उत्‍पत्ति 21:1-34

उत्‍पत्ति 21:1-34 पवित्र बाइबल (HERV)

यहोवा ने सारा को यह वचन दिया था कि वह उस पर कृपा करेगा। यहोवा अपने वचन के अनुसार उस पर दयालु हुआ। सारा गर्भवती हुई और बुढ़ापे में इब्राहीम के लिए एक बच्चा जनी। सही समय पर जैसा परमेश्वर ने वचन दिया था वैसा ही हुआ। सारा ने पुत्र जना और इब्राहीम ने उसका नाम इसहाक रखा। परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार इब्राहीम ने आठ दिन का होने पर इसहाक का खतना किया। इब्राहीम सौ वर्ष का था जब उसका पुत्र इसहाक उत्पन्न हुआ और सारा ने कहा, “परमेश्वर ने मुझे सुखी बना दिया है। हर एक व्यक्ति जो इस बारे में सुनेगा वह मुझसे खुश होगा। कोई भी यह नहीं सोचता था कि सारा इब्राहीम को उसके बुढ़ापे के लिए उसे एक पुत्र देगी। लेकिन मैंने बूढ़े इब्राहीम को एक पुत्र दिया है।” अब बच्चा इतना बड़ा हो गया कि माँ का दूध छोड़ वह ठोस भोजन खाना शुरू करे। जिस दिन उसका दूध छुड़वाया गया उस दिन इब्राहीम ने एक बहुत बड़ा भोज रखा। सारा ने हाजिरा के पुत्र को खेलते हुए देखा। (बीते समय में मिस्री दासी हाजिरा ने एक पुत्र को जन्म दिया था। इब्राहीम उस पुत्र का भी पिता था।) इसलिए सारा ने इब्राहीम से कहा, “उस दासी स्त्री तथा उसके पुत्र को यहाँ से भेज दो। जब हम लोग मरेंगे हम लोगों की सभी चीज़ें इसहाक को मिलेंगी। मैं नहीं चाहती कि उसका पुत्र इसहाक के साथ उन चीज़ों में हिस्सा ले।” इन सभी बातों ने इब्राहीम को बहुत दुःखी कर दिया। वह अपने पुत्र इश्माएल के लिए दुःखी था। किन्तु परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा, “उस लड़के के बारे में दुःखी मत होओ। उस दासी स्त्री के बारे में भी दुःखी मत होओ। जो सारा चाहती है तुम वही करो। तुम्हारा वंश इसहाक के वंश से चलेगा। लेकिन मैं तुम्हारी दासी के पुत्र को भी अशीर्वाद दूँगा। वह तुम्हारा पुत्र है इसलिए मैं उसके परिवार को भी एक बड़ा राष्ट्र बनाऊँगा।” दूसरे दिन बहुत सवेरे इब्राहीम ने कुछ भोजन और पानी लिया। इब्राहीम ने यह चीज़ें हाजिरा को दें दी। हाजिरा ने वे चीज़ें लीं और बच्चे के साथ वहाँ से चली गई। हाजिरा ने वह स्थान छोड़ा और वह बेर्शेबा की मरुभूमि में भटकने लगी। कुछ समय बाद हाजिरा का सारा पानी स्माप्त हो गया। पीने के लिए कुछ भी पानी न बचा। इसलिए हाजिरा ने अपने बच्चे को एक झाड़ी के नीचे रखा। हाजिरा वहाँ से कुछ दूर गई। तब वह रुकी और बैठ गई। हाजिरा ने सोचा कि उसका पुत्र मर जाएगा क्योंकि वहाँ पानी नहीं था। वह उसे मरता हुआ देखना नहीं चाहती थी। वह वहाँ बैठ गई और रोने लगी। परमेश्वर ने बच्चे का रोना सुना। स्वर्ग से एक दूत हाजिरा के पास आया। उसने पूछा, “हाजिरा, तुम्हें क्या कठिनाई है। परमेश्वर ने वहाँ बच्चे का रोना सुन लिया। जाओ, और बच्चे को संभालो। उसका हाथ पकड़ लो और उसे साथ ले चलो। मैं उसे बहुत से लोगों का पिता बनाऊँगा।” परमेश्वर ने हाजिरा की आँखे इस प्रकार खोलीं कि वह एक पानी का कुआँ देख सकी। इसलिए कुएँ पर हाजिरा गई और उसके थैले को पानी से भर लिया। तब उसने बच्चे को पीने के लिए पानी दिया। बच्चा जब तक बड़ा न हुआ तब तक परमेश्वर उसके साथ रहा। इश्माएल मरुभूमि में रहा और एक शिकारी बन गया। उसने बहुत अच्छा तीर चलाना सीख लिया। उसकी माँ मिस्र से उसके लिए दुल्हन लाई। वे पारान मरुभूमि में रहने लगे। तब अबीमेलेक और पीकोल ने इब्राहीम से बातें कीं। पीकोल अबीमेलेक की सेना का सेनापति