यशायाह 58:10-12

यशायाह 58:10-12 HINCLBSI

यदि भूखे व्यक्‍ति के लिए अपना भण्‍डार-गृह खोल दे, पीड़ित मनुष्‍य के प्राण को सन्‍तुष्‍ट करे, तो तेरे आनन्‍द का प्रकाश अंधकार में चमकेगा, और तेरे दु:ख का अंधकार दोपहर के सुखद प्रकाश में परिणत हो जाएगा। प्रभु निरन्‍तर तेरा मार्गदर्शन करता रहेगा, और वह अभाव के दिनों में भी तुझे तृप्‍त करेगा। वह तेरी हड्डियों को मजबूत बनाएगा, और तू सिंचे हुए उद्यान के सदृश हरा-भरा होगा; तू उस झरने के समान होगा, जिसका जल कभी नहीं सूखता। तेरे नगर के प्राचीन खण्‍डहरों का पुन: निर्माण होगा, जो नींव अनेक वर्षों से उजाड़ पड़ी थी, तू उसको फिर उठाएगा, तू दरारों को भरनेवाला, और घरों में निवास के हेतु गलियों को सुधारनेवाला कहलाएगा।