1 राजा 5:1-12
1 राजा 5:1-12 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
सोर के राजा हीराम ने अपने दूत सुलैमान के पास भेजे, क्योंकि उसने सुना था, कि वह अभिषिक्त होकर अपने पिता के स्थान पर राजा हुआ है : और दाऊद के जीवन भर हीराम उसका मित्र बना रहा। सुलैमान ने हीराम के पास यों कहला भेजा, “तुझे मालूम है, कि मेरा पिता दाऊद अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन इसलिये न बनवा सका कि वह चारों ओर लड़ाइयों में तब तक उलझा रहा, जब तक यहोवा ने उसके शत्रुओं को उसके पाँव तले न कर दिया। परन्तु अब मेरे परमेश्वर यहोवा ने मुझे चारों ओर से विश्राम दिया है; अब न तो कोई विरोधी है, और न कुछ विपत्ति देख पड़ती है। मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनवाने की ठान रखी है अर्थात् उस बात के अनुसार जो यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कही थी, ‘तेरा पुत्र जिसे मैं तेरे स्थान में गद्दी पर बैठाऊँगा, वही मेरे नाम का भवन बनवाएगा।’ इसलिये अब तू मेरे लिये लबानोन पर से देवदारु काटने की आज्ञा दे, और मेरे दास तेरे दासों के संग रहेंगे, और जो कुछ मज़दूरी तू ठहराए, वही मैं तुझे तेरे दासों के लिये दूँगा; तुझे मालूम है कि सीदोनियों के बराबर लकड़ी काटने का भेद हम लोगों में से कोई भी नहीं जानता।” सुलैमान की ये बातें सुनकर, हीराम बहुत आनन्दित हुआ, और कहा, “आज यहोवा धन्य है, जिसने दाऊद को उस बड़ी जाति पर राज्य करने के लिये एक बुद्धिमान पुत्र दिया है।” तब हीराम ने सुलैमान के पास यों कहला भेजा, “जो तू ने मेरे पास कहला भेजा है वह मेरी समझ में आ गया, देवदारु और सनोवर की लकड़ी के विषय जो कुछ तू चाहे, वही मैं करूँगा। मेरे दास लकड़ी को लबानोन से समुद्र तक पहुँचाएँगे, फिर मैं उनके बेड़े बनवाकर, जो स्थान तू मेरे लिये ठहराए, वहीं पर समुद्र के मार्ग से उनको पहुँचवा दूँगा : वहाँ मैं उनको खोलकर डलवा दूँगा, और तू उन्हें ले लेना : और तू मेरे परिवार के लिये भोजन देकर, मेरी भी इच्छा पूरी करना।” इस प्रकार हीराम सुलैमान की इच्छा के अनुसार उसको देवदारु और सनोवर की लकड़ी देने लगा, और सुलैमान ने हीराम के परिवार के खाने के लिये उसे बीस हज़ार कोर गेहूँ और बीस कोर* पेरा हुआ तेल दिया; इस प्रकार सुलैमान हीराम को प्रति वर्ष दिया करता था। यहोवा ने सुलैमान को अपने वचन के अनुसार बुद्धि दी, और हीराम और सुलैमान के बीच मेल बना रहा वरन् उन दोनों ने आपस में वाचा भी बाँध ली।
1 राजा 5:1-12 पवित्र बाइबल (HERV)
हीराम सोर का राजा था। हीराम सदैव दाऊद का मित्र रहा। अतः जब हीराम को मालूम हुआ कि सुलैमान दाऊद के बाद नया राजा हुआ है तो उसने सुलैमान के पास अपने सेवक भेजे। सुलैमान ने हीराम राजा से जो कहा, वह यह है: “तुम्हें याद है कि मेरे पिता राजा दाऊद को अपने चारों ओर अनेक युद्ध लड़ने पड़े थे। अत: वह यहोवा अपने परमेश्वर का मन्दिर बनवाने में समर्थ न हो सका। राजा दाऊद तब तक प्रतीक्षा करता रहा जब तक यहोवा ने उसके सभी शत्रुओं को उससे पराजित नहीं हो जाने दिया। किन्तु अब यहोवा मेरे परमेश्वर ने मेरे देश के चारों ओर मुझे शान्ति दी है। अब मेरा कोई शत्रु नहीं है। मेरी प्रजा अब किसी खतरे में नहीं है। “यहोवा ने मेरे पिता दाऊद के साथ एक प्रतिज्ञा की थी। यहोवा ने कहा था, ‘मैं तुम्हारे पुत्र को तुम्हारे बाद राजा बनाऊँगा और तुम्हारा पुत्र मेरा सम्मान करने के लिये एक मन्दिर बनाएगा।’ अब मैंने, यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करने के लिये वह मन्दिर बनाने की योजना बनाई है और इसलिये मैं तुमसे सहायता माँगता हूँ। अपने व्यक्तियों को लबानोन भेजो। वहाँ वे मेरे लिये देवदारू के वृक्षों को काटेंगे। मेरे सेवक तुम्हारे सेवकों के साथ काम करेंगे। मैं वह कोई भी मजदूरी भुगतान करूँगा जो तुम अपने सेवकों के लिये तय करोगे। किन्तु मुझे तुम्हारी सहायता की आवश्यकता है। मेरे बढ़ई सीदोन के बढ़ईयों की तरह अच्छे नहीं हैं।” जब हीराम ने, जो कुछ सुलैमान ने माँगा, वह सुना तो वह बहुत प्रसन्न हुआ। राजा हीराम ने कहा, “आज मैं यहोवा को धन्यवाद देता हूँ कि उसने दाऊद को इस विशाल राष्ट्र का शासक एक बुद्धिमान पुत्र दिया है।” तब हीराम ने सुलैमान को एक संदेश भेजा। संदेश यह था, “तुमने जो माँग की है, वह मैंने सुनी है। मैं तुमको सारे देवदारु के पेड़ और चीड़ के पेड़ दूँगा, जिन्हें तुम चाहते हो। मेरे सेवक लबानोन से उन्हें समुद्र तक लाएंगे। तब मैं उन्हें एक साथ बाँध दूँगा और उन्हें समुद्र तट से उस स्थान की ओर बहा दूँगा जहाँ तुम चाहते हो। वहाँ मैं लट्ठों को अलग कर दूँगा और पेड़ों को तुम ले सकोगे।” सुलैमान ने हीराम को लगभग एक लाख बीस हजार बुशल गेहूँ और लगभग एक लाख बीस हजार गैलन शुद्ध जैतून का तेल प्रति वर्ष उसके परिवार के भोजन के लिये दिया। यहोवा ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार सुलैमान को बुद्धि दी और सुलैमान और हीराम के मध्य शान्ति रही। इन दोनों राजाओं ने आपस में एक सन्धि की।
1 राजा 5:1-12 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जब सोर देश के राजा हीराम ने यह सुना कि लोगों ने सुलेमान को उसके पिता के स्थान पर राजा अभिषिक्त किया है, तब उसने उसके पास राजदूत भेजे; क्योंकि वह दाऊद के जीवन भर उसका मित्र था। सुलेमान ने हीराम को यह सन्देश भेजा, ‘आप जानते हैं कि मेरे पिता अपने प्रभु परमेश्वर के नाम पर एक भवन नहीं बना सके थे। जब तक प्रभु ने उनके शत्रुओं को उनके चरणों के नीचे नहीं दबा दिया, तब तक वह युद्ध के कारण अपने शत्रुओं से सदा घिरे रहे। अब मेरे प्रभु परमेश्वर ने मुझे चारों ओर शान्ति प्रदान की है। मेरा न कोई विरोधी है, और न मुझे किसी आक्रमण की आशंका है। प्रभु परमेश्वर ने मेरे पिता दाऊद से यह कहा था, “तेरा पुत्र, जिसे मैं तेरे स्थान पर सिंहासन पर बैठाऊंगा मेरे नाम पर भवन बनाएगा।” अत: मैं अपने प्रभु परमेश्वर के नाम पर एक भवन बनाना चाहता हूं। अब आप आदेश दीजिए कि लबानोन प्रदेश के देवदार के वृक्ष मेरे लिए काटे जाएं। मेरे सेवक भी आपके सेवकों के साथ पेड़ काटेंगे। जो मजदूरी आप अपने सेवकों के लिए निश्चित करेंगे, वह मैं आपके सेवकों को दूंगा। आप जानते हैं कि हमारे मध्य में सीदोनियों के समान लकड़ी काटने वाले मजदूर नहीं हैं।’ जब हीराम ने सुलेमान के ये शब्द सुने तब वह अत्यन्त आनन्दित हुआ। उसने कहा, ‘धन्य है प्रभु, आज जिसने इस महान राष्ट्र पर शासन करने के लिए दाऊद को ऐसा बुद्धिमान पुत्र प्रदान किया।’ हीराम ने सुलेमान को यह सन्देश भेजा: ‘तुम्हारे द्वारा भेजे गए सन्देश को मैंने सुना। जो इच्छा तुमने देवदार और सनोवर वृक्षों के सम्बन्ध में प्रकट की है, उसको मैं पूर्ण करूंगा। मेरे सेवक वृक्षों के लट्ठे लबानोन से समुद्र-तट पर पहुँचा देंगे। मैं उनका बेड़ा बना दूंगा। जिस स्थान पर तुम उन्हें चाहोगे, मैं उन्हें समुद्र मार्ग से वहां भेज दूंगा। तब मैं उनको खोल दूंगा। वहां तुम उनको उठा लेना। इस कार्य के बदले में मेरी यह मांग पूरी करना: मेरे राज्य-परिवार के लिए भोजन-व्यवस्था।’ इस प्रकार हीराम ने सुलेमान की इच्छा के अनुसार देवदार और सनोवर वृक्ष की लकड़ी भेजी। सुलेमान ने उसके राज-परिवार के लिए दो हजार टन गेहूं और नब्बे लाख लिटर जैतून का शुद्ध तेल भेजा। सुलेमान हीराम को यह प्रतिवर्ष भेजा करता था। प्रभु ने अपने वचन के अनुसार सुलेमान को बुद्धि प्रदान की। इस प्रकार हीराम और सुलेमान के मध्य शान्ति बनी रही। उन दोनों ने परस्पर सन्धि स्थापित की।
1 राजा 5:1-12 Hindi Holy Bible (HHBD)
और सोर नगर के हीराम राजा ने अपने दूत सुलैमान के पास भेजे, क्योंकि उसने सुना था, कि वह अभिषिक्त हो कर अपने पिता के स्थान पर राजा हुआ है: और दाऊद के जीवन भर हीराम उसका मित्र बना रहा। और सुलैमान ने हीराम के पास यों कहला भेजा, कि तुझे मालूम है, कि मेरा पिता दाऊद अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन इसलिये न बनवा सका कि वह चारों ओर लड़ाइयों में तब तक बझा रहा, जब नक यहोवा ने उसके शत्रुओं को उसके पांव तल न कर दिया। परन्तु अब मेरे परमेश्वर यहोवा ने मुझे चारों ओर से विश्राम दिया है और न तो कोई विरोधी है, और न कुछ विपत्ति देख पड़ती है। मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनवाने को ठाना है अर्थात उस बात के अनुसार जो यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कही थी; कि तेरा पुत्र जिसे मैं तेरे स्थान में गद्दी पर बैठाऊंगा, वही मेरे नाम का भवन बनवाएगा। इसलिये अब तू मेरे लिये लबानोन पर से देवदारु काटने की आज्ञा दे, और मेरे दास तेरे दासों के संग रहेंगे, और जो कुछ मज़दूरी तू ठहराए, वही मैं तुझे तेरे दासों के लिये दूंगा, तुझे मालूम तो है, कि सीदोनियों के बराबर लकड़ी काटने का भेद हम लोगों में से कोई भी नहीं जानता। सुलैमान की ये बातें सुनकर, हीराम बहुत आनन्दित हुआ, और कहा, आज यहोवा धन्य है, जिसने दाऊद को उस बड़ी जाति पर राज्य करने के लिये एक बुद्धिमान पुत्र दिया है। तब हीराम ने सुलैमान के पास यों कहला भेजा कि जो तू ने मेरे पास कहला भेजा है वह मेरी समझ में आ गया, देवदारू और सनोवर की लकड़ी के विषय जो कुछ तू चाहे, वही मैं करूंगा। मेरे दास लकड़ी को लबानोन से समुद्र तक पहुंचाएंगे, फिर मैं उनके बेड़े बनवा कर, जो स्थान तू मेरे लिये ठहराए, वहीं पर समुद्र के मार्ग से उन को पहुंचवा दूंगा: वहां मैं उन को खोल कर डलवा दूंगा, और तू उन्हें ले लेना: और तू मेरे परिवार के लिये भोजन देकर, मेरी भी इच्छा पूरी करना। इस प्रकार हीराम सुलैमान की इच्छा के अनुसार उसको देवदारू और सनोवर की लकड़ी देने लगा। और सुलैमान ने हीराम के परिवार के खाने के लिये उसे बीस हज़ार कोर गेहूं और बीस कोर पेरा हुआ तेल दिया; इस प्रकार सुलैमान हीराम को प्रति वर्ष दिया करता था। और यहोवा ने सुलैमान को अपने वचन के अनुसार बुद्धि दी, और हीराम और सुलैमान के बीच मेल बना रहा वरन उन दोनों ने आपस में वाचा भी बान्ध ली।
1 राजा 5:1-12 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
सोर नगर के राजा हीराम ने अपने दूत सुलैमान के पास भेजे, क्योंकि उसने सुना था, कि वह अभिषिक्त होकर अपने पिता के स्थान पर राजा हुआ है: और दाऊद के जीवन भर हीराम उसका मित्र बना रहा। सुलैमान ने हीराम के पास यह सन्देश भेजा, “तुझे मालूम है, कि मेरा पिता दाऊद अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन इसलिए न बनवा सका कि वह चारों ओर लड़ाइयों में तब तक उलझा रहा, जब तक यहोवा ने उसके शत्रुओं को उसके पाँव तले न कर दिया। परन्तु अब मेरे परमेश्वर यहोवा ने मुझे चारों ओर से विश्राम दिया है और न तो कोई विरोधी है, और न कुछ विपत्ति देख पड़ती है। मैंने अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनवाने की ठान रखी है अर्थात् उस बात के अनुसार जो यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कही थी, ‘तेरा पुत्र जिसे मैं तेरे स्थान में गद्दी पर बैठाऊँगा, वही मेरे नाम का भवन बनवाएगा।’ इसलिए अब तू मेरे लिये लबानोन पर से देवदार काटने की आज्ञा दे, और मेरे दास तेरे दासों के संग रहेंगे, और जो कुछ मजदूरी तू ठहराए, वही मैं तुझे तेरे दासों के लिये दूँगा, तुझे मालूम तो है, कि सीदोनियों के बराबर लकड़ी काटने का भेद हम लोगों में से कोई भी नहीं जानता।” सुलैमान की ये बातें सुनकर, हीराम बहुत आनन्दित हुआ, और कहा, “आज यहोवा धन्य है, जिसने दाऊद को उस बड़ी जाति पर राज्य करने के लिये एक बुद्धिमान पुत्र दिया है।” तब हीराम ने सुलैमान के पास यह सन्देश भेजा, “जो तूने मेरे पास कहला भेजा है वह मेरी समझ में आ गया, देवदार और सनोवर की लकड़ी के विषय जो कुछ तू चाहे, वही मैं करूँगा। मेरे दास लकड़ी को लबानोन से समुद्र तक पहुँचाएँगे, फिर मैं उनके बेड़े बनवाकर, जो स्थान तू मेरे लिये ठहराए, वहीं पर समुद्र के मार्ग से उनको पहुँचवा दूँगा: वहाँ मैं उनको खोलकर डलवा दूँगा, और तू उन्हें ले लेना: और तू मेरे परिवार के लिये भोजन देकर, मेरी भी इच्छा पूरी करना।” इस प्रकार हीराम सुलैमान की इच्छा के अनुसार उसको देवदार और सनोवर की लकड़ी देने लगा। और सुलैमान ने हीराम के परिवार के खाने के लिये उसे बीस हजार कोर गेहूँ और बीस कोर पेरा हुआ तेल दिया; इस प्रकार सुलैमान हीराम को प्रतिवर्ष दिया करता था। (प्रेरि. 12:20) यहोवा ने सुलैमान को अपने वचन के अनुसार बुद्धि दी, और हीराम और सुलैमान के बीच मेल बना रहा वरन् उन दोनों ने आपस में वाचा भी बाँध ली।
