1 शमूएल 4:1-11
1 शमूएल 4:1-11 पवित्र बाइबल (HERV)
शमूएल के विषय में समाचार पूरे इस्राएल में फैल गया। एली बहुत बूढ़ा हो गया था। उसके पुत्र यहोवा के सामने बुरा काम करते रहे। उस समय, पलिश्ती इस्राएल के विरुद्ध युद्ध करने के लिये तैयार हुए। इस्राएली पलिश्तियों के विरुद्ध लड़ने गए। इस्राएलियों ने अपना डेरा एबेनेजेर में डाला। पलिश्तियों ने अपना डेरा अपेक में डाला। पलिश्तियों ने इस्राएल पर आक्रमण करने की तैयारी की। युद्ध आरम्भ हो गया। पलिश्तियों ने इस्राएलियों को हरा दिया। पलिश्तियों ने इस्राएल की सेना के लगभग चार हजार सैनिकों को मार डाला। इस्राएलियों के बाकी सैनिक अपने डेरे में लौट गए। इस्राएल के अग्रजों (प्रमुखों) ने पूछा, “यहोवा ने पलिश्तियों को हमें क्यों पराजित करने दिया? हम लोग शीलो से वाचा के सन्दूक को ले आयें। इस प्रकार, परमेश्वर हम लोगों के साथ युद्ध में जायेगा। वह हमें हमारे शत्रुओं से बचा देगा।” इसलिये लोगों ने वयक्तियों को शीलो में भेजा। वे लोग सर्वशक्तिमान यहोवा के वाचा के सन्दूक को ले आए। सन्दूक के ऊपर करूब (स्वर्गदूत) हैं और वे उस आसन की तरह हैं जिस पर यहोवा बैठता है। एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पीनहास सन्दूक के साथ आए। जब यहोवा के वाचा का सन्दूक डेरे के भीतर आया, तो इस्राएलियों ने प्रचण्ड उद्घोष किया। उस उद्घोष से धरती काँप उठी। पलिश्तियों ने इस्राएलियों के उद्घोष को सुना। उन्होंने पूछा, “हिब्रू लोगों के डेरे में ऐसा उद्घोष क्यों है?” तब पलिश्तियों को ज्ञात हुआ कि इस्राएल के डेरे में वाचा का सन्दूक आया है। पलिश्ती डर गए। पलिश्तियों ने कहा, “परमेश्वर उनके डेरे में आ गया है! हम लोग मुसीबत में हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हमें चिन्ता है! इस शक्तिशाली परमेश्वर से हमें कौन बचा सकता है? ये वही परमेश्वर है जिसने मिस्रियों को वे बीमारियाँ और महामारियाँ दी थीं। पलिश्तियों साहस करो! वीर पुरूषों की तरह लड़ो! बीते समय में हिब्रू लोग हमारे दास थे। इसलिए वीरों की तरह लड़ो नहीं तो तुम उनके दास हो जाओगे।” पलिश्ती वीरता से लड़े औ उन्होंने इस्राएलियों को हरा दिया। हर एक इस्राएली योद्धा अपने डेरे में भाग गया। इस्राएल के लिये यह भयानक पराजय थी। तीस हजार इस्राएली सैनिक मारे गए। पलिश्तियों ने उनसे परमेश्वर का पवित्र सन्दूक छीन लिया और उन्होंने एली के दोनों पुत्रों, होप्नी और पीनहास को मार डाला।
1 शमूएल 4:1-11 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
शमूएल की चर्चा समस्त इस्राएली देश में फैल गई। उस समय एली बहुत वृद्ध हो गया था। उसके पुत्र अपने ही मार्ग पर चल रहे थे। पर उनका मार्ग प्रभु की दृष्टि में कुमार्ग था। उन्हीं दिनों में यह घटना घटी। पलिश्ती सेना इस्राएलियों से युद्ध करने के लिए एकत्र हुई। अत: इस्राएली पलिश्तियों का सामना करने के लिए नगर से बाहर निकले। उन्होंने एबन-एजर में पड़ाव डाला और पलिश्ती सेना ने अपेक में पड़ाव डाला। पलिश्तियों ने इस्राएलियों के विरुद्ध युद्ध की व्यूह-रचना की। घमासान युद्ध होने लगा। पर इस्राएली पलिश्तियों से हार गए। पलिश्तियों ने इस्राएलियों के चार हजार सैनिकों को युद्ध-भूमि में मार डाला। जब इस्राएली सेना पड़ाव में आई तब इस्राएली धर्मवृद्धों ने यह कहा, ‘प्रभु ने हमें आज पलिश्तियों से क्यों पराजित करवाया? आओ, हम शिलोह से प्रभु के विधान की मंजूषा ले आएँ, जिससे प्रभु हमारे मध्य आए, और हमें हमारे शत्रुओं के पंजे से मुक्त करे।’ अत: उन्होंने लोगों को शिलोह भेजा। वे वहाँ से करूबों पर विराजने वाले, स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की विधान-मंजूषा ले आए। एली के दोनों पुत्र, होफ्नी और पीनहास परमेश्वर की विधान-मंजूषा के साथ वहाँ थे। जब प्रभु की विधान-मंजूषा पड़ाव में पहुँची तब इस्राएलियों ने इतने जोर से महा जयघोष किया कि पृथ्वी गूंज उठी। पलिश्तियों ने इस्राएलियों के जयघोष की आवाज सुनी। उन्होंने कहा, ‘इब्रानियों के पड़ाव में होने वाले इस महा जयघोष का कारण क्या है?’ उन्हें मालूम हुआ कि प्रभु की मंजूषा पड़ाव में आ गई है। पलिश्ती भयभीत हो गए। उन्होंने कहा, ‘उनके पड़ाव में उनके देवता आ गए हैं!’ उन्होंने कहा, ‘हाय! अब क्या होगा? पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। हाय! अब क्या होगा? कौन हमें इन महाबली देवताओं के हाथ से छुड़ा सकेगा? ये वे ही देवता हैं, जिन्होंने सब प्रकार की महामारियों और अपने वचनों से मिस्र निवासियों को नष्ट कर दिया था। ओ पलिश्तियो! साहस करो! पौरुष दिखाओ! अन्यथा, जैसे इब्रानी तुम्हारे गुलाम हैं, वैसे तुम भी उनके गुलाम बन जाओगे। पुरुष के समान व्यवहार करो, युद्ध करो!’ अत: पलिश्ती सेना ने पुन: युद्ध किया, और इस्राएली पराजित हो गए। हर एक इस्राएली सैनिक अपने-अपने तम्बू को भाग गया। उस दिन इस्राएलियों का महा संहार किया गया। उनके तीस हजार पैदल-सैनिक मारे गए। पलिश्तियों ने परमेश्वर की मंजूषा छीन ली। एली के दोनों पुत्र, होफ्नी और पीनहास भी मार डाले गए।
1 शमूएल 4:1-11 Hindi Holy Bible (HHBD)
और शमूएल का वचन सारे इस्राएल के पास पहुंचा। और इस्राएली पलिश्तियों से युद्ध करने को निकले; और उन्होंने तो एबेनेजेर के आस-पास छावनी डाली, और पलिश्तियों ने अपेक में छावनी डाली। तब पलिश्तियों ने इस्राएल के विरुद्ध पांति बान्धी, और जब घमासान युद्ध होने लगा तब इस्राएली पलिश्तियों से हार गए, और उन्होंने कोई चार हजार इस्राएली सेना के पुरूषों को मैदान ही में मार डाला। और जब वे लोग छावनी में लौट आए, तब इस्राएल के वृद्ध लोग कहने लगे, कि यहोवा ने आज हमें पलिश्तियों से क्यों हरवा दिया है? आओ, हम यहोवा की वाचा का सन्दूक शीलो से मांग ले आएं, कि वह हमारे बीच में आकर हमें शत्रुओं के हाथ से बचाए। तब उन लोगों ने शीलो में भेज कर वहां से करूबों के ऊपर विराजने वाले सेनाओं के यहोवा की वाचा का सन्दूक मंगा लिया; और परमेश्वर की वाचा के सन्दूक के साथ एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पिनहास भी वहां थे। जब यहोवा की वाचा का सन्दूक छावनी में पहुंचा, तब सारे इस्राएली इतने बल से ललकार उठे, कि भूमि गूंज उठी। इस ललकार का शब्द सुनकर पलिश्तियों ने पूछा, इब्रियों की छावनी में ऐसी बड़ी ललकार का क्या कारण है? तब उन्होंने जान लिया, कि यहोवा का सन्दूक छावनी में आया है। तब पलिश्ती डरकर कहने लगे, उस छावनी में परमेश्वर आ गया है। फिर उन्होंने कहा, हाय! हम पर ऐसी बात पहिले नहीं हुई थी। हाय! ऐसे महाप्रतापी देवताओं के हाथ से हम को कौन बचाएगा? ये तो वे ही देवता हैं जिन्होंने मिस्रियों पर जंगल में सब प्रकार की विपत्तियां डाली थीं। हे पलिश्तियों, तुम हियाव बान्धो, और पुरूषार्थ जगाओ, कहीं ऐसा न हो कि जैसे इब्री तुम्हारे आधीन हो गए वैसे तुम भी उनके आधीन हो जाओ; पुरूषार्थ करके संग्राम करो। तब पलिश्ती लड़ाई के मैदान में टूट पड़े, और इस्राएली हार कर अपने अपने डेरे को भागने लगे; और ऐसा अत्यन्त संहार हुआ, कि तीस हजार इस्राएली पैदल खेत आए। और परमेश्वर का सन्दूक छीन लिया गया; और एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पीनहास, भी मारे गए।
