यशायाह 58:10-12

यशायाह 58:10-12 पवित्र बाइबल (HERV)

तुम्हें भूखों की भूख के लिये दु:ख का अनुभव करते हुए उन्हें भोजन देना चाहिये। दु:खी लोगों की सहायता करते हुए तुम्हें उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिये। जब तुम ऐसा करोगे तो अन्धेरे में तुम्हारी रोशनी चमक उठेगी और तुम्हें कोई दु:ख नहीं रह जायेगा। तुम ऐसे चमक उठोगे जैसे दोपहर के समय धूप चमकती है। यहोवा सदा तुम्हारी अगुवाई करेगा। मरूस्थल में भी वह तेरे मन की प्यास बुझायेगा। यहोवा तेरी हड्डियों को मज़बूत बनायेगा। तू एक ऐसे बाग़ के समान होगा जिसमें पानी की बहुतायत है। तू एक ऐसे झरने के समान होगा जिसमें सदा पानी रहता है। बहुत वर्षों पहले तुम्हारे नगर उजाड़ दिये गये थे। इन नगरों को तुम नये सिरे से फिर बसाओगे। इन नगरों का निर्माण तुम इनकी पुरानी नीवों पर करोगे। तुम टूटे परकोटे को बनाने वाले कहलाओगे और तुम मकानों और रास्तों को बहाल करने वाले कहलाओगे।

यशायाह 58:10-12 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

यदि भूखे व्यक्‍ति के लिए अपना भण्‍डार-गृह खोल दे, पीड़ित मनुष्‍य के प्राण को सन्‍तुष्‍ट करे, तो तेरे आनन्‍द का प्रकाश अंधकार में चमकेगा, और तेरे दु:ख का अंधकार दोपहर के सुखद प्रकाश में परिणत हो जाएगा। प्रभु निरन्‍तर तेरा मार्गदर्शन करता रहेगा, और वह अभाव के दिनों में भी तुझे तृप्‍त करेगा। वह तेरी हड्डियों को मजबूत बनाएगा, और तू सिंचे हुए उद्यान के सदृश हरा-भरा होगा; तू उस झरने के समान होगा, जिसका जल कभी नहीं सूखता। तेरे नगर के प्राचीन खण्‍डहरों का पुन: निर्माण होगा, जो नींव अनेक वर्षों से उजाड़ पड़ी थी, तू उसको फिर उठाएगा, तू दरारों को भरनेवाला, और घरों में निवास के हेतु गलियों को सुधारनेवाला कहलाएगा।