2 इतिहास 32:1-23

2 इतिहास 32:1-23 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

इन बातों और ऐसे प्रबन्ध के बाद अश्शूर के राजा सन्हेरीब ने आकर यहूदा में प्रवेश कर और गढ़वाले नगरों के विरुद्ध डेरे डालकर उनको अपने लाभ के लिये लेना चाहा। यह देखकर कि सन्हेरीब निकट आया है और यरूशलेम से लड़ने की इच्छा करता है, हिजकिय्याह ने अपने हाकिमों और वीरों के साथ यह सम्मति की कि नगर के बाहर के सोतों को पटवा दें; और उन्होंने उसकी सहायता की। इस पर बहुत से लोग इकट्ठा हुए, और यह कहकर कि, “अश्शूर के राजा क्यों यहाँ आएँ, और आकर बहुत पानी पाएँ,” उन्होंने सब सोतों को पाट दिया और उस नदी को सुखा दिया जो देश के मध्य से होकर बहती थी। फिर हिजकिय्याह ने हियाव बाँधकर शहरपनाह जहाँ कहीं टूटी थी, वहाँ वहाँ उसको बनवाया, और उसे गुम्मटों के बराबर ऊँचा किया और बाहर एक और शहरपनाह बनवाई, और दाऊदपुर में मिल्‍लो को दृढ़ किया। उसने बहुत से तीर और ढालें भी बनवाईं। तब उसने प्रजा के ऊपर सेनापति नियुक्‍त किए और उनको नगर के फाटक के चौक में इकट्ठा किया, और यह कहकर उनको धीरज दिया, “हियाव बाँधो और दृढ़ हो, तुम न तो अश्शूर के राजा से डरो और न उसके संग की सारी भीड़ से, और न तुम्हारा मन कच्‍चा हो; क्योंकि जो हमारे साथ है, वह उसके संगियों से बड़ा है। अर्थात् उसका सहारा तो मनुष्य ही है; परन्तु हमारे साथ, हमारी सहायता और हमारी ओर से युद्ध करने को हमारा परमेश्‍वर यहोवा है।” इसलिये प्रजा के लोग यहूदा के राजा हिजकिय्याह की बातों पर भरोसा किए रहे। इसके बाद अश्शूर का राजा सन्हेरीब जो सारी सेना समेत लाकीश के सामने पड़ा था, उसने अपने कर्मचारियों को यरूशलेम में यहूदा के राजा हिजकिय्याह और उन सब यहूदियों से जो यरूशलेम में थे यों कहने के लिये भेजा, “अश्शूर का राजा सन्हेरीब कहता है, कि तुम्हें किस का भरोसा है जिससे कि तुम घिरे हुए यरूशलेम में बैठे हो? क्या हिजकिय्याह तुम से यह कहकर कि हमारा परमेश्‍वर यहोवा हम को अश्शूर के राजा के पंजे से बचाएगा, तुम्हें नहीं भरमाता है कि तुम को भूखों प्यासों मारे? क्या उसी हिजकिय्याह ने उसके ऊँचे स्थान और वेदियाँ दूर करके यहूदा और यरूशलेम को आज्ञा नहीं दी, कि तुम एक ही वेदी के सामने दण्डवत् करना और उसी पर धूप जलाना? क्या तुम को मालूम नहीं, कि मैं ने और मेरे पुरखाओं ने देश देश के सब लोगों से क्या क्या किया है? क्या उन देशों की जातियों के देवता किसी भी उपाय से अपने देश को मेरे हाथ से बचा सके? जितनी जातियों का मेरे पुरखाओं ने सत्यानाश किया है उनके सब देवताओं में से ऐसा कौन था जो अपनी प्रजा को मेरे हाथ से बचा सका हो? फिर तुम्हारा देवता तुम को मेरे हाथ से कैसे बचा सकेगा? अब हिजकिय्याह तुम को इस रीति भरमाने अथवा बहकाने न पाए, और तुम उसकी प्रतीति न करो, क्योंकि किसी जाति या राज्य का कोई देवता अपनी प्रजा को न तो मेरे हाथ से और न मेरे पुरखाओं के हाथ से बचा सका। निश्‍चय ही तुम्हारा देवता तुम को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा।” इस से भी अधिक उसके कर्मचारियों ने यहोवा परमेश्‍वर की, और उसके दास हिजकिय्याह की निन्दा की। फिर उसने ऐसा एक पत्र भेजा, जिसमें इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की निन्दा की ये बातें लिखी थीं : “जैसे देश देश की जातियों के देवताओं ने अपनी अपनी प्रजा को मेरे हाथ से नहीं बचाया वैसे ही हिजकिय्याह का देवता भी अपनी प्रजा को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा।” और उन्होंने ऊँचे शब्द से उन यरूशलेमियों को जो शहरपनाह पर बैठे थे, यहूदी बोली में पुकारा, कि उनको डराकर घबराहट में डाल दें जिससे नगर को ले लें। उन्होंने यरूशलेम के परमेश्‍वर की ऐसी चर्चा की कि मानो वह पृथ्वी के देश देश के लोगों के देवताओं के बराबर