एस्‍तर 5:9-14

एस्‍तर 5:9-14 पवित्र बाइबल (HERV)

उस दिन हामान राजमहल से अत्यधिक प्रसन्नचित्त हो कर विदा हुआ। किन्तु जब उसने राजा के द्वार पर मोर्दकै को देखा तो उसे मोर्दकै पर बहुत क्रोध आया। हामान मोर्दकै को देखते ही क्रोध से पागल हो उठा क्योंकि जब हामान वहाँ से गुजरा तो मोर्दकै ने उसके प्रति कोई आदर भाव नहीं दिखाया। मोर्दकै को हामान का कोई भय नहीं था, और इसी से हामान क्रोधित हो उठा था। किन्तु हामान ने अपने क्रोध पर काबू किया और घर चला गया। इसके बाद हामान ने अपने मित्रों और अपनी पत्नी जेरेश को एक साथ बुला भेजा। वह अपने मित्रों के आगे अपने धन और अनेक पुत्रों के बारे में डींग मारते हुए यह बताने लगा कि राजा उसका किस प्रकार से सम्मान करता है। वह बढ़ा चढ़ा कर यह भी बताने लगा कि दूसरे सभी हाकिमों से राजा ने किस प्रकार उसे और अधिक ऊँचे पद पर पदोन्नति दी है। “इतना ही नहीं” हामान ने यह भी बताया। “एक मात्र मैं ही ऐसा व्यक्ति हूँ जिसे महारानी एस्तेर ने अपने भोज में राजा के साथ बुलाया था और महारानी ने मुझे कल फिर राजा के साथ बुला भेजा था। किन्तु मुझे इन सब बातों से सचमुच कोई प्रसन्नता नहीं है। वास्तव में मैं उस समय तक प्रसन्न नहीं हो सकता जब तक राजा के द्वार पर मैं उस यहूदी मोर्दकै को बैठे हुए देखता हूँ।” इस पर हामान की पत्नी जेरेश और उसके मित्रों ने उसे एक सुझाव दिया। वे बोले, “किसी से कह कर पचहत्तर फुट ऊँचा फाँसी देने का एक खम्भा बनवाओं! जिस पर उसे लटकाया जाये! फिर प्रातःकाल राजा से कहो कि वह मोर्दकै को उस पर लटका दे। फिर राजा के साथ तुम भोज पर जाना और आनन्द से रहना।” हामान को यह सुझाव अच्छा लगा। सो उसने फाँसी का खम्भा बनवाने के लिए किसी को आदेश दे दिया।

एस्‍तर 5:9-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

उस दिन हामान आनन्‍द में डूबा, प्रसन्नचित्त रानी एस्‍तर के महल से बाहर निकला। मोरदकय राजमहल के प्रवेश-द्वार पर बैठा हुआ था। जब हामान ने देखा कि मोरदकय न तो उसके सम्‍मान में खड़ा हुआ और न वह उससे डरा, तब वह मोरदकय के प्रति क्रोध से भर गया। पर उसने अपने को रोका, और घर चला गया। उसने अपने मित्रों और पत्‍नी जेरेश को बुलाया। वे आए। हामान ने उनके सामने अपनी धन-सम्‍पत्ति का वैभव प्रदर्शित किया। उसने उन्‍हें बताया कि उसके कितने पुत्र हैं। उसने यह भी बताया कि सम्राट ने उसका कितना सम्‍मान किया, और उसकी पदोन्नति की, अपने सब दरबारियों और पदाधिकारियों में उसको सर्वोच्‍च पद प्रदान किया। हामान ने आगे कहा, ‘यहाँ तक कि महारानी एस्‍तर ने भी अपने द्वारा तैयार किए गए भोज में महाराज के साथ किसी को नहीं बुलाया, सिर्फ मुझको! और कल भी उन्‍होंने मुझे ही महाराज के साथ निमंत्रित किया है। पर जब मैं राजभवन के प्रवेश-द्वार पर उस यहूदी मोरदकय को बैठा हुआ देखता हूँ तब यह सब आदर-सम्‍मान व्‍यर्थ लगने लगता है।’ तब उसकी पत्‍नी जेरेश और उसके मित्रों ने यह सलाह दी, ‘तुम बीस मीटर ऊंचा फांसी का खम्‍भा बनाओ, और कल सबेरे महाराज से कहो कि वह मोरदकय को फांसी पर टांगने का आदेश दें। इसके बाद शाम को महाराज के साथ आनन्‍द से भोज में जाना।’ यह सलाह हामान को पसन्‍द आई। उसने फांसी का खम्‍भा बनवाया।

