यहोशाफट अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया। उसे उसके पूर्वजों के साथ दाऊदपुर में गाड़ा गया। उसके स्थान पर उसका पुत्र योराम राज्य करने लगा। योराम के छ: भाई थे। राजा यहोशाफट के अन्य पुत्रों के ये नाम हैं : अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीखाएल और शपत्याह। ये सब यहूदा प्रदेश के राजा यहोशाफट के पुत्र थे। उसने अपने इन पुत्रों को अपार धन-सम्पत्ति, सोना-चांदी तथा बहुमूल्य वस्तुएं दी थीं। उसने उन्हें यहूदा प्रदेश के किलाबन्द नगर भी दिये थे। किन्तु उसने योराम को अपना राज्य दिया था; क्योंकि वह उसका ज्येष्ठ पुत्र था। जब योराम अपने पिता के सिंहासन पर बैठा, और जब उसकी राजसत्ता जम गई, तब उसने अपने सब भाइयों तथा देश के कुछ उच्चाधिकारियों का तलवार से वध कर दिया। जब योराम राजा बना तब उसकी उम्र बत्तीस वर्ष की थी। उसने आठ वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्य किया। वह इस्राएल प्रदेश के राजाओं के मार्ग पर चला। जैसा अहाब के राजपरिवार ने किया था, वैसा ही उसने भी किया; क्योंकि अहाब की पुत्री उसकी पत्नी थी। जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा है उसने वही किया। फिर भी प्रभु ने योराम को, जो दाऊद का वंशज था, नष्ट नहीं किया; क्योंकि प्रभु ने दाऊद के साथ विधान का सम्बन्ध स्थापित किया था। उसने दाऊद को वचन दिया था कि तेरे और तेरे वंश का दीपक कभी नहीं बुझेगा। योराम के राज्य-काल में एदोम राज्य ने यहूदा राज्य से विद्रोह कर दिया और उसने अपना राजा नियुक्त कर लिया। योराम ने अपने सेना-नायकों तथा समस्त रथों के साथ प्रस्थान किया। एदोमी सैनिकों ने उसको घेर लिया। तब योराम और उसके सारथी रात में उठे और उन्होंने एदोमी सैनिकों का वध कर दिया, जिन्होंने उनको घेर लिया था। किन्तु एदोम राज्य आज भी यहूदा राज्य से विद्रोह किये हुए है। उन्हीं दिनों में लिबना राज्य ने भी विद्रोह कर दिया; क्योंकि योराम ने अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर को त्याग दिया था। इसके अतिरिक्त राजा योराम ने यहूदा प्रदेश के पहाड़ी शिखरों पर पूजागृह बनाए थे। उसके इन्हीं दुष्कर्मों के कारण राजधानी यरूशलेम के निवासी तथा यहूदा प्रदेश की सब जनता प्रभु के प्रति विश्वासघाती हो गई और वह प्रभु के मार्ग से भटक गई।
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