1 शमूएल 4:1-11 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
शमूएल का वचन सारे इस्राएल के पास पहुँचा। और इस्राएली पलिश्तियों से युद्ध करने को निकले; और उन्होंने एबनेज़ेर के आसपास छावनी डाली, और पलिश्तियों ने अपेक में छावनी डाली। तब पलिश्तियों ने इस्राएल के विरुद्ध पाँति बाँधी, और जब घमासान युद्ध होने लगा तब इस्राएली पलिश्तियों से हार गए, और उन्होंने कोई चार हज़ार इस्राएली सेना के पुरुषों को मैदान में ही मार डाला। जब वे लोग छावनी में लौट आए, तब इस्राएल के वृद्ध लोग कहने लगे, “यहोवा ने आज हमें पलिश्तियों से क्यों हरवा दिया है? आओ, हम यहोवा की वाचा का सन्दूक शीलो से माँग ले आएँ कि वह हमारे बीच में आकर हमें शत्रुओं के हाथ से बचाए।” तब उन लोगों ने शीलो में भेजकर वहाँ से करूबों के ऊपर विराजनेवाले सेनाओं के यहोवा की वाचा का सन्दूक मँगा लिया; और परमेश्वर की वाचा के सन्दूक के साथ एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पीनहास भी वहाँ थे। जब यहोवा की वाचा का सन्दूक छावनी में पहुँचा, तब सारे इस्राएली इतने बल से ललकार उठे कि भूमि गूँज उठी। इस ललकार का शब्द सुनकर पलिश्तियों ने पूछा, “इब्रियों की छावनी में ऐसी बड़ी ललकार का क्या कारण है? तब उन्होंने जान लिया, कि यहोवा का सन्दूक छावनी में आया है। तब पलिश्ती डरकर कहने लगे, “उस छावनी में परमेश्वर आ गया है।” फिर उन्होंने कहा, “हाय! हम पर ऐसी बात पहले नहीं हुई थी। हाय! ऐसे महाप्रतापी देवताओं के हाथ से हम को कौन बचाएगा? ये तो वे ही देवता हैं जिन्होंने मिस्रियों पर जंगल में सब प्रकार की विपत्तियाँ डाली थीं। हे पलिश्तियो, तुम हियाव बाँधो, और पुरुषार्थ जगाओ, कहीं ऐसा न हो कि जैसे इब्री तुम्हारे अधीन हो गए वैसे तुम भी उनके अधीन हो जाओ; पुरुषार्थ करके संग्राम करो।” तब पलिश्ती लड़ाई के मैदान में टूट पड़े, और इस्राएली हारकर अपने अपने डेरे को भागने लगे; और ऐसा अत्यन्त संहार हुआ कि तीस हज़ार इस्राएली पैदल खेत आए। और परमेश्वर का सन्दूक छीन लिया गया; और एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पीनहास भी मारे गए।
1 शमूएल 4:1-11 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
और शमूएल का वचन सारे इस्राएल के पास पहुँचा। और इस्राएली पलिश्तियों से युद्ध करने को निकले; और उन्होंने तो एबेनेजेर के आस-पास छावनी डाली, और पलिश्तियों ने अपेक में छावनी डाली। तब पलिश्तियों ने इस्राएल के विरुद्ध पाँति बाँधी, और जब घमासान युद्ध होने लगा तब इस्राएली पलिश्तियों से हार गए, और उन्होंने कोई चार हजार इस्राएली सेना के पुरुषों को मैदान में ही मार डाला। जब वे लोग छावनी में लौट आए, तब इस्राएल के वृद्ध लोग कहने लगे, “यहोवा ने आज हमें पलिश्तियों से क्यों हरवा दिया है? आओ, हम यहोवा की वाचा का सन्दूक शीलो से माँग ले आएँ, कि वह हमारे बीच में आकर हमें शत्रुओं के हाथ से बचाए।” तब उन लोगों ने शीलो में भेजकर वहाँ से करूबों के ऊपर विराजनेवाले सेनाओं के यहोवा की वाचा का सन्दूक मँगवा लिया; और परमेश्वर की वाचा के सन्दूक के साथ एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पीनहास भी वहाँ थे। जब यहोवा की वाचा का सन्दूक छावनी में पहुँचा, तब सारे इस्राएली इतने बल से ललकार उठे, कि भूमि गूँज उठी। इस ललकार का शब्द सुनकर पलिश्तियों ने पूछा, “इब्रियों की छावनी में ऐसी बड़ी ललकार का क्या कारण है?” तब उन्होंने जान लिया, कि यहोवा का सन्दूक छावनी में आया है। तब पलिश्ती डरकर कहने लगे, “उस छावनी में परमेश्वर आ गया है।” फिर उन्होंने कहा, “हाय! हम पर ऐसी बात पहले नहीं हुई थी। हाय! ऐसे महाप्रतापी देवताओं के हाथ से हमको कौन बचाएगा? ये तो वे ही देवता हैं जिन्होंने मिस्रियों पर जंगल में सब प्रकार की विपत्तियाँ डाली थीं। हे पलिश्तियों, तुम हियाव बाँधो, और पुरुषार्थ जगाओ, कहीं ऐसा न हो कि जैसे इब्री तुम्हारे अधीन हो गए वैसे तुम भी उनके अधीन हो जाओ; पुरुषार्थ करके संग्राम करो।” तब पलिश्ती लड़ाई के मैदान में टूट पड़े, और इस्राएली हारकर अपने-अपने डेरे को भागने लगे; और ऐसा अत्यन्त संहार हुआ, कि तीस हजार इस्राएली पैदल खेत आए। और परमेश्वर का सन्दूक छीन लिया गया; और एली के दोनों पुत्र, होप्नी और पीनहास, भी मारे गए।
1 शमूएल 4:1-11 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
शमुएल का वचन सारे इस्राएल राष्ट्र में पहुंच जाता था. यह वह समय था, जब इस्राएलियों को फिलिस्तीनियों से युद्ध करने जाना पड़ा. उन्होंने एबेन-एज़र नामक स्थान पर अपनी छावनी डाली तथा फिलिस्तीनियों ने अफेक नामक स्थान पर. फिलिस्तीनी इस्राएल के विरुद्ध मोर्चा बांधकर आगे बढ़े और जब युद्ध उग्र हुआ, इस्राएली फिलिस्तीनियों के सामने हार गए. उस समय युद्ध-भूमि में लगभग चार हज़ार इस्राएली मारे गए. जब सेना लौटकर छावनी में आई, इस्राएलियों के पुरनियों ने विचार किया, “क्या कारण है कि याहवेह ने आज हमें फिलिस्तीनियों से हार जाने दिया? ऐसा करें, हम शीलो से याहवेह की वाचा का संदूक ले आते हैं. संदूक के हमारे साथ रहने पर फिलिस्तीनी हमें हरा न सकेंगे.” तब कुछ लोगों को शीलो नगर भेजा गया कि वे सर्वशक्तिमान याहवेह परमेश्वर जो करूबों के बीच विराजमान हैं, उनकी वाचा के संदूक ले आएं. साथ एली के दो पुत्र होफ़नी और फिनिहास भी आये. जब याहवेह की वाचा का संदूक छावनी में पहुंचा, सारे इस्राएलियों ने उल्लास में ऐसा ऊंचा शब्द किया, कि धरती कांप उठी. जब फिलिस्तीनियों ने इस हर्षनाद को सुना, वे विचार करने लगे, “इब्रियों की छावनी में यह शोर क्या है?” जब उन्हें यह अहसास हुआ कि शिविर में याहवेह का संदूक आ गया है, फिलिस्तीनी भयभीत हो कहने लगे, “शिविर में कोई देवता उतर आया है.” वे यह भी कहने लगे, “यह एक विपत्ति है हम पर! इसके पहले ऐसा कुछ देखा-सुना नहीं गया. विपत्ति है हम पर! किसमें सामर्थ्य है जो हमें इन बलशाली देवताओं से छुड़ा सके? ये ही हैं वे देवता, जिन्होंने मरुभूमि में मिस्रियों पर सब प्रकार की मुसीबतों का प्रहार किया था. फिलिस्तीनियों, पुरुषार्थ करो. साहस न छोड़ो. ऐसा न हो कि तुम्हें इब्रियों के दास बनकर रहना पड़े, ठीक जैसे वे तुम्हारे दास बनकर रहे थे. हिम्मत बांधो और युद्ध के लिए तैयार हो जाओ!” तब फिलिस्तीनी युद्धरत हो गए. इस्राएल हार गया. हर एक सैनिक ने भागकर अपने तंबू में शरण ली. उस दिन भयंकर नरसंहार हुआ; इस्राएलियों के तीस हज़ार सैनिक धराशयी हो गए. परमेश्वर की वाचा के संदूक शत्रुओं द्वारा छीन लिया गया. एली के दोनों पुत्र, होफ़नी और फिनिहास युद्ध में मारे गए.