था। उन्होंने इब्राहीम से कहा, “तुम जो कुछ करते हो, परमेश्वर तुम्हारा साथ देता है। इसलिए तुम परमेश्वर के सामने वचन दो। यह वचन दो कि तुम मेरे और मेरे बच्चों के लिए भले रहोगे। तुम यह वचन दो कि तुम मेरे प्रति और जहाँ रहे हो उस देश के प्रति दयालु रहोगे। तुम यह भी वचन दो कि मैं तुम्हारे प्रति जितना दयालु रहा उतना तुम मुझ पर भी दयालु रहोगे।” इब्राहीम ने कहा, “मैं वचन देता हूँ कि तुमसे मैं वैसा ही व्यवहार करूँगा जैसा तुमने मेरे साथ व्यवहार किया है।” तब इब्राहीम ने अबीमेलेक से शिकायत की। इब्राहीम ने इसलिए शिकायत की कि अबीमेलेक के नौकरों ने पानी के एक कुएँ पर कब्ज़ा कर लिया था। अबीमेलेक ने कहा, “इसके बारे में मैंने यह पहली बार सुना है! मुझे नहीं पता है, कि यह किसने किया है, और तुमने भी इसकी चर्चा मुझसे इससे पहले कभी नहीं की।” इसलिए इब्राहीम और अबीमेलेक ने एक सन्धि की। इब्राहीम ने सन्धि के प्रमाण के रूप में अबीमेलेक को कुछ भेड़ें और मवेशी दिए। इब्राहीम सात मादा मेमने भी अबीमेलेक के सामने लाया। अबीमेलेक ने इब्राहीम से पूछा, “तुम ये सात मादा मेमने अलग क्यों दे रहे हो?” इब्राहीम ने कहा, “जब तुम इन सात मेमनों को मुझसे लोगे तो यह सबूत रहेगा कि यह कुआँ मैंने खोदा है।” इसलिए इसके बाद वह कुआँ बेर्शेबा कहलाया। उन्होंने कुएँ को यह नाम दिया क्योंकि यह वह जगह थी जहाँ उन्होंने एक दूसरे को वचन दिया था। इस प्रकार इब्राहीम और अबीमेलेक ने बेर्शेबा में सन्धि की। तब अबीमेलेक और सेनापति दोनों पलिश्तियों के प्रदेश में लौट गए। इब्राहीम ने बेर्शेबा में एक विशेष पेड़ लगाया। उस जगह इब्राहीम ने यहोवा परमेश्वर से प्रार्थना की और इब्राहीम पलिश्तियों के देश में बहुत समय तक रहा।

उत्‍पत्ति 21:1-34 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

प्रभु परमेश्‍वर ने सारा की सुध ली, जैसा उसने कहा था। उसने सारा से वैसा ही किया, जैसा उसने वचन दिया था। सारा गर्भवती हुई। उसने उसी निर्धारित समय पर, जिसके विषय में परमेश्‍वर ने कहा था, अब्राहम से उसकी वृद्धावस्‍था में पुत्र को जन्‍म दिया। अब्राहम ने अपने उस पुत्र का नाम, जिसे सारा ने जन्‍म दिया, इसहाक रखा। जब इसहाक आठ दिन का हुआ तब अब्राहम ने उसका खतना किया, जैसी परमेश्‍वर ने आज्ञा दी थी। अपने पुत्र इसहाक के जन्‍म के समय अब्राहम सौ वर्ष के थे। सारा बोली, ‘परमेश्‍वर ने मुझे हंसाया है; इसलिए सब सुनने वाले भी मेरे साथ हंसेंगे! अब्राहम से कौन यह कह सकता था कि सारा बच्‍चों को कभी दूध पिलाएगी। फिर भी मैंने अब्राहम की वृद्धावस्‍था में पुत्र को जन्‍म दिया।’ बच्‍चा बड़ा हुआ, और उसका दूध छुड़ाया गया। जिस दिन इसहाक का दूध छुड़ाया गया, उस दिन अब्राहम ने बड़ा भोज दिया। एक दिन सारा ने मिस्री हागार के पुत्र को, जिसे हागार ने अब्राहम से उत्‍पन्न किया था, अपने पुत्र इसहाक के साथ खेलते देखा। उसने अब्राहम से कहा, ‘इस दासी को इसके पुत्र सहित निकाल दीजिए; क्‍योंकि दासी का पुत्र मेरे पुत्र इसहाक के साथ उत्तराधिकारी नहीं बनेगा।’ अपने पुत्र यिश्‍माएल के सम्‍बन्‍ध में ऐसी बात अब्राहम को बहुत बुरी लगी। परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, ‘तू बालक और अपनी दासी के कारण बुरा मत मान। जो बातें सारा तुझसे कहती है, उनको सुन। क्‍योंकि इसहाक द्वारा तेरे वंशजों में तेरा नाम बना रहेगा। मैं दासी के पुत्र से भी एक राष्‍ट्र उत्‍पन्न करूँगा; क्‍योंकि वह तेरी सन्‍तान है।’ अब्राहम सबेरे उठे। उन्‍होंने रोटी और पानी भरी मशक हागार को दी। उसे हागार के कन्‍धे पर रख दिया, और बालक सहित उसको विदा कर दिया। हागार चली गई, और बएर-शबा के निर्जन प्रदेश में भटकने लगी। जब मशक का पानी समाप्‍त हो गया तब उसने बालक को एक झाड़ी के नीचे छोड़ दिया। वह बालक के सामने पर्याप्‍त दूर−सौ मीटर की दूरी पर−बैठ गई; क्‍योंकि वह सोचती थी, ‘मैं अपने बच्‍चे की मृत्‍यु अपनी आंखों से नहीं देख सकती।’ जब वह उसके सामने दूर बैठी तब बालक चीख मार कर रोने लगा। परमेश्‍वर ने बालक के रोने की आवाज सुनी। परमेश्‍वर के दूत ने स्‍वर्ग से हागार को पुकारा और उससे कहा, ‘हागार, तुझे क्‍या हुआ है? मत डर, जहाँ तेरा बालक पड़ा है वहाँ से परमेश्‍वर ने उसकी आवाज सुनी है। उठ, और बालक को उठा। उसे अपने हाथों में सावधानी से संभाल; क्‍योंकि मैं उससे एक महान राष्‍ट्र का उद्भव करूँगा।’ तब परमेश्‍वर ने उसकी आंखें खोल दीं। उसे एक कुआं दिखाई दिया। वह उसके निकट गई, और मशक को पानी से भर लिया। तत्‍पश्‍चात् उसने बालक को पानी पिलाया। परमेश्‍वर बालक के साथ था। वह बड़ा होता गया। वह निर्जन प्रदेश में रहता था। वह विख्‍यात धनुर्धारी बना। वह पारन के निर्जन प्रदेश में रहता था। उसकी मां ने उसके लिए एक कन्‍या ढूंढ़ी जो मिस्र देश की रहने वाली थी, और उसके साथ उसका विवाह कर दिया। उस समय अबीमेलक ने अपने सेनापति पीकोल के साथ आकर अब्राहम से कहा, ‘आपके प्रत्‍येक कार्य में परमेश्‍वर आपके साथ रहता है। अतएव अब मुझसे परमेश्‍वर की शपथ खाइए, कि आप न मुझसे, न मेरी सन्‍तान और न मेरे वंश से छल-कपट करेंगे। वरन् जैसा मैंने आपके साथ प्रेममय व्‍यवहार किया है, वैसा ही आप मेरे और मेरे देश के साथ, जहाँ आप प्रवास करते हैं, व्‍यवहार करेंगे।’ अब्राहम बोले, ‘मैं शपथ खाता हूँ।’ पर जब अब्राहम ने अपने एक कुएं के विषय में, जिस पर अबीमेलक के सेवकों ने कब्‍जा कर लिया था, उससे शिकायत की तब वह बोला, ‘मैं नहीं जानता कि किसने यह कार्य किया है। आपने भी मुझे नहीं बताया। मैंने आज तक इसके विषय में सुना भी नहीं था।’ अब्राहम ने भेड़-बकरी और गाय-बैल अबीमेलक को भेंट में दिए और दोनों ने आपस में सन्‍धि की। अब्राहम ने भेड़ों के सात मेमनों को झुण्‍ड से अलग रखा। अबीमेलक ने अब्राहम से पूछा, ‘इन सात मेमनों का, जिन्‍हें आपने अलग रखा है, क्‍या अर्थ है?’ अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘आप मेरे हाथ से इन सात मेमनों को ग्रहण करेंगे कि आप मेरे साक्षी बनें कि मैंने ही यह कुआं खुदवाया था।’ वहाँ दोनों ने शपथ ली। इसलिए उस स्‍थान का नाम ‘बएर-शबा’ पड़ा। उन्‍होंने बएर-शबा में सन्‍धि की। तत्‍पश्‍चात् अबीमेलक और उसका सेनापति पीकोल उठे, और वे पलिश्‍तियों के देश को लौट गए। अब्राहम ने बएर-शबा में झाऊ-वृक्ष का एक पौधा लगाया, और वहाँ प्रभु के नाम से शाश्‍वत परमेश्‍वर की आराधना की। अब्राहम ने पलिश्‍तियों के देश में बहुत दिन प्रवास किया।

उत्‍पत्ति 21:1-34 Hindi Holy Bible (HHBD)

