दानिएल 2:5-26
दानिएल 2:5-26 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
राजा ने कसदियों को उत्तर दिया, “मैं यह आज्ञा दे चुका हूँ कि यदि तुम फल समेत स्वप्न को न बताओगे तो तुम टुकड़े टुकड़े किए जाओगे, और तुम्हारे घर फुँकवा दिए जाएँगे। पर यदि तुम फल समेत स्वप्न को बता दो तो मुझ से भाँति भाँति के दान और भारी प्रतिष्ठा पाओगे। इसलिये तुम मुझे फल समेत स्वप्न बताओ।” उन्होंने दूसरी बार कहा, “हे राजा, स्वप्न तेरे दासों को बताया जाए, और हम उसका फल समझा देंगे।” राजा ने उत्तर दिया, “मैं निश्चय जानता हूँ कि तुम यह देखकर, कि राजा के मुँह से आज्ञा निकल चुकी है, समय बढ़ाना चाहते हो। इसलिये यदि तुम मुझे स्वप्न न बताओ तो तुम्हारे लिये एक ही आज्ञा है। क्योंकि तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने झूठी और गपशप की बातें कहा करेंगे। इसलिये तुम मुझे स्वप्न बताओ, तब मैं जानूँगा कि तुम उसका फल भी समझा सकते हो।” कसदियों ने राजा से कहा, “पृथ्वी भर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो राजा के मन की बात बता सके; और न कोई ऐसा राजा, या प्रधान, या हाकिम कभी हुआ है जिसने किसी ज्योतिषी, या तंत्री, या कसदी से ऐसी बात पूछी हो। जो बात राजा पूछता है, वह अनोखी है, और देवताओं को छोड़कर जिनका निवास मनुष्यों के संग नहीं है, और कोई दूसरा नहीं, जो राजा को यह बता सके।” इस पर राजा ने झुँझलाकर, और बहुत ही क्रोधित होकर, बेबीलोन के सब पण्डितों का नाश करने की आज्ञा दे दी। अत: यह आज्ञा निकली, और पण्डित लोगों का घात होने पर था; और लोग दानिय्येल और उसके संगियों को ढूँढ़ रहे थे कि वे भी घात किए जाएँ। तब दानिय्येल ने, अंगरक्षकों के प्रधान अर्योक से, जो बेबीलोन के पण्डितों को घात करने के लिये निकला था, सोच विचारकर और बुद्धिमानी के साथ कहा; और राजा के हाकिम अर्योक से पूछने लगा, “यह आज्ञा राजा की ओर से ऐसी उतावली के साथ क्यों निकली?” तब अर्योक ने दानिय्येल को इसका भेद बता दिया। तब दानिय्येल ने भीतर जाकर राजा से विनती की, कि उसके लिये कोई समय ठहराया जाए, ताकि वह महाराज को स्वप्न का फल बता सके। तब दानिय्येल ने अपने घर जाकर, अपने संगी हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह को यह हाल बताकर कहा, इस भेद के विषय में स्वर्ग के परमेश्वर की दया के लिये यह कहकर प्रार्थना करो, कि बेबीलोन के और सब पण्डितों के संग, दानिय्येल और उसके संगी भी नष्ट न किए जाएँ। तब वह भेद दानिय्येल को रात के समय दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया। तब दानिय्येल ने स्वर्ग के परमेश्वर का यह कहकर धन्यवाद किया, “परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है; क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं। समयों और ऋतुओं को वही बदलता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझवालों को समझ भी वही देता है; वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है। हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूँ, क्योंकि तू ने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों ने तुझ से माँगा था, उसे तू ने मुझ पर प्रगट किया है, तू ने हम को राजा की बात बताई है।” तब दानिय्येल ने अर्योक के पास, जिसे राजा ने बेबीलोन के पण्डितों का नाश करने के लिये ठहराया था, भीतर जाकर कहा, “बेबीलोन के पण्डितों का नाश न कर, मुझे राजा के सम्मुख भीतर ले चल, मैं फल बताऊँगा।” तब अर्योक ने दानिय्येल को राजा के सम्मुख शीघ्र भीतर ले जाकर उस से कहा, “यहूदी बन्दियों में से एक पुरुष मुझ को मिला है, जो राजा को स्वप्न का फल बताएगा।” राजा ने दानिय्येल से, जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, पूछा, “क्या तुझ में इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैं ने देखा है, उसे फल समेत मुझे बताए?”