हो, जो मनुष्यों के बनाए हुए हैं। तब इन घटनाओं के कारण राजा हिजकिय्याह और आमोस के पुत्र यशायाह नबी दोनों ने प्रार्थना की और स्वर्ग की ओर दोहाई दी। तब यहोवा ने एक दूत भेज दिया, जिसने अश्शूर के राजा की छावनी में सब शूरवीरों, प्रधानों और सेनापतियों को नष्‍ट किया। अत: वह लज्जित होकर अपने देश को लौट गया। जब वह अपने देवता के भवन में था, तब उसके निज पुत्रों ने वहीं उसे तलवार से मार डाला। यों यहोवा ने हिजकिय्याह और यरूशलेम के निवासियों को अश्शूर के राजा सन्हेरीब से, और उसके सब शत्रुओं के हाथ से बचाया, और चारों ओर उनकी अगुवाई की। तब बहुत से लोग यरूशलेम को यहोवा के लिये भेंट और यहूदा के राजा हिजकिय्याह के लिये अनमोल वस्तुएँ ले आने लगे, और उस समय से वह सब जातियों की दृष्‍टि में महान् ठहरा।

2 इतिहास 32:1-23 पवित्र बाइबल (HERV)

हिजकिय्याह ने ये सब कार्य जो विश्वासपूर्वक पूरे किये। अश्शूर का राजा सन्हेरीब यहूदा देश पर आक्रमण करने आया। सन्हेरीब और उसकी सेना ने किले के बाहर डेरा डाला। उसने यह इसलिये किया कि वह नगरों को जीतने की योजना बना सके। सन्हेरीब इन नगरों को अपने लिये जीतना चाहता था। हिजकिय्याह जानता था कि वह यरूशलेम, इस पर आक्रमण करने आया है। तब हिजकिय्याह ने अपने अधिकारियों और सेना के अधिकरियों से सलाह ली। वे एकमत हो गए कि नगर के बाहर के सोतों का पानी रोक दिया जाये। उन अधिकारियों और सेना के अधिकारियों ने हिजकिय्याह की सहायता की। बहुत से लोग एक साथ आए और उन्होंने सभी सोतों और नालों को जो देश के बीच से होकर बहते थे, रोक दिया। उन्होंने कहा, “अश्शूर के राजा को यहाँ आने पर पर्याप्त पानी नहीं मिलेगा!” हिजकिय्याह ने यरूशलेम को पहले से अधिक मजबूत बनाया। यह उसने इस प्रकार किया: उसने दीवार के टूटे भागों को फिर बनवाया। उसने दीवारों पर मीनारें बनाईं। उसने पहली दीवार के बाहर दूसरी दीवार बनाईं। उसने फिर पुराने यरूशलेम के पूर्व की ओर के स्थानों को मजबूत किया। उसने अनेकों हथियार और ढालें बनवाईं। हिजकिय्याह ने युद्ध के अधिकारियों को लोगों का अधीक्षक होने के लिये चुना। वह इन अधिकारियों से नगर द्वार के बाहर खुले स्थान में मिला। हिजकिय्याह ने उन अधिकारियों से सलाह की और उन्हें उत्साहित किया। उसने कहा, “दृढ़ और साहसी बनो। अश्शूर के राजा या उसके साथ की विशाल सेना से मत डरना, न ही उससे परेशान होना। अश्शूर के राजा के पास जो शक्ति है उससे भी बड़ी शक्ति हम लोगों के साथ है! अश्शूर के राजा के पास केवल व्यक्ति हैं। किन्तु हम लोगों के साथ यहोवा, अपना परमेश्वर है। हमारा परमेश्वर हमारी सहायता करेगा। वह हमारा युद्ध स्वयं लड़ेगा।” इस प्रकार यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने लोगों को उत्साहित किया और उन्हें पहले से अधिक शक्तिशाली होने का अनुभव कराया। अश्शूर के राजा सन्हेरीब और उसकी सारी सेना लाकीश नगर के पास डेरा डाले पड़ी थी। ताकि वे इसे हरा सकें तब अश्शूर के राजा सन्हेरीब ने यरूशलेम में यहूदा के राजा हिजकिय्याह के पास और यहूदा के सभी लोगों के पास अपने सेवक भेजे। सन्हेरीब के सेवक हिजकिय्याह और यरूशलेम के सभी लोगों के लिये एक सन्देश ले गए। उन्होंने कहा, “अश्शूर का राजा सन्हेरीब यह कहता है: ‘तुम किसमें विश्वास करते हो जो तुम्हें यरूशलेम में युद्ध की स्थिति में ठहरना सिखाता है? हिजकिय्याह तुम्हें मूर्ख बना रहा है। तुम्हें यरूशलेम में ठहरे रखने के लिये धोखा दिया जा रहा है। इस प्रकार तुम भूख—प्यास से मर जाओगे। हिजकिय्याह तुमसे कहता है, “यहोवा, हमारा परमेश्वर हमें अश्शूर के राजा से बचायेगा।” हिजकिय्याह ने स्वयं यहोवा के उच्चस्थानों और वेदियों को हटाया है। उसने यहूदा और इस्राएल के तुम लोगों से कहा कि तुम लोगों को केवल एक वेदी पर उपासना करनी और सुगन्धि चढ़ानी चाहिए। निश्चय