर दोगे और न ही भोजन लाभ कमाने के लालच से.