दानिएल 2:5-26 पवित्र बाइबल (HERV)
इस पर राजा नबूकदनेस्सर ने उन लोगों से कहा, “नहीं! वह सपना क्या था, यह भी तुम्हें ही बताना है और उस सपने का अर्थ क्या है, यह भी तुम्हें ही बताना है और यदि तुम ऐसा नहीं कर पाये तो मैं तुम्हारे टुकड़े—टुकड़े कर डालने की आज्ञा दे दूँगा। मैं तुम्हारे घरों को तोड़ कर मलबे के ढ़ेर और राख में बदल डालने की आज्ञा भी दे दूँगा और यदि तुम मुझे मेरा सपना बता देते हो और उसकी व्याख्या कर देते हो तो मैं तुम्हें अनेक उपहार, बहुत से प्रतिफल और महान आदर प्रदान करूँगा। सो तुम मुझे मेरे सपने के बारे में बताओ और बताओ कि उसका अर्थ क्या है।” उन बुद्धिमान पुरूषों ने राजा से फिर कहा, “हे राजन, कृपा करके हमें सपने के बारे में बताओ और हम तुम्हें यह बतायेंगे कि उस सपने का फल क्या है।” इस पर राजा नबूकदनेस्सर ने कहा, “मैं जानता हूँ, तुम लोग और अधिक समय लेने का जतन कर रहे हो। तुम जानते हो कि मैंने जो कहा, वही मेरा अभिप्राय है। तुम यह जानते हो कि यदि तुमने मुझे मेरे सपने के बारे में नहीं बताया तो तुम्हें दण्ड दिया जायेगा। सो तुम सब एक मत हो कर मुझसे बातें बना रहे हो। तुम और अधिक समय लेना चाहते हो। तुम्हें यह आशा है कि मैं जो कुछ करना चाहता हूँ उसे तुम्हारी बातों में आकर भूल जाऊँगा। अच्छा अब तुम मुझे मेरा सपना बताओ। यदि तुम मुझे मेरा सपना बता पाओगे तभी मैं यह जान पाऊँगा कि वास्तव में उस सपने का अर्थ क्या है। यह तुम मुझे बता पाओगे!” कसदियों ने राजा को उत्तर देते हुए कहा, “हे राजन, धरती पर कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जैसा, आप करने को कह रहे हैं, जो वैसा कर सके। बुद्धिमान पुरूषों अथवा जादूगरों या कसदियों से किसी भी राजा ने कभी भी ऐसा करने को नहीं कहा। यहाँ तक कि महानतम और सबसे अधिक शक्तिशाली किसी भी राजा ने कभी अपने बुद्धिमान पुरूषों से ऐसा करने को नहीं कहा। महाराज, आप वह काम करने को कह रहे हैं, जे असम्भव है। बस राजा को उसके सपने के बारे में और उसके फल के बारे में देवता ही बता सकते हैं। किन्तु देवता तो लोगों के बीच नहीं रहते।” जब राजा ने यह सुना तो उसे बहुत क्रोध आया और उसने बाबुल के सभी विवेकी पुरूषों को मरवा डालने की आज्ञा दे दी। राजा नबूकदनेस्सर के आज्ञा का ढ़िढोरा पिटवा दिया गया। सभी बुद्धिमान पुरूषों को मारा जाना था, इसलिये दानिय्येल और उसके मित्रों को भी मरवा डालने के लिये उनकी खोज में राज—पुरूष भेज दिये गये। अर्योक राजा के रक्षकों का नायक था। वह बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों को मार डालने के लिये जा रहा था, किन्तु दानिय्येल ने उससे बातचीत की। दानिय्येल ने अर्योक से बुद्धिमानी के साथ नम्रतापूर्वक बात की। दानिय्येल ने अर्योक से पूछा, “राजा ने इतना कठोर दण्ड देने की आज्ञा क्यों दी है” इस पर अर्योक ने राजा के सपने वाली सारी कहानी कह सुनाई, दानिय्येल उसे समझ गया। दानिय्येल ने जब यह कहानी सुन ली तो वह राजा नबूकदनेस्सर के पास गया। दानिय्येल ने राजा से विनती की कि वह उसे थोड़ा समय और दे। उसके बाद वह राजा को उसका स्वप्न और उस स्वप्न का फल बता देगा। इसके बाद दानिय्येल अपने घर को चल दिया। उसने अपने मित्र हनन्याह, मीशाएल और अजर्याह को वह सारी बात कह सुनाई। दानिय्येल ने अपने मित्रों से स्वर्ग के परमेश्वर से प्रार्थना करने को