इब्रानियों 5:1-10
इब्रानियों 5:1-10 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
क्योंकि हर एक महायाजक मनुष्यों में से लिया जाता है और मनुष्यों ही के लिये, उन बातों के विषय में जो परमेश्वर से सम्बन्ध रखती हैं, ठहराया जाता है कि भेंट और पाप बलि चढ़ाया करे। वह अज्ञानों और भूले भटकों के साथ नर्मी से व्यवहार कर सकता है, इसलिये कि वह आप भी निर्बलता से घिरा है। इसी लिये उसे चाहिए कि जैसे लोगों के लिये वैसे ही अपने लिये भी पाप–बलि चढ़ाया करे। यह आदर का पद कोई अपने आप से नहीं लेता, जब तक कि हारून के समान परमेश्वर की ओर से ठहराया न जाए। वैसे ही मसीह ने भी महायाजक बनने की बड़ाई अपने आप से नहीं ली, पर उसको उसी ने दी, जिसने उससे कहा था, “तू मेरा पुत्र है, आज मैं ही ने तुझे उत्पन्न किया है।” इसी प्रकार वह दूसरी जगह में भी कहता है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर सदा के लिये याजक है।” यीशु ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊँचे शब्द से पुकार–पुकारकर और आँसू बहा–बहाकर उससे जो उसको मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएँ और विनती की, और भक्ति के कारण उसकी सुनी गई। पुत्र होने पर भी उसने दु:ख उठा–उठाकर आज्ञा माननी सीखी, और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिये सदा काल के उद्धार का कारण हो गया, और उसे परमेश्वर की ओर से मलिकिसिदक की रीति पर महायाजक का पद मिला।
इब्रानियों 5:1-10 पवित्र बाइबल (HERV)
प्रत्येक महायाजक मनुष्यों में से ही चुना जाता है। और परमात्मा सम्बन्धी विषयों में लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उसकी नियुक्ति की जाती है ताकि वह पापों के लिए भेंट या बलियाँ चढ़ाए। क्योंकि वह स्वयं भी दुर्बलताओं के अधीन है, इसलिए वह ना समझों और भटके हुओं के साथ कोमल व्यवहार कर सकता है। इसलिए उसे अपने पापों के लिए और वैसे ही लोगों के पापों के लिए बलियाँ चढ़ानी पड़ती हैं। इस सम्मान को कोई भी अपने पर नहीं लेता। जब तक कि हारून के समान परमेश्वर की ओर से ठहराया न जाता। इसी प्रकार मसीह ने भी महायाजक बनने की महिमा को स्वयं ग्रहण नहीं किया, बल्कि परमेश्वर ने उससे कहा, “तू मेरा पुत्र है; आज मैं तेरा पिता बना हूँ।” और एक अन्य स्थान पर भी वह कहता है, “तू एक शाश्वत याजक है, मिलिकिसिदक के जैसा!” यीशु ने इस धरती पर के जीवनकाल में जो उसे मृत्यु से बचा सकता था, ऊँचे स्वर में पुकारते हुए और रोते हुए उससे प्रार्थनाएँ तथा विनतियाँ की थीं और आदरपूर्ण समर्पण के कारण उसकी सुनी गयी। यद्यपि वह उसका पुत्र था फिर भी यातनाएँ झेलते हुए उसने आज्ञा का पालन करना सीखा। और एक बार सम्पूर्ण बन जाने पर उन सब के लिए जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, वह अनन्त छुटकारे का स्रोत बन गया। तथा परमेश्वर के द्वारा मिलिकिसिदक की परम्परा में उसे महायाजक बनाया गया।
इब्रानियों 5:1-10 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
प्रत्येक महापुरोहित मनुष्यों में से चुना जाता है और परमेश्वर-सम्बन्धी बातों में मनुष्यों का प्रतिनिधि नियुक्त किया जाता है, जिससे वह भेंट और पापों के प्रायश्चित की बलि चढ़ाये। वह अज्ञानियों और भूले-भटके लोगों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार कर सकता है, क्योंकि वह स्वयं दुर्बलताओं से घिरा हुआ है। यही कारण है कि उसे न केवल जनता के लिए, बल्कि अपने लिए भी पापों के प्रायश्चित की बलि चढ़ानी पड़ती है। कोई भी अपने आप यह गौरवपूर्ण पद नहीं अपनाता। प्रत्येक महापुरोहित हारून की भाँति परमेश्वर द्वारा बुलाया जाता है। इसी प्रकार, मसीह ने अपने को महापुरोहित बनने का गौरव नहीं प्रदान किया; किन्तु परमेश्वर ने किया और उन से कहा, “तू मेरा पुत्र है, आज मैं ने तुझे उत्पन्न किया है।” अन्यत्र भी वह कहता है, “तू मलकीसेदेक के अनुरूप सदा पुरोहित बना रहेगा।” मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी। पुत्र होने पर भी उन्होंने दु:ख सह कर आज्ञापालन सीखा। वह पूर्ण रूप से सिद्ध बन कर और परमेश्वर से मलकीसेदेक के अनुरूप महापुरोहित की उपाधि प्राप्त कर उन सब के शाश्वत मुक्ति के स्रोत बन गये, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं।
इब्रानियों 5:1-10 Hindi Holy Bible (HHBD)
