निर्गमन 4:1-12

निर्गमन 4:1-12 पवित्र बाइबल (HERV)

तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, “किन्तु इस्राएल के लोग मुझ पर विश्वास नहीं करेंगे जब मैं उनसे कहूँगा कि तूने मुझे भेजा है। वे कहेंगे, ‘यहोवा ने तुमसे बातें नहीं कीं।’” किन्तु परमेश्वर ने मूसा से कहा, “तुमने अपने हाथ में क्या ले रखा है?” मूसा ने उत्तर दिया, “यह मेरी टहलने की लाठी है।” तब परमेश्वर ने कहा, “अपनी लाठी को जमीन पर फेंको।” इसलिए मूसा ने अपनी लाठी को जमीन पर फेंका और लाठी एक साँप बन गयी। मूसा डरा और इससे दूर भागा। किन्तु यहोवा ने मूसा से कहा, “आगे बढ़ो और साँप की पूँछ पकड़ लो।” इसलिए मूसा आगे बढ़ा और उसने साँप की पूँछ पकड़ लीया। जब मूसा ने ऐसा किया तो साँप फिर लाठी बन गयी। तब परमेश्वर ने कहा, “अपनी लाठी का इसी प्रकार उपयोग करो और लोग विश्वास करेंगे कि तुमने यहोवा अर्थात् अपने पूर्वजों के परमेश्वर, इब्राहीम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर तथा याकूब के परमेश्वर को देखा है।” तब यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं तुमको दूसरा प्रमाण दूँगा। तुम अपने हाथ को अपने लबादे के अन्दर करो।” इसलिए मूसा ने अपने लबादे को खोला और हाथ को अन्दर किया। तब मूसा ने अपने हाथ को लबादे से बाहर निकाला और वह बदला हुआ था। उसका हाथ बर्फ की तरह सफेद दागों से ढका था। तब परमेश्वर ने कहा, “अब तुम अपना हाथ फिर लबादे के भीतर रखो।” इसलिए मूसा ने फिर अपना हाथ अपने लबादे के भीतर किया। तब मूसा ने अपना हाथ बाहर निकाला और उसका हाथ बदल गया था। अब उसका हाथ पहले की तरह ठीक हो गया था। तब परमेश्वर ने कहा, “यदि लोग तुम्हारा विश्वास लाठी का उपयोग करने पर न करें, तो वे तुम पर तब विश्वास करेंगे जब तुम इस चिन्ह को दिखाओगे। यदि वे दोनों चीजों को दिखाने के बाद भी विश्वास न करें तो तुम नील नदी से कुछ पानी लेना। पानी को ज़मीन पर गिराना शुरु करना और ज्यों ही यह ज़मीन को छूएगा, खून बन जाएगा।” किन्तु मूसा ने यहोवा से कहा, “किन्तु हे यहोवा, मैं सच कहता हूँ मैं कुशल वक्ता नहीं हूँ। मैं लोगों से कुशलतापूर्वक बात करने के योग्य नहीं हुआ और अब तुझ से बातचीत करने के बाद भी मैं कुशल वक्ता नहीं हूँ। तू जानता हैं कि मैं धीरे—धीरे बोलता हूँ और उत्तम शब्दों का उपयोग नहीं करता।” तब यहोवा ने उससे कहा, “मनुष्य का मुँह किसने बनाया? और एक व्यक्ति को कौन बोलने और सुनने में असमर्थ बना सकता है? मनुष्य को कौन देखनेवाला और अन्धा बना सकता है? यह मैं हूँ जो इन सभी चीजों को कर सकता हूँ। मैं यहोवा हूँ। इसलिए जाओ। जब तुम बोलोगे, मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। मैं तुम्हें बोलने के लिए शब्द दूँगा।”