कहा। दानिय्येल ने उनसे कहा कि वे परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह उन पर दयालु हो और इस रहस्य को समझने में उनकी सहायता करे जिससे बाबुल के दूसरे विवेकी पुरूषों के साथ दानिय्येल और उसके मित्र भी मौत के घाट न उतार दिये जायें। रात के समय परमेश्वर ने एक दर्शनमें दानिय्येल को वह रहस्य समझा दिया। इस पर स्वर्ग के परमेश्वर की स्तुति करते हुए दानिय्येल ने कहा: “परमेश्वर के नाम की सदा प्रशंसा करो! शक्ति और सामर्थ्य उसमें ही होते हैं! वह ही समय को बदलता है वह ही वर्ष के ऋतओं को बदलता है। वह ही राजाओं को बदलता है। वही राजाओं को शक्ति देता है और वही छीन लेता है। वही बुद्धि देता है और लोग बुद्धिमान बन जाते हैं। वही लोगों को ज्ञान देता है और लोग ज्ञानी बन जाते हैं। वह गहन और छिपे रहस्यों का ज्ञाता है जो समझ पाना कठिन है। उसके संग प्रकाश बना रहता है, सो इसी से वह जानता है कि अंधेर में और रहस्य भरे स्थानों में क्या है! हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तुझको धन्यवाद देता हूँ और तेरे गुण गाता हूँ। तूने ही मझको ज्ञान और शक्ति दी। जो बातें हमने पूछीं थी उनके बारे में तूने हमें बताया! तूने हमें राजा के सपने के बारे में बताया।” इसके बाद दानिय्येल अर्योक के पास गया। राजा नबूकदनेस्सर ने अर्योक को बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों की हत्या के लिये नियुक्त किया था। दानिय्येल ने अर्योक से कहा, “बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों की हत्या मत करो। मुझे राजा के पास ले चलो, मैं उसे उसका स्वप्न और उस स्वप्न का फल बता दूँगा।” सो अर्योक दानिय्येल को शीघ्र ही राजा के पास ले गया। अर्योक ने राजा से कहा, “यहूदा के बन्दियों में मैंने एक ऐसा पुरूष ढूँढ लिया है जो राजा को उसके सपने का मतलब बता सकता है।” सो राजा ने दानिय्येल (बेलतशस्सर) से एक प्रश्न पूछा, “क्या तू मुझे मेरे सपने और उसके अर्थ के बारे में बता सकता है”
दानिएल 2:5-26 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
राजा नबूकदनेस्सर ने कसदी पंडितों को उत्तर दिया, ‘मेरा वचन अटल है! यदि तुम मेरा स्वप्न और उसका अर्थ मुझे नहीं बताओगे, तो तुम निश्चय जानो कि तुम्हारे शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएंगे, और तुम्हारे घर खण्डहर बना दिए जाएंगे। पर यदि तुम अर्थ-सहित मेरा स्वप्न मुझे बता दोगे तो मैं तुम्हें पुरस्कारों-उपहारों से लाद दूंगा, और तुम्हारा बड़ा सम्मान करूंगा। अच्छा, अब मुझे मेरा स्वप्न और उसका अर्थ बताओ।’ कसदी पंडितों ने राजा से दूसरी बार निवेदन किया, ‘महाराज, अपने सेवकों को अपना स्वप्न बताएं और हम, आपके सेवक, महाराज को उसका अर्थ समझा देंगे।’ राजा ने उत्तर दिया, ‘मैं निश्चयपूर्वक जानता हूं कि तुम ये बातें केवल समय काटने के लिए कह रहे हो; क्योंकि तुम जानते हो कि मेरा यह वचन अटल है कि यदि तुम मेरा स्वप्न मुझे नहीं बताओगे, तो तुम्हारे लिए प्राणदण्ड निश्चित् है। तुम परस्पर इस बात में एकमत हो गए हो कि उस समय तक तुम मुझसे झूठ बोलो, मुझे झूठे उत्तर दो जब तक मेरा ध्यान न बंट जाए। इसलिए अब तुरन्त मुझे मेरा स्वप्न बताओ जिससे मुझे मालूम हो जाए कि तुम मुझे उसका अर्थ भी बता सकोगे।’ कसदी पंडितों ने राजा को उत्तर दिया, ‘महाराज, संसार में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो आपकी बात को पूरा कर सके। किसी भी महान और शक्तिशाली सम्राट ने ज्योतिषियों, तांत्रिकों, और कसदी पंडितों से कभी ऐसी बात नहीं पूछी। जो बात महाराज हमसे पूछ रहे हैं, वह कठिन है, और केवल देवता ही महाराज को उनका स्वप्न बता सकते हैं। पर देवता तो मनुष्य के मध्य नहीं रहते।’ यह बात सुनकर राजा नबूकदनेस्सर नाराज हो गया। उसका क्रोध भड़क उठा। उसने राजाज्ञा दी कि बेबीलोन देश के समस्त दरबारी विद्वान − ज्योतिषी, तांत्रिक, शकुन विचारनेवाले और कसदी पंडित − मौत के घाट उतार दिए जाएंगे। यह राजाज्ञा समस्त देश में प्रसारित की गई कि दरबार के सब विद्वानों का वध कर दिया जाएगा। राजा के अंगरक्षक दानिएल और उसके साथियों का वध करने के लिए उनको ढूंढ़ रहे थे। तब दानिएल ने राजा के अंगरक्षकों के नायक अर्योक से सोच-समझकर, बुद्धिमानी से बातें कीं। अर्योक बेबीलोन देश के समस्त दरबारी विद्वानों का वध करने निकला था। दानिएल ने नायक अर्योक से पूछा, ‘महाराज ने इतनी निष्ठुर राजाज्ञा क्यों प्रसारित की?’ तब अर्योक ने दानिएल को कारण बताया। अत: दानिएल राजमहल में गया, और उसने राजा नबूकदनेस्सर से निवेदन किया, “महाराज, आप मेरे लिए कोई समय निश्चित कर दें; क्योंकि मैं इस निश्चित समय पर महाराज का स्वप्न और उसका अर्थ बता दूंगा।” तत्पश्चात् दानिएल अपने घर गया, और वहाँ उसने अपने साथियों − हनन्याह, मीशाएल और अजर्याह − को यह बात बताई, और उसने उनसे कहा कि वे इस रहस्य के सम्बन्ध में स्वर्गिक परमेश्वर से प्रार्थना कर उसकी दया प्राप्त करें ताकि बेबीलोन के सब दरबारी विद्वानों के साथ हम भी नष्ट न किए जाएं। दानिएल के साथियों ने ऐसा ही किया। और रात के समय दर्शन के माध्यम से दानिएल पर रहस्य प्रकट किया गया। दानिएल से स्वर्गिक परमेश्वर को धन्यवाद दिया। उसने कहा: “परमेश्वर का नाम युग-युगांत धन्य है, बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं। परमेश्वर ही काल का नियंता और ऋतुओं का परिवर्तनकर्त्ता है। वही राजाओं को सिंहासन पर बैठाता, और वही उनको पदच्युत करता है। परमेश्वर ही बुद्धिमान को बुद्धि और समझदार को समझ देता है। परमेश्वर ही रहस्यमय भेदों को प्रकट करता है; वह अन्धकार में छिपे भेद को जानता है; उसके साथ ज्योति का निवास है। ‘हे परमेश्वर, मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तुझे धन्यवाद देता, और तेरी स्तुति करता हूं। तूने ही मुझे बुद्धि और बल प्रदान किया है; और अब तूने उस रहस्य को हम पर प्रकट किया, जो हमने तुझ से मांगा था; तूने हमें राजा का स्वप्न बता दिया।’ दानिएल अर्योक के पास गया, जिसको राजा नबूकदनेस्सर ने बेबीलोन के दरबारी विद्वानों का वध करने के लिए नियुक्त किया था। दानिएल ने उससे निवेदन किया, ‘आप बेबीलोन के दरबारी विद्वानों की हत्या मत कीजिए। कृपया, आप मुझे राजमहल में महाराज के पास ले चलिए। मैं महाराज को उनका स्वप्न और उसका अर्थ बताऊंगा।’ अत: अर्योक दानिएल को अविलम्ब राजा के महल में ले गया। उसने राजा से यों कहा, ‘महाराज, मुझे यहूदा प्रदेश के प्रवासियों में यह व्यक्ति मिला है, जो आपका स्वप्न और उसका अर्थ आपको बता सकता है।’ दानिएल से, जिसका विदेशी नाम बेलतशस्सर था, राजा नबूकदनेस्सर ने पूछा, “क्या तुम में इतनी सामर्थ्य है कि तुम मेरे देखे हुए स्वप्न को और उसका अर्थ मुझे बता सको?’
