लेवीय व्‍यवस्‍था 13:1-8

लेवीय व्‍यवस्‍था 13:1-8 पवित्र बाइबल (HERV)

यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “किसी व्यक्ति के चर्म पर कोई भयंकर सूजन हो सकती है, या खुजली अथवा सफेद दाग हो सकते हैं। यदि घाव चर्मरोग की तरह दिखाई पड़े तो व्यक्ति को याजक हारून या उसके किसी एक याजक पुत्र के पास लाया जाना चाहिए। याजकों को व्यक्ति के चर्म के घाव को देखना चाहिए। यदि घाव के बाल सफेद हो गए हों और घाव व्यक्ति के चर्म से अधिक गहरा मालूम हो तो यह भयंकर चर्म रोग है। जब याजक व्यक्ति की जाँच खत्म करे तो उसे घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति अशुद्ध है। “कभी कभी किसी व्यक्ति के चर्म पर कोई सफेद दाग हो जाता है किन्तु दाग चर्म से गहरा नहीं मालूम होता। यदि वह सत्य हो तो याजक उस व्यक्ति को सात दिन के लिए अन्य लोगों से अलग करे। सातवे दिन याजक को उस व्यक्ति की जाँच करनी चाहिए। यदि याजक देखे कि घाव में परिवर्तन नहीं हुआ है और वह चर्म पर और अधिक फैला नहीं है तो याजक को और सात दिन के लिए उसे अलग करना चाहिए। सात दिन बाद याजक को उस व्यक्ति की फिर जांच करनी चाहिए। यदि घाव सूख गया हो और चरम पर फैला न हो, तो याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति शुद्ध है। वह केवल एक खुरंड है। तब रोगी को अपने वस्त्र धोने चाहिए और फिर से शुद्ध होना चाहिए। “किन्तु यदि व्यक्ति ने याजक को फिर अपने आपको सुद्ध बनाने के लिए दिखा लिया हो और उसके बाद चर्मरोग त्वचा पर अधिक फैलने लगे तो उस व्यक्ति को फिर याजक के पास आना चाहिए। याजक को जाँच करके देखना चाहिए। यदि घाव चर्म पर फैला हो तो याजक को घोषमा करनी चाहिए कि वह व्यक्ति अशुद्ध है अर्थात् उसे कोई भयानक चर्मरोग है।

लेवीय व्‍यवस्‍था 13:1-8 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

प्रभु मूसा और हारून से बोला, ‘जब किसी मनुष्‍य के शरीर की त्‍वचा पर सूजन, अथवा पपड़ी या दाग हो, उसकी त्‍वचा पर कुष्‍ठ-रोग के सदृश लक्षण दिखाई दें तो वह पुरोहित हारून अथवा उसके पुरोहित पुत्रों में किसी एक के पास लाया जाएगा। पुरोहित उसकी त्‍वचा के रोगग्रस्‍त भाग की जांच करेगा। यदि रोगग्रस्‍त भाग के रोएं सफेद हो गए हैं और रोग त्‍वचा के भीतर गहरा दिखाई देता है तो यह कुष्‍ठ-जैसा चर्म-रोग होगा। जब पुरोहित जांच कर चुकेगा तब उसे अशुद्ध घोषित करेगा। यदि उसके शरीर की त्‍वचा का दाग सफेद है और त्‍वचा के भीतर गहरा नहीं दिखाई देता है, तथा उस भाग के रोएं सफेद नहीं हुए हैं तो पुरोहित रोगग्रस्‍त व्यक्‍ति को सात दिन तक बन्‍द रखेगा। पुरोहित सातवें दिन उसकी जांच करेगा। यदि उसकी दृष्‍टि में रोग ज्‍यों का त्‍यों है, त्‍वचा पर नहीं फैला है तो पुरोहित उसको सात दिन तक और बन्‍द रखेगा। पुरोहित सातवें दिन उसकी पुन: जांच करेगा। यदि रोगग्रस्‍त भाग हलका पड़ गया है, और वह त्‍वचा पर नहीं फैला है तो पुरोहित उसे शुद्ध घोषित करेगा। यह केवल पपड़ी है। वह मनुष्‍य अपने वस्‍त्र धोकर शुद्ध हो जाएगा। परन्‍तु पुरोहित की शुद्धि-घोषणा के हेतु जांच कराने के पश्‍चात् यदि पपड़ी त्‍वचा पर सर्वत्र फैल जाती है तो वह व्यक्‍ति पुरोहित के पास दूसरी बार उपस्‍थित होगा। पुरोहित जांच करेगा। यदि पपड़ी त्‍वचा पर फैल गई है तो पुरोहित उसको अशुद्ध घोषित करेगा। वह कुष्‍ठ जैसा चर्म-रोग है।