सो यहोवा ने जैसा कहा था वैसा ही सारा की सुधि लेके उसके साथ अपने वचन के अनुसार किया। सो सारा को इब्राहीम से गर्भवती हो कर उसके बुढ़ापे में उसी नियुक्त समय पर जो परमेश्वर ने उससे ठहराया था एक पुत्र उत्पन्न हुआ। और इब्राहीम ने अपने पुत्र का नाम जो सारा से उत्पन्न हुआ था इसहाक रखा। और जब उसका पुत्र इसहाक आठ दिन का हुआ, तब उसने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार उसका खतना किया। और जब इब्राहीम का पुत्र इसहाक उत्पन्न हुआ तब वह एक सौ वर्ष का था। और सारा ने कहा, परमेश्वर ने मुझे प्रफुल्लित कर दिया है; इसलिये सब सुनने वाले भी मेरे साथ प्रफुल्लित होंगे। फिर उसने यह भी कहा, कि क्या कोई कभी इब्राहीम से कह सकता था, कि सारा लड़कों को दूध पिलाएगी? पर देखो, मुझ से उसके बुढ़ापे में एक पुत्र उत्पन्न हुआ। और वह लड़का बढ़ा और उसका दूध छुड़ाया गया: और इसहाक के दूध छुड़ाने के दिन इब्राहीम ने बड़ी जेवनार की। तब सारा को मिस्री हाजिरा का पुत्र, जो इब्राहीम से उत्पन्न हुआ था, हंसी करता हुआ देख पड़ा। सो इस कारण उसने इब्राहीम से कहा, इस दासी को पुत्र सहित बरबस निकाल दे: क्योंकि इस दासी का पुत्र मेरे पुत्र इसहाक के साथ भागी न होगा। यह बात इब्राहीम को अपने पुत्र के कारण बुरी लगी। तब परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा, उस लड़के और अपनी दासी के कारण तुझे बुरा न लगे; जो बात सारा तुझ से कहे, उसे मान, क्योंकि जो तेरा वंश कहलाएगा सो इसहाक ही से चलेगा। दासी के पुत्र से भी मैं एक जाति उत्पन्न करूंगा इसलिये कि वह तेरा वंश है। सो इब्राहीम ने बिहान को तड़के उठ कर रोटी और पानी से भरी चमड़े की थैली भी हाजिरा को दी, और उसके कन्धे पर रखी, और उसके लड़के को भी उसे दे कर उसको विदा किया: सो वह चली गई, और बेर्शेबा के जंगल में भ्रमण करने लगी। जब थैली का जल चुक गया, तब उसने लड़के को एक झाड़ी के नीचे छोड़ दिया। और आप उससे तीर भर के टप्पे पर दूर जा कर उसके साम्हने यह सोचकर बैठ गई, कि मुझ को लड़के की मृत्यु देखनी न पड़े। तब वह उसके साम्हने बैठी हुई चिल्ला चिल्ला के रोने लगी। और परमेश्वर ने उस लड़के की सुनी; और उसके दूत ने स्वर्ग से हाजिरा को पुकार के कहा, हे हाजिरा तुझे क्या हुआ? मत डर; क्योंकि जहां तेरा लड़का है वहां से उसकी आवाज परमेश्वर को सुन पड़ी है। उठ, अपने लड़के को उठा और अपने हाथ से सम्भाल क्योंकि मैं उसके द्वारा एक बड़ी जाति बनाऊंगा। परमेश्वर ने उसकी आंखे खोल दी, और उसको एक कुंआ दिखाई पड़ा; सो उसने जा कर थैली को जल से भर कर लड़के को पिलाया। और परमेश्वर उस लड़के के साथ रहा; और जब वह बड़ा हुआ, तब जंगल में रहते रहते धनुर्धारी बन गया। वह तो पारान नाम जंगल में रहा करता था: और उसकी माता ने उसके लिये मिस्र देश से एक स्त्री मंगवाई॥ उन दिनों में ऐसा हुआ कि अबीमेलेक अपने सेनापति पीकोल को संग ले कर इब्राहीम से कहने लगा, जो कुछ तू करता है उस में परमेश्वर तेरे संग रहता है: सो अब मुझ से यहां इस विषय में परमेश्वर की किरिया खा, कि तू न तो मुझ से छल करेगा, और न कभी मेरे वंश से करेगा, परन्तु जैसी करूणा मैं ने तुझ पर की है, वैसी ही तू मुझ पर और इस देश पर भी जिस में तू रहता है करेगा इब्राहीम ने कहा, मैं किरिया खाऊंगा। और इब्राहीम ने अबीमेलेक को एक कुएं के विषय में, जो अबीमेलेक के दासों ने बरीयाई से ले लिया था, उलाहना दिया। तब अबीमेलेक ने कहा, मैं नहीं जानता कि किस ने यह काम किया: और तू ने भी मुझे नहीं बताया, और न मैं ने आज से पहिले इसके विषय में कुछ सुना। तब इब्राहीम ने भेड़-बकरी, और गाय-बैल ले कर अबीमेलेक को दिए; और उन दोनों ने आपस में वाचा बान्धी। और इब्राहीम ने भेड़ की सात बच्ची अलग कर रखीं। तब अबीमेलेक ने इब्राहीम से पूछा, इन सात बच्चियों का, जो तू ने अलग कर रखी हैं, क्या