2 राजा 18:19-32

2 राजा 18:19-32 पवित्र बाइबल (HERV)

सेनापतियों में से एक ने उनसे कहा, “हिजकिय्याह से कहो कि महान सम्राट अश्शूर का सम्राट यह कहता हैः ‘किस पर तुम भरोसा करते हो? तुमने केवल अर्थहीन शब्द कहे हैं। तुम कहते हो, “मेरे पास उपयुक्त सलाह और शक्ति युद्ध में मदद के लिये है।” किन्तु तुम किस पर विश्वास करते हो जो तुम मेरे शासन से स्वतन्त्र हो गए हो तुम टूटे बेंत की छड़ी का सहारा ले रहे हो। यह छड़ी मिस्र है। यदि कोई व्यक्ति इस छड़ी का सहारा लेगा तो यह टूटेगी और उसके हाथ को बेधती हुई उसे घायल करेगी! मिस्र का राजा उन सभी लोगों के लिये वैसा ही है, जो उस पर भरोसा करतें हैं। हो सकता है, तुम कहो, “हम यहोवा, अपने परमेश्वर पर विश्वास करते हैं।” किन्तु मैं जानता हूँ कि हिजकिय्याह ने यहोवा के उच्च स्थानों और वेदियों को हटा दिया और यहूदा और यरूशलेम से कहा, “तुम्हें केवल यरूशलेम में वेदी के सामने उपासना करनी चाहिये।” ‘अब अश्शूर के राजा, हमारे स्वामी से यह वाचा करो। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं दो हज़ार घोड़े दूँगा, यदि आप उन पर चढ़ने वाले घुड़सवारों को प्राप्त कर सकेंगे। मेरे स्वामी के अधिकारियों में से सबसे निचले स्तर के अधिकारी को भी तुम हरा नहीं सकते! तुमने रथ और घुड़सवार सैनिक पाने के लिये मिस्र पर विश्वास किया है। ‘मैं यहोवा के बिना यरूशलेम को नष्ट करने नहीं आया हूँ। यहोवा ने मुझसे कहा है, “इस देश के विरुद्ध जाओ और इसे नष्ट करो!”’ तब हिलकिय्याह का पुत्र एल्याकीम, शेब्ना और योआह ने सेनापति से कहा, “कृपया हमसे अरामी में बातें करें। हम उस भाषा को समझते हैं। यहूदा की भाषा में हम लोगों से बातें न करें क्योंकि दीवार पर के लोग हम लोगों की बातें सुन सकते हैं!” किन्तु रबशाके ने उनसे कहा, “मेरे स्वामी ने मुझे केवल तुमसे और तुम्हारे राजा से बातें करने के लिये नहीं भेजा है। मैं उन अन्य लोगों के लिये भी कह रहा हूँ जो दीवार पर बैठते हैं। वे अपना मल और मूत्र तुम्हारे साथ खायेंगे—पीयेंगे।” तब सेनापति हिब्रू भाषा में जोर से चिल्लाया, “महान सम्राट, अश्शूर के सम्राट का यह सन्देश सुनो। सम्राट कहता है, ‘हिजकिय्याह को, अपने को मूर्ख मत बनाने दो! वह तुम्हें मेरी शक्ति से बचा नहीं सकता।’ हिजकिय्याह के यहोवा के प्रति तुम आस्थावान न होना, हिजकिय्याह कहता है, ‘हमें यहोवा बचा लेगा! अश्शूर का सम्राट इस नगर को पराजित नहीं कर सकता है।’ “किन्तु हिजकिय्याह की एक न सुनो। अश्शूर का सम्राट यह कहता हैः मेरे साथ सन्धि करो और मुझसे मिलो। तब तुम हर एक अपनी अंगूर की बेलों और अपने अंजीर के पेड़ों से खा सकते हो तथा अपने कुँए से पानी पी सकते हो। यह तुम तब तक कर सकते हो जब तक मैं न आऊँ और तुम्हारे देश जैसे देश में तुम्हें ले न जाऊँ। यह अन्न और नयी दाखमधु, यह रोटी और अंगूर भरे खेत और जैतून एवं मधु का देश है। तब तुम जीवित रहोगे, मरोगे नहीं। “किन्तु हिजकिय्याह की एक न सुनो! वह तुम्हारे इरादों को बदलना चाहता है। वह कह रहा है, ‘यहोवा हमें बचा लेगा।’