लेवीय व्‍यवस्‍था 13:1-8 Hindi Holy Bible (HHBD)

फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, जब किसी मनुष्य के शरीर के चर्म में सूजन वा पपड़ी वा फूल हो, और इस से उसके चर्म में कोढ़ की व्याधि सा कुछ देख पड़े, तो उसे हारून याजक के पास था उसके पुत्र जो याजक हैं उन में से किसी के पास ले जाएं। जब याजक उसके चर्म की व्याधि को देखे, और यदि उस व्याधि के स्थान के रोएं उजले हो गए हों और व्याधि चर्म से गहरी देख पड़े, तो वह जान ले कि कोढ़ की व्याधि है; और याजक उस मनुष्य को देखकर उसको अशुद्ध ठहराए। और यदि वह फूल उसके चर्म में उजला तो हो, परन्तु चर्म से गहरा न देख पड़े, और न वहां के रोएं उजले हो गए हों, तो याजक उन को सात दिन तक बन्दकर रखे; और सातवें दिन याजक उसको देखे, और यदि वह व्याधि जैसी की तैसी बनी रहे और उसके चर्म में न फैली हो, तो याजक उसको और भी सात दिन तक बन्दकर रखे; और सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो, तो याजक उसको शुद्ध ठहराए; क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है; और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए। और यदि याजक की उस जांच के पश्चात जिस में वह शुद्ध ठहराया गया था, वह पपड़ी उसके चर्म पर बहुत फैल जाए, तो वह फिर याजक को दिखाया जाए; और यदि याजक को देख पड़े कि पपड़ी चर्म में फैल गई है, तो वह उसको अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ ही है॥

लेवीय व्‍यवस्‍था 13:1-8 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “जब किसी मनुष्य के शरीर के चर्म में सूजन या पपड़ी या दाग हो, और इससे इसके चर्म में कोढ़ की व्याधि सा कुछ दिखाई पड़े, तो उसे हारून याजक के पास या उसके पुत्र जो याजक हैं उनमें से किसी के पास ले जाएँ। जब याजक उसके चर्म की व्याधि को देखे, और यदि उस व्याधि के स्थान के रोएँ उजले हो गए हों और व्याधि चर्म से गहरी दिखाई पड़े, तो वह जान ले कि कोढ़ की व्याधि है; और याजक उस मनुष्य को देखकर उसको अशुद्ध ठहराए। पर यदि वह दाग उसके चर्म में उजला तो हो, परन्तु चर्म से गहरा न देख पड़े, और न वहाँ के रोएँ उजले हो गए हों, तो याजक उसको सात दिन तक बन्द कर रखे; और सातवें दिन याजक उसको देखे, और यदि वह व्याधि जैसी की तैसी बनी रहे और उसके चर्म में न फैली हो, तो याजक उसको और भी सात दिन तक बन्द कर रखे; और सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो, तो याजक उसको शुद्ध ठहराए; क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है; और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए। पर यदि याजक की उस जाँच के पश्‍चात् जिसमें वह शुद्ध ठहराया गया था, वह पपड़ी उसके चर्म पर बहुत फैल जाए, तो वह फिर याजक को दिखाया जाए; और यदि याजक को देख पड़े कि पपड़ी चर्म में फैल गई है, तो वह उसको अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ ही है।

