1 शमूएल 4

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1शमूएल की चर्चा समस्‍त इस्राएली देश में फैल गई। उस समय एली बहुत वृद्ध हो गया था। उसके पुत्र अपने ही मार्ग पर चल रहे थे। पर उनका मार्ग प्रभु की दृष्‍टि में कुमार्ग था।#4:1 यूनानी पाठ के अनुसार।
मंजूषा पर पलिश्‍तियों का कब्‍जा
उन्‍हीं दिनों में यह घटना घटी। पलिश्‍ती सेना इस्राएलियों से युद्ध करने के लिए एकत्र हुई। अत: इस्राएली पलिश्‍तियों का सामना करने के लिए नगर से बाहर निकले। उन्‍होंने एबन-एजर में पड़ाव डाला और पलिश्‍ती सेना ने अपेक में पड़ाव डाला। 2पलिश्‍तियों ने इस्राएलियों के विरुद्ध युद्ध की व्‍यूह-रचना की। घमासान युद्ध होने लगा। पर इस्राएली पलिश्‍तियों से हार गए। पलिश्‍तियों ने इस्राएलियों के चार हजार सैनिकों को युद्ध-भूमि में मार डाला। 3जब इस्राएली सेना पड़ाव में आई तब इस्राएली धर्मवृद्धों ने यह कहा, ‘प्रभु ने हमें आज पलिश्‍तियों से क्‍यों पराजित करवाया? आओ, हम शिलोह से प्रभु के विधान की मंजूषा ले आएँ, जिससे प्रभु हमारे मध्‍य आए, और हमें हमारे शत्रुओं के पंजे से मुक्‍त करे।’ 4अत: उन्‍होंने लोगों को शिलोह भेजा। वे वहाँ से करूबों पर विराजने वाले, स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु की विधान-मंजूषा ले आए। एली के दोनों पुत्र, होफ्‍नी और पीनहास परमेश्‍वर की विधान-मंजूषा के साथ वहाँ थे।#नि 25:22
5जब प्रभु की विधान-मंजूषा पड़ाव में पहुँची तब इस्राएलियों ने इतने जोर से महा जयघोष किया कि पृथ्‍वी गूंज उठी। 6पलिश्‍तियों ने इस्राएलियों के जयघोष की आवाज सुनी। उन्‍होंने कहा, ‘इब्रानियों के पड़ाव में होने वाले इस महा जयघोष का कारण क्‍या है?’ उन्‍हें मालूम हुआ कि प्रभु की मंजूषा पड़ाव में आ गई है। 7पलिश्‍ती भयभीत हो गए। उन्‍होंने कहा, ‘उनके पड़ाव में उनके देवता आ गए हैं!’ उन्‍होंने कहा, ‘हाय! अब क्‍या होगा? पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। 8हाय! अब क्‍या होगा? कौन हमें इन महाबली देवताओं के हाथ से छुड़ा सकेगा? ये वे ही देवता हैं, जिन्‍होंने सब प्रकार की महामारियों और अपने वचनों#4:8 मूल में, ‘निर्जन प्रदेश में’ से मिस्र निवासियों को नष्‍ट कर दिया था। 9ओ पलिश्‍तियो! साहस करो! पौरुष दिखाओ! अन्‍यथा, जैसे इब्रानी तुम्‍हारे गुलाम हैं, वैसे तुम भी उनके गुलाम बन जाओगे। पुरुष के समान व्‍यवहार करो, युद्ध करो!’
10अत: पलिश्‍ती सेना ने पुन: युद्ध किया, और इस्राएली पराजित हो गए। हर एक इस्राएली सैनिक अपने-अपने तम्‍बू को भाग गया। उस दिन इस्राएलियों का महा संहार किया गया। उनके तीस हजार पैदल-सैनिक मारे गए। 11पलिश्‍तियों ने परमेश्‍वर की मंजूषा छीन ली। एली के दोनों पुत्र, होफ्‍नी और पीनहास भी मार डाले गए।
12बिन्‍यामिन कुल का एक सैनिक युद्ध भूमि से भागा। वह उसी दिन शिलोह पहुँचा। उसके वस्‍त्र फटे हुए थे। सिर पर धूल थी। 13जब वह आया तब एली द्वार के पास अपने आसन पर बैठा हुआ था। उसका हृदय परमेश्‍वर की मंजूषा के लिए विकल था। जब सैनिक ने नगर में प्रवेश किया, और नगर-वासियों को युद्ध का समाचार सुनाया तब सारा नगर चिल्‍ला उठा। 14एली ने चिल्‍लाने की आवाज सुनी। उसने पूछा, ‘इस होहल्‍ला, चिल्‍लाहट का कारण क्‍या है?’ सैनिक एली के पास तुरन्‍त आया। उसने एली को युद्ध का समाचार सुनाया। 15उस समय एली की उम्र अट्ठानबे वर्ष थी। उसकी आँखें धुंधली पड़ गई थीं। वह देख नहीं सकता था। 16सैनिक ने एली से कहा, ‘मैं ही युद्ध-भूमि से आनेवाला व्यक्‍ति हूँ। मैं आज ही युद्ध-भूमि से भाग कर आया हूँ।’ एली ने पूछा, ‘पुत्र, युद्ध का क्‍या समाचार है?’ 17समाचार लाने वाले व्यक्‍ति ने उत्तर दिया, ‘इस्राएली पलिश्‍तियों के सम्‍मुख से भाग गए हैं। इस्राएली सेना का महा संहार हुआ है। आप के दोनों पुत्र, होफ्‍नी और पीनहास भी मारे गए हैं। पलिश्‍तियों ने परमेश्‍वर की मंजूषा छीन ली है।’ 18ज्‍यों ही उसने परमेश्‍वर की मंजूषा का उल्‍लेख किया, त्‍योंही एली अपने आसन से पीछे की ओर द्वार के पास, लुढ़क गया। उसकी गर्दन टूट गई, और तत्‍काल उसकी मृत्‍यु हो गई, क्‍योंकि वह बूढ़ा आदमी था। उसका शरीर भारी-भरकम था। उसने चालीस वर्ष तक इस्राएलियों पर शासन किया था।
19एली की बहू, पीनहास की पत्‍नी गर्भवती थी। उसका प्रसव-काल निकट था। जब उसने यह समाचार सुना कि परमेश्‍वर की मंजूषा छीन ली गई है और उसके ससुर तथा पति की मृत्‍यु हो गई, तब उसे प्रसव-पीड़ा होने लगी। वह पीड़ा से नीचे झुक गई, और उसको बच्‍चा हो गया। 20उसके आस-पास स्‍त्रियाँ थीं। वे उसकी मृत्‍यु के समय उससे बोलीं, ‘मत डरो। तुम्‍हें पुत्र हुआ है।’ परन्‍तु उसने न उत्तर दिया, और न ध्‍यान।#उत 35:17 21उसने पुत्र का नाम ईकाबोद#4:21 अर्थात्, “कहां वह महिमा?” रखा। उसने कहा, ‘इस्राएल से प्रभु की महिमा उठ गई!’ (क्‍योंकि परमेश्‍वर की मंजूषा को पलिश्‍तियों ने छीन लिया था, और उसके ससुर तथा पति की मृत्‍यु हो गई थी।) 22उसने कहा, ‘इस्राएल से प्रभु की महिमा उठ गई; क्‍योंकि परमेश्‍वर की मंजूषा छीन ली गई!’

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1 शमूएल 4: HINCLBSI

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