यशायाह 5:11-30

यशायाह 5:11-30 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

हाय उन पर जो बड़े तड़के उठकर मदिरा पीने लगते हैं और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते हैं जब तक उनको गर्मी न चढ़ जाए! उनके भोजों में वीणा, सारंगी, डफ, बाँसली और दाखमधु, ये सब पाये जाते हैं; परन्तु वे यहोवा के कार्य की ओर दृष्‍टि नहीं करते, और उसके हाथों के काम को नहीं देखते। इसलिये अज्ञानता के कारण मेरी प्रजा बँधुआई में जाती है, उसके प्रतिष्‍ठित पुरुष भूखों मरते और साधारण लोग प्यास से व्याकुल होते हैं। इसलिये अधोलोक ने अत्यन्त लालसा करके अपना मुँह बेपरिमाण पसारा है, और उनका वैभव और भीड़–भाड़ और आनन्द करनेवाले सब के सब उसके मुँह में जा पड़ते हैं। साधारण मनुष्य दबाए जाते हैं और बड़े मनुष्य नीचे किए जाते हैं, और अभिमानियों की आँखें नीची की जाती हैं। परन्तु सेनाओं का यहोवा न्याय करने के कारण महान् ठहरता, और पवित्र परमेश्‍वर धर्मी होने के कारण पवित्र ठहरता है! तब भेड़ों के बच्‍चे मानो अपने खेत में चरेंगे, परन्तु हृष्‍टपुष्‍टों के उजड़े स्थान परदेशियों को चराई के लिये मिलेंगे। हाय उन पर जो अधर्म को अनर्थ की रस्सियों से और पाप को मानो गाड़ी के रस्से से खींच ले आते हैं, जो कहते हैं, “वह फुर्ती करे और अपने काम को शीघ्र करे कि हम उसको देखें; और इस्राएल के पवित्र की युक्‍ति प्रगट हो, वह निकट आए कि हम उसको समझें!” हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते, जो अँधियारे को उजियाला और उजियाले को अँधियारा ठहराते, और कड़वे को मीठा और मीठे को कड़वा करके मानते हैं! हाय उन पर जो अपनी दृष्‍टि में ज्ञानी और अपने लेखे बुद्धिमान हैं! हाय उन पर जो दाखमधु पीने में वीर और मदिरा को तेज बनाने में बहादुर हैं, जो घूस लेकर दुष्‍टों को निर्दोष, और निर्दोषों को दोषी ठहराते हैं! इस कारण जैसे अग्नि की लौ से खूँटी भस्म होती है और सूखी घास जलकर बैठ जाती है, वैसे ही उनकी जड़ सड़ जाएगी और उनके फूल धूल होकर उड़ जाएँगे; क्योंकि उन्होंने सेनाओं के यहोवा की व्यवस्था को निकम्मी जाना, और इस्राएल के पवित्र के वचन को तुच्छ जाना है। इस कारण यहोवा का क्रोध अपनी प्रजा पर भड़का है, और उसने उनके विरुद्ध हाथ बढ़ाकर उनको मारा है, और पहाड़ काँप उठे; और लोगों के शव सड़कों के बीच कूड़ा–से पड़े हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है। वह दूर दूर की जातियों के लिये झण्डा खड़ा करेगा, और सीटी बजाकर उनको पृथ्वी की छोर से बुलाएगा; देखो, वे फुर्ती करके वेग से आएँगे! उनमें कोई थका नहीं न कोई ठोकर खाता है; कोई ऊँघने या सोनेवाला नहीं, किसी का फेंटा नहीं खुला, और किसी के जूतों का बन्धन नहीं टूटा; उनके तीर तेज और धनुष चढ़ाए हुए हैं, उनके घोड़ों के खुर वज्र के से और रथों के पहिये बवण्डर सरीखे हैं। वे सिंह या जवान सिंह के समान गरजते हैं; वे गुर्राकर अहेर को पकड़ लेते और उसको ले भागते हैं, और कोई उसे उन से नहीं छुड़ा सकता। उस समय वे उन पर समुद्र के गर्जन के समान गर्जेंगे और यदि कोई देश की ओर देखे, तो उसे अन्धकार और संकट देख पड़ेगा और ज्योति मेघों से छिप जाएगी।