प्रयोजन है? उसने कहा, तू इन सात बच्चियों को इस बात की साक्षी जान कर मेरे हाथ से ले, कि मैं ने कुंआ खोदा है। उन दोनों ने जो उस स्थान में आपस में किरिया खाई, इसी कारण उसका नाम बेर्शेबा पड़ा। जब उन्होंने बेर्शेबा में परस्पर वाचा बान्धी, तब अबीमेलेक, और उसका सेनापति पीकोल उठ कर पलिश्तियों के देश में लौट गए। और इब्राहीम ने बेर्शेबा में झाऊ का एक वृक्ष लगाया, और वहां यहोवा, जो सनातन ईश्वर है, उससे प्रार्थना की। और इब्राहीम पलिश्तियों के देश में बहुत दिनों तक परदेशी हो कर रहा॥

उत्‍पत्ति 21:1-34 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

यहोवा ने जैसा कहा था वैसा ही सारा की सुधि ले के उसके साथ अपने वचन के अनुसार किया। सारा अब्राहम से गर्भवती हुई; और उसके बुढ़ापे में उसी नियुक्‍त समय पर जो परमेश्‍वर ने उस से ठहराया था, एक पुत्र उत्पन्न हुआ। अब्राहम ने अपने उस पुत्र का नाम जो सारा से उत्पन्न हुआ था इसहाक रखा। और जब उसका पुत्र इसहाक आठ दिन का हुआ, तब उसने परमेश्‍वर की आज्ञा के अनुसार उसका खतना किया। जब अब्राहम का पुत्र इसहाक उत्पन्न हुआ तब अब्राहम एक सौ वर्ष का था। और सारा ने कहा, “परमेश्‍वर ने मुझे प्रफुल्‍लित किया है; इसलिये सब सुननेवाले भी मेरे साथ प्रफुल्‍लित होंगे।” फिर उसने यह भी कहा, “क्या कोई कभी अब्राहम से कह सकता था कि सारा लड़कों को दूध पिलाएगी? पर देखो, मुझ से उसके बुढ़ापे में एक पुत्र उत्पन्न हुआ।” वह लड़का बढ़ा और उसका दूध छुड़ाया गया; और इसहाक के दूध छुड़ाने के दिन अब्राहम ने बड़ा भोज किया। तब सारा को मिस्री हाजिरा का पुत्र, जो अब्राहम से उत्पन्न हुआ था, हँसी करता हुआ दिखाई पड़ा। इस कारण उसने अब्राहम से कहा, “इस दासी को पुत्र सहित निकाल दे; क्योंकि इस दासी का पुत्र मेरे पुत्र इसहाक के साथ भागी नहीं होगा।” यह बात अब्राहम को अपने पुत्र के कारण बहुत बुरी लगी। परन्तु परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, “उस लड़के और अपनी दासी के कारण तुझे बुरा न लगे; जो बात सारा तुझ से कहे, उसे मान, क्योंकि जो तेरा वंश कहलाएगा वह इसहाक ही से चलेगा। दासी के पुत्र से भी मैं एक जाति उत्पन्न करूँगा, इसलिये कि वह तेरा वंश है।” इसलिये अब्राहम ने सबेरे तड़के उठकर रोटी और पानी से भरी चमड़े की थैली भी हाजिरा को दी, और उसके कन्धे पर रखी, और उसके लड़के को भी उसे देकर उसको विदा किया। वह चली गई, और बेर्शेबा के जंगल में भटकने लगी। जब थैली का जल समाप्‍त हो गया, तब उसने लड़के को एक झाड़ी के नीचे छोड़ दिया। और आप उस से तीर भर के टप्पे पर दूर जाकर उसके सामने यह सोचकर बैठ गई, “मुझ को लड़के की मृत्यु देखनी न पड़े।” तब वह उसके सामने बैठी हुई चिल्‍ला चिल्‍ला के रोने लगी। परमेश्‍वर ने उस लड़के की सुनी; और उसके दूत ने स्वर्ग से हाजिरा को पुकार के कहा, “हे हाजिरा, तुझे क्या हुआ? मत डर; क्योंकि जहाँ तेरा लड़का है वहाँ से उसकी आवाज़ परमेश्‍वर को सुन पड़ी है। उठ, अपने लड़के को उठा और अपने हाथ से सम्भाल; क्योंकि मैं उसके द्वारा एक बड़ी जाति बनाऊँगा।” तब परमेश्‍वर ने उसकी आँखें खोल दीं, और उसको एक कुआँ दिखाई पड़ा; तब उसने जाकर थैली को जल से भरकर लड़के को पिलाया। और परमेश्‍वर उस लड़के के साथ रहा; और जब वह बड़ा हुआ, तब जंगल में रहते रहते धनुर्धारी बन गया। वह पारान नामक जंगल में रहा करता था; और उसकी माता ने उसके लिये मिस्र देश से एक स्त्री