व्यवस्था-विवरण 11:18-20
व्यवस्था-विवरण 11:18-20 पवित्र बाइबल (HERV)
“जिन आदेशों को मैं दे रहा हूँ, याद रखो, उन्हें हृदय और आत्मा में धारण करो। इन आदेशों को लिखो और याद दिलाने वाले चिन्ह के रूप में इन्हें अपने हाथों पर बांधों तथा ललाट पर धारण करो। इन नियमों की शिक्षा अपने बच्चों को दो। इनके बारे में अपने घर में बैठे, सड़क पर टहलते, लेटते और जागते हुए बताया करो। इन आदेशों को अपने घर के द्वार स्तम्भों और फाटकों पर लिखो।
व्यवस्था-विवरण 11:18-20 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
‘अत: तुम मेरे इन शब्दों को अपने हृदय और प्राण में धारण करना! उन्हें चिह्न-स्वरूप अपने हाथ पर बांधना। वे तुम्हारी दोनों आंखों के मध्य शिरोबंद होंगे। तुम उन्हें अपने बच्चों को सिखाना। जब तुम अपने घर में बैठते हो, अथवा मार्ग पर चलते हो, जब तुम लेटते हो अथवा उठते हो, तब तुम, इन्हीं आज्ञाओं की चर्चा करना। तुम उन्हें अपने घर की चौखट के बाजुओं और नगर के प्रवेश-द्वारों पर लिखना।
व्यवस्था-विवरण 11:18-20 Hindi Holy Bible (HHBD)
इसलिये तुम मेरे ये वचन अपने अपने मन और प्राण में धारण किए रहना, और चिन्हानी के लिये अपने हाथों पर बान्धना, और वे तुम्हारी आंखों के मध्य में टीके का काम दें। और तुम घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते-उठते इनकी चर्चा करके अपने लड़केबालों को सिखाया करना। और इन्हें अपने अपने घर के चौखट के बाजुओं और अपने फाटकों के ऊपर लिखना
व्यवस्था-विवरण 11:18-20 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
इसलिये तुम मेरे ये वचन अपने अपने मन और प्राण में धारण किए रखना और चिह्न के रूप में अपने हाथों पर बाँधना और वे तुम्हारी आँखों के मध्य में टीके का काम दें। और तुम घर में बैठे मार्ग पर चलते, लेटते–उठते इनकी चर्चा करके अपने बच्चों को सिखाया करना। और इन्हें अपने अपने घर के चौखट के बाजुओं और अपने फाटकों के ऊपर लिखना
व्यवस्था-विवरण 11:18-20 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
इसलिए तुम मेरे ये वचन अपने-अपने मन और प्राण में धारण किए रहना, और चिन्ह के रूप में अपने हाथों पर बाँधना, और वे तुम्हारी आँखों के मध्य में टीके का काम दें। और तुम घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते-उठते इनकी चर्चा करके अपने बच्चों को सिखाया करना। और इन्हें अपने-अपने घर के चौखट के बाजुओं और अपने फाटकों के ऊपर लिखना
व्यवस्था-विवरण 11:18-20 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
तुम मेरे ये आदेश हृदय में रखोगे, अपनी आत्मा में उतार लोगे; तुम इन्हें अपने हाथ पर चिन्ह के रूप में बांध लोगे, ये तुम्हारे माथे पर टीका होंगे. तुम ये आदेश अपनी संतान को सिखाया करना. जब तुम अपने घर में बैठे हुए हो, तब तुम इनका उल्लेख करोगे, जब तुम मार्ग में आगे बढ़ रहे हो और जब तुम विश्राम के लिए लेटोगे या जब तुम नींद से उठोगे. तुम उन्हें अपने घर की चौखटों पर और अपने द्वारों पर लिखोगे