निर्गमन 18:13-23

निर्गमन 18:13-23 पवित्र बाइबल (HERV)

अगले दिन मूसा लोगों का न्याय करने वाला था। वहाँ लोगों की संख्या बहुत अधिक थी। इस कारण लोगों को मूसा के सामने सारे दिन खड़ा रहना पड़ा। यित्रो ने मूसा को न्याय करते देखा। उसने पूछा, “तुम ही यह क्यों कर रहे हो? एक मात्र न्यायाधीश तुम्हीं क्यों हो? और लोग केवल तुम्हारे पास ही सारे दिन क्यों आते हैं?” तब मूसा ने अपने ससुर से कहा, “लोग मेरे पास आते हैं और अपनी समस्याओं के बारे में मुझ से परमेश्वर का निर्णय पूछते हैं। यदि उन लोगों का कोई विवाद होता है तो वे मेरे पास आते हैं। मैं निर्णय करता हूँ कि कौन ठीक है। इस प्रकार मैं परमेश्वर के नियमों और उपदेशों की शिक्षा लोगों को देता हूँ।” किन्तु मूसा के ससुर ने उससे कहा, “जिस प्रकार तुम यह कर रहे हो, ठीक नहीं है। तुम्हारे अकेले के लिए यह काम अत्याधिक है। इससे तुम थक जाते हो और इससे लोग भी थक जाते हैं। तुम यह काम स्वयं अकेले नहीं कर सकते। मैं तुम्हें कुछ सुझाव दूँगा। मैं तुम्हें बताऊँगा कि तुम्हें क्या करना चाहिए। मेरी प्रार्थना है कि परमेश्वर तुम्हारा साथ देगा। जो तुम्हें करना चाहिए वह यह है। तुम्हें परमेश्वर के सामने लोगों का प्रतिनिधित्व करते रहना चाहिए, और तुम्हें उनके इन विवादों और समस्याओं को परमेश्वर के सामने रखना चाहिए। तुम्हें परमेश्वर के नियमों और उपदेशों की शिक्षा लोगों को देनी चाहिए। लोगों को चेतावनी दो कि वे नियम न तोड़ें। लोगों को जीने की ठीक राह बताओ। उन्हें बताओ कि वे क्या करें। किन्तु तुम्हें लोगों में से अच्छे लोगों को चुनना चाहिए। “तुम्हें अपने विश्वासपात्र आदमियों का चुनाव करना चाहिए अर्थात् उन आदमियों का जो परमेश्वर का सम्मान करते हों। उन आदमियों को चुनो जो धन के लिए अपना निर्णय न बदलें। इन आदमियों को लोगों का प्रशासक बनाओ। हज़ार, सौ, पचास और दस लोगों पर भी प्रशासक होने चाहिए। इन्हीं प्रशासकों को लोगों का न्याय करने दो। यदि कोई बहुत ही गंभीर मामला हो तो वे प्रशासक निर्णय के लिए तुम्हारे पास आ सकते हैं। किन्तु अन्य मामलों का निर्णय वे स्वयं ही कर सकते हैं। इस प्रकार यह तुम्हारे लिए अधिक सरल होगा। इसके अतिरिक्त, ये तुम्हारे काम में हाथ बटा सकेंगे। यदि तुम यहोवा की इच्छानुसार ऐसा करते हो तब तुम अपना कार्य करते रहने योग्य हो सकोगे। और इसके साथ ही साथ सभी लोग अपनी समस्याओं के हल हो जाने से शान्तिपूर्वक घर जा सकेंगे।”

