1 राजा 5

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मन्‍दिर निर्माण की तैयारी
1जब सोर देश के राजा हीराम ने यह सुना कि लोगों ने सुलेमान को उसके पिता के स्‍थान पर राजा अभिषिक्‍त किया है, तब उसने उसके पास राजदूत भेजे; क्‍योंकि वह दाऊद के जीवन भर उसका मित्र था।#2 शम 5:11 2सुलेमान ने हीराम को यह सन्‍देश भेजा, 3‘आप जानते हैं कि मेरे पिता अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम पर एक भवन नहीं बना सके थे। जब तक प्रभु ने उनके शत्रुओं को उनके चरणों के नीचे नहीं दबा दिया, तब तक वह युद्ध के कारण अपने शत्रुओं से सदा घिरे रहे।#2 इत 2:3-16 4अब मेरे प्रभु परमेश्‍वर ने मुझे चारों ओर शान्‍ति प्रदान की है। मेरा न कोई विरोधी है, और न मुझे किसी आक्रमण की आशंका है। 5प्रभु परमेश्‍वर ने मेरे पिता दाऊद से यह कहा था, “तेरा पुत्र, जिसे मैं तेरे स्‍थान पर सिंहासन पर बैठाऊंगा मेरे नाम पर भवन बनाएगा।” अत: मैं अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम पर एक भवन बनाना चाहता हूं।#2 इत 2:1; 2 शम 7:12-13 6अब आप आदेश दीजिए कि लबानोन प्रदेश के देवदार के वृक्ष मेरे लिए काटे जाएं। मेरे सेवक भी आपके सेवकों के साथ पेड़ काटेंगे। जो मजदूरी आप अपने सेवकों के लिए निश्‍चित करेंगे, वह मैं आपके सेवकों को दूंगा। आप जानते हैं कि हमारे मध्‍य में सीदोनियों के समान लकड़ी काटने वाले मजदूर नहीं हैं।’
7जब हीराम ने सुलेमान के ये शब्‍द सुने तब वह अत्‍यन्‍त आनन्‍दित हुआ। उसने कहा, ‘धन्‍य है प्रभु, आज जिसने इस महान राष्‍ट्र पर शासन करने के लिए दाऊद को ऐसा बुद्धिमान पुत्र प्रदान किया।’ 8हीराम ने सुलेमान को यह सन्‍देश भेजा: ‘तुम्‍हारे द्वारा भेजे गए सन्‍देश को मैंने सुना। जो इच्‍छा तुमने देवदार और सनोवर वृक्षों के सम्‍बन्‍ध में प्रकट की है, उसको मैं पूर्ण करूंगा। 9मेरे सेवक वृक्षों के लट्ठे लबानोन से समुद्र-तट पर पहुँचा देंगे। मैं उनका बेड़ा बना दूंगा। जिस स्‍थान पर तुम उन्‍हें चाहोगे, मैं उन्‍हें समुद्र मार्ग से वहां भेज दूंगा। तब मैं उनको खोल दूंगा। वहां तुम उनको उठा लेना। इस कार्य के बदले में मेरी यह मांग पूरी करना: मेरे राज्‍य-परिवार के लिए भोजन-व्‍यवस्‍था।’ 10इस प्रकार हीराम ने सुलेमान की इच्‍छा के अनुसार देवदार और सनोवर वृक्ष की लकड़ी भेजी। 11सुलेमान ने उसके राज-परिवार के लिए दो हजार टन गेहूं और नब्‍बे लाख लिटर जैतून का शुद्ध तेल भेजा। सुलेमान हीराम को यह प्रतिवर्ष भेजा करता था। 12प्रभु ने अपने वचन के अनुसार सुलेमान को बुद्धि प्रदान की। इस प्रकार हीराम और सुलेमान के मध्‍य शान्‍ति बनी रही। उन दोनों ने परस्‍पर सन्‍धि स्‍थापित की।
मन्‍दिर का निर्माण
13राजा सुलेमान ने समस्‍त इस्राएल देश से बेगार करने वाले एकत्र किए। बेगार करने वाले पुरुषों की संख्‍या तीस हजार थी। 14वह उन्‍हें प्रतिमास दस हजार के हिसाब से लबानोन भेजता था। वे एक माह लबानोन में, और दो माह घर में रहते थे। अदोनीराम बेगार करने वालों का निरीक्षक था। 15सुलेमान के पास बोझा ढोने वाले सत्तर हजार और पहाड़ी प्रदेश में पत्‍थर खोदने वाले अस्‍सी हजार मजदूर थे।#2 इत 2:2,18 16सुलेमान के पास काम का निरीक्षण करने वाले तीन हजार तीन सौ अधिकारी थे। ये मजदूरों से काम करवाते थे। 17उन्‍होंने राजा के आदेश से बड़े-बड़े कीमती पत्‍थर खोदकर निकाले। वह भवन की नींव गढ़े हुए पत्‍थरों पर डालना चाहता था। 18इस प्रकार सुलेमान और हीराम के कारीगरों तथा गबाल के निवासियों ने भवन का निर्माण करने के लिए पत्‍थर काटे, उनको गढ़ा और लकड़ियां तैयार कीं।

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