एस्‍तर 5:9-14 Hindi Holy Bible (HHBD)

उस दिन हामान आनन्दित ओर मन में प्रसन्न हो कर बाहर गया। परन्तु जब उसने मोर्दकै को राजभवन के फाटक में देखा, कि वह उसके साम्हने न तो खड़ा हुआ, और न हटा, तब वह मोर्दकै के विरुद्ध क्रोध से भर गया। तौभी वह अपने को रोककर अपने घर गया; और अपने मित्रों और अपनी स्त्री जेरेश को बुलवा भेजा। तब हामान ने, उन से अपने धन का वैभव, और अपने लड़के-बालों की बढ़ती और राजा ने उसको कैसे कैसे बढ़ाया, और और सब हाकिमों और अपने और सब कर्मचारियों से ऊंचा पद दिया था, इन सब का वर्णन किया। हामान ने यह भी कहा, कि एस्तेर रानी ने भी मुझे छोड़ और किसी को राजा के संग, अपनी की हुई जेवनार में आने न दिया; और कल के लिये भी राजा के संग उसने मुझी को नेवता दिया है। तौभी जब जब मुझे वह यहूदी मोर्दकै राजभवन के फाटक में बैठा हुआ दिखाई पड़ता है, तब तब यह सब मेरी दृष्टि में व्यर्थ है। उसकी पत्नी जेरेश और उसके सब मित्रों ने उस से कहा, पचास हाथ ऊंचा फांसी का एक खम्भा, बनाया जाए, और बिहान को राजा से कहना, कि उस पर मोर्दकै लटका दिया जाए; तब राजा के संग आनन्द से जेवनार में जाना। इस बात से प्रसन्न हो कर हामान ने बैसा ही फांसी का एक खम्भा बनवाया।

एस्‍तर 5:9-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

उस दिन हामान आनन्दित और मन में प्रसन्न होकर बाहर गया। परन्तु जब उसने मोर्दकै को राजभवन के फाटक में देखा, कि वह उसके सामने न तो खड़ा हुआ, और न हटा, तब वह मोर्दकै के विरुद्ध क्रोध से भर गया। तौभी वह अपने को रोककर अपने घर गया; और अपने मित्रों और अपनी स्त्री जेरेश को बुलवा भेजा। तब हामान ने उन से अपने धन का वैभव, और अपने बाल–बच्‍चों की बढ़ती और राजा ने उसको कैसे कैसे बढ़ाया, और अन्य सब हाकिमों और अपने और सब कर्मचारियों से ऊँचा पद दिया था, इन सब का वर्णन किया। हामान ने यह भी कहा, “एस्तेर रानी ने भी मुझे छोड़ और किसी को राजा के संग, अपने किए हुए भोज में आने न दिया; और कल के लिये भी राजा के संग उसने मुझी को नेवता दिया है। तौभी जब जब मुझे वह यहूदी मोर्दकै राजभवन के फाटक में बैठा हुआ दिखाई पड़ता है, तब तब यह सब मेरी दृष्‍टि में व्यर्थ लगता है।” उसकी पत्नी जेरेश और उसके सब मित्रों ने उससे कहा, “पचास हाथ ऊँचा फाँसी का एक खम्भा बनाया जाए, और सबेरे राजा से कहना कि उस पर मोर्दकै लटका दिया जाए; तब राजा के संग आनन्द से भोज में जाना।” इस बात से प्रसन्न होकर हामान ने वैसा ही फाँसी का एक खम्भा बनवाया।