यशायाह 5:11-30 पवित्र बाइबल (HERV)

तुम्हें धिक्कार है, तुम लोग अलख सुबह उठते हो और अब सुरा पीने की ताक में रहते हो। रात को देर तक जागते हुए दाखमधु पी कर धुत होते हो। तुम लोग दाखमधु, वीणा, ढोल, बाँसुरी और ऐसे ही दूसरे बाजों के साथ दावतें उड़ाते रहते हो और तुम उन बातों पर दृष्टि नहीं डालते जिन्हें यहोवा ने किया है। यहोवा के हाथों ने अनेकानेक वस्तुएँ बनायी है किन्तु तुम उन वस्तुओं पर ध्यान ही नहीं देते। सो यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा। यहोवा कहता है, “मेरे लोगों को बंदी बना कर कहीं दूर ले जाया जायेगा। क्योंकि सचमुच वे मुझे नहीं जानते। इस्राएल के कुछ निवासी, आज बहुत महत्वपूर्ण है और अपने आराम भरे जीवन से प्रसन्न हैं, किन्तु वे सभी बड़े लोग बहुत मूर्ख हो जाएँगे और इस्राएल के आम लोग बहुत प्यासे हो जायेंगे। फिर उनकी मृत्यु हो जायेगी और शियोल, (मृत्यु का प्रदेश), अधिक से अधिक लोगों को निगल जाएगा। मृत्यु का वह प्रदेश अपना असीम मुख पसारेगा और वे सभी महत्वपूर्ण और साधारण लोग और हुल्लड़ मचाते वे सभी खुशियाँ मनाते लोग शियोल में धस जायेंगे।” उन लोगों को नीचा दिखाया जायेगा। वे बड़े लोग अपना सिर नीचे लटकाये धरती की और देखेंगे। सर्वशक्तिशाली यहोवा न्याय के साथ निर्णय देगा, और लोग जान लेंगे कि वह महान है। पवित्र परमेश्वर उन बातों को करेगा जो उचित हैं, और लोग उसे आदर देंगे। इस्राएल के लोगों से परमेश्वर उनका अपना देश छुड़वा देगा। धरती वीरान हो जायेगी। भेड़ें जहाँ चाहेगी, चली जायेंगी। वह धरती जो कभी धनवान लोगों की थी, उस पर भेड़ें घूमा करेंगी। उन लोगों का बुरा हो, वे अपने अपराध और अपने पापों को अपने पीछे ऐसे ढो रहे हैं जैसे लोग रस्सों से छकड़े खींचते हैं। वे लोग कहा करते हैं, “काश! परमेश्वर जो उसकी योजना है, उसे जल्दी ही पूरा कर दे। ताकि हम जान जायें कि क्या घटने वाला है। हम तो यह चाहते हैं कि परमेश्वर की योजनाएँ जल्दी ही घटित हो जायें ताकि हम यह जान लें कि उसकी योजना क्या है।” उन लोगों का बुरा हो जो कहा करते कि अच्छी बातें बुरी हैं, और बुरी बातें अच्छी हैं। वे लोग सोचा करते हैं कि प्रकाश अन्धेरा है, और अन्धेरा प्रकाश हैं। उन लोगों का विचार हैं कि कड़वा, मीठा है और मीठा, कड़वा है। बुरा हो उन अभिमानियों का जो स्वयं को बहुत चतुर मानते हैं। वे सोचा करते हैं कि वे बहुत बुद्धिमान हैं। बुरा हो उनका जो दाखमधु पीने के लिए जाने माने जाते हैं। दाखमधु के मिश्रण में जिन्हें कुशलता हासिल है। और यदि तुम उन लोगों को रिश्वत दे दो तो वे एक अपराधी को भी छोड़ देंगे। किन्तु वे अच्छे व्यक्ति का भी निष्पक्षता से न्याय नहीं होने देते। ऐसे लोगों के साथ बुरी बातें घटेंगी। उनके वंशज पूरी तरह बैसे ही नष्ट हो जायेंगे जैसे घास फूस आग में जला दिये