2 राजा 18:19-32

2 राजा 18:19-32 HINCLBSI

मुख्‍य साकी ने उनसे कहा, ‘जाओ, और हिजकियाह से यह कहो : असीरिया देश के महाराज यों कहते हैं : किस आधार पर तुम यह भरोसा करने लगे हो? तुम सोचते हो कि युद्ध के लिए शक्‍ति और युद्ध-कौशल नहीं, वरन् किसी के मुंह के शब्‍द ही पर्याप्‍त हैं। तुमने किस पर भरोसा करके मुझसे विद्रोह किया है? मिस्र देश पर? मिस्र देश क्‍या है? एक टूटा हुआ सरकण्‍डा! जो व्यक्‍ति उस पर टिकता है, वह उस व्यक्‍ति के हाथ में चुभता है, और उसको छेद देता है। मिस्र देश का राजा फरओ अपने भरोसा करने वालों के साथ ऐसा ही व्‍यवहार करता है। पर यदि तुम मुझसे यह कहोगे, “हमने अपने प्रभु परमेश्‍वर पर भरोसा किया,” तो मैं तुमसे यह कहता हूँ : क्‍या यह वही प्रभु परमेश्‍वर नहीं है, जिसके पहाड़ी शिखर के आराधना-गृह तथा वेदियां हिजकियाह ने हटा दी हैं, और जिसके लिए हिजकियाह ने यहूदा प्रदेश और यरूशलेम के निवासियों को यह आदेश दिया है, “तुम यरूशलेम की वेदी के सम्‍मुख ही आराधना करना?” ‘अब तुम असीरिया के महाराज, मेरे स्‍वामी के साथ एक शर्त बदो : मैं तुम्‍हें दो हजार घोड़े दूंगा, अगर तुम इन घोड़ों पर सवारी करने के लिए सवार ढूंढ़ सको! क्‍या तुम मिस्र देश के रथों और घुड़सवारों के बल पर मेरे महाराज के छोटे से छोटे सेनानायक को पीठ दिखाने के लिए विवश कर सकते हो? इसके अतिरिक्‍त, क्‍या मैं बिना प्रभु की इच्‍छा के इस स्‍थान को नष्‍ट करने आया हूँ? कदापि नहीं। प्रभु ने मुझसे कहा, “जा, इस प्रदेश पर चढ़ाई कर, और इसको नष्‍ट कर दे।” ’ एलयाकीम बेन-हिलकियाह, शेबनाह और योआह ने मुख्‍य साकी से निवेदन किया, ‘आप, कृपया, हमसे, अपने सेवकों से अरामी भाषा में बात कीजिए। हम इस भाषा को समझते हैं। इन लोगों के सामने जो परकोटे पर बैठे हैं, हमसे इब्रानी भाषा में बात मत कीजिए।’ मुख्‍य साकी ने उत्तर दिया, ‘क्‍या मेरे स्‍वामी ने केवल तुम्‍हारे स्‍वामी से, और तुमसे ये बातें कहने के लिए भेजा है? क्‍या मुझे परकोटे पर बैठे इन लोगों से बात करने के लिए नहीं भेजा है, जो तुम्‍हारे साथ अपना मल खाएंगे, और अपना मूत्र पिएंगे?’ तब मुख्‍य साकी खड़ा हुआ। उसने इब्रानी भाषा में उच्‍च स्‍वर में पुकार कर यह कहा, ‘ओ लोगो! असीरिया देश के महाराज के ये वचन सुनो! महाराज यों कहते हैं: तुम हिजकियाह के भुलावे में मत आओ। वह तुम्‍हें मेरे हाथ से बचा नहीं सकेगा। हिजकियाह तुम्‍हें प्रभु पर भरोसा करने को कहेगा, और बोलेगा, “प्रभु निश्‍चय ही हमें बचाएगा और यह नगर असीरिया के राजा के हाथ में नहीं पड़ेगा।” तुम उसकी बात पर विश्‍वास मत करना। तुम हिजकियाह की बात मत सुनो! असीरिया देश के महाराज यह कहते हैं : मुझसे समझौता करो। हरएक व्यक्‍ति नगर से निकलकर मेरे पास आए, और आत्‍म-समर्पण करे। तब तुम-सब अपने अंगूर-उद्यान का, अपने अंजीर वृक्ष का फल खा सकोगे, और अपने कुएं का पानी पी सकोगे। इसके बाद मैं आऊंगा, और तुम्‍हें एक ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्‍हारे ही देश के समान हरा-भरा है। वह अन्न और अंगूर-रस का देश है। रोटी और अंगूर-उद्यान का देश है, जैतून के तेल और शहद का देश है। तब तुम भूख से नहीं मरोगे, वरन् जीवित रहोगे। तुम हिजकियाह की बात मत सुनना। उसकी इस बात के भुलावे में न आना कि प्रभु तुम्‍हें बचाएगा।