निर्गमन 15:22-27

निर्गमन 15:22-27 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब मूसा इस्राएलियों को लाल समुद्र से आगे ले गया, और वे शूर नाम जंगल में आए; और जंगल में जाते हुए तीन दिन तक पानी का सोता न मिला। फिर मारा नामक एक स्थान पर पहुँचे, वहाँ का पानी खारा था, उसे वे न पी सके; इस कारण उस स्थान का नाम मारा पड़ा। तब वे यह कहकर मूसा के विरुद्ध बकबक करने लगे, “हम क्या पीएँ?” तब मूसा ने यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने उसे एक पौधा बतला दिया, जिसे जब उसने पानी में डाला, तब वह पानी मीठा हो गया। वहीं यहोवा ने उनके लिये एक विधि और नियम बनाया, और वहीं उसने यह कहकर उनकी परीक्षा की, “यदि तू अपने परमेश्‍वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्‍टि में ठीक है वही करे, और उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्रियों पर भेजे हैं उनमें से एक भी तुझ पर न भेजूँगा; क्योंकि मैं तुम्हारा चंगा करनेवाला यहोवा हूँ।” तब वे एलीम को आए, जहाँ पानी के बारह सोते और सत्तर खजूर के पेड़ थे; और वहाँ उन्होंने जल के पास डेरे खड़े किए।

निर्गमन 15:22-27 पवित्र बाइबल (HERV)

मूसा इस्राएल के लोगों को लाल सागर से दूर ले जाता रहा, लोग शूर मरुभूमि में पहुँचे। वे तीन दिन तक मरुभूमि में यात्रा करते रहे। लोग तनिक भी पानी न पा सके। तीन दिन के बाद लोगों ने मारा की यात्रा की। मारा में पानी था, किन्तु पानी इतना कड़वा था कि लोग पी नहीं सकते थे। (यही कारण था कि इस स्थान का नाम मारा पड़ा।) लोगों ने मूसा से शिकायत शुरु की। लोगों ने कहा, “अब हम लोग क्या पीएं?” मूसा ने यहोवा को पुकारा। इसलिए यहोवा ने उसे एक पेड़ दिखाया। मूसा ने पेड़ को पानी में डाला। जब उसने ऐसा किया, पानी अच्छा पीने योग्य हो गया। उस स्थान पर यहोवा ने लोगों की परीक्षा ली और उन्हें एक नियम दिया। यहोवा ने लोगों के विश्वास की जाँच की। यहोवा ने कहा, “तुम लोगों को अपने परमेश्वर यहोवा का आदेश अवश्य मानना चाहिए। तुम लोगों को वह करना चाहिए जिसे वह ठीक कहता है। यदि तुम लोग यहोवा के आदेशों और नियमों का पालन करोगे तो तुम लोग मिस्रियों की तरह बीमार नहीं होगे। मैं तुम्हारा यहोवा तुम लोगों को कोई ऐसी बीमारी नहीं दूँगा जैसी मैंने मिस्रियों को दी। मैं यहोवा हूँ। मैं ही वह हूँ जो तुम्हें स्वस्थ बनाता है।” तब लोगों ने एलीम तक की यात्रा की। एलीम में पानी के बारह सोते थे। और वहाँ सत्तर खजूर के पेड़ थे। इसलिए लोगों ने वहाँ पानी के निकट डेरा डाला।

निर्गमन 15:22-27 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

तत्‍पश्‍चात मूसा इस्राएलियों को लाल सागर से आगे ले गए। वे शूर के निर्जन प्रदेश में पहुँचे। वे तीन दिन तक निर्जन प्रदेश में चलते रहे, परन्‍तु उन्‍हें पीने को पानी नहीं मिला। जब वे मारा नामक झरने पर पहुँचे, वे उसका पानी न पी सके, क्‍योंकि वह कड़वा था। अतएव उस झरने का नाम “मारा” पड़ा। इस्राएली मूसा के विरुद्ध बक-बक करने लगे, ‘हम क्‍या पीएँ?’ मूसा ने प्रभु की दुहाई दी। प्रभु ने मूसा को वृक्ष का एक लट्ठा दिखाया। उन्‍होंने उसको पानी में फेंक दिया और पानी मीठा हो गया। प्रभु ने वहाँ संविधि और न्‍याय-सिद्धान्‍त स्‍थापित किए। वहाँ उसने उन्‍हें कसौटी पर भी कसा। प्रभु ने कहा, ‘यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी ध्‍यानपूर्वक सुनोगे, जो कार्य मेरी दृष्‍टि में उचित है, उसे करोगे, मेरी आज्ञाओं पर कान दोगे और मेरी समस्‍त संविधियों का पालन करोगे, तो मैं तुम पर महामारियाँ नहीं डालूँगा, जो मैंने मिस्र-निवासियों पर डाली थीं, क्‍योंकि मैं प्रभु हूं−तुम्‍हें स्‍वस्‍थ करने वाला।’ तत्‍पश्‍चात इस्राएली एलीम में आए। वहाँ बारह झरने और सत्तर खजूर के वृक्ष थे। वहाँ उन्‍होंने जल के तट पर पड़ाव डाला।