जाते हैं। उनके वंशज उस कंद मूल की तरह नष्ट हो जायेंगे जो मर कर धूल बन जाता है। उनके वंशज ऐसे नष्ट कर दिये जायेंगे जैसे आग फूलों को जला डालती है और उसकी राख हवा में उड़ जाती है। ऐसे लोगों ने सर्वशक्तिशाली यहोवा के उपदेशों का पालन करने से इन्कार कर दिया है। उन लोगों ने इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) के कथन से बैर किया है। इसलिए यहोवा अपने लोगों से बहुत अधिक कुपित हुआ है। यहोवा ने अपना हाथ उठाया और उन्हें दण्ड दिया। यहाँ तक कि पर्वत भी भयभीत हो उठे थे। गलियों में कूड़े की तरह लाशें बिछी पड़ी थी। किन्तु यहोवा अभी भी कुपित है। उसका हाथ लोगों को दण्ड देने के लिए अभी भी उठा हुआ है। देखो! परमेश्वर दूर देश के लोगों को संकेत दे रहा है। परमेश्वर एक झण्डा उठा रहा है, और उन लोगों को बुलाने के लिये सीटी बजा रहा है। किसी दूर देश से शत्रु आ रहा है। वह शत्रु शीघ्र ही देश में घुस आयेगा। वे बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। शत्रु कभी थका नहीं करता अथवा कभी नीचे नहीं गिरता। शत्रु कभी न तो ऊँघता है और न ही सोता है। उनके हथियारों के कमर बंद सदा कसे रहते हँ। उनके जूतों के तस्में कभी टूटते नहीं हैं। शत्रु के बाण पैने हैं। उनके सभी धनुष बाण छोड़ने के लिये तैयार हैं। उनके घोड़ों के खुर चट्टानों जैसे कठोर हैं। उनके रथों के पीछे धूल के बादल उठा करते हैं। शत्रु गरजता है, और उनका गर्जन सिंह की दहाड़ के जैसा है। वह इतना तीव्र है जितना जवान सिंह का गर्जन। शत्रु जिनके विरुद्ध युद्ध कर रहा है उनके ऊपर गुरर्ा़ता है और उन पर झपट पड़ता है। वह उन्हें वहाँ से घसीट ले जाता है और वहाँ उन्हें बचाने वाला कोई नहीं होता। किन्तु उनके बच पाने की कोई वजह नहीं। सो, उस दिन वह “सिंह” समुद्र की तरंगों के समान दहाड़े मारेगा और बंदी बनाये गये लोग धरती ताकते रह जायेंगे, और फिर वहाँ बस अन्धेरा और दुःख ही रह जाएगा। इस घने बादल में समूचा प्रकाश अंधेरे में बदल जाएगा।

यशायाह 5:11-30 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम बड़े सबेरे उठते ही नशा करते हो; शराब की गर्मी चढ़ाने के लिए रात को बड़ी देर तक पीते रहते हो। तुम्‍हारे भोजन-उत्‍सव में सितार, सारंगी, डफ, बांसुरी बजाये जाते हैं, और शराब का दौर चलता है। पर तुम प्रभु के कार्यों पर ध्‍यान नहीं देते, और न ही उसकी कृतियों पर तुम्‍हारी दृष्‍टि जाती है। मेरे निज लोग ज्ञान के अभाव के कारण बन्‍दी होकर अपने देश से निर्वासित हो गये। प्रतिष्‍ठित लोग भी भूख से मर रहे हैं, और जनता प्‍यास से। मृतक-लोक की भूख बढ़ गई है, वह मुंह फैलाए खड़ा है। यरूशलेम नगर का अभिजात्‍य वर्ग, जन-साधारण वर्ग, शोरगुल करती हुई भीड़ और आमोद-प्रमोद में डूबे हुए लोग, मृतक-लोक के मुंह में समा जाएंगे। मनुष्‍य-जाति का पतन हो गया, मनुष्‍य नीचे गिर गया; घमण्‍डियों की आंखें नीची कर दी गईं। स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु न्‍याय करने के कारण