2 इतिहास 7:1-14
2 इतिहास 7:1-14 पवित्र बाइबल (HERV)
जब सुलैमान ने प्रार्थना पूरी की तो आकाश से आग उतरी और उसने होमबलि और बलियों को जलाया। यहोवा के तेज ने मन्दिर को भर दिया। याजक यहोवा के मन्दिर में नहीं जा सकते थे क्योंकि यहोवा के तेज ने उसे भर दिया था। इस्राएल के सभी लोगों ने आकाश से आग को उतरते देखा। इस्राएल के लोगों ने मन्दिर पर भी यहोवा के तेज को देखा। उन्होंने अपने चेहरे को चबूतरे की फर्श तक झुकाया। उन्होंने यहोवा की उपासना की तथा उसे धन्यवाद दिया। उन्होंने गाया, “यहोवा भला है, और उसकी दया सदा रहती है।” तब राजा सुलैमान और इस्राएल के सभी लोगों ने बलि यहोवा के सामने चढ़ाई। राजा सुलैमान ने बाईस हज़ार बैल और एक लाख बीस हज़ार भेड़ें भेंट कीं। राजा और सभी लोगों ने परमेश्वर के मन्दिर को पवित्र बनाया। इसका उपयोग केवल परमेश्वर की उपासना के लिये होता था। याजक अपना कार्य करने के लिये तैयार खड़े थे। लेवीवंशी भी यहोवा के संगीत के उपकरणों के साथ खड़े थे। ये उपकरण राजा दाऊद द्वारा यहोवा को धन्यवाद देने के लिये बनाए गए थे। याजक और लेवीवंशी कह रहे थे, “यहोवा का प्रेम सदैव रहता है!” जब लेवीवंशियों के दूसरी ओर याजक खड़े हुए तो याजकों ने अपनी तुरहियाँ बजाईं और इस्राएल के सभी लोग खड़े थे। सुलैमान ने यहोवा के मन्दिर के सामने वाले आँगन के मध्य भाग को भी पवित्र किया। यह वही स्थान है जहाँ सुलैमान ने होमबलि और मेलबलि की चर्बी चढ़ाई। सुलैमान ने आँगन का मध्य भाग काम में लिया क्योंकि काँसे की वेदी पर जिसे सुलैमान ने बनाई थी, सारी होमबलि, अन्नबलि और चर्बी नहीं आ सकती थी वैसी भेंटें बहुत अधिक थीं। सुलैमान और इस्राएल के सभी लोगों ने सात दिनों तक दावतों का उत्सव मनाया। सुलैमान के साथ लोगों का एक बहुत बड़ा समूह था। वे लोग उत्तर दिशा के हमथ नगर के प्रवेश द्वार तथा दक्षिण के मिस्र के झरने जैसे सुदूर क्षेत्रों से आये थे। आठवें दिन उन्होंने एक धर्मसभा की क्योंकि वे सात दिन उत्सव मना चुके थे। उन्होंने वेदी को पवित्र किया और इसका उपयोग केवल यहोवा की उपासना के लिये होना था और उन्होंने सात दिन दावत का उत्सव मनाया। सातवें महीने के तेईसवें दिन सुलैमान ने लोगों को वापस उनके घर भेज दिया। लोग बड़े प्रसन्न थे और उनका हृदय आनन्द से भरा था क्योंकि यहोवा दाऊद, सुलैमान और अपने इस्राएल के लोगों के प्रति बहुत भला था। सुलैमान ने यहोवा का मन्दिर और राजमहल को पूरा कर लिया। सुलैमान ने यहोवा के मन्दिर और अपने आवास में जो कुछ करने की योजना बनाई थी उसमें उसे सफलता मिली। तब यहोवा सुलैमान के पास रात को आया। यहोवा ने उससे कहा, “सुलैमान, मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी है और मैंने इस स्थान को अपने लिये बलि के गृह के रूप में चुना है। जब मैं आकाश को बन्द करता हूँ तो वर्षा नहीं होती या मैं टिड्डियों को आदेश देता हूँ कि वे देश को नष्ट करें या अपने लोगों में बीमारी भेजता हूँ, और मेरे नाम से पुकारे जाने वाले लोग यदि विनम्र होते तथा प्रार्थना करते हैं, और मुझे ढूंढ़ते हैं और अपने बुरे रास्तों से दूर हट जाते हैं तो मैं स्वर्ग से उनकी सुनूँगा और मैं उनके पाप को क्षमा करूँगा और उनके देश को अच्छा कर दूँगा।