ही, तुम जानते हो कि मेरे पूर्वजों और मैंने अन्य देशों के लोगों के साथ क्या किया है? अन्य देशों के देवता अपने लोगों को नहीं बचा सके। वे देवता मुझे उनके लोगों को नष्ट करने से न रोक सके। मेरे पूर्वजों ने उन देशों को नष्ट किया। कोई भी ऐसा देवता नहीं जो मुझसे अपने लोगों को नष्ट होने से बचा ले। फिर भी तुम सोचते हो कि तुम्हारा देवता तुम्हें मुझसे बचा लेगा हिजकिय्याह को तुम्हें मूर्ख बनाने और धोखा देने मत दो। उस पर विश्वास न करो क्योंकि किसी राष्ट्र या राज्य का कोई देवता कभी हमसे या हमारे पूर्वजों से अपने लोगों को बचाने में समर्थ नहीं हुआ है। इसलिये यह मत सोचो कि तुम्हारा देवता मुझे तुमको नष्ट करने से रोक लेगा।’” अश्शूर के राजा के सेवकों ने इससे भी बुरी बातें यहोवा परमेश्वर तथा परमेश्वर के सेवक हिजकिय्याह के विरुद्ध कहीं। अश्शूर के राजा ने ऐसे पत्र भी लिखे जो इस्राएल के यहोवा परमेश्वर का अपमान करते थे। अश्शूर के राजा ने उन पत्रों में जो कुछ लिखा था वह यह है: “अन्य राज्यों के देवता मुझसे नष्ट होने से अपने लोगों को न बचा सके। उसी प्रकार हिजकिय्याह का परमेश्वर अपने लोगों को मेरे द्वारा नष्ट किये जाने से नहीं रोक सकता।” तब अश्शूर के राजा के सेवक यरूशलेम के उन लोगों पर जोर से चिल्लाये जो नगर की दीवार पर थे। उन सेवकों ने उस समय हिब्रू भाषा का प्रयोग किया जब वे दीवार पर के लोगों के प्रति चिल्लाये। अश्शूर के राजा के उन सेवकों ने यह सब इसलिये किया कि यरूशलेम के लोग डर जायें। उन्होंने वे बातें इसलिये कहीं कि यरूशलेम नगर पर अधिकार कर सकें। उन सेवकों ने उन देवताओं के विरुद्ध बुरी बातें कहीं जिनकी पूजा संसार के लोग करते थे। वे देवता सिर्फ ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें मनुष्यों ने अपने हाथ से बनाया है। इस प्रकार उन सेवकों ने वे ही बुरी बातें यरूशलेम के परमेश्वर के विरुद्ध कहीं। राजा हिजकिय्याह और आमोस के पुत्र यशायाह नबी ने इस समस्या के बारे में प्रार्थना की। उन्होंने जोर से स्वर्ग को पुकारा। तब यहोवा ने अश्शूर के राजा के खेमे में एक स्वर्गदूत को भेजा। उस स्वर्गदूत ने अश्शूर की सेना के सब अधिकारियों, प्रमुखों और सैनिकों को मार डाला। इसलिये अश्शूर का राजा अपने देश में अपने घर लौट गया और उसके लोग उसकी वजह से बहुत लज्जित हुए। वह अपने देवता के मन्दिर में गया और उसी के पुत्रों में से किसी ने उसे वहीं तलवार से मार डाला। इस प्रकार यहोवा ने हिजकिय्याह और यरूशलेम के लोगों को अश्शूर के राजा सन्हेरीब और सभी अन्य लोगों से बचाया। यहोवा ने हिजकिय्याह और यरूशलेम के लोगों की देखभाल की। बहुत से लोग यरूशलेम में यहोवा के लिये भेंट लाए। वे यहूदा के राजा हिजकिय्याह के पास बहुमूल्य चीज़ें ले आए। उस समय के बाद सभी राष्ट्रों ने हिजकिय्याह को सम्मान दिया।

2 इतिहास 32:1-23 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

राजा हिजकियाह ने प्रभु के भवन में आराधना का प्रबन्‍ध किया। उसने अपने कार्यों से प्रभु के प्रति विश्‍वास प्रकट किया। इन कार्यों के पश्‍चात् असीरिया के राजा सनहेरिब ने यहूदा प्रदेश पर आक्रमण कर दिया। उसने यहूदा प्रदेश के सब किलाबन्‍द नगरों को घेर लिया। वह सोचता था कि वह उन गढ़वाले नगरों को जीत लेगा। जब राजा हिजकियाह ने देखा कि सनहेरिब समीप आ गया है, और उसका इरादा यरूशलेम पर चढ़ाई करने का है, तब उसने अपने अधिकारियों और योद्धाओं के साथ मिलकर एक योजना बनाई कि नगर की बाहरी सीमा के जल-स्रोतों का मुंह बन्‍द कर दिया जाए। उन्‍होंने राजा हिजकियाह की इस योजना को पूर्ण करने में सहायता की। अपार संख्‍या में लोग एकत्र हो गए। उन्‍होंने प्रदेश में बहनेवाली बरसाती नदियों और झरनों का मुंह बन्‍द कर दिया। वे कहते थे, ‘असीरिया का राजा हमारे नगर में अगर प्रवेश करेगा, तो उसको एक बूंद पानी भी नहीं मिलना चाहिए।’ नगर की शहरपनाह जगह-जगह ध्‍वस्‍त हो गई थी। राजा हिजकियाह ने दृढ़ निश्‍चय के साथ उसकी मरम्‍मत की। उस पर उसने स्‍थान-स्‍थान पर पहरा देने के लिए मीनारें बनाईं। उसने शहरपनाह की बाहरी ओर एक और दीवार बनाई। उसने दाऊद-पुर में मिल्‍लो के गढ़ को सुदृढ़ किया। उसने प्रचुर मात्रा में शस्‍त्र और ढालें बनवाईं। उसने जनता के ऊपर युद्धाध्‍यक्ष नियुक्‍त किये और उनके द्वारा नगरवासियों को अपने पास चौक में, जो नगर के प्रवेश-द्वार पर था, एकत्र किया। उसने लोगों का मनोबल उठाते हुए कहा, ‘शक्‍तिशाली और साहसी बनो! असीरिया के राजा से मत डरो, निर्भय हो! जो विशाल सैनिक-समूह उसके साथ है, उससे तुम्‍हारा मन न घबराए, क्‍योंकि जो हमारे साथ है, वह उसके साथ के सैनिक-समूह से महान है। असीरिया के राजा का सामर्थ्य मानवीय है, किन्‍तु हमारे साथ है स्‍वयं हमारा प्रभु परमेश्‍वर! वह हमारी सहायता करेगा; वह हमारी ओर से युद्ध करेगा!’ राजा हिजकियाह की ये बातें सुनकर लोगों में आत्मविश्‍वास जागा। असीरिया देश का राजा सनहेरिब अपनी सेना के साथ लाकीश नगर को घेरे हुए था। उसने अपने दूतों को यहूदा प्रदेश के राजा हिजकियाह तथा यहूदा प्रदेश के निवासियों के पास, जो उस समय यरूशलेम में थे, यह सन्‍देश भेजा, ‘असीरिया देश के महाराज सनहेरिब यों कहते हैं: किस आधार पर तुम भरोसा करने लगे हो और अब तक घिरे हुए यरूशलेम में आराम से बैठे हुए हो? क्‍या हिजकियाह तुम्‍हें नहीं बहका रहा है? वह तुमसे कहता है, “हमारा प्रभु परमेश्‍वर हमें असीरिया के राजा के पंजे से छुड़ाएगा!” यह कहकर वह तुम्‍हें अकाल के मुंह में डाल रहा है। तुम प्‍यास से मर जाओगे। क्‍या यह वही प्रभु परमेश्‍वर नहीं है, जिसकी पहाड़ी शिखर की वेदियां तथा अन्‍य वेदियां इसी हिजकियाह ने हटा दी हैं, और जिसके लिए हिजकियाह ने यहूदा प्रदेश और यरूशलेम के निवासियों को यह आदेश दिया है : “तुम यरूशलेम की एक ही वेदी के सम्‍मुख वन्‍दना करना और उसी एक ही वेदी के सम्‍मुख सुगन्‍धित धूप-बलि जलाना?” जो मैंने और मेरे पूर्वजों ने विश्‍व के अन्‍य देशों के निवासियों के साथ किया है, क्‍या तुम नहीं जानते? क्‍या उन देशों के देवी-देवता उन देशों के निवासियों को मेरे पंजे से छुड़ा सके थे? जिन कौमों-जातियों को मेरे पूर्वजों ने पूर्णत: नष्‍ट किया था, उनका कौन-सा राष्‍ट्रीय देवी-देवता अपने लोगों को मेरे पंजे से छुड़ा सका था? तो क्‍या तुम्‍हारा परमेश्‍वर तुम्‍हें मेरे पंजे से छुड़ा सकेगा? इसलिए हिजकियाह की बातों के बहकावे में मत आओ, और न इस प्रकार धोखा खाओ; क्‍योंकि किसी भी राष्‍ट्र या राज्‍य का राष्‍ट्रीय देवी-देवता अपने लोगों को मेरे पंजे से नहीं छुड़ा सका है। तब तुम्‍हारे परमेश्‍वर की क्‍या हस्‍ती कि वह तुम्‍हें मेरे पंजे से छुड़ा सके?’ इससे भी अधिक निन्‍दात्‍मक शब्‍द सनहेरिब के दूतों ने प्रभु परमेश्‍वर तथा उसके सेवक हिजकियाह के विरुद्ध कहे। सनहेरिब ने इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर की निन्‍दा करते हुए पत्र भी लिखे। उस ने प्रभु परमेश्‍वर के विरुद्ध ये बातें लिखी थीं, “जैसे विश्‍व की अन्‍य कौमों और देशों के राष्‍ट्रीय देवी-देवता अपने निज लोगों को मेरे पंजे से नहीं छुड़ा सके, वैसे ही हिजकियाह का परमेश्‍वर भी अपने निज लोगों को मेरे पंजे से नहीं छुड़ा सकेगा।” यरूशलेम नगर के निवासी शहरपनाह पर बैठे-बैठे ये बातें सुन रहे थे। सनहेरिब के दूतों ने उनकी इब्रानी बोली में ही उच्‍च स्‍वर में उनको डराया-धमकाया, ताकि वे उनसे डर जाएं और आतंकित हो जाएं, और सनहेरिब के सैनिक उनके डर के कारण नगर पर कब्‍जा कर लें। दूत यरूशलेम के परमेश्‍वर के विषय में ऐसे शब्‍दों का प्रयोग कर रहे थे, जिनका प्रयोग वे पृथ्‍वी के अन्‍य देशों के उन देवी-देवताओं के विषय में करते थे, जो केवल मिट्टी के पुतले, मनुष्‍य के हाथों की रचना हैं! तब इस विपत्ति के कारण राजा हिजकियाह तथा नबी यशायाह बेन-आमोत्‍स ने परमेश्‍वर की दुहाई दी। प्रभु ने उनकी प्रार्थना सुनी, और अपने दूत को भेजा। दूत ने असीरिया के राजा के शिविर में उसके शक्‍तिशाली योद्धाओं, सेनापतियों और उच्‍चाधिकारियों का वध कर दिया। अत: वह पराजय की लज्‍जा में डूबा हुआ अपने देश को लौट गया। एक दिन जब वह अपने इष्‍ट देवता के मन्‍दिर में पूजा कर रहा था, तब उसके पुत्रों ने ही तलवार से उसकी हत्‍या कर दी। इस प्रकार प्रभु ने हिजकियाह और यरूशलेम के निवासियों को असीरिया के राजा सनहेरिब के पंजे से तथा इस्राएलियों के सब शत्रुओं के हाथ से बचाया, और उनको चारों ओर शान्‍ति प्रदान की। अनेक देशों के राजा यरूशलेम में प्रभु के सम्‍मुख भेंट लाए और यहूदा प्रदेश के राजा हिजकियाह के लिए बहुमूल्‍य उपहार। उस समय से हिजकियाह सब राष्‍ट्रों की दृष्‍टि में महान माना जाने लगा।

2 इतिहास 32:1-23 Hindi Holy Bible (HHBD)

इन बातों और ऐसे प्रबन्ध के बाद अश्शूर का राजा सन्हेरीब ने आकर यहूदा में प्रवेश कर ओर गढ़ वाले नगरों के विरुद्ध डेरे डाल कर उन को अपने लाभ के लिये लेना चाहा। यह देख कर कि सन्हेरीब निकट आया है और यरूशलेम से लड़ने की मनसा करता है, हिजकिय्याह ने अपने हाकिमों और वीरों के साथ यह सम्मति की, कि नगर के बाहर के सोतों को पठवा दें; और उन्होंने उसकी सहायता की। इस पर बहुत से लोग इकट्ठे हुए, और यह कह कर, कि अश्शूर के राजा क्यों यहां आएं, और आ कर बहुत पानी पाएं, उन्होंने सब सोतों को पाट दिया और उस नदी को सुखा दिया जो देश के मध्य हो कर बहती थी। फिर हिजकिय्याह ने हियाव बान्ध कर शहरपनाह जहां कहीं टूटी थी, वहां वहां उसको बनवाया, और उसे गुम्मटों के बराबर ऊंचा किया और बाहर एक और शहरपनाह बनवाई, और दाऊदपुर में मिल्लो को दृढ़ किया। और बहुत से तीर और ढालें भी बनवाई। तब उसने प्रजा के ऊपर सेनापति नियुक्त किए और उन को नगर के फाटक के चौक में इकट्ठा किया, और यह कह कर उन को धीरज दिया, कि हियाव बान्धो और दृढ हो तुम न तो अश्शूर के राजा से डरो और न उसके संग की सारी भीड़ से, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; क्योंकि जो हमारे साथ है, वह उसके संगियों से बड़ा है। अर्थात उसका सहारा तो मनुष्य ही है परन्तु हमारे साथ, हमारी सहायता और हमारी ओर से युद्ध करने को हमारा परमेश्वर यहोवा है। इसलिये प्रजा के लोग यहूदा के राजा हिजकिय्याह की बातों पर भरोसा किए रहे। इसके बाद अश्शूर का राजा सन्हेरीब जो सारी सेना समेत लाकीश के साम्हने पड़ा था, उसने अपने कर्मचारियों को यरूशलेम में यहूदा के राजा हिजकिय्याह और उन सब यहूदियों से जो यरूशलेम में थे यों कहने के लिये भेजा, कि अश्शूर का राजा सन्हेरीब कहता है, कि तुम्हें किस का भरोसा है जिससे कि तुम घेरे हुए यरूशलेम में बैठे हो? क्या हिजकिय्याह तुम से यह कहकर कि हमारा परमेश्वर यहोवा हम को अश्शूर के राजा के पंजे से बचाएगा तुम्हें नहीं भरमाता है कि तुम को भूखों प्यासों मारे? क्या उसी हिजकिय्याह ने उसके ऊंचे स्थान और वेदियां दूर कर के यहूदा और यरूशलेम को आज्ञा नहीं दी, कि तुम एक ही वेदी के साम्हने दण्डवत करना और उसी पर धूप जलाना? क्या तुम को मालूम नहीं, कि मैं ने और मेरे पुरखाओं ने देश देश के सब लोगों से क्या क्या किया है? क्या उन देशें की जातियों के देवता किसी भी उपाय से अपने देश को मेरे हाथ से बचा सके? जितनी जातियों का मेरे पुरखाओं ने सत्यानाश किया है उनके सब देवताओं में से ऐसा कौन था जो अपनी प्रजा को मेरे हाथ से बचा सका हो? फिर तुम्हारा देवता तुम को मेरे हाथ से कैसे बचा सकेगा? अब हिजकिय्याह तुम को इस रीति भुलाने अथवा बहकाने न पाए, और तुम उसकी प्रतीति न करो, क्योंकि किसी जाति था राज्य का कोई देवता अपनी प्रजा को न तो मेरे हाथ से और न मेरे पुरखाओं के हाथ से बचा सका। यह निश्चय है कि तुम्हारा देवता तुम को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा। इस से भी अधिक उसके कर्मचारियों ने यहोवा परमेश्वर की, और उसके दास हिजकिय्याह की निन्दा की। फिर उसने ऐसा एक पत्र भेजा, जिस में इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की निन्दा की थे बातें लिखी थीं, कि जैसे देश देश की जातियों के देवताओं ने अपनी अपनी प्रजा को मेरे हाथ से नहीं बचाया वैसे ही हिजकिय्याह का देवता भी अपनी प्रजा को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा। और उन्होंने ऊंचे शब्द से उन यरूशलेमियों को जो शहरपनाह पर बैठे थे, यहूदी बोली में पुकारा, कि उन को डरा कर घबराहट में डाल दें जिस से नगर को ले लें। और उन्होंने यरूशलेम के परमेश्वर की ऐसी चर्चा की, कि मानो पृथ्वी के देश देश के लोगों के देवताओं के बराबर हो, जो मनुष्यों के बनाए हुए हैं। तब इन घटनाओं के कारण राजा हिजकिय्याह और आमोस के पुत्र यशायाह नबी दोनों ने प्रार्थना की और स्वर्ग की ओर दोहाई दी। तब यहोवा ने एक दूत भेज दिया, जिसने अश्शूर के राजा की छावनी में सब शूरवीरों, प्रधानों और सेनापतियों को नाश किया। और वह लज्जित हो कर, अपने देश को लौट गया। और जब वह अपने देवता के भवन में था, तब उसके निज पुत्रों ने वहीं उसे तलवार से मार डाला। यों यहोवा ने हिजकिय्याह और यरूशलेम के निवासियों अश्शूर के राजा सन्हेरीब और अपने सब शत्रुओं के हाथ से बचाया, और चारों ओर उनकी अगुवाई की। और बहुत लोग यरूशलेम को यहोवा के लिये भेंट और यहूदा के राजा हिजकिय्याह के लिये अनमोल वस्तुएं ले आने लगे, और उस समय से वह सब जातियों की दृष्टि में महान ठहरा।

2 इतिहास 32:1-23 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

इन बातों और ऐसे प्रबन्ध के बाद अश्शूर के राजा सन्हेरीब ने आकर यहूदा में प्रवेश कर और गढ़वाले नगरों के विरुद्ध डेरे डालकर उनको अपने लाभ के लिये लेना चाहा। यह देखकर कि सन्हेरीब निकट आया है और यरूशलेम से लड़ने की इच्छा करता है, हिजकिय्याह ने अपने हाकिमों और वीरों के साथ यह सम्मति की, कि नगर के बाहर के सोतों को पटवा दें; और उन्होंने उसकी सहायता की। इस पर बहुत से लोग इकट्ठे हुए, और यह कहकर कि, “अश्शूर के राजा क्यों यहाँ आएँ, और आकर बहुत पानी पाएँ,” उन्होंने सब सोतों को रोक दिया और उस नदी को सुखा दिया जो देश के मध्य से होकर बहती थी। फिर हिजकिय्याह ने हियाव बाँधकर शहरपनाह जहाँ कहीं टूटी थी, वहाँ-वहाँ उसको बनवाया, और उसे गुम्मटों के बराबर ऊँचा किया और बाहर एक और शहरपनाह बनवाई, और दाऊदपुर में मिल्लो को दृढ़ किया। और बहुत से हथियार और ढालें भी बनवाईं। तब उसने प्रजा के ऊपर सेनापति नियुक्त किए और उनको नगर के फाटक के चौक में इकट्ठा किया, और यह कहकर उनको धीरज दिया, “हियाव बाँधो और दृढ़ हो तुम न तो अश्शूर के राजा से डरो और न उसके संग की सारी भीड़ से, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; क्योंकि जो हमारे साथ है, वह उसके संगियों से बड़ा है। अर्थात् उसका सहारा तो मनुष्य ही है परन्तु हमारे साथ, हमारी सहायता और हमारी ओर से युद्ध करने को हमारा परमेश्वर यहोवा है।” इसलिए प्रजा के लोग यहूदा के राजा हिजकिय्याह की बातों पर भरोसा किए रहे। इसके बाद अश्शूर का राजा सन्हेरीब जो सारी सेना समेत लाकीश के सामने पड़ा था, उसने अपने कर्मचारियों को यरूशलेम में यहूदा के राजा हिजकिय्याह और उन सब यहूदियों से जो यरूशलेम में थे यह कहने के लिये भेजा, “अश्शूर का राजा सन्हेरीब कहता है, कि तुम्हें किसका भरोसा है जिससे कि तुम घिरे हुए यरूशलेम में बैठे हो? क्या हिजकिय्याह तुम से यह कहकर कि हमारा परमेश्वर यहोवा हमको अश्शूर के राजा के पंजे से बचाएगा तुम्हें नहीं भरमाता है कि तुम को भूखा प्यासा मारे? क्या उसी हिजकिय्याह ने उसके ऊँचे स्थान और वेदियों को दूर करके यहूदा और यरूशलेम को आज्ञा नहीं दी, कि तुम एक ही वेदी के सामने दण्डवत् करना और उसी पर धूप जलाना? क्या तुम को मालूम नहीं, कि मैंने और मेरे पुरखाओं ने देश-देश के सब लोगों से क्या-क्या किया है? क्या उन देशों की जातियों के देवता किसी भी उपाय से अपने देश को मेरे हाथ से बचा सके? जितनी जातियों का मेरे पुरखाओं ने सत्यानाश किया है उनके सब देवताओं में से ऐसा कौन था जो अपनी प्रजा को मेरे हाथ से बचा सका हो? फिर तुम्हारा देवता तुम को मेरे हाथ से कैसे बचा सकेगा? अब हिजकिय्याह तुम को इस रीति से भरमाने अथवा बहकाने न पाए, और तुम उस पर विश्वास न करो, क्योंकि किसी जाति या राज्य का कोई देवता अपनी प्रजा को न तो मेरे हाथ से और न मेरे पुरखाओं के हाथ से बचा सका। यह निश्चय है कि तुम्हारा देवता तुम को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा।” इससे भी अधिक उसके कर्मचारियों ने यहोवा परमेश्वर की, और उसके दास हिजकिय्याह की निन्दा की। फिर उसने ऐसा एक पत्र भेजा, जिसमें इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की निन्दा की ये बातें लिखी थीं: “जैसे देश-देश की जातियों के देवताओं ने अपनी-अपनी प्रजा को मेरे हाथ से नहीं बचाया वैसे ही हिजकिय्याह का देवता भी अपनी प्रजा को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा।” और उन्होंने ऊँचे शब्द से उन यरूशलेमियों को जो शहरपनाह पर बैठे थे, यहूदी बोली में पुकारा, कि उनको डराकर घबराहट में डाल दें जिससे नगर को ले लें। उन्होंने यरूशलेम के परमेश्वर की ऐसी चर्चा की, कि मानो पृथ्वी के देश-देश के लोगों के देवताओं के बराबर हो, जो मनुष्यों के बनाए हुए हैं। तब इन घटनाओं के कारण राजा हिजकिय्याह और आमोस के पुत्र यशायाह नबी दोनों ने प्रार्थना की और स्वर्ग की ओर दुहाई दी। तब यहोवा ने एक दूत भेज दिया, जिसने अश्शूर के राजा की छावनी में सब शूरवीरों, प्रधानों और सेनापतियों को नष्ट किया। अतः वह लज्जित होकर, अपने देश को लौट गया। और जब वह अपने देवता के भवन में था, तब उसके निज पुत्रों ने वहीं उसे तलवार से मार डाला। अतः यहोवा ने हिजकिय्याह और यरूशलेम के निवासियों को अश्शूर के राजा सन्हेरीब और अपने सब शत्रुओं के हाथ से बचाया, और चारों ओर उनकी अगुआई की। तब बहुत लोग यरूशलेम को यहोवा के लिये भेंट और यहूदा के राजा हिजकिय्याह के लिये अनमोल वस्तुएँ ले आने लगे, और उस समय से वह सब जातियों की दृष्टि में महान ठहरा।

2 इतिहास 32:1-23 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

पूरी विश्वासयोग्यता में हुए इन कामों के पूरा होने पर अश्शूर के राजा सेनहेरीब ने यहूदिया पर हमला कर दिया और उसने गढ़ नगरों को घेर लिया. उसकी योजना इन्हें अपने अधिकार ले लेने की थी. जब हिज़किय्याह ने यह देखा कि सेनहेरीब निकट आ गया है और उसका लक्ष्य येरूशलेम पर हमला करने का है, अपने अधिकारियों और योद्धाओं के साथ उसने योजना की कि नगर के बाहर के झरनों से जल की आपूर्ति काट दी जाए. इसमें उन्होंने उसकी सहायता की. इसके लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए. उन्होंने वे सारे झरने और जल के सोते बंद कर दिए, जो उस क्षेत्र से बह रहे थे. उनका विचार था, “भला क्यों अश्शूर के राजा यहां आकर भारी जल प्राप्‍त करें?” तब हिज़किय्याह ने बड़े साहस के साथ सारी टूटी पड़ी शहरपनाह को दोबारा बनवाया, इन पर पहरेदारों की मचानों को बनवाया. इसके अलावा उसने एक और बाहरी शहरपनाह को बनवाया, दावीद के नगर में उसने छतों को मजबूत किया. तब उसने बड़ी मात्रा में हथियारों और ढालों को बनवाया. उसने लोगों के ऊपर सैन्य अधिकारी रख दिए और उन्हें नगर द्वार