उन्नत हुआ है; पवित्र परमेश्‍वर धार्मिक कार्यों के द्वारा अपनी पवित्रता प्रकट करता है। जहाँ हृष्‍ट-पुष्‍ट बैल चरते थे, अब वहां मेमने चरेंगे; जहाँ पशु घास खाकर मोटे होते थे, वहाँ अब विस्‍तृत चरागाह में भेड़-बकरी के बच्‍चे चरेंगे। धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम अधर्म को झूठ की डोरियों से, और पाप को गाड़ी की रस्‍सी से खींचते हो। तुम कहते हो, ‘प्रभु शीघ्रता करे, वह अपना कार्य अविलम्‍ब पूरा करे, ताकि हम भी उस कार्य को देखें। इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर की योजना शीघ्र पूरी हो, जिनसे हम उसको जान सकें।’ धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम बुराई को भलाई, और भलाई को बुराई कहते हो। तुम प्रकाश को अन्‍धकार और अन्‍धकार को प्रकाश बताते हो। तुम विष को अमृत और अमृत को विष मानते हो। धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम अपनी ही दृष्‍टि में स्‍वयं को बुद्धिमान और चतुर समझते हो। धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम शराब पीने में वीरता दिखाते हो, और शराब को तेज बनाने में बहादुरी। तुम घूस लेकर अपराधी को छोड़ देते हो, और निर्दोष को उसके न्‍यायोचित अधिकार से वंचित कर देते हो। जैसे अग्‍नि की लपटें खूंटों को भस्‍म कर देती हैं; जैसे सूखी घास ज्‍वाला में जलकर राख बन जाती है, वैसे ही उन लोगों की जड़ सड़ जाएगी, उनके फूल धूल की तरह उड़ जाएंगे; क्‍योंकि उन्‍होंने स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु की व्‍यवस्‍था को मानने से इन्‍कार किया; उन्‍होंने इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर की वाणी को तुच्‍छ समझा। अत: प्रभु का क्रोध अपने लोगों के विरुद्ध भड़क उठा। उसने उन पर हाथ उठाया, और उन पर प्रहार किया। पहाड़ हिल उठे। उनकी लाशें कूड़ा-कचरा-सी सड़कों पर बिछ गईं। इस विनाश के बाद भी उसका क्रोध शान्‍त नहीं हुआ, और प्रहार के निमित्त उसका हाथ उठा रहा। प्रभु सुदूर राष्‍ट्र के लिए झंडा फहराएगा; वह पृथ्‍वी के सीमांत से उसे बुलाने के लिए सीटी बजाएगा। देखो, वह अविलम्‍ब, पवन की गति से आएगा। उसके सैनिक न थके-मांदे होंगे, और न लड़खड़ाकर गिरेंगे। वे न ऊंघेंगे, और न सोएंगे। उनका न कमर-पट्टा ढीला होगा, और न जूते का बन्‍धन टूटा होगा। उनके तीर प्राण-बेधी हैं। वे धनुष चढ़ाए हुए हैं। उनके घोड़ों के खुर वज्र की तरह हैं। उनके रथ के पहिए बवंडर के सदृश घूमते हैं। वे शेर की तरह दहाड़ते हैं, उनका गर्जन जवान सिंह के समान है। वे गुर्राकर शिकार को पकड़ते, और उसको दबोचकर ले जाते हैं। उनके मुंह से उनको कौन छुड़ा सकता है? उस दिन वे समुद्र के गर्जन की तरह इस्राएल पर गुर्राएंगे। यदि कोई व्यक्‍ति इस्राएल देश पर दृष्‍टिपात करेगा, तो वह वहाँ यह देखेगा : अन्‍धकार और संकट के बादल! काले बादलों से प्रकाश छिप जाएगा।

यशायाह 5:11-30 Hindi Holy Bible (HHBD)