2 राजा 18:19-32 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मुख्‍य साकी ने उनसे कहा, ‘जाओ, और हिजकियाह से यह कहो : असीरिया देश के महाराज यों कहते हैं : किस आधार पर तुम यह भरोसा करने लगे हो? तुम सोचते हो कि युद्ध के लिए शक्‍ति और युद्ध-कौशल नहीं, वरन् किसी के मुंह के शब्‍द ही पर्याप्‍त हैं। तुमने किस पर भरोसा करके मुझसे विद्रोह किया है? मिस्र देश पर? मिस्र देश क्‍या है? एक टूटा हुआ सरकण्‍डा! जो व्यक्‍ति उस पर टिकता है, वह उस व्यक्‍ति के हाथ में चुभता है, और उसको छेद देता है। मिस्र देश का राजा फरओ अपने भरोसा करने वालों के साथ ऐसा ही व्‍यवहार करता है। पर यदि तुम मुझसे यह कहोगे, “हमने अपने प्रभु परमेश्‍वर पर भरोसा किया,” तो मैं तुमसे यह कहता हूँ : क्‍या यह वही प्रभु परमेश्‍वर नहीं है, जिसके पहाड़ी शिखर के आराधना-गृह तथा वेदियां हिजकियाह ने हटा दी हैं, और जिसके लिए हिजकियाह ने यहूदा प्रदेश और यरूशलेम के निवासियों को यह आदेश दिया है, “तुम यरूशलेम की वेदी के सम्‍मुख ही आराधना करना?” ‘अब तुम असीरिया के महाराज, मेरे स्‍वामी के साथ एक शर्त बदो : मैं तुम्‍हें दो हजार घोड़े दूंगा, अगर तुम इन घोड़ों पर सवारी करने के लिए सवार ढूंढ़ सको! क्‍या तुम मिस्र देश के रथों और घुड़सवारों के बल पर मेरे महाराज के छोटे से छोटे सेनानायक को पीठ दिखाने के लिए विवश कर सकते हो? इसके अतिरिक्‍त, क्‍या मैं बिना प्रभु की इच्‍छा के इस स्‍थान को नष्‍ट करने आया हूँ? कदापि नहीं। प्रभु ने मुझसे कहा, “जा, इस प्रदेश पर चढ़ाई कर, और इसको नष्‍ट कर दे।” ’ एलयाकीम बेन-हिलकियाह, शेबनाह और योआह ने मुख्‍य साकी से निवेदन किया, ‘आप, कृपया, हमसे, अपने सेवकों से अरामी भाषा में बात कीजिए। हम इस भाषा को समझते हैं। इन लोगों के सामने जो परकोटे पर बैठे हैं, हमसे इब्रानी भाषा में बात मत कीजिए।’ मुख्‍य साकी ने उत्तर दिया, ‘क्‍या मेरे स्‍वामी ने केवल तुम्‍हारे स्‍वामी से, और तुमसे ये बातें कहने के लिए भेजा है? क्‍या मुझे परकोटे पर बैठे इन लोगों से बात करने के लिए नहीं भेजा है, जो तुम्‍हारे साथ अपना मल खाएंगे, और अपना मूत्र पिएंगे?’ तब मुख्‍य साकी खड़ा हुआ। उसने इब्रानी भाषा में उच्‍च स्‍वर में पुकार कर यह कहा, ‘ओ लोगो! असीरिया देश के महाराज के ये वचन सुनो! महाराज यों कहते हैं: तुम हिजकियाह के भुलावे में मत आओ। वह तुम्‍हें मेरे हाथ से बचा नहीं सकेगा। हिजकियाह तुम्‍हें प्रभु पर भरोसा करने को कहेगा, और बोलेगा, “प्रभु निश्‍चय ही हमें बचाएगा और यह नगर असीरिया के राजा के हाथ में नहीं पड़ेगा।” तुम उसकी बात पर विश्‍वास मत करना। तुम हिजकियाह की बात मत सुनो! असीरिया देश के महाराज यह कहते हैं : मुझसे समझौता करो। हरएक व्यक्‍ति नगर से निकलकर मेरे पास आए, और आत्‍म-समर्पण करे। तब तुम-सब अपने अंगूर-उद्यान का, अपने अंजीर वृक्ष का फल खा सकोगे, और अपने कुएं का पानी पी सकोगे। इसके बाद मैं आऊंगा, और तुम्‍हें एक ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्‍हारे ही देश के समान हरा-भरा है। वह अन्न और अंगूर-रस का देश है। रोटी और अंगूर-उद्यान का देश है, जैतून के तेल और शहद का देश है। तब तुम भूख से नहीं मरोगे, वरन् जीवित रहोगे। तुम हिजकियाह की बात मत सुनना। उसकी इस बात के भुलावे में न आना कि प्रभु तुम्‍हें बचाएगा।