मँगवाई। उन दिनों में ऐसा हुआ कि अबीमेलेक अपने सेनापति पीकोल को संग लेकर अब्राहम से कहने लगा, “जो कुछ तू करता है उसमें परमेश्‍वर तेरे संग रहता है; इसलिये अब मुझ से यहाँ इस विषय में परमेश्‍वर की शपथ खा कि तू न तो मुझ से छल करेगा और न कभी मेरे वंश से करेगा, परन्तु जैसी करुणा मैं ने तुझ पर की है वैसी ही तू मुझ पर और इस देश पर भी, जिसमें तू रहता है, करेगा।” अब्राहम ने कहा, “मैं शपथ खाऊँगा।” तब अब्राहम ने अबीमेलेक को एक कुएँ के विषय में जो अबीमेलेक के दासों ने बलपूर्वक ले लिया था, उलाहना दिया। तब अबीमेलेक ने कहा, “मैं नहीं जानता कि किस ने यह काम किया; और तू ने भी मुझे नहीं बताया, और न मैं ने आज से पहले इसके विषय में कुछ सुना।” तब अब्राहम ने भेड़–बकरी और गाय–बैल अबीमेलेक को दिए; और उन दोनों ने आपस में वाचा बाँधी। अब्राहम ने भेड़ की सात बच्‍ची अलग कर रखीं। तब अबीमेलेक ने अब्राहम से पूछा, “इन सात बच्‍चियों का, जो तू ने अलग कर रखी हैं, क्या प्रयोजन है?” उसने कहा, “तू इन सात बच्‍चियों को इस बात की साक्षी जानकर मेरे हाथ से ले कि मैं ने यह कुआँ खोदा है।” उन दोनों ने जो उस स्थान में आपस में शपथ खाई, इसी कारण उसका नाम बेर्शेबा पड़ा। जब उन्होंने बेर्शेबा में परस्पर वाचा बाँधी, तब अबीमेलेक और उसका सेनापति पीकोल उठकर पलिश्तियों के देश में लौट गए। फिर अब्राहम ने बेर्शेबा में झाऊ का एक वृक्ष लगाया और वहाँ यहोवा से जो सनातन ईश्‍वर है प्रार्थना की। अब्राहम पलिश्तियों के देश में बहुत दिनों तक परदेशी होकर रहा।

उत्‍पत्ति 21:1-34 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

यहोवा ने जैसा कहा था वैसा ही सारा की सुधि लेकर उसके साथ अपने वचन के अनुसार किया। सारा अब्राहम से गर्भवती होकर उसके बुढ़ापे में उसी नियुक्त समय पर जो परमेश्वर ने उससे ठहराया था, एक पुत्र उत्पन्न हुआ। अब्राहम ने अपने पुत्र का नाम जो सारा से उत्पन्न हुआ था इसहाक रखा। (मत्ती 1:2, लूका 3:34) और जब उसका पुत्र इसहाक आठ दिन का हुआ, तब उसने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार उसका खतना किया। (प्रेरि. 7:8) जब अब्राहम का पुत्र इसहाक उत्पन्न हुआ तब वह एक सौ वर्ष का था। और सारा ने कहा, “परमेश्वर ने मुझे प्रफुल्लित किया है; इसलिए सब सुननेवाले भी मेरे साथ प्रफुल्लित होंगे।” फिर उसने यह भी कहा, “क्या कोई कभी अब्राहम से कह सकता था, कि सारा लड़कों को दूध पिलाएगी? पर देखो, मुझसे उसके बुढ़ापे में एक पुत्र उत्पन्न हुआ।” और वह लड़का बढ़ा और उसका दूध छुड़ाया गया; और इसहाक के दूध छुड़ाने के दिन अब्राहम ने बड़ा भोज किया। (गला. 4:22, इब्रा. 11:11) तब सारा को मिस्री हागार का पुत्र, जो अब्राहम से उत्पन्न हुआ था, हँसी करता हुआ दिखाई पड़ा। इस कारण उसने अब्राहम से कहा, “इस दासी को पुत्र सहित निकाल दे: क्योंकि इस दासी का पुत्र मेरे पुत्र इसहाक के साथ भागी न होगा।” (गला. 4:29) यह बात अब्राहम को अपने पुत्र के कारण बुरी लगी। तब परमेश्वर ने अब्राहम से कहा, “उस लड़के और अपनी दासी के कारण तुझे बुरा न लगे; जो बात सारा तुझ से कहे, उसे मान, क्योंकि जो तेरा वंश कहलाएगा सो इसहाक ही से चलेगा। (इब्रा. 11:18, रोम. 9:7) दासी के पुत्र से भी मैं एक जाति उत्पन्न करूँगा इसलिए कि वह तेरा वंश है।” इसलिए अब्राहम ने सवेरे तड़के उठकर रोटी और पानी से भरी चमड़े की थैली भी हागार को दी, और उसके कंधे पर रखी, और उसके लड़के को भी उसे देकर उसको विदा किया। वह चली गई, और बेर्शेबा के जंगल में भटकने लगी। जब थैली का जल समाप्त हो गया, तब उसने लड़के को एक झाड़ी के नीचे छोड़ दिया। और आप उससे तीर भर के टप्पे पर दूर जाकर उसके सामने यह सोचकर बैठ गई, “मुझ को लड़के की मृत्यु देखनी न पड़े।” तब वह उसके सामने बैठी हुई चिल्ला चिल्लाकर रोने लगी। परमेश्वर ने उस लड़के की सुनी; और उसके दूत ने स्वर्ग से हागार को पुकारकर कहा, “हे हागार, तुझे क्या हुआ? मत डर; क्योंकि जहाँ तेरा लड़का है वहाँ से उसकी आवाज परमेश्वर को सुन पड़ी है। उठ, अपने लड़के को उठा और अपने हाथ से सम्भाल; क्योंकि मैं उसके द्वारा एक बड़ी जाति बनाऊँगा।” तब परमेश्वर ने उसकी आँखें खोल दीं, और उसको एक कुआँ दिखाई पड़ा; तब उसने जाकर थैली को जल से भरकर लड़के को पिलाया। और परमेश्वर उस लड़के के साथ रहा; और जब वह बड़ा हुआ, तब जंगल में रहते-रहते धनुर्धारी बन गया। वह पारान नामक जंगल में रहा करता था; और उसकी माता ने उसके लिये मिस्र देश से एक स्त्री मँगवाई। उन दिनों में ऐसा हुआ कि अबीमेलेक अपने सेनापति पीकोल को संग लेकर अब्राहम से कहने लगा, “जो कुछ तू करता है उसमें परमेश्वर तेरे संग रहता है; इसलिए अब मुझसे यहाँ इस विषय में परमेश्वर की शपथ खा कि तू न तो मुझसे छल करेगा, और न कभी मेरे वंश से करेगा, परन्तु जैसी करुणा मैंने तुझ पर की है, वैसी ही तू मुझ पर और इस देश पर भी, जिसमें तू रहता है, करेगा।” अब्राहम ने कहा, “मैं शपथ खाऊँगा।” और अब्राहम ने अबीमेलेक को एक कुएँ के विषय में जो अबीमेलेक के दासों ने बलपूर्वक ले लिया था, उलाहना दिया। तब अबीमेलेक ने कहा, “मैं नहीं जानता कि किसने यह काम किया; और तूने भी मुझे नहीं बताया, और न मैंने आज से पहले इसके विषय में कुछ सुना।” तब अब्राहम ने भेड़-बकरी, और गाय-बैल अबीमेलेक को दिए; और उन दोनों ने आपस में वाचा बाँधी। अब्राहम ने सात मादा मेम्नों को अलग कर रखा। तब अबीमेलेक ने अब्राहम से पूछा, “इन सात बच्चियों का, जो तूने अलग कर रखी हैं, क्या प्रयोजन है?” उसने कहा, “तू इन सात बच्चियों को इस बात की साक्षी जानकर मेरे हाथ से ले कि मैंने यह कुआँ खोदा है।” उन दोनों ने जो उस स्थान में आपस में शपथ खाई, इसी कारण उसका नाम बेर्शेबा पड़ा। जब उन्होंने बेर्शेबा में परस्पर वाचा बाँधी, तब अबीमेलेक और उसका सेनापति पीकोल, उठकर पलिश्तियों के देश में लौट गए। फिर अब्राहम ने बेर्शेबा में झाऊ का एक वृक्ष लगाया, और वहाँ यहोवा से जो सनातन परमेश्वर है, प्रार्थना की। अब्राहम पलिश्तियों के देश में बहुत दिनों तक परदेशी होकर रहा।

उत्‍पत्ति 21:1-34 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

याहवेह ने अपने कहे वचन के मुताबिक साराह पर अनुग्रह किया, और उन्होंने साराह से जो वायदा किया था, उसे पूरा किया. साराह गर्भवती हुई और उसने अब्राहाम के बुढ़ापे में, परमेश्वर के नियुक्त किए गये समय में एक बेटे को जन्म दिया. अब्राहाम ने साराह से जन्मे इस पुत्र का नाम यित्सहाक रखा. जब उसका बेटा यित्सहाक आठ दिन का हुआ, तब अब्राहाम ने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार उसका ख़तना किया. यित्सहाक के जन्म के समय अब्राहाम की आयु एक सौ वर्ष की थी. साराह ने कहा, “मुझे परमेश्वर ने हंसी से भर दिया और जो कोई यह बात सुनेगा, वह भी मेरे साथ हंसेगा.” और उसने यह भी कहा, “अब्राहाम से कौन कहता था कि साराह बच्‍चे को दूध पिला पायेगी? किंतु मैंने उनके बुढ़ापे में उनको एक पुत्र दिया.” साराह का बेटा बड़ा होता गया और उसका दूध छुड़ाया गया, और जिस दिन यित्सहाक का दूध छुड़ाया गया, उस दिन अब्राहाम ने एक बड़ा भोज दिया. पर साराह ने देखा कि मिस्री हागार का बेटा, जो अब्राहाम से जन्मा था, उपहास कर रहा है, तो साराह ने अब्राहाम से कहा, “इस दासी तथा इसके पुत्र को यहां से निकाल दो, क्योंकि इस दासी का पुत्र मेरे पुत्र यित्सहाक के साथ वारिस कभी नहीं हो सकता.” इस बात ने अब्राहाम को बहुत दुखित कर दिया, क्योंकि यह बात अपने पुत्र इशमाएल के सम्‍बन्‍ध में थी. किंतु परमेश्वर ने अब्राहाम से कहा, “उस लड़के और दासी के बारे में सोचकर परेशान मत हो जो कुछ साराह तुमसे कहे, उसे सुन लो क्योंकि तुम्हारे वंशज यित्सहाक के माध्यम से नामित होंगे. दासी के पुत्र से भी मैं एक जाती बनाऊंगा, क्योंकि वह तुम्हारा है.” तब अब्राहाम ने जल्दी उठकर खाना और पानी देकर हागार और उसके पुत्र को वहां से चले जाने को कहा हागार वहां से निकल गई और बेअरशेबा के सुनसान रास्ते में भटकती रही. और जब पानी खत्म हो गया, उसने अपने बेटे को एक झाड़ी की छांव में लेटा दिया. वह स्वयं एक तीर की दूरी में जाकर बैठ गई, क्योंकि वह सोच रही थी, “मैं अपने बेटे का रोना और उसकी परेशानी नहीं देख पाऊंगी.” और वहां बैठते ही वह फूट-फूटकर रोने लगी. परमेश्वर ने उस बेटे का रोना सुना और स्वर्ग से परमेश्वर के दूत ने हागार से पूछा, “हे हागार, क्या हुआ तुम्हें? डरो मत; क्योंकि जहां तेरा बेटा पड़ा है, वहां से परमेश्वर ने उसके रोने को सुन लिया हैं. अब उठो, अपने बेटे को उठाओ, क्योंकि मैं उससे एक बड़ी जाति बनाऊंगा.” यह कहते हुए परमेश्वर ने हागार को एक कुंआ दिखाया. उसने उस कुएं से पानी लेकर अपने बेटे को पिलाया. वह बेटा परमेश्वर के अनुग्रह से बड़ा हो गया और वह धनुर्धारी बना. वह पारान के निर्जन देश में रहता था. उसकी माता ने उसके लिए मिस्र देश से ही शादी के लिए लड़की ढूंढ़ ली. अबीमेलेक तथा उसकी सेना के सेनापति फीकोल ने अब्राहाम से कहा, “आपके सब कामों में परमेश्वर की आशीष रही है. इसलिये आप हमसे वायदा कीजिये कि आप मुझे, मेरे वंशजों से अथवा मेरी भावी पीढ़ियों से कभी धोखा नहीं करेंगे, लेकिन आप हम सब पर दया करना-जैसा मैंने आपसे किया था.” अब्राहाम ने कहा, “मैं आपसे वायदा करता हूं.” और अब्राहाम ने अबीमेलेक से उस कुएं के विषय में कहा, जिसे अबीमेलेक के सेवकों ने ले लिया था. अबीमेलेक ने उत्तर दिया, “न तो आपने मुझे इसके विषय में कभी बताया, न आज तक मैंने इस विषय में सुना है और न मुझे यह बात मालूम है.” अब्राहाम ने अबीमेलेक को भेंट में भेड़ें एवं बछड़े दिए तथा दोनों ने वायदा किया. फिर अब्राहाम ने सात मेमनों को अलग किया, अबीमेलेक ने अब्राहाम से पूछा, “क्या मतलब है इन सात मेमनों को अलग करने का?” अब्राहाम ने कहा, “कि आप ये सात मेमने लें ताकि यह हमारे बीच सबूत होगा, कि यह कुंआ मैंने खोदा है.” इसलिये अब्राहाम ने उस स्थान का नाम बेअरशेबा रखा, क्योंकि यहां उन दोनों ने यह शपथ ली थी. अतः उन दोनों ने बेअरशेबा में यह वाचा स्थापित की. फिर अबीमेलेक तथा उसका सेनापति फीकोल फिलिस्तिया देश चले. अब्राहाम ने बेअरशेबा में एक झाऊ का पेड़ लगाया और वहां उसने याहवेह, सनातन परमेश्वर की आराधना की. और बहुत समय तक अब्राहाम फिलिस्तिया देश में रहा.

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