हाय उन पर जो बड़े तड़के उठ कर मदिरा पीने लगते हैं और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते हैं जब तक उन को गर्मी न चढ़ जाए! उनकी जेवनारों में वीणा, सारंगी, डफ, बांसली और दाखमधु, ये सब पाए जाते हैं; परन्तु वे यहोवा के कार्य की ओर दृष्टि नहीं करते, और उसके हाथों के काम को नहीं देखते॥ इसलिये अज्ञानता के कारण मेरी प्रजा बंधुआई में जाती है, उसके प्रतिष्ठित पुरूष भूखों मरते और साधारण लोग प्यास से व्याकुल होते हैं। इसलिये अधोलोक ने अत्यन्त लालसा कर के अपना मुंह बेपरिमाण पसारा है, और उनका वैभव और भीड़ भाड़ और आनन्द करने वाले सब के सब उसके मुंह में जा पड़ते हैं। साधारण मनुष्य दबाए जाते और बड़े मनुष्य नीचे किए जाते हैं, और अभिमानियों की आंखें नीची की जाती हैं। परन्तु सेनाओं का यहोवा न्याय करने के कारण महान ठहरता, और पवित्र परमेश्वर धर्मी होने के कारण पवित्र ठहरता है! तब भेड़ों के बच्चे मानो अपने खेत में चरेंगे, परन्तु हृष्टपुष्टों के उजड़े स्थान परदेशियों को चराई के लिये मिलेंगे॥ हाय उन पर जो अधर्म को अनर्थ की रस्सियों और पाप को मानो गाड़ी के रस्से से खींच ले आते हैं, जो कहते हैं, वह फुर्ती करे और अपने काम को शीघ्र करे कि हम उसको देखें; और इस्राएल के पवित्र की युक्ति प्रगट हो, वह निकट आए कि हम उसको समझें! हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते, जो अंधियारे को उजियाला और उजियाले को अंधियारा ठहराते, और कडुवे को मीठा और मीठे को कड़वा कर के मानते हैं! हाय उन पर जो अपनी दृष्टि में ज्ञानी और अपने लेखे बुद्धिमान हैं! हाय उन पर जो दाखमधु पीने में वीर और मदिरा को तेज बनाने में बहादुर हैं, जो घूस ले कर दुष्टों को निर्दोष, और निर्दोषों को दोषी ठहराते हैं! इस कारण जैसे अग्नि की लौ से खूंटी भस्म होती है और सूखी घास जल कर बैठ जाती है, वैसे ही उनकी जड़ सड़ जाएगी और उनके फूल धूल हो कर उड़ जाएंगे; क्योंकि उन्होंने सेनाओं के यहोवा की व्यवस्था को निकम्मी जाना, और इस्राएल के पवित्र के वचन को तुच्छ जाना है। इस कारण यहोवा का क्रोध अपनी प्रजा पर भड़का है, और उसने उनके विरुद्ध हाथ बढ़ा कर उन को मारा है, और पहाड़ कांप उठे; और लोगों की लोथें सड़कों के बीच कूड़ा सी पड़ी हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥ वह दूर दूर की जातियों के लिये झण्डा खड़ा करेगा, और सींटी बजाकर उन को पृथ्वी की छोर से बुलाएगा; देखो, वे फुर्ती कर के वेग से आएंगे! उन में कोई थका नहीं न कोई ठोकर खाता है; कोई ऊंघने वा सोने वाला नहीं, किसी का फेंटा नहीं खुला, और किसी के जूतों का बन्धन नहीं टूटा; उनके तीर चोखे और धनुष चढ़ाए हुए हैं, उनके घोड़ों के खुर वज्र के से और रथों के पहिये बवण्डर सरीखे हैं। वे सिंह वा जवान सिंह की नाईं गरजते हैं; वे गुर्राकर अहेर को पकड़ लेते और उसको ले भागते हैं, और कोई उसे उन से नहीं छुड़ा सकता। उस समय वे उन पर समुद्र के गर्जन की नाईं गर्जेंगे और यदि कोई देश की ओर देखे, तो उसे अन्धकार और संकट देख पड़ेगा और ज्योति मेघों से छिप जाएगी॥