2 राजा 18:19-32 Hindi Holy Bible (HHBD)

रबशाके ने उन से कहा, हिजकिय्याह से कहो, कि महाराजाधिराज अर्थात अश्शूर का राजा यों कहता है, कि तू किस पर भरोसा करता है? तू जो कहता है, कि मेरे यहां युद्ध के लिये युक्ति और पराक्रम है, सो तो केवल बात ही बात है। तू किस पर भरोसा रखता है कि तू ने मुझ से बलवा किया है? सुन, तू तो उस कुचले हुए नरकट अर्थात मिस्र पर भरोसा रखता है, उस पर यदि कोई टेक लगाए, तो वह उसके हाथ में चुभकर छेदेगा। मिस्र का राजा फ़िरौन अपने सब भरोसा रखने वालों के लिये ऐसा ही है। फिर यदि तुम मुझ से कहो, कि हमारा भरोसा अपने परमेश्वर यहोवा पर है, तो क्या यह वही नहीं है जिसके ऊंचे स्थानों और वेदियों को हिजकिय्याह ने दूर कर के यहूदा और यरूशलेम से कहा, कि तुम इसी वेदी के साम्हने जो यरूशलेम में है दण्डवत करना? तो अब मेरे स्वामी अश्शूर के राजा के पास कुछ बन्धक रख, तब मैं तुझे दो हजार घोड़े दूंगा, क्या तू उन पर सवार चढ़ा सकेगा कि नहीं? फिर तू मेरे स्वामी के छोटे से छोटे कर्मचारी का भी कहा न मान कर क्यों रथों और सवारों के लिये मिस्र पर भरोसा रखता है? क्या मैं ने यहोवा के बिना कहे, इस स्थान को उजाड़ने के लिये चढ़ाई की है? यहोवा ने मुझ से कहा है, कि उस देश पर चढ़ाई कर के उसे उजाड़ दे। तब हिलकिय्याह के पुत्र एल्याकीम और शेब्ना योआह ने रबशाके से कहा, अपने दासों से अरामी भाषा में बातें कर, क्योंकि हम उसे समझते हैं; और हम से यहूदी भाषा में शहरपनाह पर बैठे हुए लोगों के सुनते बातें न कर। रबशाके ने उन से कहा, क्या मेरे स्वामी ने मुझे तुम्हारे स्वामी ही के, वा तुम्हारे ही पास ये बातें कहने को भेजा है? क्या उसने मुझे उन लोगों के पास नहीं भेजा, जो शहरपनाह पर बैठे हैं, ताकि तुम्हारे संग उन को भी अपनी बिष्ठा खाना और अपना मूत्र पीना पड़े? तब रबशाके ने खड़े हो, यहूदी भाषा में ऊंचे शब्द से कहा, महाराजाधिराज अर्थात अश्शूर के राजा की बात सुनो। राजा यों कहता है, कि हिजकिय्याह तुम को भुलाने न पाए, क्योंकि वह तुम्हें मेरे हाथ से बचा न सकेगा। और वह तुम से यह कह कर यहोवा पर भरोसा कराने न पाए, कि यहोवा निश्चय हम को बचाएगा और यह नगर अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा। हिजकिय्याह की मत सुनो। अश्शूर का राजा कहता है कि भेंट भेज कर मुझे प्रसन्न करो और मेरे पास निकल आओ, और प्रत्येक अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष के फल खाता और अपने अपने कुण्ड का पानी पीता रहे। तब मैं आकर तुम को ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्हारे देश के समान अनाज और नये दाखमधु का देश, रोटी और दाख्बारियों का देश, जलपाइयों और मधु का देश है, वहां तुम मरोगे नहीं, जीवित रहोगे; तो जब हिजकिय्याह यह कह कर तुम को बहकाए, कि यहोवा हम को बचाएगा, तब उसकी न सुनना।