1 राजा 5:1-12 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
जब सोर देश के राजा हीराम को यह पता चला कि शलोमोन को उनके पिता दावीद के स्थान पर राजा बनाया गया है, उन्होंने शलोमोन के पास अपने राजदूतों को भेजे, दावीद हमेशा से ही हीराम के प्रिय रहे थे. शलोमोन ने राजा हीराम के लिए यह संदेश भेजा: “आपको यह तो पता ही है कि विभिन्न युद्धों में लगे रहने के कारण मेरे पिता दावीद, जब तक सभी शत्रु उनके अधीन न हो गए, तब तक अपने परमेश्वर याहवेह की महिमा के लिए भवन बनाने में असमर्थ ही रहे थे. मगर अब याहवेह, मेरे परमेश्वर ने मुझे हर तरफ़ से शांति दी है. अब न कोई मेरा शत्रु है, और न ही मुझे किसी ओर से किसी जोखिम की कोई आशंका है. इसलिये जैसा कि याहवेह ने मेरे पिता दावीद से कहा, ‘तुम्हारा पुत्र, जिसे मैं तुम्हारे सिंहासन पर बैठाऊंगा, वही होगा, जो मेरी महिमा के लिए भवन बनवाएगा.’ मेरी इच्छा है कि मैं याहवेह मेरे परमेश्वर की महिमा के लिए भवन बनवाऊं. “इसलिये आप अपने सेवकों को आदेश दें कि वे मेरे लिए लबानोन से देवदार के पेड़ कांटे. इन सेवकों के साथ मेरे सेवक भी होंगे, और मैं आपके इन सेवकों को आपके द्वारा तय किया गया वेतन देता जाऊंगा, क्योंकि यह तो आपको मालूम ही है कि हमारे बीच ऐसा कोई नहीं है, जिसे सीदोनियों के बराबर लकड़ी का काम आता हो.” शलोमोन के ये वचन सुन हीराम बहुत ही खुश होकर कह उठा, “आज धन्य हैं याहवेह, जिन्होंने इस बड़े देश पर शासन के लिए दावीद को एक बुद्धिमान पुत्र दिया है.” तब हीराम ने शलोमोन को यह संदेश भेजा: “आपके द्वारा भेजा गया संदेश मैंने सुन लिया है. देवदार और सनोवर की लकड़ी से संबंधित आपके द्वारा कहे गये सब कुछ करने के लिए मैं तैयार हूं. मेरे सेवक लकड़ी लबानोन से भूमध्य-सागर तक पहुंचा देंगे; मैं उनके बेड़े बना दूंगा, कि वे समुद्र के मार्ग से आपके द्वारा ठहराए गए स्थान तक भेजे जा सकें. वहां ये बेड़े खोल दिए जाएंगे. वहां से आप इन्हें उठा सकेंगे. आपको करना यह होगा: आप मेरे परिवार के लिए भोजन देकर मेरी भी इच्छा पूरी कर दीजिए.” शलोमोन ने देवदार और सनोवर की जितनी लकड़ी चाही उतना हीराम ने दे दी. दूसरी ओर शलोमोन ने हीराम को तीन हज़ार छः सौ टन गेहूं और चार लाख चालीस हज़ार लीटर शुद्ध ज़ैतून का तेल भेज दिया. शलोमोन यह हर साल करते रहे. अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार याहवेह ने शलोमोन को बुद्धि से भर दिया. शलोमोन और हीराम के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध थे. दोनों ने आपस में वाचा बांध ली थी.