2 इतिहास 7:1-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जब राजा सुलेमान ने अपनी प्रार्थना समाप्त की तब आकाश से आग गिरी और उसने अग्नि-बलि तथा पशु-बलि को भस्म कर दिया, और प्रभु के तेज से मन्दिर परिपूर्ण हो गया। पुरोहित प्रभु के भवन में प्रवेश न कर सके; क्योंकि प्रभु के तेज से उसका भवन भरा हुआ था। जब इस्राएलियों ने देखा कि आकाश से आग गिरी और प्रभु के तेज से मन्दिर परिपूर्ण हो गया, तब उन्होंने फर्श की ओर सिर झुकाकर प्रभु की साष्टांग वन्दना की और उसकी स्तुति करते हुए यह गीत गाया, ‘क्योंकि प्रभु भला है, और उसकी करुणा सदा की है।’ तत्पश्चात् राजा तथा उसके साथ के सब लोगों ने प्रभु के सम्मुख पशुओं की बलि अर्पित की। राजा सुलेमान ने बलि में प्रभु को बाईस हजार बछड़े और एक लाख बीस हजार भेड़ें चढ़ाईं। इस प्रकार राजा और सब इस्राएली लोगों ने परमेश्वर के भवन को उस की महिमा के लिए अर्पित किया। पुरोहित अपने निर्धारित स्थान पर सेवा-कार्य के लिए खड़े थे। लेवीय उपपुरोहित भी अपने-अपने हाथों में वाद्य-यन्त्र लिए हुए खड़े थे। ये वाद्य-यन्त्र राजा दाऊद ने प्रभु की महिमा के लिए, उसके नाम का गुणगान करने के लिए बनाए थे। जब राजा दाऊद का यह स्तुति-गान ‘प्रभु की करुणा सदा की है’ होता था, तब उपपुरोहित वाद्य-यन्त्र बजाते थे। अत: उपपुरोहितों ने वाद्य-यन्त्र बजाए। दूसरी ओर पुरोहित तुरहियां बजाते रहे। सब इस्राएली पास खड़े रहे। राजा सुलेमान ने मध्यवर्ती आंगन को भी प्रभु की महिमा के लिए अर्पित किया। यह प्रभु के भवन के सम्मुख था। जो कांस्य वेदी सुलेमान ने बनाई थी, वह छोटी थी। उस पर अग्नि-बलि, अन्न-बलि और सहभागिता-बलि एक साथ चढ़ाना सम्भव न था। इसलिए राजा सुलेमान ने मध्यवर्ती आंगन में अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि की चर्बी चढ़ाई। राजा सुलेमान ने उस समय सात दिन तक यात्रा-पर्व मनाया। पर्व में हमात घाटी की सीमा से मिस्र देश की बरसाती नदी तक के इस्राएलियों का विशाल जन-समूहएकत्र हुआ। आठवें दिन उन्होंने महा-धर्मसभा की; क्योंकि उन्होंने सात दिन तक वेदी का अर्पण और यात्रा-पर्व मनाया था। सातवें महीने की तेईस तारीख को राजा सुलेमान ने लोगों को विदा किया, और लोग अपने-अपने घर को लौट गए। उनके हृदय आनन्द और हर्ष से भरे हुए थे कि प्रभु ने अपने सेवक दाऊद और राजा सुलेमान तथा अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए कितने भले कार्य किए हैं। इस प्रकार राजा सुलेमान ने प्रभु के भवन तथा अपने राजमहल का निर्माण-कार्य समाप्त किया। उसने प्रभु के भवन में तथा अपने राजमहल में अनेक निर्माण-कार्यों की योजना बनाई थी। उसने सफलतापूर्वक अपनी योजना को पूरा किया। प्रभु ने रात में सुलेमान को दर्शन दिया, और उससे कहा, ‘मैंने तेरी प्रार्थना सुनी, मैंने इस स्थान को अपने लिए बलि-भवन के रूप में चुना है। जब मैं आकाश के झरोखे बन्द कर दूंगा, और इस देश में वर्षा नहीं होगी; अथवा जब मेरे आदेश से टिड्डियां इस देश की फसल चट कर जाएंगी, अथवा जब मैं अपने निज लोगों के मध्य महामारियां भेजूंगा, तब यदि मेरे निज लोग, जो मेरे अपने लोग हैं, जिनको मैंने अपना नाम दिया है, स्वयं को विनम्र और दीन बनाएंगे, मुझसे प्रार्थना करेंगे, और मेरे मुख का दर्शन प्राप्त करने का प्रयत्न करेंगे, और अपने बुरे आचरण को छोड़ देंगे, तो मैं स्वर्ग से उनकी प्रार्थना को सुनूंगा, और उनके पाप क्षमा कर दूंगा, मैं उनके देश को रोग-मुक्त कर दूंगा।
2 इतिहास 7:1-14 Hindi Holy Bible (HHBD)