दानिएल 2:5-26 Hindi Holy Bible (HHBD)
राजा ने कसदियों को उत्तर दिया, मैं यह आज्ञा दे चुका हूं कि यदि तुम फल समेत स्वप्न को न बताओगे तो तुम टुकड़े टुकड़े किए जाओगे, और तुम्हारे घर फुंकवा दिए जाएंगे। और यदि तुम फल समेत स्वप्न को बता दो तो मुझ से भांति भांति के दान और भारी प्रतिष्ठा पाओगे। इसलिये तुम मुझे फल समेत स्वप्न बाताओ। उन्होंने दूसरी बार कहा, हे राजा स्वप्न तेरे दासों को बताया जाए, और हम उसका फल समझा देंगे। राजा ने उत्तर दिया, मैं निश्चय जानता हूं कि तुम यह देख कर, कि राजा के मुंह से आज्ञा निकल चुकी है, समय बढ़ाना चाहते हो। इसलिये यदि तुम मुझे स्वप्न न बताओ तो तुम्हारे लिये एक ही आज्ञा है। क्योंकि तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के साम्हने झूठी और गपशप की बातें कहा करेंगे। इसलिये तुम मुझे स्वप्न को बताओ, तब मैं जानूंगा कि तुम उसका फल भी समझा सकते हो। कसदियों ने राजा से कहा, पृथ्वी भर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो राजा के मन की बात बता सके; और न कोई ऐसा राजा, वा प्रधान, वा हाकिम कभी हुआ है जिसने किसी ज्योतिषी वा तन्त्री, वा कसदी से ऐसी बात पूछी हो। जो बात राजा पूछता है, वह अनोखी है, और देवताओं को छोड़ कर जिनका निवास मनुष्यों के संग नहीं है, और कोई दूसरा नहीं, जो राजा को यह बता सके॥ इस पर राजा ने झुंझलाकर, और बहुत की क्रोधित हो कर, बाबुल के सब पण्डितों के नाश करने की आज्ञा दे दी। सो यह आज्ञा निकली, और पण्डित लोगों का घात होने पर था; और लोग दानिय्येल और उसके संगियों को ढूंढ़ रहे थे कि वे भी घात किए जाएं। तब दानिय्येल ने, जल्लादों के प्रधान अर्योक से, जो बाबुल के पण्डितों को घात करने के लिये निकला था, सोच विचार कर और बुद्धिमानी के साथ कहा; और राजा के हाकिम अर्योक से पूछने लगा, यह आज्ञा राजा की ओर से ऐसी उतावली के साथ क्यों निकली? तब अर्योक ने दानिय्येल को इसका भेद बता दिया। और दानिय्येल ने भीतर जा कर राजा से बिनती की, कि उसके लिये कोई समय ठहराया जाए, तो वह महाराज को स्वप्न का फल बता देगा। तब दानिय्येल ने अपने घर जा कर, अपने संगी हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह को यह हाल बता कर कहा, इस भेद के विषय में स्वर्ग के परमेश्वर की दया के लिये यह कह कर प्रार्थना करो, कि बाबुल के और सब पण्डितों के संग दानिय्येल और उसके संगी भी नाश न किए जाएं। तब वह भेद दानिय्येल को रात के समय दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया। सो दानिय्येल ने स्वर्ग के परमेश्वर का यह कह कर धन्यवाद किया, परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है; क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं। समयों और ऋतुओं को वही पलटता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझ वालों को समझ भी वही देता है; वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है। हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूं, क्योंकि तू ने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों न तुझ से मांगे था, उसे तू ने मुझ पर प्रगट किया है, तू ने हम को राजा की बात बताई है। तब दानिय्येल ने अर्योक के पास, जिसे राजा ने बाबुल के पण्डितों के नाश करने के लिये ठहराया था, भीतर जा कर कहा, बाबुल के पण्डितों का नाश न कर, मुझे राजा के सम्मुख भीतर ले चल, मैं फल बताऊंगा॥ तब अर्योक ने दानिय्येल को राजा के सम्मुख शीघ्र भीतर ले जा कर उस से कहा, यहूदी बंधुओं में से एक पुरूष मुझ को मिला है, जो राजा को स्वप्न का फल बताएगा। राजा ने दानिय्येल से, जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, पूछा, क्या तुझ में इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैं ने देखा है, उसे फल समेत मुझे बताए?