निर्गमन 18:13-23 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

दूसरे दिन सबेरे मूसा लोगों का न्‍याय करने को बैठे। लोग सबेरे से सन्‍ध्‍या तक उन्‍हें घेरकर खड़े रहे। जब मूसा के ससुर ने उन्‍हें लोगों का न्‍याय करते देखा तब उनसे पूछा ‘लोगों के लिए तुम यह क्‍या कर रहे हो? क्‍या तुम अकेले बैठते हो? क्‍यों लोग सबेरे से सन्‍ध्‍या तक तुम्‍हारे आस-पास खड़े रहते हैं?’ मूसा ने अपने ससुर से कहा, ‘लोग मेरे पास परमेश्‍वर के निर्णय की जिज्ञासा से आते हैं। जब उनमें झगड़ा आदि होता है तब वे मेरे पास आते हैं। मैं वादी और प्रतिवादी के मध्‍य न्‍याय करता हूं। मैं उन्‍हें परमेश्‍वर की संविधि और व्‍यवस्‍था बतलाता हूं।’ मूसा के ससुर ने उनसे कहा, ‘जिस प्रकार तुम काम कर रहे हो, वह अच्‍छा नहीं है। तुम और तुम्‍हारे साथ के ये लोग थक जाएंगे; क्‍योंकि यह कार्य तुम्‍हारे लिए अत्‍यन्‍त भारी है। तुम अकेले इसे नहीं कर सकते हो। अब तुम मेरी बात सुनो। मैं तुम्‍हें परामर्श देता हूं। परमेश्‍वर तुम्‍हारे साथ हो। तुम परमेश्‍वर के सम्‍मुख लोगों का प्रतिनिधित्‍व करना, और उनके मुकद्दमे परमेश्‍वर के पास लाना। तुम उन पर परमेश्‍वर की संविधि और व्‍यवस्‍था प्रकाशित करना। तुम उन्‍हें मार्ग बतलाना, जिस पर उन्‍हें चलना चाहिए; वे कार्य सिखाना, जो उन्‍हें करने चाहिए। अब तुम सब इस्राएली लोगों में योग्‍य, परमेश्‍वर के भक्‍त, सत्‍य-निष्‍ठ और घूस से घृणा करने वाले व्यक्‍ति चुनो। ऐसे व्यक्‍तियों को हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास एवं दस-दस के समूह पर शासक नियुक्‍त करो। वे हर समय लोगों का न्‍याय करें। प्रत्‍येक बड़ा मुकद्दमा तुम्‍हारे पास लाया जाए, किन्‍तु सब छोटे मुकद्दमों का न्‍याय वे स्‍वयं करें। इस प्रकार वे तुम्‍हारे साथ दायित्‍व संभालेंगे, और तुम्‍हारा भार हल्‍का होगा। यदि तुम ऐसा करोगे और यदि परमेश्‍वर ऐसी आज्ञा देगा, तो तुम समर्थ बने रह सकोगे और लोग भी अपने-अपने निवास-स्‍थान को शान्‍ति से जाएंगे।’

निर्गमन 18:13-23 Hindi Holy Bible (HHBD)

दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से सांझ तक लोग मूसा के आसपास खड़े रहे। यह देखकर कि मूसा लोगों के लिये क्या क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से सांझ तक तेरे आसपास खड़े रहते हैं? मूसा ने अपने ससुर से कहा, इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्वर से पूछने आते है। जब जब उनका कोई मुकद्दमा होता है तब तब वे मेरे पास आते हैं और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्वर की विधि और व्यवस्था उन्हें जताता हूं। मूसा के ससुर ने उससे कहा, जो काम तू करता है वह अच्छा नहीं। और इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता। इसलिये अब मेरी सुन ले, मैं तुझ को सम्मति देता हूं, और परमेश्वर तेरे संग रहे। तू तो इन लोगों के लिये परमेश्वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुकद्दमों को परमेश्वर के पास तू पहुंचा दिया कर। इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर करके, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो जो काम इन्हें करना हो, वह इन को जता दिया कर। फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरूषों को छांट ले, जो गुणी, और परमेश्वर का भय मानने वाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करने वाले हों; और उन को हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त कर दे। और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े बड़े मुकद्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे छोटे मुकद्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हलका होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएंगे। यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुंच सकेंगें।

निर्गमन 18:13-23 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से साँझ तक लोग मूसा के आसपास खड़े रहे। यह देखकर कि मूसा लोगों के लिये क्या–क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, “यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से साँझ तक तेरे आसपास खड़े रहते हैं?” मूसा ने अपने ससुर से कहा, “इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्‍वर से पूछने आते हैं। जब जब उनका कोई मुक़द्दमा होता है तब तब वे मेरे पास आते हैं, और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्‍वर की विधि और व्यवस्था उन्हें समझाता हूँ।” मूसा के ससुर ने उससे कहा, “जो काम तू करता है, वह अच्छा नहीं। इससे तू क्या, वरन् ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्‍चय थक जाएँगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता। इसलिये अब मेरी सुन ले, मैं तुझ को सम्मति देता हूँ, और परमेश्‍वर तेरे संग रहे! तू इन लोगों के लिये परमेश्‍वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुक़द्दमों को परमेश्‍वर के पास तू पहुँचा दिया कर। इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर करके, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो जो काम इन्हें करना हो, वह इनको जता दिया कर। फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरुषों को छाँट ले, जो गुणी, और परमेश्‍वर का भय मानने वाले, सच्‍चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करने वाले हों; और उनको हज़ार–हज़ार, सौ–सौ, पचास–पचास, और दस–दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्‍त कर दे। और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े बड़े मुक़द्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे छोटे मुक़द्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हल्का होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएँगे। यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्‍वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुँच सकेंगे।”