क्योंकि हर एक महायाजक मनुष्यों में से लिया जाता है, और मनुष्यों ही के लिये उन बातों के विषय में जो परमेश्वर से सम्बन्ध रखती हैं, ठहराया जाता है: कि भेंट और पाप बलि चढ़ाया करे। और वह अज्ञानों, और भूले भटकों के साथ नर्मी से व्यवहार कर सकता है इसलिये कि वह आप भी निर्बलता से घिरा है। और इसी लिये उसे चाहिए, कि जैसे लोगों के लिये, वैसे ही अपने लिये भी पाप-बलि चढ़ाया करे। और यह आदर का पद कोई अपने आप से नहीं लेता, जब तक कि हारून की नाईं परमेश्वर की ओर से ठहराया न जाए। वैसे ही मसीह ने भी महायाजक बनने की बड़ाई अपने आप से नहीं ली, पर उस को उसी ने दी, जिस ने उस से कहा था, कि तू मेरा पुत्र है, आज मैं ही ने तुझे जन्माया है। वह दूसरी जगह में भी कहता है, तू मलिकिसिदक की रीति पर सदा के लिये याजक है। उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई। और पुत्र होने पर भी, उस ने दुख उठा उठा कर आज्ञा माननी सीखी। और सिद्ध बन कर, अपने सब आज्ञा मानने वालों के लिये सदा काल के उद्धार का कारण हो गया। और उसे परमेश्वर की ओर से मलिकिसिदक की रीति पर महायाजक का पद मिला॥
इब्रानियों 5:1-10 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
क्योंकि हर एक महायाजक मनुष्यों में से लिया जाता है, और मनुष्यों ही के लिये उन बातों के विषय में जो परमेश्वर से सम्बंध रखती हैं, ठहराया जाता है: कि भेंट और पापबलि चढ़ाया करे। और वह अज्ञानियों, और भूले भटकों के साथ नर्मी से व्यवहार कर सकता है इसलिए कि वह आप भी निर्बलता से घिरा है। और इसलिए उसे चाहिए, कि जैसे लोगों के लिये, वैसे ही अपने लिये भी पापबलि चढ़ाया करे। (लैव्य. 16:6) और यह आदर का पद कोई अपने आप से नहीं लेता, जब तक कि हारून के समान परमेश्वर की ओर से ठहराया न जाए। (निर्ग. 28:1) वैसे ही मसीह ने भी महायाजक बनने की महिमा अपने आप से नहीं ली, पर उसको उसी ने दी, जिसने उससे कहा था, “तू मेरा पुत्र है, आज मैं ही ने तुझे जन्माया है।” (भज. 2:7) इसी प्रकार वह दूसरी जगह में भी कहता है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर सदा के लिये याजक है।” यीशु ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊँचे शब्द से पुकार पुकारकर, और आँसू बहा-बहाकर उससे जो उसको मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएँ और विनती की और भक्ति के कारण उसकी सुनी गई। और पुत्र होने पर भी, उसने दुःख उठा-उठाकर आज्ञा माननी सीखी। और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिये सदाकाल के उद्धार का कारण हो गया। (यशा. 45:17) और उसे परमेश्वर की ओर से मलिकिसिदक की रीति पर महायाजक का पद मिला। (इब्रा. 2:10, भज. 110:4)
इब्रानियों 5:1-10 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
हर एक महापुरोहित मनुष्यों में से चुना जाता है और मनुष्यों के ही लिए परमेश्वर से संबंधित संस्कारों के लिए चुना जाता है कि पापों के लिए भेंट तथा बलि दोनों चढ़ाया करे. उसमें अज्ञानों तथा भूले-भटकों के साथ नम्र व्यवहार करने की क्षमता होती है क्योंकि वह स्वयं भी निर्बलताओं के अधीन है. इसलिये यह आवश्यक हो जाता है कि वह पापों के लिए बलि चढ़ाया करे—लोगों के लिए तथा स्वयं अपने लिए. किसी भी व्यक्ति को यह सम्मान अपनी कोशिश से नहीं परंतु परमेश्वर की बुलाहट द्वारा प्राप्त होती है, जैसे हारोन को. इसी प्रकार मसीह ने भी महापुरोहित के पद पर बैठने के लिए स्वयं को ऊंचा नहीं किया परंतु उन्होंने, जिन्होंने उनसे यह कहा, “तुम मेरे पुत्र हो; आज मैं तुम्हारा पिता हुआ हूं.” जैसा उन्होंने दूसरी जगह भी कहा है, “तुम मेलखीज़ेदेक की शृंखला में, एक अनंत काल के पुरोहित हो.” अपने देह में रहने के समय में उन्होंने ऊंचे शब्द में रोते हुए, आंसुओं के साथ उनके सामने प्रार्थनाएं और विनती की, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकते थे, उनकी परमेश्वर में भक्ति के कारण उनकी प्रार्थनाएं स्वीकार की गई. पुत्र होने पर भी, उन्होंने अपने दुःख उठाने से आज्ञा मानने की शिक्षा ली. फिर, सिद्ध घोषित किए जाने के बाद वह स्वयं उन सबके लिए, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, अनंत काल उद्धार का कारण बन गए; क्योंकि वह परमेश्वर द्वारा मेलखीज़ेदेक की श्रृंखला के महापुरोहित चुने गए थे.