दानिएल 2:5-26 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
राजा ने कसदियों को उत्तर दिया, “मैं यह आज्ञा दे चुका हूँ कि यदि तुम फल समेत स्वप्न को न बताओगे तो तुम टुकड़े टुकड़े किए जाओगे, और तुम्हारे घर फुँकवा दिए जाएँगे। पर यदि तुम फल समेत स्वप्न को बता दो तो मुझ से भाँति भाँति के दान और भारी प्रतिष्ठा पाओगे। इसलिये तुम मुझे फल समेत स्वप्न बताओ।” उन्होंने दूसरी बार कहा, “हे राजा, स्वप्न तेरे दासों को बताया जाए, और हम उसका फल समझा देंगे।” राजा ने उत्तर दिया, “मैं निश्चय जानता हूँ कि तुम यह देखकर, कि राजा के मुँह से आज्ञा निकल चुकी है, समय बढ़ाना चाहते हो। इसलिये यदि तुम मुझे स्वप्न न बताओ तो तुम्हारे लिये एक ही आज्ञा है। क्योंकि तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने झूठी और गपशप की बातें कहा करेंगे। इसलिये तुम मुझे स्वप्न बताओ, तब मैं जानूँगा कि तुम उसका फल भी समझा सकते हो।” कसदियों ने राजा से कहा, “पृथ्वी भर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो राजा के मन की बात बता सके; और न कोई ऐसा राजा, या प्रधान, या हाकिम कभी हुआ है जिसने किसी ज्योतिषी, या तंत्री, या कसदी से ऐसी बात पूछी हो। जो बात राजा पूछता है, वह अनोखी है, और देवताओं को छोड़कर जिनका निवास मनुष्यों के संग नहीं है, और कोई दूसरा नहीं, जो राजा को यह बता सके।” इस पर राजा ने झुँझलाकर, और बहुत ही क्रोधित होकर, बेबीलोन के सब पण्डितों का नाश करने की आज्ञा दे दी। अत: यह आज्ञा निकली, और पण्डित लोगों का घात होने पर था; और लोग दानिय्येल और उसके संगियों को ढूँढ़ रहे थे कि वे भी घात किए जाएँ। तब दानिय्येल ने, अंगरक्षकों के प्रधान अर्योक से, जो बेबीलोन के पण्डितों को घात करने के लिये निकला था, सोच विचारकर और बुद्धिमानी के साथ कहा; और राजा के हाकिम अर्योक से पूछने लगा, “यह आज्ञा राजा की ओर से ऐसी उतावली के साथ क्यों निकली?” तब अर्योक ने दानिय्येल को इसका भेद बता दिया। तब दानिय्येल ने भीतर जाकर राजा से विनती की, कि उसके लिये कोई समय ठहराया जाए, ताकि वह महाराज को स्वप्न का फल बता सके। तब दानिय्येल ने अपने घर जाकर, अपने संगी हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह को यह हाल बताकर कहा, इस भेद के विषय में स्वर्ग के परमेश्वर की दया के लिये यह कहकर प्रार्थना करो, कि बेबीलोन के और सब पण्डितों के संग, दानिय्येल और उसके संगी भी नष्ट न किए जाएँ। तब वह भेद दानिय्येल को रात के समय दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया। तब दानिय्येल ने स्वर्ग के परमेश्वर का यह कहकर धन्यवाद किया, “परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है; क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं। समयों और ऋतुओं को वही बदलता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझवालों को समझ भी वही देता है; वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है। हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूँ, क्योंकि तू ने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों ने तुझ से माँगा था, उसे तू ने मुझ पर प्रगट किया है, तू ने हम को राजा की बात बताई है।” तब दानिय्येल ने अर्योक के पास, जिसे राजा ने बेबीलोन के पण्डितों का नाश करने के लिये ठहराया था, भीतर जाकर कहा, “बेबीलोन के पण्डितों का नाश न कर, मुझे राजा के सम्मुख भीतर ले चल, मैं फल बताऊँगा।” तब अर्योक ने दानिय्येल को राजा के सम्मुख शीघ्र भीतर ले जाकर उस से कहा, “यहूदी बन्दियों में से एक पुरुष मुझ को मिला है, जो राजा को स्वप्न का फल बताएगा।” राजा ने दानिय्येल से, जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, पूछा, “क्या तुझ में इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैं ने देखा है, उसे फल समेत मुझे बताए?”