2 राजा 18:19-32 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

रबशाके ने उनसे कहा, “हिजकिय्याह से कहो, कि महाराजाधिराज अर्थात् अश्शूर का राजा यों कहता है, ‘तू किस पर भरोसा करता है? तू जो कहता है कि मेरे यहाँ युद्ध के लिये युक्‍ति और पराक्रम है, वह तो केवल बात ही बात है। तू किस पर भरोसा रखता है कि तू ने मुझ से बलवा किया है? सुन, तू तो उस कुचले हुए नरकट अर्थात् मिस्र पर भरोसा रखता है, उस पर यदि कोई टेक लगाए, तो वह उसके हाथ में चुभकर छेदेगा। मिस्र का राजा फ़िरौन अपने सब भरोसा रखनेवालों के लिये ऐसा ही है। फिर यदि तुम मुझ से कहो कि हमारा भरोसा अपने परमेश्‍वर यहोवा पर है, तो क्या यह वही नहीं है जिसके ऊँचे स्थानों और वेदियों को हिजकिय्याह ने दूर करके यहूदा और यरूशलेम से कहा कि तुम इसी वेदी के सामने जो यरूशलेम में है दण्डवत् करना?’ तो अब मेरे स्वामी अश्शूर के राजा के पास कुछ बन्धक रख, तब मैं तुझे दो हज़ार घोड़े दूँगा, क्या तू उन पर सवार चढ़ा सकेगा कि नहीं? फिर तू मेरे स्वामी के छोटे से छोटे कर्मचारी का भी कहा न मान कर क्यों रथों और सवारों के लिये मिस्र पर भरोसा रखता है? क्या मैं ने यहोवा के बिना कहे, इस स्थान को उजाड़ने के लिये चढ़ाई की है? यहोवा ने मुझ से कहा है कि उस देश पर चढ़ाई करके उसे उजाड़ दे।” तब हिलकिय्याह के पुत्र एल्याकीम और शेब्ना और योआह ने रबशाके से कहा, “अपने दासों से अरामी भाषा में बातें कर, क्योंकि हम उसे समझते हैं, और हम से यहूदी भाषा में शहरपनाह पर बैठे हुए लोगों के सुनते बातें न कर।” रबशाके ने उनसे कहा, “क्या मेरे स्वामी ने मुझे तुम्हारे स्वामी ही के, या तुम्हारे ही पास ये बातें कहने को भेजा है? क्या उसने मुझे उन लोगों के पास नहीं भेजा जो शहरपनाह पर बैठे हैं, ताकि तुम्हारे संग उनको भी अपना मल खाना और अपना मूत्र पीना पड़े?” तब रबशाके ने खड़े हो, यहूदी भाषा में ऊँचे शब्द से कहा, “महाराजाधिराज अर्थात् अश्शूर के राजा की बात सुनो। राजा यों कहता है, ‘हिजकिय्याह तुम को धोखा देने न पाए, क्योंकि वह तुम्हें मेरे हाथ से बचा न सकेगा। और वह तुम से यह कहकर यहोवा पर भरोसा कराने न पाए कि यहोवा निश्‍चय हम को बचाएगा और यह नगर अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा। हिजकिय्याह की मत सुनो। अश्शूर का राजा कहता है कि भेंट भेजकर मुझे प्रसन्न करो और मेरे पास निकल आओ, और प्रत्येक अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष के फल खाता और अपने अपने कुण्ड का पानी पीता रहे। तब मैं आकर तुम को ऐसे देश में ले जाऊँगा, जो तुम्हारे देश के समान अनाज और नये दाखमधु का देश, रोटी और दाख की बारियों का देश, जलपाइयों और मधु का देश है; वहाँ तुम मरोगे नहीं, जीवित रहोगे; तो जब हिजकिय्याह यह कहकर तुम को बहकाए कि यहोवा हम को बचाएगा, तब उसकी न सुनना।