यशायाह 5:11-30 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

हाय उन पर जो बड़े तड़के उठकर मदिरा पीने लगते हैं और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते हैं जब तक उनको गर्मी न चढ़ जाए! उनके भोजों में वीणा, सारंगी, डफ, बाँसुरी और दाखमधु, ये सब पाये जाते हैं; परन्तु वे यहोवा के कार्य की ओर दृष्टि नहीं करते, और उसके हाथों के काम को नहीं देखते। इसलिए अज्ञानता के कारण मेरी प्रजा बँधुवाई में जाती है, उसके प्रतिष्ठित पुरुष भूखे मरते और साधारण लोग प्यास से व्याकुल होते हैं। इसलिए अधोलोक ने अत्यन्त लालसा करके अपना मुँह हद से ज्यादा पसारा है, और उनका वैभव और भीड़-भाड़ और आनन्द करनेवाले सब के सब उसके मुँह में जा पड़ते हैं। साधारण मनुष्य दबाए जाते और बड़े मनुष्य नीचे किए जाते हैं, और अभिमानियों की आँखें नीची की जाती हैं। परन्तु सेनाओं का यहोवा न्याय करने के कारण महान ठहरता, और पवित्र परमेश्वर धर्मी होने के कारण पवित्र ठहरता है! तब भेड़ों के बच्चे मानो अपने खेत में चरेंगे, परन्तु हष्टपुष्टों के उजड़े स्थान परदेशियों को चराई के लिये मिलेंगे। हाय उन पर जो अधर्म को अनर्थ की रस्सियों से और पाप को मानो गाड़ी के रस्से से खींच ले आते हैं, जो कहते हैं, “वह फुर्ती करे और अपने काम को शीघ्र करे कि हम उसको देखें; और इस्राएल के पवित्र की युक्ति प्रगट हो, वह निकट आए कि हम उसको समझें!” हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते, जो अंधियारे को उजियाला और उजियाले को अंधियारा ठहराते, और कड़वे को मीठा और मीठे को कड़वा करके मानते हैं! हाय उन पर जो अपनी दृष्टि में ज्ञानी और अपने लेखे बुद्धिमान हैं! (नीति. 3:7, 26:12, रोम. 12:16) हाय उन पर जो दाखमधु पीने में वीर और मदिरा को तेज बनाने में बहादुर हैं, जो घूस लेकर दुष्टों को निर्दोष, और निर्दोषों को दोषी ठहराते हैं! इस कारण जैसे अग्नि की लौ से खूँटी भस्म होती है और सूखी घास जलकर बैठ जाती है, वैसे ही उनकी जड़ सड़ जाएगी और उनके फूल धूल होकर उड़ जाएँगे; क्योंकि उन्होंने सेनाओं के यहोवा की व्यवस्था को निकम्मी जाना, और इस्राएल के पवित्र के वचन को तुच्छ जाना है। इस कारण यहोवा का क्रोध अपनी प्रजा पर भड़का है, और उसने उनके विरुद्ध हाथ बढ़ाकर उनको मारा है, और पहाड़ काँप उठे; और लोगों की लोथें सड़कों के बीच कूड़ा सी पड़ी हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है। वह दूर-दूर की जातियों के लिये झण्डा खड़ा करेगा, और सीटी बजाकर उनको पृथ्वी की छोर से बुलाएगा; देखो, वे फुर्ती करके वेग से आएँगे! उनमें कोई थका नहीं न कोई ठोकर खाता है; कोई उँघने या सोनेवाला नहीं, किसी का फेंटा नहीं खुला, और किसी के जूतों का बन्धन नहीं टूटा; उनके तीर शुद्ध और धनुष चढ़ाए हुए हैं, उनके घोड़ों के खुर वज्र के से और रथों के पहिये बवण्डर सरीखे हैं। वे सिंह या जवान सिंह के समान गरजते हैं; वे गुर्राकर अहेर को पकड़ लेते और उसको ले भागते हैं, और कोई उसे उनसे नहीं छुड़ा सकता। उस समय वे उन पर समुद्र के गर्जन के समान गरजेंगे और यदि कोई देश की ओर देखे, तो उसे अंधकार और संकट देख पड़ेगा और ज्योति मेघों से छिप जाएगी।