के चौक पर इकट्ठा कर उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा: “मजबूत और साहसी बनो. अश्शूर के राजा के कारण न तो भयभीत हो, और न ही कमजोर बनो और न ही उनका विचार करो, जो बड़ी सेना उसके साथ आई हुई है; क्योंकि वह जो हमारे साथ है, उससे महान है, जो उसके साथ है. उसके साथ तो सिर्फ मानवीय हाड़-मांस का हाथ है, किंतु हमारे साथ हैं हमारी सहायता के लिए याहवेह हमारे परमेश्वर कि वह हमारे युद्ध लड़े.” प्रजा ने यहूदिया के राजा हिज़किय्याह की बातों का विश्वास किया. कुछ समय बाद अश्शूर के राजा सेनहेरीब ने येरूशलेम को अपने दूत भेजे. इस समय वह अपनी सारी सेनाओं के साथ लाकीश नगर पर घेरा डाले हुए था. उसका संदेश यहूदिया के राजा हिज़किय्याह और येरूशलेम में पड़ाव डाली हुई यहूदिया की सेना के लिए यह था: “अश्शूर के राजा सेनहेरीब का संदेश यह है: ऐसा क्या है जिस पर तुम भरोसा किए हुए येरूशलेम के घिरे हुए होने पर भी बैठे हो? क्या यह सच नहीं है कि, हिज़किय्याह तुम सभी को यह कहते छलावे में रखे हुए है, ‘याहवेह हमारे परमेश्वर ही हमें अश्शूर के राजा से छुटकारा दिलाएंगे,’ कि वह तुम्हें भूख और प्यास की मृत्यु को सौंप दे? क्या यह वही हिज़किय्याह नहीं है, जिसने ऊंचे स्थानों की वेदियों को गिराते हुए यहूदिया और येरूशलेम को कहा था, ‘वेदी एक ही है, तुम्हें जिसके सामने आराधना करना और धूप जलाना है’? “क्या तुम जानते नहीं कि मैंने और मेरे पूर्वजों ने दूसरे देशों के लोगों के साथ क्या-क्या किया है? क्या किसी भी देश के देवताओं में यह क्षमता थी कि उन्हें मेरी शक्ति से सुरक्षित रख सके? मेरे पूर्वजों द्वारा नाश किए गए राष्ट्रों के उन सभी देवताओं में ऐसा कौन था जो उन्हें मुझसे सुरक्षा प्रदान करेगा? अब हिज़किय्याह न तो तुमसे छल कर सके और न तुम्हें इस तरह भटकाए. तुम उसका विश्वास ही मत करो. क्योंकि किसी भी राष्ट्र का कोई भी देवता अपनी प्रजा को न तो मुझसे और न मेरे पूर्वजों से बचा सका है, तो फिर कैसे हो सकता है कि तुम्हारा परमेश्वर मेरे हाथों से तुम्हारी रक्षा कर सके!” उसके दूत याहवेह परमेश्वर और उनके सेवक हिज़किय्याह के विरुद्ध बातें करते रहें. सेनहेरीब ने याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के प्रति अपमानजनक पत्र भी भेजे. इनमें उसने यह लिखा था, “जैसा विभिन्‍न देशों के देवता उन्हें मुझसे सुरक्षा प्रदान करने में असफल रहे हैं, वैसे ही हिज़किय्याह का परमेश्वर भी उसके लोगों को मुझसे सुरक्षा देने में असफल रहेगा.” उन्होंने यह संदेश ऊंची आवाज में येरूशलेम के उन लोगों को, जो इस समय शहरपनाह पर यह सब सुन रहे थे, यहूदियावासियों ही की भाषा में पढ़ सुनाया, कि वे इसके द्वारा उन्हें भयभीत और निराश कर दें और वे नगर पर अधिकार कर लें. उन्होंने यह कहते हुए येरूशलेम के परमेश्वर को पृथ्वी के दूसरे राष्ट्रों के देवताओं के बराबर रख दिया था, जो देवता स्वयं उन्हीं के हाथों की रचना थे. राजा हिज़किय्याह और आमोज़ के पुत्र भविष्यद्वक्ता यशायाह ने इस विषय पर प्रार्थना की और स्वर्ग की दोहाई दी. तब याहवेह ने एक ऐसा स्वर्गदूत भेजा, जिसने अश्शूर राजा की छावनी में जाकर हर एक वीर योद्धा, प्रधान और अधिकारी को मार दिया. तब सेनहेरीब घोर लज्जा में अपने देश को लौट गया. वहां पहुंचकर जब अपने देवता के मंदिर में गया, उसी के कुछ पुत्रों ने उसे तलवार से घात कर दिया. इस प्रकार याहवेह ने हिज़किय्याह और येरूशलेम निवासियों को अश्शूर के राजा सेनहेरीब और अन्यों के वार से सुरक्षा प्रदान की और उन्हें चारों ओर से सुरक्षा दी. अनेक-अनेक याहवेह के लिए भेंटें लेकर येरूशलेम आने लगे. वे यहूदिया के राजा हिज़किय्याह के लिए उत्तम भेंटें ला रहे थे. इससे इसके बाद सभी राष्ट्रों की दृष्टि में हिज़किय्याह की प्रतिष्ठा बहुत ही बढ़ती चली गई.