एस्‍तर 5:9-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

उस दिन हामान आनन्दित और मन में प्रसन्न होकर बाहर गया। परन्तु जब उसने मोर्दकै को राजभवन के फाटक में देखा, कि वह उसके सामनेन तो खड़ा हुआ, और न हटा, तब वह मोर्दकै के विरुद्ध क्रोध से भर गया। तो भी वह अपने को रोककर अपने घर गया; और अपने मित्रों और अपनी स्त्री जेरेश को बुलवा भेजा। तब हामान ने, उनसे अपने धन का वैभव, और अपने बाल-बच्चों की बढ़ती और राजा ने उसको कैसे-कैसे बढ़ाया, और सब हाकिमों और अपने सब कर्मचारियों से ऊँचा पद दिया था, इन सब का वर्णन किया। हामान ने यह भी कहा, “एस्तेर रानी ने भी मुझे छोड़ और किसी को राजा के संग, अपने किए हुए भोज में आने न दिया; और कल के लिये भी राजा के संग उसने मुझी को नेवता दिया है। तो भी जब जब मुझे वह यहूदी मोर्दकै राजभवन के फाटक में बैठा हुआ दिखाई पड़ता है, तब-तब यह सब मेरी दृष्टि में व्यर्थ लगता है।” उसकी पत्नी जेरेश और उसके सब मित्रों ने उससे कहा, “पचास हाथ ऊँचा फांसी का एक खम्भा बनाया जाए, और सवेरे को राजा से कहना, कि उस पर मोर्दकै लटका दिया जाए; तब राजा के संग आनन्द से भोज में जाना।” इस बात से प्रसन्न होकर हामान ने वैसा ही फांसी का एक खम्भा बनवाया।

एस्‍तर 5:9-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

उस दिन हामान बहुत आनंदित हृदय के साथ लौटा; किंतु जैसे ही हामान की दृष्टि मोरदकय पर पड़ी, जो उस समय राजमहल के द्वार पर ही था, जिसने उसके सामने खड़ा होकर अभिनंदन करना उचित न समझा और न ही उसे सम्मान देना उचित समझा, हामान मोरदकय के प्रति क्रोध से भर उठा. फिर भी हामान ने स्वयं पर नियंत्रण बनाए रखा और अपने घर को लौट गया. उसने अपने मित्रों एवं पत्नी ज़ेरेष को अपने पास में बुला लिया. उनके सामने हामान ने अपने वैभव एवं समृद्धि का, अपने पुत्रों की संख्या का तथा हर एक घटना का उल्लेख किया, जिनमें राजा ने उसकी प्रशंसा का वर्णन किया तथा राजा द्वारा, अन्य सभी शासकों एवं राजा के अधिकारियों की अपेक्षा उसे ऊंचा पद देने की अपेक्षा वर्णन किया गया. हामान ने यह भी कहा, “यह भी मालूम है कि रानी एस्तेर ने राजा के साथ किसी अन्य को आमंत्रित न कर मात्र मुझे ही आमंत्रित करना उचित समझा. फिर भी, इतना सब होने पर भी मुझे कोई चैन नहीं मिलता, जब कभी मैं यहूदी मोरदकय को राजमहल परिसर द्वार पर बैठा हुआ देखता हूं.” यह सुन उनकी पत्नी ज़ेरेष तथा उसके समस्त मित्रों ने यह सुझाव दिया “आप बीस मीटर ऊंचा एक फांसी का खंभा बनवा दीजिए तथा सुबह जाकर राजा से अनुरोध कर मोरदकय को लटका दीजिए. और आप जाइए और राजा के साथ भोज का आनंद उठाइए.” हामान को यह परामर्श सही लगा तब उसने उस स्तंभ का निर्माण करवा डाला.