जब सुलैमान यह प्रार्थना कर चुका, तब स्वर्ग से आग ने गिर कर होमबलियों तथा और बलियों को भस्म किया, और यहोवा का तेज भवन में भर गया। और याजक यहोवा के भवन में प्रवेश न कर सके, क्योंकि यहोवा का तेज यहोवा के भवन में भर गया था। और जब आग गिरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इस्राएली देखते रहे, और फर्श पर झुक कर अपना अपना मुंह भूमि की ओर किए हुए दण्डवत किया, और यों कह कर यहोवा का धन्यवाद किया कि, वह भला है, उसकी करुणा सदा की है। तब सब प्रजा समेत राजा ने यहोवा को बलि चढ़ाई। और राजा सुलैमान ने बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़ -बकरियां चढ़ाई। यों पूरी प्रजा समेत राजा ने यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की। और याजक अपना अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत के गाने के लिये बाजे लिये हुए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी; और इनके साम्हने याजक लोग तुरहियां बजाते रहे; और सब इस्राएली खड़े रहे। फिर सुलैमान ने यहोवा के भवन के साम्हने आंगन के बीच एक स्थान पवित्र कर के होमबलि और मेलबलियों की चर्बी वहीं चढ़ाई, क्योंकि सुलैमान की बनाईं हुई पीतल की वेदी होमबलि और अन्नबलि और चर्बी के लिये छोटी थी। उसी समय सुलैमान ने और उसके संग हमात की घाटी से ले कर मिस्र के नाले तक के सारे इस्राएल की एक बहुत बड़ी सभा ने सात दिन तक पर्व को माना। और आठवें दिन को उन्होंने महासभा की, उन्होंने वेदी की प्रतिष्ठा सात दिन की; और पर्वों को भी सात दिन माना। निदान सातवें महीने के तेइसवें दिन को उसने प्रजा के लोगों को विदा किया, कि वे अपने अपने डेरे को जाएं, और वे उस भलाई के कारण जो यहोवा ने दाऊद और सुलैमान और अपनी प्रजा इस्राएल पर की थी आनन्दित थे। यों सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और यहोवा के भवन में और अपने भवन में जो कुछ उसने बनाना चाहा, उस में उसका मनोरथ पूरा हुआ। तब यहोवा ने रात में उसको दर्शन दे कर उस से कहा, मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और इस स्थान को यज्ञ के भवन के लिये अपनाया है। यदि मैं आकाश को ऐसा बन्द करूं, कि वर्षा न हो, वा टिडियों को देश उजाड़ने की आज्ञा दूं, वा अपनी प्रजा में मरी फैलाऊं, तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन हो कर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी हो कर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुन कर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा।
2 इतिहास 7:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
जब सुलैमान यह प्रार्थना कर चुका, तब स्वर्ग से आग ने गिरकर होमबलियों तथा अन्य बलियों को भस्म किया, और यहोवा का तेज भवन में भर गया। याजक यहोवा के भवन में प्रवेश न कर सके, क्योंकि यहोवा का तेज यहोवा के भवन में भर गया था। जब आग गिरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इस्राएली देखते रहे, और फर्श पर झुककर अपना अपना मुँह भूमि की ओर किए हुए दण्डवत् किया, और यों कहकर यहोवा का धन्यवाद किया, “वह भला है, उसकी करुणा सदा की है।” तब सब प्रजा समेत राजा ने यहोवा को बलि चढ़ाई। राजा सुलैमान ने बाईस हज़ार बैल और एक लाख बीस हज़ार भेड़–बकरियाँ चढ़ाईं। यों पूरी प्रजा समेत राजा ने यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की। याजक अपना अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत गाने के लिये वाद्य–यन्त्र लिये हुए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी; और इनके सामने याजक लोग तुरहियाँ बजाते रहे; और सब इस्राएली खड़े रहे। फिर सुलैमान ने यहोवा के भवन के सामने आँगन के बीच एक स्थान पवित्र करके होमबलि और मेलबलियों की चर्बी वहीं चढ़ाई, क्योंकि सुलैमान की बनाई हुई पीतल की वेदी होमबलि और अन्नबलि और चर्बी के लिये छोटी थी। उस समय सुलैमान ने और उसके संग हमात की घाटी से लेकर मिस्र के नाले तक के समस्त इस्राएल की एक बहुत बड़ी सभा ने सात दिन तक पर्व को माना। आठवें दिन उन्होंने महासभा की, उन्होंने वेदी की प्रतिष्ठा सात दिन की; और पर्वों को भी सात दिन माना। सातवें महीने के तेइसवें दिन को उसने प्रजा के लोगों को विदा किया, कि वे अपने अपने डेरे को जाएँ, और वे उस भलाई के कारण जो यहोवा ने दाऊद और सुलैमान और अपनी प्रजा इस्राएल पर की थी आनन्दित थे। यों सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और यहोवा के भवन में और अपने भवन में जो कुछ उसने बनाना चाहा, उसमें उसका मनोरथ पूरा हुआ। तब यहोवा ने रात में उसको दर्शन देकर उससे कहा, “मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और इस स्थान को यज्ञ के भवन के लिये अपनाया है। यदि मैं आकाश को ऐसा बन्द करूँ, कि वर्षा न हो, या टिड्डियों को देश उजाड़ने की आज्ञा दूँ, या अपनी प्रजा में मरी फैलाऊँ, तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूँगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूँगा।
2 इतिहास 7:1-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
जब सुलैमान यह प्रार्थना कर चुका, तब स्वर्ग से आग ने गिरकर होमबलियों तथा अन्य बलियों को भस्म किया, और यहोवा का तेज भवन में भर गया। याजक यहोवा के भवन में प्रवेश न कर सके, क्योंकि यहोवा का तेज यहोवा के भवन में भर गया था। और जब आग गिरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इस्राएली देखते रहे, और फर्श पर झुककर अपना-अपना मुँह भूमि की ओर किए हुए दण्डवत् किया, और यह कहकर यहोवा का धन्यवाद किया, “वह भला है, उसकी करुणा सदा की है।” तब सब प्रजा समेत राजा ने यहोवा को बलि चढ़ाई। राजा सुलैमान ने बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़-बकरियाँ चढ़ाई। अतः पूरी प्रजा समेत राजा ने यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की। याजक अपना-अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत गाने के लिये वाद्ययंत्र लिये हुए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी; और इनके सामने याजक लोग तुरहियां बजाते रहे; और सब इस्राएली खड़े रहे। फिर सुलैमान ने यहोवा के भवन के सामने आँगन के बीच एक स्थान पवित्र करके होमबलि और मेलबलियों की चर्बी वहीं चढ़ाई, क्योंकि सुलैमान की बनाई हुई पीतल की वेदी होमबलि और अन्नबलि और चर्बी के लिये छोटी थी। उसी समय सुलैमान ने और उसके संग हमात की घाटी से लेकर मिस्र के नाले तक के समस्त इस्राएल की एक बहुत बड़ी सभा ने सात दिन तक पर्व को माना। और आठवें दिन उन्होंने महासभा की, उन्होंने वेदी की प्रतिष्ठा सात दिन की; और पर्वों को भी सात दिन माना। सातवें महीने के तेईसवें दिन को उसने प्रजा के लोगों को विदा किया, कि वे अपने-अपने डेरे को जाएँ, और वे उस भलाई के कारण जो यहोवा ने दाऊद और सुलैमान और