दानिएल 2:5-26 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
राजा ने कसदियों को उत्तर दिया, “मैं यह आज्ञा दे चुका हूँ कि यदि तुम अर्थ समेत स्वप्न को न बताओगे तो तुम टुकड़े-टुकड़े किए जाओगे, और तुम्हारे घर फुँकवा दिए जाएँगे। और यदि तुम अर्थ समेत स्वप्न को बता दो तो मुझसे भाँति-भाँति के दान और भारी प्रतिष्ठा पाओगे। इसलिए तुम मुझे अर्थ समेत स्वप्न बताओ।” उन्होंने दूसरी बार कहा, “हे राजा स्वप्न तेरे दासों को बताया जाए, और हम उसका अर्थ समझा देंगे।” राजा ने उत्तर दिया, “मैं निश्चय जानता हूँ कि तुम यह देखकर, कि राजा के मुँह से आज्ञा निकल चुकी है, समय बढ़ाना चाहते हो। इसलिए यदि तुम मुझे स्वप्न न बताओ तो तुम्हारे लिये एक ही आज्ञा है। क्योंकि तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने झूठी और गपशप की बातें कहा करेंगे। इसलिए तुम मुझे स्वप्न बताओ, तब मैं जानूँगा कि तुम उसका अर्थ भी समझा सकते हो।” कसदियों ने राजा से कहा, “पृथ्वी भर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो राजा के मन की बात बता सके; और न कोई ऐसा राजा, या प्रधान, या हाकिम कभी हुआ है जिसने किसी ज्योतिषी या तांत्रिक, या कसदी से ऐसी बात पूछी हो। जो बात राजा पूछता है, वह अनोखी है, और देवताओं को छोड़कर जिनका निवास मनुष्यों के संग नहीं है, और कोई दूसरा नहीं, जो राजा को यह बता सके।” इस पर राजा ने झुँझलाकर, और बहुत ही क्रोधित होकर, बाबेल के सब पंडितों के नाश करने की आज्ञा दे दी। अतः यह आज्ञा निकली, और पंडित लोगों का घात होने पर था; और लोग दानिय्येल और उसके संगियों को ढूँढ़ रहे थे कि वे भी घात किए जाएँ। तब दानिय्येल ने, अंगरक्षकों के प्रधान अर्योक से, जो बाबेल के पंडितों को घात करने के लिये निकला था, सोच विचार कर और बुद्धिमानी के साथ कहा; और राजा के हाकिम अर्योक से पूछने लगा, “यह आज्ञा राजा की ओर से ऐसी उतावली के साथ क्यों निकली?” तब अर्योक ने दानिय्येल को इसका भेद बता दिया। और दानिय्येल ने भीतर जाकर राजा से विनती की, कि उसके लिये कोई समय ठहराया जाए, तो वह महाराज को स्वप्न का अर्थ बता देगा। तब दानिय्येल ने अपने घर जाकर, अपने संगी हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह को यह हाल बताकर कहा: इस भेद के विषय में स्वर्ग के परमेश्वर की दया के लिये यह कहकर प्रार्थना करो, कि बाबेल के और सब पंडितों के संग दानिय्येल और उसके संगी भी नाश न किए जाएँ। तब वह भेद दानिय्येल को रात के समय दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया। तब दानिय्येल ने स्वर्ग के परमेश्वर का यह कहकर धन्यवाद किया, (अय्यू. 33:15, 16, गिन. 12:6) “परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है; क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं। समयों और ऋतुओं को वही पलटता है; राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानों को बुद्धि और समझवालों को समझ भी वही देता है; वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अंधियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है। हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों ने तुझ से माँगा था, उसे तूने मुझ पर प्रगट किया है, तूने हमको राजा की बात बताई है।” तब दानिय्येल ने अर्योक के पास, जिसे राजा ने बाबेल के पंडितों के नाश करने के लिये ठहराया था, भीतर जाकर कहा, “बाबेल के पंडितों का नाश न कर, मुझे राजा के सम्मुख भीतर ले चल, मैं अर्थ बताऊँगा।” तब अर्योक ने दानिय्येल को राजा के सम्मुख शीघ्र भीतर ले जाकर उससे कहा, “यहूदी बंधुओं में से एक पुरुष मुझ को मिला है, जो राजा को स्वप्न का अर्थ बताएगा।” राजा ने दानिय्येल से, जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, पूछा, “क्या तुझ में इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैंने देखा है, उसे अर्थ समेत मुझे बताए?”