निर्गमन 15:22-27 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब मूसा इस्राएलियों को लाल समुद्र से आगे ले गया, और वे शूर नाम जंगल में आए; और जंगल में जाते हुए तीन दिन तक पानी का सोता न मिला। फिर मारा नाम एक स्थान पर पहुंचे, वहां का पानी खारा था, उसे वे न पी सके; इस कारण उस स्थान का नाम मारा पड़ा। तब वे यह कहकर मूसा के विरुद्ध बकझक करने लगे, कि हम क्या पीएं? तब मूसा ने यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने उसे एक पौधा बतला दिया, जिसे जब उसने पानी में डाला, तब वह पानी मीठा हो गया। वहीं यहोवा ने उनके लिये एक विधि और नियम बनाया, और वहीं उसने यह कहकर उनकी परीक्षा की, कि यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्रियों पर भेजा है उन में से एक भी तुझ पर न भेजूंगा; क्योंकि मैं तुम्हारा चंगा करने वाला यहोवा हूं॥ तब वे एलीम को आए, जहां पानी के बारह सोते और सत्तर खजूर के पेड़ थे; और वहां उन्होंने जल के पास डेरे खड़े किए॥

निर्गमन 15:22-27 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब मूसा इस्राएलियों को लाल समुद्र से आगे ले गया, और वे शूर नामक जंगल में आए; और जंगल में जाते हुए तीन दिन तक पानी का सोता न मिला। फिर मारा नामक एक स्थान पर पहुँचे, वहाँ का पानी खारा था, उसे वे न पी सके; इस कारण उस स्थान का नाम मारा पड़ा। तब वे यह कहकर मूसा के विरुद्ध बड़बड़ाने लगे, “हम क्या पीएँ?” तब मूसा ने यहोवा की दुहाई दी, और यहोवा ने उसे एक पौधा बता दिया, जिसे जब उसने पानी में डाला, तब वह पानी मीठा हो गया। वहीं यहोवा ने उनके लिये एक विधि और नियम बनाया, और वहीं उसने यह कहकर उनकी परीक्षा की, “यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैंने मिस्रियों पर भेजे हैं उनमें से एक भी तुझ पर न भेजूँगा; क्योंकि मैं तुम्हारा चंगा करनेवाला यहोवा हूँ।” तब वे एलीम को आए, जहाँ पानी के बारह सोते और सत्तर खजूर के पेड़ थे; और वहाँ उन्होंने जल के पास डेरे खड़े किए।

निर्गमन 15:22-27 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

फिर मोशेह इस्राएलियों को लाल सागर से शूर के निर्जन देश में ले गए. वे तीन दिन पानी ढूंढ़ते रहे, किंतु उन्हें कहीं भी पानी का सोता नहीं दिखा. वे माराह नामक स्थान पर पहुंचे, किंतु माराह का पानी कड़वा था; इस कारण इस स्थान का नाम माराह पड़ा; इसलिये लोग मोशेह पर बड़बड़ाने लगे. वे कहने लगे, “हम क्या पिएंगे?” मोशेह ने याहवेह को पुकारा और याहवेह ने उन्हें एक लकड़ी का टुकड़ा दिखाया. जब मोशेह ने उस पेड़ को पानी में डाला, पानी मीठा बन गया. उसी जगह याहवेह ने उनके लिए एक नियम और विधि बनाई. याहवेह ने उनसे कहा, “यदि तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के वचन को पूरे मन से मानोगे और सही काम करोगे, उनकी बातों पर ध्यान दोगे तथा उनके सब नियमों को मानोगे तो मिस्रियों के साथ घटित, ऐसी कोई परेशानी तुम पर नहीं आने दूंगा; क्योंकि मैं याहवेह राफ़ा हूं, अर्थात् चंगा करनेवाला हूं.” तब वे एलिम नामक स्थान पर पहुंचे, जहां बारह झरने तथा सत्तर खजूर के पेड़ थे. इस्राएलियों ने जल के स्रोतों के पास ही अपना पड़ाव डाला.