अपनी प्रजा इस्राएल पर की थी आनन्दित थे। अतः सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और यहोवा के भवन में और अपने भवन में जो कुछ उसने बनाना चाहा, उसमें उसका मनोरथ पूरा हुआ। तब यहोवा ने रात में उसको दर्शन देकर उससे कहा, “मैंने तेरी प्रार्थना सुनी और इस स्थान को यज्ञ के भवन के लिये अपनाया है। यदि मैं आकाश को ऐसा बन्द करूँ, कि वर्षा न हो, या टिड्डियों को देश उजाड़ने की आज्ञा दूँ, या अपनी प्रजा में मरी फैलाऊं, तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूँगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूँगा।
2 इतिहास 7:1-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
शलोमोन की प्रार्थना खत्म होते ही स्वर्ग से आग बरसी और उसने होमबलि और बलियों को भस्म कर दिया और याहवेह के तेज से भवन भर गया. याहवेह के तेज से याहवेह के भवन के भरने के कारण याहवेह के भवन में पुरोहितों का रहना मुश्किल हो गया. आग गिरने और भवन पर याहवेह के तेज को देख इस्राएल वंशज भूमि की ओर मुख कर ज़मीन पर ही झुक गए और यह कहते हुए याहवेह की वंदना की, उनकी स्तुति की, “याहवेह भले हैं; उनकी करुणा सदा की है.” तब राजा और सारी इस्राएली प्रजा ने उनके साथ याहवेह के सामने बलि चढ़ाई. राजा शलोमोन ने 22,000 बछड़े और 1,20,000 भेड़ें चढ़ाईं. इस प्रकार राजा और सारी प्रजा ने परमेश्वर के भवन को समर्पित किया. पुरोहित अपनी-अपनी चौकियों पर खड़े थे, लेवी भी याहवेह की स्तुति के लिए ठहराए गए वाद्य यंत्र लिए हुए खड़े थे, जो राजा दावीद ने याहवेह की स्तुति के उद्देश्य से बनाए थे, कि वह इन वाद्य-यंत्रों की धुन पर, “उनकी करुणा सदा की है.” गाएं, जब दूसरी ओर इस्राएल खड़ा हुआ होता था. तब शलोमोन ने याहवेह के भवन के सामने के आंगन के बीचवाले स्थान को समर्पित किया, क्योंकि उन्होंने होमबलि और मेल बलि की चर्बी चढ़ाई थी, क्योंकि शलोमोन द्वारा बनाई कांसे की वेदी होमबलि, अन्नबलि और वसा के लिए कम पड़ गई थी. इस अवसर पर शलोमोन ने सारे इस्राएल के साथ सात दिन उत्सव मनाया. यह एक बहुत ही बड़ी सभा थी, जिसमें सदस्य हामाथ की घाटी से लेकर मिस्र की नदी तक से आए हुए थे. आठवें दिन उन्होंने समापन समारोह मनाया. उन्होंने वेदी के समर्पण के लिए सात दिन दिए थे और उत्सव समारोह के लिए और सात दिन. सातवें महीने के तेईसवें दिन शलोमोन ने लोगों को उनके घर के लिए विदा किया. वे सभी दावीद, शलोमोन और याहवेह की प्रजा इस्राएल पर उनकी भलाई के लिए आनंद मनाते हुए हर्षित मन लिए लौट गए. इस प्रकार शलोमोन ने याहवेह के भवन और राजमहल का काम पूरा किया. याहवेह के भवन और राजमहल के विषय में जैसा सोचा गया था, वह सफलतापूर्वक पूरा हो गया, यह सब होने के बाद याहवेह रात में शलोमोन पर प्रकट हुए. शलोमोन को उन्होंने संबोधित करते हुए कहा: “तुम्हारी प्रार्थना मैंने सुन ली है. मैंने इस स्थान को अपने लिए बलि के भवन के रूप में रखा है. “जब कभी मैं आकाश को ऐसा रोक दूं, कि बारिश रुक जाए, या मैं टिड्डियों को आदेश दूं कि वे देश को चट कर जाएं, या मैं अपनी प्रजा पर महामारी भेज दूं और मेरी प्रजा, जो मेरे नाम से जानी जाती है, अपने आपको विनम्र बना ले, प्रार्थना करने लगे, मेरी खुशी चाहे और अपने पाप के स्वभाव से दूर हो जाए, तब मैं स्वर्ग से उनकी सुनूंगा, उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश के घाव भर दूंगा.