यशायाह 53:2-4
यशायाह 53:2-4 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
क्योंकि वह उसके सामने अँकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरुष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उससे मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और हम ने उसका मूल्य न जाना। निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा–कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
यशायाह 53:2-4 पवित्र बाइबल (HERV)
यहोवा के सामने एक छोटे पौधे की तरह उसकी बढ़वार हुई। वह एक ऐसी जड़ के समान था जो सूखी धरती में फूट रही थी। वह कोई विशेष, नहीं दिखाई देता था। न ही उसकी कोई विशेष महिमा थी। यदि हम उसको देखते तो हमें उसमें कोई ऐसी विशेष बात नहीं दिखाई देती, जिससे हम उसको चाह सकते। उस से घृणा की गई थी और उसके मित्रों ने उसे छोड़ दिया था। वह एक ऐसा व्यक्ति था जो पीड़ा को जानता था। वह बीमारी को बहुत अच्छी तरह पहचानता था। लोग उसे इतना भी आदर नहीं देते थे कि उसे देख तो लें। हम तो उस पर ध्यान तक नहीं देते थे। किन्तु उसने हमारे पाप अपने ऊपर ले लिए। उसने हमारी पीड़ा को हमसे ले लिया और हम यही सोचते रहे कि परमेश्वर उसे दण्ड दे रहा है। हमने सोचा परमेश्वर उस पर उसके कर्मों के लिये मार लगा रहा है।
यशायाह 53:2-4 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
प्रभु का सेवक एक नन्हा पौधा-जैसा उसके सम्मुख उगा; वह जड़ के सदृश शुष्क भूमि से फूटा। उसमें न रूप था, और न आकर्षण कि हम उसे देखते; उसमें सुन्दरता भी न थी, कि हम उसकी कामना करते। लोगों ने उससे घृणा की; उन्होंने उसको त्याग दिया। वह दु:खी मनुष्य था, केवल पीड़ा से उसकी पहचान थी। उसको देखते ही लोग अपना मुख फेर लेते थे। हम ने उससे घृणा की और उसका मूल्य नहीं जाना। निस्सन्देह उसने हमारी पीड़ा को सहा, और हमारे दु:खों को भोगा। फिर भी हमने समझा कि परमेश्वर ने उसे घायल किया है, उसे दु:खी और पीड़ित किया है।
यशायाह 53:2-4 Hindi Holy Bible (HHBD)
क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना॥ निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
यशायाह 53:2-4 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
क्योंकि वह उसके सामने अंकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। (मत्ती 2:23) वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दुःखी पुरुष था, रोग से उसकी जान-पहचान थी; और लोग उससे मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हमने उसका मूल्य न जाना। (मर. 9:12) निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दुःखों को उठा लिया; तो भी हमने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। (मत्ती 8:17, 1 पत. 2:24)
यशायाह 53:2-4 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
क्योंकि वह जो उनके सामने अंकुर के समान और ऐसे उगा जैसे सूखी भूमि से निकला हो. उसका रूप न तो सुंदर था न प्रभावशाली कि हमें अच्छा लगे, न ही ऐसा रूप कि हम उसकी ओर देखते. वह तो मनुष्यों द्वारा तुच्छ जाना जाता तथा त्यागा हुआ था, वह दुःखी पुरुष था, रोगों से परिचित था. उसे देखकर लोग अपना मुंह छिपा लेते हैं वह तुच्छ जाना गया, और हमने उसके महत्व को न जाना. उसने हमारे रोगों को सह लिया और उठा लिया उसने हमारे ही दुखों को अपने ऊपर ले लिया, स्वयं हमने उसे परमेश्वर द्वारा मारा कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा.