2 इतिहास 21:1-11
2 इतिहास 21:1-11 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
अन्त में यहोशापात अपने पुरखाओं के संग सो गया, और उसको उसके पुरखाओं के बीच दाऊदपुर में मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र यहोराम उसके स्थान पर राज्य करने लगा। उसके भाई ये थे जो यहोशापात के पुत्र थे : अर्थात् अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीकाएल, और शपत्याह; ये सब इस्राएल के राजा यहोशापात के पुत्र थे। उनके पिता ने उन्हें चाँदी सोना और अनमोल वस्तुएँ और बड़े बड़े दान और यहूदा में गढ़वाले नगर दिए थे, परन्तु यहोराम को उसने राज्य दे दिया, क्योंकि वह जेठा था। जब यहोराम अपने पिता के राज्य पर नियुक्त हुआ और बलवन्त भी हो गया, तब उसने अपने सब भाइयों को और इस्राएल के कुछ हाकिमों को भी तलवार से घात किया। जब यहोराम राजा हुआ, तब वह बत्तीस वर्ष का था, और वह आठ वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। वह इस्राएल के राजाओं की सी चाल चला, जैसे अहाब का घराना चलता था, क्योंकि उसकी पत्नी अहाब की बेटी थी। वह उस काम को करता था, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है। तौभी यहोवा ने दाऊद के घराने को नष्ट करना न चाहा, यह उस वाचा के कारण था, जो उसने दाऊद से बाँधी थी। उस वचन के अनुसार था, जो उसने उसको दिया था कि मैं ऐसा करूँगा कि तेरा और तेरे वंश का दीपक कभी न बुझेगा। उसके दिनों में एदोम ने यहूदा की अधीनता छोड़कर अपने ऊपर एक राजा बना लिया। तब यहोराम अपने हाकिमों और अपने सब रथों को साथ लेकर उधर गया, और रथों के प्रधानों को मारा। यों एदोम यहूदा के वश से छूट गया और आज तक वैसा ही है। उसी समय लिब्ना ने भी उसकी अधीनता छोड़ दी, यह इस कारण हुआ कि उसने अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को त्याग दिया था। उसने यहूदा के पहाड़ों पर ऊँचे स्थान बनाए और यरूशलेम के निवासियों से व्यभिचार कराया, और यहूदा को बहका दिया।
2 इतिहास 21:1-11 पवित्र बाइबल (HERV)
तब यहोशापात मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। उसे दाऊद के नगर में दफनाया गया। यहोराम यहोशापात के स्थान पर नया राजा हुआ। यहोराम यहोशापात का पुत्र था। यहोराम के भाई अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीकाएल और शपत्याह थे। वे लोग यहोशापात के पुत्र थे। यहोशापात यहूदा का राजा था। यहोशापात ने अपने पुत्रों को चाँदी, सोना और कीमती चीज़ें भेंट में दीं। उसने उन्हें यहूदा में शक्तिशाली किले भी दिये। किन्तु यहोशापात ने राज्य यहोराम को दिया क्योंकि यहोराम सबसे बड़ा पुत्र था। यहोराम ने अपने पिता का राज्य प्राप्त किया और अपने को शक्तिशाली बनाया। तब उसने तलवार का उपयोग अपने सभी भाईयों को मारने के लिये किया। उसने इस्राएल के कुछ प्रमुखों को भी मार डाला। यहोराम ने जब शासन आरम्भ किया तो वह बत्तीस वर्ष का था। उसने यरूशलेम में आठ वर्ष तक शासन किया। वह उसी तरह रहा जैसे इस्राएल के राजा रहते थे। वह उसी प्रकार रहा जिस प्रकार अहाब का परिवार रहता था। यह इसलिये हुआ कि यहोराम ने अहाब की पुत्री से विवाह किया और यहोराम ने यहोवा की दृष्टि में बुरा किया। किन्तु यहोवा दाऊद के परिवार को नष्ट नहीं करना चाहता था क्योंकि उसने दाऊद के साथ वाचा की थी। यहोवा ने वचन दिया था कि दाऊद और उसकी सन्तान का एक वंश सदैव चलता रहेगा। यहोराम के समय में, एदोम यहूदा के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकल गया। एदोम के लोगों ने अपना राजा चुन लिया। इसलिये यहोराम अपने सभी सेनापतियों और रथों के साथ एदोम गया। एदोमी सेना ने यहोराम और उसके रथ के रथपतियों को घेर लिया। किन्तु यहोराम ने रात में युद्ध करके अपने निकलने का रास्ता ढूँढ लिया। उस समय से अब तक एदोम का देश यहूदा के विरुद्ध विद्रोही रहा है। लिब्ना नगर के लोग भी यहोराम के विरुद्ध हो गए। यह इसलिए हुआ कि यहोराम ने पूर्वजों के, यहोवा परमेश्वर को छोड़ दिया। यहोराम ने उच्च स्थान भी यहूदा के पहाड़ियों पर बनाए। यहोराम ने यरूशलेम के लोगों को, परमेश्वर जो चाहता है उसे करने से मना किया वह यहूदा के लोगों को यहोवा से दूर ले गया।
2 इतिहास 21:1-11 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
यहोशाफट अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया। उसे उसके पूर्वजों के साथ दाऊदपुर में गाड़ा गया। उसके स्थान पर उसका पुत्र योराम राज्य करने लगा। योराम के छ: भाई थे। राजा यहोशाफट के अन्य पुत्रों के ये नाम हैं : अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीखाएल और शपत्याह। ये सब यहूदा प्रदेश के राजा यहोशाफट के पुत्र थे। उसने अपने इन पुत्रों को अपार धन-सम्पत्ति, सोना-चांदी तथा बहुमूल्य वस्तुएं दी थीं। उसने उन्हें यहूदा प्रदेश के किलाबन्द नगर भी दिये थे। किन्तु उसने योराम को अपना राज्य दिया था; क्योंकि वह उसका ज्येष्ठ पुत्र था। जब योराम अपने पिता के सिंहासन पर बैठा, और जब उसकी राजसत्ता जम गई, तब उसने अपने सब भाइयों तथा देश के कुछ उच्चाधिकारियों का तलवार से वध कर दिया। जब योराम राजा बना तब उसकी उम्र बत्तीस वर्ष की थी। उसने आठ वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्य किया। वह इस्राएल प्रदेश के राजाओं के मार्ग पर चला। जैसा अहाब के राजपरिवार ने किया था, वैसा ही उसने भी किया; क्योंकि अहाब की पुत्री उसकी पत्नी थी। जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा है उसने वही किया। फिर भी प्रभु ने योराम को, जो दाऊद का वंशज था, नष्ट नहीं किया; क्योंकि प्रभु ने दाऊद के साथ विधान का सम्बन्ध स्थापित किया था। उसने दाऊद को वचन दिया था कि तेरे और तेरे वंश का दीपक कभी नहीं बुझेगा। योराम के राज्य-काल में एदोम राज्य ने यहूदा राज्य से विद्रोह कर दिया और उसने अपना राजा नियुक्त कर लिया। योराम ने अपने सेना-नायकों तथा समस्त रथों के साथ प्रस्थान किया। एदोमी सैनिकों ने उसको घेर लिया। तब योराम और उसके सारथी रात में उठे और उन्होंने एदोमी सैनिकों का वध कर दिया, जिन्होंने उनको घेर लिया था। किन्तु एदोम राज्य आज भी यहूदा राज्य से विद्रोह किये हुए है। उन्हीं दिनों में लिबना राज्य ने भी विद्रोह कर दिया; क्योंकि योराम ने अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर को त्याग दिया था। इसके अतिरिक्त राजा योराम ने यहूदा प्रदेश के पहाड़ी शिखरों पर पूजागृह बनाए थे। उसके इन्हीं दुष्कर्मों के कारण राजधानी यरूशलेम के निवासी तथा यहूदा प्रदेश की सब जनता प्रभु के प्रति विश्वासघाती हो गई और वह प्रभु के मार्ग से भटक गई।
2 इतिहास 21:1-11 Hindi Holy Bible (HHBD)
निदान यहोशापात अपने पुरखाओं के संग सो गया, और उसको उसके पुरखाओं के बीच दाऊदपुर में मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र यहोराम उसके स्थान पर राज्य करने लगा। इसके भाई जो यहोशापात के पुत्र थे, ये थे, अर्थात अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीकाएल और शपत्याह; ये सब इस्राएल के राजा यहोशापात के पुत्र थे। और उनके पिता ने उन्हे चान्दी सोना और अनमोल वस्तुएं और बड़े बड़े दान और यहूदा में गढ़ वाले नगर दिए थे, परन्तु यहोराम को उसने राज्य दे दिया, क्योंकि वह जेठा था। जब यहोराम अपने पिता के राज्य पर नियुक्त हुआ और बलवन्त भी हो गया, तब उसने अपने सब भाइयों को और इस्राएल के कुछ हाकिमों को भी तलवार से घात किया। जब यहोराम राजा हुआ, तब वह बत्तीस वर्ष का था, और वह आठ वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। वह इस्राएल के राजाओं की सी चाल चला, जैसे अहाब का घराना चलता था, क्योंकि उसकी पत्नी अहाब की बेटी थी। और वह उस काम को करता था, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है। तौभी यहोवा ने दाऊद के घराने को नाश करना न चाहा, यह उस वाचा के कारण था, जो उसने दाऊद से बान्धी थी। और उस वचन के अनुसार था, जो उसने उसको दिया था, कि में ऐसा करूंगा कि तेरा और तेरे वंश का दीपक कभी न बुझेगा। उसके दिनों में एदोम ने यहूदा की आधीनता छोड़ कर अपने ऊपर एक राजा बना लिया। सो यहोराम अपने हाकिमों और अपने सब रथों को साथ ले कर उधर गया, और रथों के प्रधानों को मारा। यों एदोम यहूदा के वश से छूट गया और आज तक वैसा ही है। उसी समय लिब्ना ने भी उसकी आधीनता छोड़ दी, यह इस कारण हुआ, कि उसने अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को त्याग दिया था। और उसने यहूदा के पहाड़ों पर ऊंचे स्थान बनाए और यरूशलेम के निवासियों व्यभिचार कराया, और यहूदा को बहका दिया।
2 इतिहास 21:1-11 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
अन्त में यहोशापात मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला, और उसको उसके पुरखाओं के बीच दाऊदपुर में मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र यहोराम उसके स्थान पर राज्य करने लगा। उसके भाई जो यहोशापात के पुत्र थे: अर्थात् अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीकाएल और शपत्याह; ये सब इस्राएल के राजा यहोशापात के पुत्र थे। उनके पिता ने उन्हें चाँदी सोना और अनमोल वस्तुएँ और बड़े-बड़े दान और यहूदा में गढ़वाले नगर दिए थे, परन्तु यहोराम को उसने राज्य दे दिया, क्योंकि वह जेठा था। जब यहोराम अपने पिता के राज्य पर नियुक्त हुआ और बलवन्त भी हो गया, तब उसने अपने सब भाइयों को और इस्राएल के कुछ हाकिमों को भी तलवार से घात किया। जब यहोराम राजा हुआ, तब वह बत्तीस वर्ष का था, और वह आठ वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। वह इस्राएल के राजाओं की सी चाल चला, जैसे अहाब का घराना चलता था, क्योंकि उसकी पत्नी अहाब की बेटी थी। और वह उस काम को करता था, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है। तो भी यहोवा ने दाऊद के घराने को नाश करना न चाहा, यह उस वाचा के कारण था, जो उसने दाऊद से बाँधी थी। उस वचन के अनुसार था, जो उसने उसको दिया था, कि मैं ऐसा करूँगा कि तेरा और तेरे वंश का दीपक कभी न बुझेगा। उसके दिनों में एदोम ने यहूदा की अधीनता छोड़कर अपने ऊपर एक राजा बना लिया। तब यहोराम अपने हाकिमों और अपने सब रथों को साथ लेकर उधर गया, और रथों के प्रधानों को मारा। अतः एदोम यहूदा के वश से छूट गया और आज तक वैसा ही है। उसी समय लिब्ना ने भी उसकी अधीनता छोड़ दी, यह इस कारण हुआ, कि उसने अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को त्याग दिया था। उसने यहूदा के पहाड़ों पर ऊँचे स्थान बनाए और यरूशलेम के निवासियों से व्यभिचार कराया, और यहूदा को बहका दिया।
2 इतिहास 21:1-11 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
यहोशाफ़ात हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में मिल गया. उसे दावीद के नगर में उसके पूर्वजों के साथ गाड़ा गया. उसके स्थान पर उसका पुत्र यहोराम राजा हुआ. उसके भाई थे, यहोशाफ़ात ही के पुत्र अज़रियाह, येहिएल, ज़करयाह, अज़रियाह, मिखाएल और शेपाथियाह. ये सभी यहूदिया के राजा यहोशाफ़ात के पुत्र थे. इनके पिता ने इन्हें अनेक उपहार दिए थे, चांदी, सोना और कीमती वस्तुएं. इनके अलावा उसने उन्हें यहूदिया में गढ़नगर भी दे दिए थे, मगर यहोराम को उसने राज्य सौंप दिया था; क्योंकि वह पहलौठा था. जैसे ही यहोराम अपने पिता के सिंहासन पर बैठा और राज्य स्थिर हुआ, उसने अपने सभी भाइयों को घात कर दिया और इनके अलावा इस्राएल के कुछ अधिकारियों को भी. जब यहोराम राजा बना, उसकी उम्र बत्तीस साल थी और उसने येरूशलेम में आठ साल शासन किया. उसका आचरण इस्राएल के राजाओं के समान था. उसने वही किया, जो अहाब के वंश ने किया था; क्योंकि उसने अहाब की पुत्री से विवाह किया था. वह वही करता था जो याहवेह की दृष्टि में गलत था. फिर भी दावीद से बांधी गई अपनी वाचा के कारण याहवेह ने दावीद के वंश को नाश करना न चाहा और इसलिये भी कि उन्होंने यह प्रतिज्ञा की थी कि वह दावीद को और उनके पुत्रों के दीपक को कभी न बुझाएंगे. यहोराम का शासनकाल में एक मौका ऐसा आया, जब एदोम ने यहूदिया के विरुद्ध विद्रोह कर दिया और अपने लिए स्वयं एक राजा चुन लिया. तब यहोराम अपने सेनापतियों और सारे रथों को लेकर एदोम की ओर निकला. वह रात में उठा और उन एदोमियों को मार डाला जिन्होंने उसे, सेनापतियों और रथों को घेर रखा था. फलस्वरूप एदोम आज तक इस्राएल के विरुद्ध विद्रोह की स्थिति में है. इसी समय लिबनाह ने भी विद्रोह कर दिया था. क्योंकि यहोराम ने अपने पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह को त्याग दिया था. इसके अलावा उसने यहूदिया के पर्वतों पर वेदियां बना रखी थी, जिसका परिणाम यह हुआ कि येरूशलेम के निवासी याहवेह परमेश्वर के प्रति सच्चे न रह गए और यहूदिया के निवासी मार्ग से भटक गए.