2 राजा 18:19-32 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

रबशाके ने उनसे कहा, “हिजकिय्याह से कहो, कि महाराजाधिराज अर्थात् अश्शूर का राजा यह कहता है, ‘तू किस पर भरोसा करता है? तू जो कहता है, कि मेरे यहाँ युद्ध के लिये युक्ति और पराक्रम है, वह तो केवल बात ही बात है। तू किस पर भरोसा रखता है कि तूने मुझसे बलवा किया है? सुन, तू तो उस कुचले हुए नरकट अर्थात् मिस्र पर भरोसा रखता है, उस पर यदि कोई टेक लगाए, तो वह उसके हाथ में चुभकर छेदेगा। मिस्र का राजा फ़िरौन अपने सब भरोसा रखनेवालों के लिये ऐसा ही है। फिर यदि तुम मुझसे कहो, कि हमारा भरोसा अपने परमेश्वर यहोवा पर है, तो क्या यह वही नहीं है जिसके ऊँचे स्थानों और वेदियों को हिजकिय्याह ने दूर करके यहूदा और यरूशलेम से कहा, कि तुम इसी वेदी के सामने जो यरूशलेम में है दण्डवत् करना?’ तो अब मेरे स्वामी अश्शूर के राजा के पास कुछ बन्धक रख, तब मैं तुझे दो हजार घोड़े दूँगा, क्या तू उन पर सवार चढ़ा सकेगा कि नहीं? फिर तू मेरे स्वामी के छोटे से छोटे कर्मचारी का भी कहा न मानकर क्यों रथों और सवारों के लिये मिस्र पर भरोसा रखता है? क्या मैंने यहोवा के बिना कहे, इस स्थान को उजाड़ने के लिये चढ़ाई की है? यहोवा ने मुझसे कहा है, कि उस देश पर चढ़ाई करके उसे उजाड़ दे।” तब हिल्किय्याह के पुत्र एलयाकीम और शेबना योआह ने रबशाके से कहा, “अपने दासों से अरामी भाषा में बातें कर, क्योंकि हम उसे समझते हैं; और हम से यहूदी भाषा में शहरपनाह पर बैठे हुए लोगों के सुनते बातें न कर।” रबशाके ने उनसे कहा, “क्या मेरे स्वामी ने मुझे तुम्हारे स्वामी ही के, या तुम्हारे ही पास ये बातें कहने को भेजा है? क्या उसने मुझे उन लोगों के पास नहीं भेजा, जो शहरपनाह पर बैठे हैं, ताकि तुम्हारे संग उनको भी अपना मल खाना और अपना मूत्र पीना पड़े?” तब रबशाके ने खड़े हो, यहूदी भाषा में ऊँचे शब्द से कहा, “महाराजाधिराज अर्थात् अश्शूर के राजा की बात सुनो। राजा यह कहता है, ‘हिजकिय्याह तुम को धोखा देने न पाए, क्योंकि वह तुम्हें मेरे हाथ से बचा न सकेगा। और वह तुम से यह कहकर यहोवा पर भरोसा कराने न पाए, कि यहोवा निश्चय हमको बचाएगा और यह नगर अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा। हिजकिय्याह की मत सुनो। अश्शूर का राजा कहता है कि भेंट भेजकर मुझे प्रसन्न करो और मेरे पास निकल आओ, और प्रत्येक अपनी-अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष के फल खाता और अपने-अपने कुण्ड का पानी पीता रहे। तब मैं आकर तुम को ऐसे देश में ले जाऊँगा, जो तुम्हारे देश के समान अनाज और नये दाखमधु का देश, रोटी और दाख की बारियों का देश, जैतून और मधु का देश है, वहाँ तुम मरोगे नहीं, जीवित रहोगे; तो जब हिजकिय्याह यह कहकर तुम को बहकाए, कि यहोवा हमको बचाएगा, तब उसकी न सुनना।