लेवीय व्‍यवस्‍था 13:1-8 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “जब किसी मनुष्य के शरीर के चर्म में सूजन या पपड़ी या दाग हो, और इससे उसके चर्म में कोढ़ की व्याधि के समान कुछ दिखाई पड़े, तो उसे हारून याजक के पास या उसके पुत्र जो याजक हैं, उनमें से किसी के पास ले जाएँ। जब याजक उसके चर्म की व्याधि को देखे, और यदि उस व्याधि के स्थान के रोएँ उजले हो गए हों और व्याधि चर्म से गहरी दिखाई पड़े, तो वह जान ले कि कोढ़ की व्याधि है; और याजक उस मनुष्य को देखकर उसको अशुद्ध ठहराए। पर यदि वह दाग उसके चर्म में उजला तो हो, परन्तु चर्म से गहरा न देख पड़े, और न वहाँ के रोएँ उजले हो गए हों, तो याजक उसको सात दिन तक बन्द करके रखे; और सातवें दिन याजक उसको देखे, और यदि वह व्याधि जैसी की तैसी बनी रहे और उसके चर्म में न फैली हो, तो याजक उसको और भी सात दिन तक बन्द करके रखे; और सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो, तो याजक उसको शुद्ध ठहराए; क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है; और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए। पर यदि याजक की उस जाँच के पश्चात् जिसमें वह शुद्ध ठहराया गया था, वह पपड़ी उसके चर्म पर बहुत फैल जाए, तो वह फिर याजक को दिखाया जाए; और यदि याजक को देख पड़े कि पपड़ी चर्म में फैल गई है, तो वह उसको अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ ही है।

लेवीय व्‍यवस्‍था 13:1-8 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

याहवेह ने मोशेह और अहरोन को यह आदेश दिया, “यदि किसी व्यक्ति की त्वचा पर सूजन, चकत्ते अथवा कोई चमकीला धब्बा हो, और यदि यह उसकी त्वचा पर कोढ़ का संक्रमण बन जाए, तब उस व्यक्ति को पुरोहित अहरोन अथवा उनके किसी पुरोहित पुत्र के सामने लाया जाए. पुरोहित उस व्यक्ति की त्वचा पर के धब्बे का निरीक्षण करेगा और यदि उस संक्रमित स्थान के रोएं सफेद हो गए हों, और संक्रमण त्वचा से गहरा ज्ञात होता हो, तो यह निश्चित ही कोढ़ का संक्रमण है. फिर जब पुरोहित उस व्यक्ति का निरीक्षण पूरा कर ले, तब उसे अशुद्ध घोषित कर दे. यदि त्वचा पर का धब्बा सफेद तो है, किंतु संक्रमण त्वचा से गहरा मालूम नहीं होता है, और इस स्थान के रोएं भी सफेद नहीं हुए हैं, तो पुरोहित उस संक्रमित व्यक्ति को सात दिन के लिए अलग रखे. सातवें दिन पुरोहित उस व्यक्ति का निरीक्षण करे और यदि उसे प्रतीत हो कि संक्रमण तो ज्यों का त्यों है, किंतु वह त्वचा में फैला नहीं है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को और सात दिन के लिए अलग रखे. सातवें दिन पुरोहित दोबारा उस व्यक्ति का निरीक्षण करे; यदि संक्रमित स्थान का सुधार होने के कारण उसका रंग हल्का हो गया है, और वह त्वचा पर नहीं फैला है; तो पुरोहित उसे शुद्ध घोषित कर दे; यह एक चकत्ते मात्र है. वह व्यक्ति अपने वस्त्र धो ले और शुद्ध हो जाए. किंतु यदि पुरोहित के सामने शुद्ध प्रमाणित होने के बाद वह धब्बा त्वचा पर फैलने लगे, तो वह व्यक्ति स्वयं को दोबारा पुरोहित के सामने प्रस्तुत करे. पुरोहित इसका निरीक्षण करे और यदि उसे यह जान पड़े कि त्वचा पर धब्बा फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का रोग है.