यशायाह 5:11-30 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

हाय उन पर जो सुबह जल्दी उठकर शराब खोजते हैं, और शाम तक दाखमधु पीकर नशा करते हैं. उनके उत्सवों में वीणा, सारंगी, खंजरी, बांसुरी और दाखरस होता है, किंतु वे न तो याहवेह के कामों पर ध्यान देते हैं, और न ही उनके हाथ के कामों को सोचते हैं. यही कारण है कि मेरी प्रजा समझ की कमी से उन्हें बंदी बना दी गई; उनके प्रतिष्ठित लोग भूखे रह जाते हैं और साधारण लोग प्यासे रह जाते हैं. इसलिये अधोलोक ने, अपना गला खोल दिया है; ताकि येरूशलेम का वैभव, उसका जनसमूह उसके शत्रु और लेनदेन करनेवाले सब उसमें उतर जाएंगे. तब साधारण मनुष्य तो दबाएं जाते हैं और बड़े लोग नीचे किए जाते हैं, और घमंडी की आंखें झुका दी जाएंगी. किंतु सर्वशक्तिमान याहवेह ही न्याय करेंगे, और पवित्र परमेश्वर अपनी धार्मिकता में स्वयं को पवित्र प्रकट करेंगे. तब मेमने खेत में चरेंगे; तथा अमीरों की खाली जगहों पर परदेशियों को चराई के लिये जगह मिलेगी. हाय उन पर जो अनर्थ को अधर्म से, तथा पाप को गाड़ी के रस्सियों से खींचते हैं, जो कहते हैं, “इस्राएल के पवित्र परमेश्वर गति को बढ़ायें; और अपने कामों को जल्दी पूरा करें, ताकि हम उनकी इच्छा को जान सकें.” हाय उन पर जो गलत को सही और सही को गलत कहते हैं, और अंधकार को ज्योति और ज्योति को अंधकार से, और कड़वे को मीठा तथा मीठे को कड़वा कहते हैं. हाय उन पर जो अपने आपको ज्ञानी और बुद्धिमान कहते हैं. हाय उन पर जो दाखमधु पीने में वीर और बनाने में बहादुर हैं, जो रिश्वत लेकर अपराधी को बचा लेते हैं, और निर्दोष को दोषी बना देते हैं. इस कारण, जैसे आग खूंटी को जला देती है और सूखी घास जलकर राख हो जाती है, और उनकी जड़ें सड़ जाएगी और फल हवा में उड़ जाएंगे; क्योंकि उन्होंने सर्वशक्तिमान याहवेह की व्यवस्था को ठुकरा दिया है और इस्राएल के पवित्र वचन को तुच्छ समझा है. इसलिये याहवेह ने क्रोधित होकर उनको मारा तब पर्वत हिलने लगा और शव सड़कों पर बिखरे पड़े थे फिर भी वे शांत न हुए, और उनका हाथ अब तक उठा हुआ है. वे दूर देश के लिए झंडा खड़ा करेंगे, और पृथ्वी के चारों ओर से लोगों को बुलाएंगे और सब तुरंत वहां आएंगे. और उनमें न कोई थका हुआ होगा न ही कोई बलहीन होगा, न कोई ऊंघता है और न कोई सोता; न तो कोई बंधन खोलता है, और न कोई बांधता है. उनके तीर तेज, और धनुष चढ़ाए हुए हैं; उनके घोड़ों के खुर वज्र के समान, और उनके रथों के पहिए चक्रवात के समान हैं. उनकी दहाड़ सिंह के समान, हां, जो गुर्राते हुए शिकार पर झपटते हैं; और उसे उठाकर ले जाते हैं और उसका छुड़ाने वाला कोई नहीं होता. उस दिन वे समुद्र में उठती लहरों के समान गरजेंगे. और सब जगह अंधकार और संकट दिखाई देगा, यहां तक कि रोशनी भी बादल में छिप जाएगी.