2 राजा 18:19-32 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

प्रमुख सेनापति ने उन्हें आदेश दिया, “हिज़किय्याह से जाकर यह कहो, “ ‘पराक्रमी राजा, अश्शूर के राजा का संदेश यह है: कौन है तुम्हारे इस भरोसे का आधार? युद्ध से संबंधित तुम्हारी रणनीति तथा तुम्हारी शक्ति मात्र खोखले शब्द हैं. किस पर है तुम्हारा अवलंबन कि तुमने मुझसे विद्रोह का साहस किया है? देखो, तुमने जो मिस्र देश पर भरोसा किया है, वह है ही क्या, एक टूटा हुआ सरकंडे की छड़ी! यदि कोई व्यक्ति इसकी टेक लेना चाहे तो यह छड़ी उसके हाथ में ही चुभ जाएगी. मिस्र का राजा फ़रोह भी उन सबके लिए ऐसा ही साबित होता है, जो उस पर भरोसा करते हैं. हां, यदि तुम मुझसे कहो, “हम तो याहवेह हमारे परमेश्वर पर भरोसा करते हैं,” तो क्या ये वही नहीं हैं, जिनके पूजा-स्थल तथा वेदियां हिज़किय्याह ने ध्वस्त कर दी हैं, तथा यहूदिया तथा येरूशलेम को यह आदेश दिया गया है: “तुम्हें येरूशलेम में इसी वेदी के समक्ष आराधना करनी होगी”? “ ‘तो अब आओ, और हमारे स्वामी, अश्शूर के राजा से मोलभाव कर लो: मैं तुम्हें दो हज़ार घोड़े दूंगा; यदि तुम अपनी ओर से उनके लिए दो हज़ार घुड़सवार ला सको तो! रथों और घुड़सवारों के लिए मिस्र देश पर निर्भर रहते हुए यह कैसे संभव है कि तुम मेरे स्वामी के छोटे से छोटे सेवक से टक्कर ले उसे हरा दो! क्या मैं याहवेह की आज्ञा बिना ही इस स्थान को नष्ट करने आया हूं? याहवेह ही ने मुझे आदेश दिया है, इस देश पर हमला कर इसे खत्म कर दो.’ ” तब हिलकियाह का पुत्र एलियाकिम, शेबना तथा योआह ने प्रमुख सेनापति से आग्रह किया, “अपने सेवकों से अरामी भाषा में संवाद कीजिए, क्योंकि यह भाषा हम समझते हैं; यहूदिया की हिब्री भाषा में संवाद मत कीजिए, क्योंकि प्राचीर पर कुछ लोग हमारा वार्तालाप सुन रहे हैं.” किंतु प्रमुख सेनापति ने उत्तर दिया, “क्या मेरे स्वामी ने मात्र तुम्हारे स्वामी तथा मात्र तुम्हें यह संदेश देने के लिए मुझे प्रेषित किया है, तथा प्राचीर पर बैठे व्यक्तियों के लिए नहीं, जिनके लिए तो यही दंड निर्धारित है, कि वे तुम्हारे साथ स्वयं अपनी विष्ठा का सेवन करें तथा अपने ही मूत्र का पान?” यह कहते हुए प्रमुख सेनापति खड़ा हो गया और सबके सामने उच्च स्वर में यहूदिया की हिब्री भाषा में यह कहा: “अश्शूर के राजा, प्रतिष्ठित सम्राट का यह संदेश सुन लो! सम्राट का आदेश यह है: हिज़किय्याह तुम्हें इस छल में सम्भ्रमित न रखे, क्योंकि वह तुम्हें विमुक्त करने में समर्थ न होगा; न ही हिज़किय्याह यह कहते हुए तुम्हें याहवेह पर भरोसा करने के लिए उकसाए, ‘निःसंदेह याहवेह हमारा छुटकारा करेंगे. यह नगर अश्शूर के राजा के अधीन होने न दिया जाएगा.’ “हिज़किय्याह के आश्वासन पर ध्यान न दो, क्योंकि अश्शूर के राजा का संदेश यह है, मुझसे संधि स्थापित कर लो. नगर से निकलकर बाहर मेरे पास आ जाओ. तब तुममें से हर एक अपनी ही लगाई हुई दाखलता से फल खाएगा, तुममें से हर एक अपने ही अंजीर वृक्ष से अंजीर खाएगा, और तुममें से हर एक अपने ही कुंड में से जल पीएगा. तब मैं आऊंगा और तुम्हें एक ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्हारे ही देश के सदृश्य है, ऐसा देश जहां अन्‍न की उपज है, तथा नई द्राक्षा भी. यह भोजन तथा द्राक्षा उद्यानों का देश है, जैतून के पेड़ों और शहद में भरपूर; कि तुम वहां सम्पन्‍नता में जी सको, तुम काल का ग्रास न बनो. “तब तुम हिज़किय्याह के आश्वासन पर ध्यान न देना, जब वह तुम्हें यह कहते हुए भटकाएगा: ‘याहवेह हमारा छुटकारा कर देंगे.’