दानिएल 2:5-26 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
राजा ने ज्योतिषियों को उत्तर दिया, “मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है: यदि तुम लोग मुझे स्वप्न सहित उसका अर्थ नहीं बताओगे, तो मैं तुम्हें टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा और तुम्हारे घरों को कचरे के ढेर में बदल दूंगा. पर यदि तुम स्वप्न को बताकर उसका अर्थ भी बताते हो, तो तुमको उपहार और ईनाम और बहुत आदरमान दिया जाएगा. इसलिये तुम मुझे स्वप्न बताओ और उसका अर्थ भी बताओ.” एक बार फिर उन्होंने उत्तर दिया, “राजा अपना स्वप्न अपने सेवकों को बताएं, और हम उसका अर्थ बताएंगे.” राजा ने उत्तर दिया, “मुझे पूरा निश्चय हो गया है कि तुम लोग समय को टालने की कोशिश कर रहे हो, क्योंकि तुम समझ चुके हो कि मैंने यह दृढ़ निश्चय कर लिया है: यदि तुम मुझे स्वप्न नहीं बताते हो, तो तुम्हारे लिये सिर्फ एक ही दंड है. यह आशा करते हुए कि परिस्थिति बदलेगी, तुम लोगों ने मुझसे झूठी और बुरी बातें कहने का षड़्यंत्र रचा है. इसलिये अब, तुम मुझे मेरा स्वप्न बताओ, और तब मैं जान लूंगा कि तुम मुझे उस स्वप्न का अर्थ भी बता सकते हो.” ज्योतिषियों ने राजा को उत्तर दिया, “पृथ्वी पर ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो राजा के इस पूछे गये प्रश्न का उत्तर दे सके! पर तो भी न तो किसी बड़े और शक्तिशाली राजा ने किसी जादूगर या टोन्हा या ज्योतिषी से कभी इस प्रकार की कोई बात पूछी है. राजा जो बात पूछ रहे हैं, वह बहुत कठिन है. देवताओं को छोड़, और कोई राजा को यह बात नहीं बता सकता, और देवता मानव प्राणी के बीच नहीं रहते.” यह सुनकर राजा इतना क्रोधित और आग बबूला हो गया कि उसने बाबेल के सब बुद्धिमान लोगों को मार डालने की आज्ञा दे दी. इसलिये सब बुद्धिमान लोगों को मार डालने का आदेश निकाला गया, और लोगों को दानिएल तथा उसके मित्रों के खोज में भेजा गया कि वे भी मार डाले जाएं. जब राजा के अंगरक्षकों का प्रधान आरिओख, बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने के लिये निकला था, तो दानिएल ने उससे बुद्धिमानी और व्यवहार कुशलता से बात की. उसने राजा के अधिकारी से पूछा, “राजा ने ऐसा कठोर आदेश क्यों निकाला है?” तब आरिओख ने दानिएल को वह बात बताई. यह जानकर दानिएल राजा के पास गया और कुछ समय देने की मांग की, ताकि वह राजा को उसके स्वप्न का अर्थ बता सके. तब दानिएल अपने घर लौटा और उसने अपने मित्रों हननियाह, मिषाएल तथा अज़रियाह को इस विषय में बताया. उसने उनको उत्साहित किया कि वे स्वर्ग के परमेश्वर से इस रहस्य के बारे में कृपा करने की बिनती करें, ताकि वह और उसके मित्र बाबेल के बाकी बुद्धिमान लोगों के साथ न मार डाले जाएं. रात के समय वह रहस्य एक दर्शन के रूप में दानिएल पर प्रगट हुआ. तब दानिएल ने स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की और कहा: “परमेश्वर के नाम की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे; क्योंकि बुद्धि और शक्ति उसकी है. वही हैं, जो समय एवं ऋतुओं को बदलते हैं; वे राजाओं को गद्दी से हटाते और दूसरों को गद्दी पर बैठाते हैं. वे बुद्धिमान को बुद्धि और समझदार को ज्ञान देते हैं. वे गूढ़ और छिपी बातों को प्रगट करते हैं; वे जानते हैं कि अंधेरे में क्या रखा है, और उनके साथ प्रकाश बना रहता है. हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं आपको धन्यवाद देता और आपकी प्रशंसा करता हूं: क्योंकि आपने मुझे बुद्धि एवं शक्ति दी है, आपने मुझे वह बात बताई है जो हमने आपसे पूछी, आपने हम पर राजा के स्वप्न को प्रगट किया है.” तब दानिएल, आरिओख के पास गया जिसे राजा ने बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने के लिये नियुक्त किया था, और उसने आरिओख से कहा, “बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने का काम रोक दीजिए. मुझे राजा के पास ले चलिए, और मैं राजा को उनके स्वप्न का अर्थ बताऊंगा.” आरिओख तुरंत दानिएल को राजा के पास ले गया और उसने राजा से कहा, “यहूदिया से बंधुआई में आये लोगों के बीच मुझे एक ऐसा व्यक्ति मिला है, जो राजा को उसके स्वप्न का अर्थ बता सकता है.” राजा ने दानिएल से पूछा (जिसे बैलशत्सर भी कहा जाता था), “क्या तुम इस योग्य हो कि मैंने स्वप्न में जो देखा है उसे और उसका अर्थ बता सको?”