निर्गमन 18:13-23 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से साँझ तक लोग मूसा के आस-पास खड़े रहे। यह देखकर कि मूसा लोगों के लिये क्या-क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, “यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से साँझ तक तेरे आस-पास खड़े रहते हैं?” मूसा ने अपने ससुर से कहा, “इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्वर से पूछने आते हैं। जब जब उनका कोई मुकद्दमा होता है तब-तब वे मेरे पास आते हैं और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्वर की विधि और व्यवस्था उन्हें समझाता हूँ।” मूसा के ससुर ने उससे कहा, “जो काम तू करता है वह अच्छा नहीं। और इससे तू क्या, वरन् ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय थक जाएँगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता। इसलिए अब मेरी सुन ले, मैं तुझको सम्मति देता हूँ, और परमेश्वर तेरे संग रहे। तू तो इन लोगों के लिये परमेश्वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुकद्दमों को परमेश्वर के पास तू पहुँचा दिया कर। इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर करके, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो-जो काम इन्हें करना हो, वह इनको समझा दिया कर। फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरुषों को छाँट ले, जो गुणी, और परमेश्वर का भय माननेवाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करनेवाले हों; और उनको हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त कर दे। और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े-बड़े मुकद्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे-छोटे मुकद्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हलका होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएँगे। यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझको ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुँच सकेंगे।”

निर्गमन 18:13-23 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

दूसरे दिन मोशेह लोगों के न्याय करने के लिये न्यायाधीश के आसन पर बैठे हुए थे और लोग सुबह से शाम तक मोशेह के आस-पास खड़े रहे. जब मोशेह के ससुर ने मोशेह को देखा, तो उन्होंने मोशेह से पूछा, “तुम यह सब इस प्रकार क्यों कर रहे हो? जब ये सारे लोग सुबह से शाम तक तुम्हारे आस-पास खड़े थे, तुम अकेले ही सब क्यों संभाल रहे हो?” मोशेह ने जवाब दिया, “लोग मेरे पास आते हैं क्योंकि वे अपने लिए परमेश्वर की इच्छा जानना चाहते हैं. यदि किसी व्यक्ति की अपने पड़ोसी से कोई बहस होती है और वे मेरे पास आते हैं, तब मैं उस व्यक्ति तथा उसके पड़ोसी के विषय में फैसला करके उनको परमेश्वर के नियम तथा उनकी विधियां बता देता हूं.” मोशेह के ससुर ने जवाब दिया: “तुम्हारा काम सही नहीं हैं. तुम और ये लोग जो तुम्हारे साथ हैं, परेशान हो जाएंगे, क्योंकि यह काम बहुत बड़ा है और तुम अकेले यह सब नहीं कर पाओगे. इसलिये मेरी बात सुनो, मैं तुम्हें यह सलाह देना चाहता हूं कि परमेश्वर तुम्हारे साथ रहें—तुम परमेश्वर के सम्मुख लोगों के प्रतिनिधि रहो और उनके विवाद परमेश्वर के सम्मुख लाओ. तुम उन्हें नियमों और व्यवस्था की बातें सिखाते जाओ और उन्हें किस तरह रहना हैं और उनकी आदतें कैसी हों यह सिखाओ, और कौन-कौन से काम उन्हें करने हैं यह बताते जाओ. साथ ही तुम इन लोगों में से कुछ ऐसे लोगों को चुन लो—जो सच्चाई से परमेश्वर के भय और श्रद्धा में जीने वाले हों, तथा अन्याय के लाभ से नफरत करते हों. इस प्रकार के व्यक्तियों को अलग करके, लोगों को झुंड में बांटकर, जवाबदारी उनको दे दो, जो हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास तथा दस-दस लोगों का झुंड हो. ये ज़िम्मेदार व्यक्ति ही उन लोगों की बात सुनें और सुलझायें और जो बात न सुलझ पाए तब ही वे तुम्हारे पास आएं. तब तुम्हारा बोझ हल्का हो जाएगा और पूरे लोगों पर अच्छी तरह नियंत्रण रख पाओगे. यदि परमेश्वर ऐसा करने की आज्ञा देते हैं, तो ऐसा ही करना, तब तुम्हारा काम आसान हो जाएगा तथा ये लोग भी शांति से अपनी जगह पहुंच सकेंगे.”