निर्गमन 4:1-12 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मूसा ने उत्तर दिया, ‘पर देख, वे मुझ पर विश्‍वास नहीं करेंगे, वे मेरी बात नहीं सुनेंगे; क्‍योंकि वे कहेंगे, “प्रभु ने तुझे दर्शन नहीं दिया।” ’ प्रभु ने मूसा से पूछा, ‘तेरे हाथ में यह क्‍या है?’ उन्‍होंने उत्तर दिया, ‘लाठी।’ प्रभु ने कहा, ‘इसे भूमि पर फेंक दे।’ मूसा ने उसे भूमि पर फेंका तो वह सर्प बन गई। मूसा उसके सम्‍मुख से हट गए। प्रभु ने मूसा से कहा, ‘अपना हाथ बढ़ा और उसकी पूंछ से उसे पकड़।’ उन्‍होंने अपना हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ा, और वह उनके हाथ में पुन: लाठी बन गई।’ प्रभु ने कहा, ‘इस प्रकार उन्‍हें विश्‍वास होगा कि उनके पूर्वजों के परमेश्‍वर, अब्राहम के परमेश्‍वर, इसहाक के परमेश्‍वर और याकूब के परमेश्‍वर, मुझ-प्रभु ने तुझे दर्शन दिया है।’ तत्‍पश्‍चात् प्रभु ने उनसे पुन: कहा, ‘अपना हाथ वस्‍त्र के भीतर छाती पर रख।’ मूसा ने वस्‍त्र के भीतर छाती पर अपना हाथ रखा। जब उन्‍होंने उसे बाहर निकाला तब उनका हाथ बर्फ के समान कोढ़ जैसा सफेद हो गया। परमेश्‍वर ने कहा, ‘अब अपना हाथ फिर से वस्‍त्र के भीतर छाती पर रख।’ अत: मूसा ने पुन: अपना हाथ वस्‍त्र के भीतर छाती पर रखा। जब उन्‍होंने उसे छाती से बाहर निकाला तब वह उनके शेष शरीर के सदृश जैसा का तैसा हो गया। परमेश्‍वर ने कहा, ‘यदि वे तुझ पर विश्‍वास न करें, अथवा प्रथम चिह्‍न पर ध्‍यान न दें तो वे दूसरे चिह्‍न पर ध्‍यान देंगे। यदि वे इन दोनों चिह्‍नों पर भी विश्‍वास न करें, और तेरी बात को न सुनें तो तू नील नदी का जल लेना और उसे सूखी भूमि पर उण्‍डेलना। जो जल तू नील नदी से लेगा, वह सूखी भूमि पर रक्‍त बन जाएगा।’ मूसा ने प्रभु से कहा, ‘हे मेरे स्‍वामी, मैं कुशल वक्‍ता नहीं हूं। मैं न पहले कभी था, और न जब से तू अपने सेवक से वार्तालाप करने लगा है, मैं हूं। मुझे बोलने में कठिनाई होती है और मेरी जीभ लड़खड़ाती है।’ प्रभु ने उनसे पुन: कहा, ‘किसने मनुष्‍य का मुंह बनाया? कौन उसे गूंगा, बहरा, दृष्‍टिवाला अथवा अन्‍धा बनाता है? क्‍या मैं प्रभु ही उसे ऐसा नहीं बनाता? अब जा, मैं तेरी वाणी पर निवास करूंगा। जो बोलना है, वह मैं तुझे सिखाऊंगा।’

निर्गमन 4:1-12 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब मूसा ने उतर दिया, कि वे मेरी प्रतीति न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन कहेंगे, कि यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया। यहोवा ने उससे कहा, तेरे हाथ में वह क्या है? वह बोला, लाठी। उसने कहा, उसे भूमि पर डाल दे; जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके साम्हने से भागा। तब यहोवा ने मूसा से कहा, हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ ले कि वे लोग प्रतीति करें कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर अर्थात इब्राहीम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने तुझ को दर्शन दिया है। तब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गई। फिर यहोवा ने उससे यह भी कहा, कि अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप। सो उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा, कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्वेत हो गया है। तब उसने कहा, अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढांप। और उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; और जब उसने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है, कि वह फिर सारी देह के समान हो गया। तब यहोवा ने कहा, यदि वे तेरी बात की प्रतीति न करें, और पहिले चिन्ह को न मानें, तो दूसरे चिन्ह की प्रतीति करेंगे। और यदि वे इन दोनों चिन्होंकी प्रतीति न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल ले कर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लोहू बन जायेगा। मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूं। यहोवा ने उससे कहा, मनुष्य का मुंह किस ने बनाया है? और मनुष्य को गूंगा, वा बहिरा, वा देखने वाला, वा अन्धा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? अब जा, मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा।

निर्गमन 4:1-12 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब मूसा ने उत्तर दिया, “वे मेरा विश्‍वास नहीं करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन् कहेंगे, ‘यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया’।” यहोवा ने उससे कहा, “तेरे हाथ में वह क्या है?” वह बोला, “लाठी।” उसने कहा, “उसे भूमि पर डाल दे।” जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके सामने से भागा। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “हाथ बढ़ाकर उसकी पूँछ पकड़ ले, ताकि वे लोग विश्‍वास करें कि तुम्हारे पितरों के परमेश्‍वर अर्थात् अब्राहम के परमेश्‍वर, इसहाक के परमेश्‍वर, और याक़ूब के परमेश्‍वर, यहोवा ने तुझ को दर्शन दिया है।” जब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गया। फिर यहोवा ने उससे यह भी कहा, “अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप।” अत: उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्‍वेत हो गया है। तब उसने कहा, “अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढाँप।” उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; और जब उस ने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है कि वह फिर सारी देह के समान हो गया। तब यहोवा ने कहा, “यदि वे तेरी बात का विश्‍वास न करें, और पहले चिह्न को न मानें, तो दूसरे चिह्न का विश्‍वास करेंगे। और यदि वे इन दोनों चिह्नों का विश्‍वास न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल लेकर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लहू बन जायेगा।” मूसा ने यहोवा से कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुँह और जीभ का भद्दा हूँ।” यहोवा ने उससे कहा, “मनुष्य का मुँह किसने बनाया है? और मनुष्य को गूँगा, या बहिरा, या देखनेवाला, या अंधा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? अब जा, मैं तेरे मुख के संग होकर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊँगा।”

निर्गमन 4:1-12 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब मूसा ने उत्तर दिया, “वे मुझ पर विश्वास न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन् कहेंगे, ‘यहोवा ने तुझको दर्शन नहीं दिया।’” यहोवा ने उससे कहा, “तेरे हाथ में वह क्या है?” वह बोला, “लाठी।” उसने कहा, “उसे भूमि पर डाल दे।” जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके सामने से भागा। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “हाथ बढ़ाकर उसकी पूँछ पकड़ ले, ताकि वे लोग विश्वास करें कि तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर अर्थात् अब्राहम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने तुझको दर्शन दिया है।” जब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गई। फिर यहोवा ने उससे यह भी कहा, “अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप।” अतः उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा, कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्वेत हो गया है। तब उसने कहा, “अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढाँप।” और उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; और जब उसने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है कि वह फिर सारी देह के समान हो गया। तब यहोवा ने कहा, “यदि वे तेरी बात पर विश्वास न करें, और पहले चिन्ह को न मानें, तो दूसरे चिन्ह पर विश्वास करेंगे। और यदि वे इन दोनों चिन्हों पर विश्वास न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल लेकर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लहू बन जाएगा।” (निर्ग. 7:19) मूसा ने यहोवा से कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुँह और जीभ का भद्दा हूँ।” यहोवा ने उससे कहा, “मनुष्य का मुँह किसने बनाया है? और मनुष्य को गूँगा, या बहरा, या देखनेवाला, या अंधा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? अब जा, मैं तेरे मुख के संग होकर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखाता जाऊँगा।”

निर्गमन 4:1-12 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

यह सुन मोशेह ने पूछा, “क्या होगा जब वे मेरी बात का न विश्वास करें और न मानें, और कहें, ‘यह असंभव है कि याहवेह तुम पर प्रकट हुए हों?’ ” याहवेह ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम्हारे हाथ में क्या है?” मोशेह ने उत्तर दिया, “एक लाठी.” याहवेह ने कहा, “उसे भूमि पर डाल दो!” तब मोशेह ने उसे भूमि पर डाल दी. वह लाठी सांप बन गई, मोशेह डरकर दूर चले गए. याहवेह ने मोशेह से कहा, “अपना हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ लो!” तब मोशेह ने अपना हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ लिया और वह उनके हाथ में आते ही लाठी बन गई! याहवेह ने कहा, “यह देखकर वे विश्वास करेंगे कि तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर, अब्राहाम, यित्सहाक तथा याकोब के परमेश्वर ही, तुम पर प्रकट हुए हैं.” फिर याहवेह ने मोशेह से दुबारा कहा “अब अपना हाथ वस्त्र के भीतर अपनी छाती पर रखो.” मोशेह ने अपना हाथ अपनी छाती पर रखकर बाहर निकाला, तुरंत उनका हाथ कुष्ठ के कारण हिम जैसा श्वेत हो गया. तब याहवेह ने उनसे कहा, “अपना हाथ वापस अपनी छाती पर रखो!” मोशेह ने अपना हाथ वापस अपनी छाती पर रखा; और जब उन्होंने अपना हाथ छाती से बाहर निकाला, वह वापस पहले जैसा सही हो गया. “यदि वे तुम्हारी बात का विश्वास न करें या उस पहले वाले चिन्ह को न मानें, हो सकता है कि वे दूसरे चिन्ह पर विश्वास कर लें. किंतु यदि वे इन दोनों चिन्हों पर भी विश्वास न करें और तुम्हारी बात को भी न माने, तब तुम नील नदी से कुछ जल लेकर सूखी भूमि पर डाल देना; नील नदी से लिया गया वह जल सूखी भूमि पर डालते ही खून बन जाएगा.” तब मोशेह ने याहवेह से कहा, “याहवेह परमेश्वर, मुझे माफ करें, मैं अच्छी तरह से बोल नहीं सकता हूं, पहले भी नहीं बोल सकता था, और न जब से आपने अपने दास से बात की थी, मेरी ज़ुबान तुतली और धीमी है!” याहवेह ने उनसे पूछा, “किसने मनुष्य का मुंह बनाया है? कौन उसे गूंगा या बहिरा बनाता है? कौन है जो उसको बोलने की शक्ति या देखने के लिए रोशनी देता है? क्या मैं, स्वयं याहवेह नहीं? अब जाओ. मैं, हां, मैं तुम्हें बोलने की मदद करूंगा, और बताऊंगा, कि तुम्हें क्या बोलना है.”